मुख पृष्ठ » न्यूज़-व्यूज़ » समाचार » हनुमान चालीसा रोमन लिपि में
वाराणसी की योग मर्मज्ञ नीला बेन पटेल ने हनुमान चालीसा का रोमन लिपि संस्करण तैयार किया है जिससे हिन्दी न जानने वाले लोग भी बजरंग बली की स्तुति कर सकेंगे।

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने वाली नीला द्वारा रोमन लिपि में लिखे गए हनुमान चालीसा में हनुमान जी की आरती श्रीराम प्राकट्य प्रस्तुति श्रीराम स्तुति श्रीराम वंदना श्रीरामायण जी की आरती मानस मंदाकिनी रामरक्षा मंत्र शिव पंचाक्षर स्त्रोत बजरंग बली के 12 नाम और श्रीराम शलाका प्रश्नावली भी शामिल है।

पिछले 15 साल में चेक स्लोवाक इंग्लैंड पोलैंड हंगरी डेनमार्क और अमेरिका जैसे देशों की यात्रा कर चुकीं डॉ. नीला ने कहा कि विदेशों में रह रहे हजारों भारतीय ऐसे हैं जो हिन्दी बोल तो लेते हैं लेकिन पढ़ नहीं पाते। ऐसे ही लोगों के बीच भारतीय सभ्यता संस्कृति और संस्कारों को जीवंत बनाए रखने की मंशा से उन्होंने यह कोशिश की।

योग एवं गीता से संबंधित संस्थान ‘श्रीकृष्ण योग’ की संचालक नीला ने बताया कि उन्होंने अमेरिका के पेंसिल्वेनिया फिलाडेल्फिया प्रवास के दौरान हनुमान चालीसा को रोमन में लिपिबद्ध किया लेकिन इसका प्रकाशन वाराणसी में हुआ है।

नीला इस हनुमान चालीसा का लोकर्पण अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से कराना चाहती हैं और वह इस संबंध में पत्राचार कर रही हैं। उल्लेखनीय है कि अमेरिका में पिछले राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान यह बात सामने आई थी कि ओबामा अपने साथ हनुमान जी की एक छोटी सी प्रतिमा रखते हैं।

नीला ने श्रीमद्भागवत के 18 अध्यायों को 10 ऑडियो कैसेटों में संरक्षित किया है। इसमें संगीत के बिना संस्कृत श्लोक और हिन्दी में उनका भावार्थ दिया गया है। कैसेट में उनके साथ इंद्रा देसाई की आवाज है।

उनके कैसेट की इस श्रृंखला का लोकार्पण पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने किया था और इसके लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है। नीला अब डेनिश भाषा में श्रीमद्भागवत का अनुवाद कर रही हैं। (भाषा)
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