अन्तरजाल पर साहित्य प्रेमियों की विश्राम स्थली [SahityaKunj3inch.gif] मुख्य पृष् 05.03.2012 ग़ज़ल एक कला एक परिचय - दूसरा भाग आर.पी शर्मा प्रस्तुति : देवी नागरानी __________________________________________________________________ [Gazal_Kala_Cover.jpg] "ग़ज़ल-लेखन कला" के कुछ चुनिंदा अंश प्रस्तुत है उनकी ही लेखनी के अनुसार उनके शब्दों में - पृष्ठ १८-२३ से साभार। [mehrishi.jpg] "ग़ज़ल कहने के लिये हमें कुशल शिल्पी बनना होता है ताकि हम शब्दों को तराश कर उन्हें मूर्त रूप दे सकें, उनकी जड़ता में अर्थपूर्ण प्राणों का संचार कर सकें तथा ग़ज़ल के प्रत्येक शेर की दो पंक्तियों (मिसरों) में अपने भावों, उद्‌गारों, अनुभूतियों आदि के उमड़ते हुए सैलाब को 'मुट्ठी में आकाश, कठौती में गंगा, कूजे में दरिया, बूँद में सागर के समान समेट कर भर सकें। इसके लिये हमें स्वयं को सक्षम तथा लेखनी को सशक्त बनाना होता है। तब जाकर हम में वह सलीका, वह शऊर, वह सलाहियत, वह योग्यता एवं क्षमता उत्पन्न होती है कि हम ऐसे कलात्मक शेर सृजित करने में समर्थ होते हैं जो "लोकोक्ति" बन जाते हैं, और अक्सर मौकों पर हमारी ज़बान पर रवाँ (गतिशील) हो जाते हैं।" जैसेः मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ -दुष्यंत कुमार कहानी मेरी रूदादे-जहाँ मालूम होती है जो सुनता है, उसीकी दास्ताँ मालूम होती है -सीमाब अकबराबादी इस संबंध में, श्री ज्ञानप्रकाश विवेक, ग़ज़ल के कला पक्ष को विशेष महत्व देते हुए कहते हैं : "ग़ज़ल की बुनियादी शर्त उसका शिल्प है। एक अनगढ़ ग़ज़ल एक अनगढ़ पत्थर की तरह होती है। संगतराश जिस प्रकार छेनी ओर हथोड़ी से पत्थर में जीवंतता ला देता है और तराशे गये पत्थर में उसका एहसास, उसकी अनुभूतियाँ और उसकी अभिव्यक्ति छुपी होती है, वो सब सजीव सी लगती हैं। इसी प्रकार ‌क तराशी हुई ग़ज़ल का तराशा हुआ शेर, सिर्फ दो मिसरों का मिलाप नहीं होता, न उक्ति होती है, न सूक्ति, अपितु वह एक आकाश होता है -अनुभूतियों का आकाश! ग़ज़ल का एक-एक शेर कहानी होता है।" हिंदी में ग़ज़ल-दुष्यंत के बाद-एक पड़ताल, आरोह ग़ज़ल अंक से यूँ तराशा है उनको शिल्पी ने जान सी पड़ गई शिलाओं में -देवी सारा आकाश नाप लेता है कितनी ऊँची उड़ान है तेरी -देवी (ये शेर महरिष जी को बहुत पसंद थे) शेर को कहने व समझने के बारे में बकौल हज़त मुन्नवर लख़नवी साहब का शेर प्रस्तुत करते हैं - शेर कहना यूँ तो मोती है मो पिरोने का अमल शेर कहने से भी बहतर है समझना शेर का। इस फ़न के कद्रदान हज़रत अनवर साबरी के लफ्ज़ों में सुनियेः "ग़ज़ल को छोटी छोटी बहरों में ढालना तथा उसमें प्रयुक्त थोड़े से शब्दों में मन की बात कहना और वह भी सहजता से, यह भी एक कमाल की कला है।" ग़ज़ल विधा को कलात्मक बनाने में सुलझी हुई भाषा का बहुत बड़ा हाथ है। जैसा कि पद्मश्री गोपालदास "नीरज" का कहना हैः "उर्दू शायरी की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण है भाषा का सही प्रयोग। उर्दू में वाक्यों को तोड़-मरोड़ने बजाय, भाषा को उसके गद्यात्मक अनुशासन के साथ पेश किया जाय तो उसमें रस, अलंकार बरपूत आ जाते हैं" शायर तो कोई शख़्स भी हो सकता है फ़नकार मगर बनना बहुत मुश्किल है....बक़ौल डा॰ अल्लामी(रुबाई की अंतिम दो पंक्तियाँ) अपने नये ग़ज़ल संग्रह चराग़े दिल में देवी नागरानी ग़ज़ल के विषय में क्या कहती हैः "कुछ खुशी की किरणें, कुछ पिघलता दर्द आँख की पोर से बहता हुआ, कुछ शबनमी सी ताज़गी अहसासों में, तो कभी भँवर गुफा की गहराइयों से उठती उस गूँज को सुनने की तड़प मन में जब जाग उठती है तब कला का जन्म होता है। सोच की भाषा बोलने लगती है, चलने लगती है, कभी कभी तो चीखने भी लगती है।यह कविता बस और कुछ नहीं, केवल मन के भाव प्रकट करने का माध्यम है, जिन्हें शब्दों का लिबास पहना कर एक आकृति तैयार करते हैं, वो हमारी सोच की उपज होती है फिर चाहे रुबाई हो या कोई लेख, गीत हो या ग़ज़ल।" और आगे बढ़ते हुए महरिष जी कहते है ग़ज़ल उर्दू के अतिरिक्त हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कशमीरी, भोजपुरी, छत्तीसगढ़ी, सिंधी तथा भारत की अन्य कुछ भाषाओं में लिखी जाती है। ज़रा मुलाइजा फरमा‌एँ कि "प्रोत्साहन" त्रैमासिक के प्रधान संपादक श्री जीवतराम सेतपाल अपने सम्पादकीय में ग़ज़ल के बारे में क्या कहते हैः "सुकुमार जूही की कली की भांति, मोंगरे की मदमाती सुगंध लेकर, गुलाबी अंगड़ाई लेती हुई, पदार्पण करने वाली ग़ज़ल, भारतीय वाङ्‌मय की काव्य विधा के उपवन में रात की रानी बन बैठी। अरबी साहित्य से निस्सृत, फ़ारसी भाषा में समादृत, उर्दू में जवान होकर, अपनी तरुणाई की छटा बिखेरने और हिंदी साहित्य के महासागर में सन्तरण करने आ गई है ग़ज़ल। कम शब्दों में गंभीरता पूर्वक बड़ी से बड़ी बात को भी, नियमों में बाँधकर बड़ी सफलता और सहजता से दोहों की भाँति गहराई से कह देने में समर्थ, गेय, अत्याधिक लयात्मक, काव्य विधा का मख़मली अंग है ग़ज़ल।“ हरियाणा के श्री निशांतकेतु एक जगह लिखते है- "शायरी एक मखमली चादर जैसी होती है, जिसे शाइर अपनी साँसों से बुनता है, जिस्म और रूह के बीच दिल की धड़कनों से सुनता है।" प्रो॰ रामचन्द्र के शब्दों में "जब तक ग़ज़लकार अपने शेरों में सामूहिक सच्चाइयों के व्यक्तिगत भोग को आत्मसात कर, प्रस्तुत नहीं करता, तब तक उसके काफ़िये और रदीफ़ चाहे जितने सुंदर क्यों न हो, उसके शेर उसकी ग़ज़ल का सही अस्तित्व खड़ा नहीं कर सकता। ग़ज़लकार के अनुभव जब पाठकों के भागीदार बनते है तब जाकर ग़ज़ल की जान सामने आती है।" ग़ज़ल के परिचय से वाकिफ़ कराते हुए आगे महरिष जी कहते हैं - "अच्छी ग़ज़ल के प्रत्येक शेर का पहला मिसरा कुछ इस प्रकार कहा जाता है कि श्रोता दूसरे मिसरे को सुनने के लिये उत्कंठित हो जाता है, और उसे सुनते ही चमत्कृत तथा आनन्द विभोर हो उठता है। "ग़ज़ल" के विचार फ़ियों (तुकांत शब्दों) के इरद गिर्द घूमते हैं। काफ़िया शेर का चर्मोत्कर्ष है, जिस पर आते ही और निहितार्थ या व्यंगार्थ को समझते ही श्रोता अथवा पाठक चमत्कृत एवं विमुग्ध हो उठते हैं। वास्तविकता यह है कि कथ्य और शिल्प के सुंदर तालमेल से ही एक सही ग़ज़ल जन्म लेती है। " श्री दीक्षित दनकौरी द्वारा संपादित "ग़जल दुष्यंत के बाद" में लिखे महरिष जी के कुछ अंश है ये। अंत में स्वरचित ग़ज़ल की कुछ पँक्तियाँ प्रस्तुत हैं - फूल खिले, गुंजार हुई है एक ग़ज़ल साकार हुई है झनके है शब्दों के नुपुर अर्थ-भरी झंकार हुई है। मन की कोई अनुभूति अचानक रचना का आधार हुई है बात कभी शबनम सी "महरिष" और कभी अंगार हुई है। (ग़ज़ल लेखन कला से) कितना सत्य है उनके कहे इस शेर में वो अल्फ़ाज़ मुँह बोले ढूँढती है ग़ज़ल ज़िन्दादिल काफिए ढूँढती है। आगे और तीसरा भाग अगले भाग में श्री आर. पी. शर्मा 'महरिष' से किये कुछ प्रश्नोत्तर सामने आयेंगे जिसमें ग़ज़ल क्या, कब, क्यों और कैसे लिखी जाती है उसके बारें में जानकारी होगी। ग़ज़ल क्या, कब, क्यों और कैसे..... __________________________________________________________________ अपनी प्रतिक्रिया लेखक को भेजें [Email_icon.jpg] #RSS [mywd_logo_hi.gif] RSS feed हिंदी का संरक्षण और विकास भारत का विकास है. संपर्क चैनल एलबम संगीत फ़ोटोज़ वीडियोज़ ब्लॉग्स मुख पृष् Welcome, Guest [ Register | Sign In Sign In [indicator_tiny_red.gif] ____________________ ____________________ Login Forgot Password? 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N के के माध्यम से हम न का उच्चारण करते हैं, परंतु ङ, ञ, ण को लिखने के लिए भी N का ही प्रयोग करते हैं. जिससे इनका उच्चारण भी न हो जाता है.रोमन में गड़बड़ लिखने जाओ तो गडबड हो जाता है. ड़, ढ़, ऋ ळ ष ध्वनियों की हत्या हो जाती है. T के कारण तमस, टमस बोला जाता है. मिश्र, मिश्रा तथा सिंह ,सिन्हा बन गए . बेचारे !राम रामा तथा कृष्ण कृष्णा होगए. लार्ड मैकाले तो थे ही, जिनकी कृपा से भगवान जगन्नाथ, लार्ड जगन्नाथ हो गए! रोमन में A का उच्चारण कहीं अ, आ, तथा ए होता है. BHARAT लिखने पर उसका उच्चारण भारत्, भरत, भरात, भेरत, भारट, भाराट, भेरट, भेरेट, भरेट, भी हो सकता है. रोमन जब भारत की मट्टी पलीद कर सकती हे तो भारतीयों के क्या हाल करेगी ? भारतीय भाषाओं के शुद्ध उच्चारण के लिए देवनागरी लिपि ही सर्वोत्तम है. अपनी भाषा और संस्कृति का संरक्षण करना देश की सीमाओं की रक्षा करने से कम नही है. हमें विकृत होती हुई हिंदी को बचाना है. देश की भाषाएँ स्वतंत्र रहने की प्रेरणा देती है और विदेशी भाषा हमें मानसिक गुलामी की और ले जाती है . अँग्रेजी और रोमन लिपि विदेशी व्यापार के लिए तो ठीक है ,परंतु देश के विकास के लिए तो हिंदी और भारतीय भाषाएँ तथा लिपियाँ अत्यावश्यक है. आपका योगदान हिंदी चाहती है. यह एक राष्ट्रीय कर्तव्य है. आलेख लेखक ‌: मोहन रावल चैनल: हिंदी का संरक्षण और विकास टैग्स: हिंदी भारत संस्कृति समाज साहित्य भाषा अन्य विविध [indicator_tiny_red.gif] 1.0 rating from 1 votes. 888 views. Add comment | Email Author | Send To Friend (0) | Report Abuse (0) प्रतिक्रियाएँ Report Abuse | उत्तर दें Re: रोमन लिपि के शिकंजे में सिसकती हिंदी . Anonymous द्वारा 25 सितंबर, 2008 11:03:24 PM IST पर टिप्पणी # i think this Hinlish is more dangerous to hindi than english. Report Abuse | उत्तर दें Re: रोमन लिपि के शिकंजे में सिसकती हिंदी . Anunad Singh द्वारा 4 मार्च, 2009 7:25:42 PM IST पर टिप्पणी # मोहन जी, आपने बहुत सम्यक विचार किया है . आपके अन्य लेख भी बहुत अच्छाई लगे . अस्वीकरण RSS | About Us | Feedback | Advertise with us | Terms of Services | Privacy Policy (c) 2008 Webdunia.com [component_loading.gif] लोड हो रहा है... अमर चित्र कथा | चिट्ठी-पत्री | कहानी | क्या तुम जानते हो? | प्रेरक व्यक्तित्व | कविता | अजब-गजब | हँसगुल्ले मुख पृष्ठ » विविध » नन्ही दुनिया » प्रेरक व्यक्तित्व » दृष्टिहीनों को ज्योति देने वाले लुई ब्रेल (Louis Braille script) Bookmark and Share [sujhav_icon.gif] Feedback [print_icon.gif] Print दृष्टिहीनों को ज्योति देने वाले लुई ब्रेल [searchGlass_small.png] अलकनन्दा साने ND ND आपने अपने आसपास ऐसे बहुत-से लोग देखे होंगे जिनकी आँखें तो हैं, पर दृष्टि या नजर नहीं है अर्थात आँखें होने के बावजूद वे कुछ भी देखने में असमर्थ होते हैं। आज हम ऐसे दृष्टिहीन लोगों को बहुत सामर्थ्य के साथ अनेक जगहों पर काम करते हुए देखते हैं, लेकिन पहले ऐसा नहीं था। अंधे व्यक्ति या तो किसी के आश्रित होते थे या उन्हें भीख माँगकर अपना जीवन गुजारना पड़ता था। दृष्टिहीनों को पढ़ने-लिखने के योग्य बनाया फ्रांस के लुई ब्रेल ने, जो स्वयं एक दृष्टिहीन थे। सामान्य बच्चे या तो रोमन लिपि में पढ़ते हैं या देवनागरी लिपि में, लेकिन दृष्टिहीन बच्चों के पढ़ने के लिए लुई ब्रेल ने अलग लिपि विकसित की और उसे ब्रेल लिपि नाम मिला। फ्रांस की राजधानी पेरिस से ४० किमी दूर कूपरे नामक गाँव में ४ जनवरी १८०९ को लुई ब्रेल का जन्म हुआ था। लुई की माँ मोनिक ब्रेल घरेलू महिला थी। पिता सायमन ब्रेल घोड़ों की जीन बनाने का एक कारखाना चलाते थे। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे लुई परिसर में खेलते-फिरते थे। जब लुई की उम्र महज ३ साल थी, एक दिन खेलते-खेलते उन्होंने जीन के लिए चाकू से चमड़ा काटने का प्रयास किया लेकिन चाकू आँख में जा लगा और लुई की एक आँख हमेशा के लिए दृष्टिहीन हो गई। उस आँख में हुए संक्रमण की वजह से कुछ दिनों बाद उन्हें दूसरी आँख से भी दिखना बंद हो गया और लुई ब्रेल पूरी तरह दृष्टिहीन हो गए। बालक लुई के ७ वर्ष ऐसे ही गुजरे। उम्र के दसवें वर्ष में उनके पिता ने उन्हें पेरिस के रॉयल नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ब्लाइंड चिल्डे्रन में भर्ती करवा दिया। उस स्कूल में "वेलन्टीन होउ" द्वारा बनाई गई लिपि से पढ़ाई होती थी, पर यह लिपि अधूरी थी। लुई ने यहाँ इतिहास, भूगोल और गणित में प्रावीण्य प्राप्त किया। इसी स्कूल में एक बार फ्रांस की सेना के एक अधिकारी कैप्टन चार्ल्स बार्बियर एक प्रशिक्षण के सिलसिले में आए और उन्होंने सैनिकों द्वारा अँधेरे में पढ़ी जाने वाली "नाइट राइटिंग" या "सोनोग्राफी" लिपि के बारे में बताया। यह लिपि कागज पर अक्षरों को उभारकर बनाई जाती थी और इसमें 12 बिंदुओं को 6-6 की दो पंक्तियों को रखा जाता था, पर इसमें विराम चिह्न, संख्‍या, गणितीय चिह्न आदि का अभाव था। प्रखर बुद्धि के लुई ने इसी लिपि को आधार बनाकर 12 की बजाय मात्र 6 बिंदुओं का उपयोग कर 64 अक्षर और चिह्न बनाए और उसमें न केवल विराम चिह्न बल्कि गणितीय चिह्न और संगीत के नोटेशन भी लिखे जा सकते थे। यही लिपि आज सर्वमान्य है। लुई ने जब यह लिपि बनाई तब वे मात्र 15 वर्ष के थे। सन् 1824 में बनी यह लिपि दुनिया के लगभग सभी देशों में उपयोग में लाई जाती है। हमारे देश में भी ब्रेल लिपि को मान्यता प्राप्त है। इस‍ लिपि में स्कूली बच्चों के लिए पाठ्‍युपस्तकों के ‍अलावा रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथ प्रतिवर्ष छपने वाला कालनिर्णय पंचांग आदि उपलब्ध हैं। ब्रेल लिपि में पुस्तकें भी निकलती हैं। बाद में लुई ब्रेल को उसी विद्यालय में शिक्षक के रूप में नियुक्ति दी गई। व्याकरण, भूगोल, गणित में उन्हें महारत हासिल थी। लेकिन अच्‍छा काम करने वालों को शुरुआत में अक्सर उपेक्षा का सामना करना पड़ता है, लुई ब्रेल के साथ भी यह हुआ। उनके जीवनकाल में ब्रेल लिपि को मान्यता नहीं मिली। सन् 1851 में उनकी तबियत बिगड़ने लगी और 6 जनवरी 1852 को मात्र 43 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु के 16 वर्ष बाद सन् 1868 में 'रॉयल इंस्टिट्‍यूट फॉर ब्लाइंड यूथ' ने इस लिपि को मान्यता दी। कितने दुख की बात है कि लुई महोदय के निधन पर किसी अखबार ने उन पर एक शब्द तक नहीं छापा था, पर उनकी सौवीं पुण्यतिथि पर सन 1952 में दुनियाभर के अखबारों में उन पर लेख लिखे गए, डाक टिकट जारी हुए और उनके घर को संग्रहालय का दर्जा दिया गया। औसत लंबाई, सौम्य व्यक्तित्व और दयालु स्वभाव के लुई ब्रेल उत्कृष्ट पियानोवादक थे। ब्रेल लिपि के द्वारा उन्होंने दृष्टिहीनों के जीवन में जो प्रकाश पैदा किया उसके लिए वे सदैव याद किए जाएँगे। कंप्यूटराइज्ड हो चुकी है ब्रेल की वर्णमाला संबंधित जानकारी खोजें यह भी खोजें: लुई ब्रेल और भी • झुक नहीं सकते • ऊँचाई • पड़ोसी से • गीत नहीं गाता हूँ • जंग न होने देंगे • अटलजी का जीवन परिचय [more_title.jpg] फेडरर की बादशाहत बरकरार पाक हॉकी टीम को एक करोड़ मिले नए सिरे से सुनवाई चाहते हैं मोदी के वकील सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं है कनाडा सवाई मानसिंह भारत के लिए भाग्यशाली मुख पृष्ठ » न्यूज़-व्यूज़ » समाचार » हनुमान चालीसा रोमन लिपि में हनुमान चालीसा रोमन लिपि में Bookmark and Share [sujhav_icon.gif] Feedback [print_icon.gif] Print वाराणसी, सोमवार, 29 नवंबर 2010( 16:49 IST ) वाराणसी की योग मर्मज्ञ नीला बेन पटेल ने हनुमान चालीसा का रोमन लिपि संस्करण तैयार किया है जिससे हिन्दी न जानने वाले लोग भी बजरंग बली की स्तुति कर सकेंगे। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने वाली नीला द्वारा रोमन लिपि में लिखे गए हनुमान चालीसा में हनुमान जी की आरती श्रीराम प्राकट्य प्रस्तुति श्रीराम स्तुति श्रीराम वंदना श्रीरामायण जी की आरती मानस मंदाकिनी रामरक्षा मंत्र शिव पंचाक्षर स्त्रोत बजरंग बली के 12 नाम और श्रीराम शलाका प्रश्नावली भी शामिल है। पिछले 15 साल में चेक स्लोवाक इंग्लैंड पोलैंड हंगरी डेनमार्क और अमेरिका जैसे देशों की यात्रा कर चुकीं डॉ. नीला ने कहा कि विदेशों में रह रहे हजारों भारतीय ऐसे हैं जो हिन्दी बोल तो लेते हैं लेकिन पढ़ नहीं पाते। ऐसे ही लोगों के बीच भारतीय सभ्यता संस्कृति और संस्कारों को जीवंत बनाए रखने की मंशा से उन्होंने यह कोशिश की। योग एवं गीता से संबंधित संस्थान ‘श्रीकृष्ण योग’ की संचालक नीला ने बताया कि उन्होंने अमेरिका के पेंसिल्वेनिया फिलाडेल्फिया प्रवास के दौरान हनुमान चालीसा को रोमन में लिपिबद्ध किया लेकिन इसका प्रकाशन वाराणसी में हुआ है। नीला इस हनुमान चालीसा का लोकर्पण अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से कराना चाहती हैं और वह इस संबंध में पत्राचार कर रही हैं। उल्लेखनीय है कि अमेरिका में पिछले राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान यह बात सामने आई थी कि ओबामा अपने साथ हनुमान जी की एक छोटी सी प्रतिमा रखते हैं। नीला ने श्रीमद्भागवत के 18 अध्यायों को 10 ऑडियो कैसेटों में संरक्षित किया है। इसमें संगीत के बिना संस्कृत श्लोक और हिन्दी में उनका भावार्थ दिया गया है। कैसेट में उनके साथ इंद्रा देसाई की आवाज है। उनके कैसेट की इस श्रृंखला का लोकार्पण पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने किया था और इसके लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है। नीला अब डेनिश भाषा में श्रीमद्भागवत का अनुवाद कर रही हैं। (भाषा) और भी लादेन ‘इस्लामिक हीरो’:विकीलीक्स वॉशिंगटन। अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमले के तकरीबन दो साल पहले पाकिस्तान स्थित अमेरिकी राजनयिक ने अल... सांसद जगनमोहन रेड्डी का इस्तीफा हैदराबाद। कांग्रेस के विद्रोही सांसद वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने कांग्रेस और लोकसभा पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। जगनमोहन... रतन टाटा पहुँचे सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली। टाटा समूह के मुखिया रतन टाटा ने कंपनियों के लिए सत्ता के गलियारों में समर्थन जुटाने वाली एक शख्‍सियत नीरा... [tn_1101129046.jpg] एक तेंदुए की मौत का फरमान यूँ तो रोज आदमी इतने मर रहे हैं कि तेंदुए का मरना या मारा जाना कोई खास खबर नहीं है मगर इन दिनों जब सारा देश बाघों को...  [index_01.gif] [index_04.gif] [index_05.gif] [index_06.gif] [index_07.gif] [index_08.gif] [index_09.gif] [index_10.gif] [index_11.gif] [index_12.gif] [index_14.gif] [index_15.gif] Hindi / English [index_17.gif] [index_18.gif] [index_19.gif] [index_20.gif] शब्द का अर्थ खोजें [index_48.gif] [index_50.gif] पुस्तक विषय [index_50.gif] [index_52.gif] [index_53.gif] नई पुस्तकें कहानी संग्रह कविता संग्रह उपन्यास नाटक-एकाँकी लेख-निबंध हास्य-व्यंग्य व्यवहारिक मार्गदर्शिका गजलें और शायरी संस्मरण बाल एवं युवा साहित्य जीवनी/आत्मकथा यात्रा वृत्तांत भाषा एवं साहित्य प्रवासी लेखक संस्कृति धर्म एवं दर्शन नारी विमर्श कला-संगीत स्वास्थ्य-चिकित्सा योग बोलती पुस्तकें इतिहास और राजनीति खाना खजाना कोश-संग्रह अर्थशास्त्र वास्तु एवं ज्योतिष सिनेमा एवं मनोरंजन विविध पर्यावरण एवं विज्ञान पत्र एवं पत्रकारिता ई-पुस्तकें अन्य भाषा [index_55.gif] [index_61.gif] [index_62.gif] [index_64.gif] [index_48.gif] [index_50.gif] मूल्य रहित पुस्तकें [index_50.gif] [index_52.gif] [index_53.gif] सुमन पांच पापी चन्द्रकान्ता कृपया दायें चलिए प्रेम पूर्णिमा [index_55.gif] [index_61.gif] [index_62.gif] [index_64.gif] [index_48.gif] [index_50.gif] [index_50.gif] [index_52.gif] [index_53.gif] सितम्बर ०४, २००९ पुस्तकें भेजने का खर्च पुस्तकें भेजने के सामान्य डाक खर्च की जानकारी आगे प्रेस रिलीज़ [index_55.gif] [index_61.gif] [index_62.gif] [index_64.gif] [tab4_05.gif] >> भाषा एवं साहित्य >> हिन्दी-भाषा और लिपि का ऐतिहासिक विकास Hindi-Bhasha aur Lipi ka Aitihasik Vikas हिन्दी-भाषा और लिपि का ऐतिहासिक विकास << खरीदें सत्यनारायण त्रिपाठी << आपका कार्ट मूल्य : $ 9.95 प्रकाशक : विश्वविद्यालय प्रकाशन आईएसबीएन : 81-7124-522-6 प्रकाशित : जनवरी ०१, २००६ पुस्तक क्रं : 7582 मुखपृष्ठ : अजिल्द सारांश: संसार की भाषाओं से हिन्दी का सम्बन्ध आज हिन्दी स्वतन्त्र भारत की राष्ट्रभाषा है। राजनैतिक स्तर पर हिन्दी की गणना विश्व की महत्त्वपूर्ण भाषाओं में होने लगी है। भाषा की दृष्टि से उसका महत्त्व निर्धारित करने के लिए संसार की भाषाओं का ऐतिहासिक परिचय आवश्यक है। इस समय इन भाषाओं की तीन अवस्थाएँ हैं। विभिन्न देशों की प्राचीन भाषाएँ जिनका अध्ययन और वर्गीकरण पर्याप्त सामग्री के अभाव में नहीं हो सका है पहली अवस्था में है। इनका अस्तित्व इनमें उपलब्ध प्राचीन शिला-लेखो, सिक्कों और हस्तलिखित पुस्तकों में अभी सुरक्षित है। मेसोपोटेमिया की पुरानी भाषा ‘सुमेरीय’ तथा इटली की प्राचीन भाषा ‘एत्रस्कन’ इसी तरह की भाषाएँ हैं। दूसरी अवस्था में ऐसी आधुनिक भाषाएँ हैं, जिनका सम्यक् शोध के अभाव में अध्ययन और विभाजन प्रचुर सामग्री के होते हुए भी नहीं हो सका है। बास्क, बुशमन, जापानी, कोरियाई, अंडमानी आदि भाषाएँ इसी अवस्था में हैं। तीसरी अवस्था की भाषाओं में पर्याप्त सामग्री है और उनका अध्ययन एवं वर्गीकरण हो चुका है। ग्रीक, अरबी, फारसी, संस्कृत अंग्रेजी आदि अनेक विकसित एवं समृद्ध भाषाएँ इसके अन्तर्गत हैं। हिन्दी का सम्बन्ध इन्हीं भाषाओं से है। अतः हिन्दी को जानने के लिए पहले इन भाषाओं का वर्गीकरण करना आवश्यक है। वर्गीकरण के आधार भाषा का सम्बन्ध व्यक्ति, समाज और देश से होता है। इसलिए प्रत्येक भाषा की निजी विशेषता होती है। इनके आधार पर वह एक ओर कुछ भाषाओं से समानता स्थापित करती है और दूसरी ओर बहुत-सी भाषाओं से असमानता। मुख्यतः यह वैशिष्टयगत साम्य-वैषम्य दो प्रकार का होता है–आकृतिमूलक और अर्थतत्त्व सम्बन्धी। प्रथम के अन्तर्गत शब्दों की आकृति अर्थात् शब्दों और वाक्यों की रचनाशैली की समानता देखी जाती है। दूसरे में अर्थतत्त्व की समानता रहती है। इनके अनुसार भाषाओं के वर्गीकरण की दो पद्धतियाँ होती हैं–आकृतिमूलक और पारिवारिक या ऐतिहासिक। इस विवेचन का सम्बन्ध ऐतिहासिक वर्गीकरण से है इसलिए उसके आधारों को थोड़ा विस्तार से जान लेना चाहिए। इसमें आकृतिमूलक समानता के अतिरिक्त निम्निलिखित समानताएँ भी होनी चाहिए। (1) भौगोलिक समीपता–भौगोलिक दृष्टि से प्रायः समीपस्थ भाषाओं में समानता और दूरस्थ भाषाओं में असमानता पायी जाती है। इस आधार पर संसार की भाषाएँ अफ्रीका, यूरेशिया, प्रशांतमहासागर और अमरीका के खड़ों में विभाजित की गयी हैं। किन्तु यह आधार बहुत अधिक वैज्ञानिक नहीं है। क्योंकि दो समीपस्थ भाषाएँ एक-दूसरे से भिन्न हो सकती हैं और दो दूरस्थ भाषाएँ परस्पर समान। भारत की हिन्दी और मलयालम दो भिन्न परिवार की भाषाएँ हैं किन्तु भारत और इंग्लैंड जैसे दूरस्थ देशों की संस्कृत और अंग्रेजी एक ही परिवार की भाषाएँ हैं। (2) शब्दानुरूपता–समान शब्दों का प्रचलन जिन भाषाओं में रहता है उन्हें एक कुल के अन्तर्गत रखा जाता है। यह समानता भाषा-भाषियों की समीपता पर आधारित है और दो तरह से सम्भव होती है। एक ही समाज, जाति अथवा परिवार के व्यक्तियों द्वारा शब्दों के समान रूप से व्यवहृत होते रहने से समानता आ जाती है। इसके अतिरिक्त जब भिन्न देश अथवा जाति के लोग सभ्यता और साधनों के विकसित हो जाने पर राजनीतिक अथवा व्यावसायिक हेतु से एक-दूसरे के सम्पर्क में आते हैं तो शब्दों के आदान-प्रदान द्वारा उनमें समानता स्थापित हो जाती है। पारिवारिक वर्गीकरण के लिए प्रथम प्रकार की अनुरूपता ही काम की होती है। क्योंकि ऐसे शब्द भाषा के मूल शब्द होते हैं। इनमें भी नित्यप्रति के कौटुम्बिक जीवन में प्रयुक्त होनेवाले संज्ञा, सर्वनाम आदि शब्द ही अधिक उपयोगी होते हैं। इस आधार में सबसे बड़ी कठिनाई यह होती है कि अन्य भाषाओं से आये हुए शब्द भाषा के विकसित होते रहने से मूल शब्दों में ऐसे घुलमिल जाते हैं कि उनको पहचान कर अलग करना कठिन हो जाता है। इस कठिनाई का समाधान एक सीमा तक अर्थगत समानता है। क्योंकि एक परिवार की भाषाओं के अनेक शब्द अर्थ की दृष्टि से समान होते हैं और ऐसे शब्द उन्हें एक परिवार से सम्बन्धित करते हैं। इसलिए अर्थपरक समानता भी एक महत्त्वपूर्ण आधार है। (3) ध्वनिसाम्य–प्रत्येक भाषा का अपना ध्वनि-सिद्धान्त और उच्चारण-नियम होता है। यही कारण है कि वह अन्य भाषाओं की ध्वनियों से जल्दी प्रभावित नहीं होती हैं और जहाँ तक हो सकता है उन्हें ध्वनिनियम के अनुसार अपनी निकटस्थ ध्वनियों से बदल लेती है। जैसे फारसी की क, ख, फ़ आदि ध्वनियाँ हिन्दी में निकटवर्ती क, ख, फ आदि में परिवर्तित होती है। अतः ध्वनिसाम्य का आधार शब्दावली-समता से अधिक विश्वसनीय है। वैसे कभी-कभी एक भाषा के ध्वनिसमूह में दूसरी भाषा की ध्वनियाँ भी मिलकर विकसित हो जाती हैं और तुलनात्मक निष्कर्षों को भ्रामक कर देती हैं। आर्य भाषाओं में वैदिक काल से पहले मूर्धन्य ध्वनियाँ नहीं थी, किन्तु द्रविड़ भाषा के प्रभाव से आगे चलकर विकसित हो गयीं। (4) व्याकरणगत समानता–व्याकरणिक आधार सबसे अधिक प्रामाणिक होता है। क्योंकि भाषा का अनुशासन करने के कारण यह जल्दी बदलता नहीं है। व्याकरण की समानता के अन्तर्गत धातु, धातु में प्रत्यय लगाकर शब्द-निर्माण व्याकरणिक प्रक्रिया द्वारा शब्दों से पदों की रचना तथा वाक्यों में पद-विन्यास के नियम आदि की समानता का निर्धारण आवश्यक है। इन चार आधारों पर भाषाओं की अधिकाधिक समानता निश्चित करते उनका वर्गीकरण किया जाता है। इस सम्बन्ध में स्पष्टरूप से समझ लेना चाहिए कि यह साम्य-वैषम्य सापेक्षिक है। जहाँ एक ओर भारोपीय परिवार की भाषाएँ अन्य परिवार की भाषाओं से भिन्न और आपस में समान हैं वहाँ दूसरी ओर संस्कृत, फारसी, ग्रीक आदि भारोपीय भाषाएँ एक-दूसरे से इन्हीं आधारों पर भिन्न भी हैं। वर्गीकरण की प्रक्रिया वर्गीकरण करते समय सबसे पहले भौगोलिक समीपता के आधार पर संपूर्ण भाषाएँ यूरेशिया, प्रशांतमहासागर, अफ्रीका और अमरीका खंडों अथवा चक्रों में विभक्त होती हैं। फिर आपसी समानता रखनेवाली भाषाओं को एक कुल या परिवार में रखकर विभिन्न परिवार बनाये जाते हैं। अवेस्ता, फारसी, संस्कृत, ग्रीक आदि की तुलना से पता चला कि उनकी शब्दावली, ध्वनिसमूह और रचना-पद्धति में काफी समानता है। अतः भारत और यूरोप के इस तरह की भाषाओं का एक भारतीय कुल बना दिया गया है। परिवारों को वर्गों में विभक्त किया गया है। भारोपीय परिवार में शतम् और केन्टुम ऐसे ही वर्ग हैं। वर्गों का विभाजन शाशाओं में हुआ है। शतम् वर्ग की ‘ईरानी’ और ‘भारतीय आर्य’ प्रमुख शाखाएँ हैं। शाखाओं को उपशाखा में बाँटा गया है। ग्रियर्सन ने आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं को भीतरी और बाहरी उपशाखा में विभक्त किया है। अतः में उपशाखाएँ भाषा-समुदायों और समुदाय भाषाओं में बँटते हैं। इस तरह भाषा पारिवारिक-वर्गीकरण की इकाई है। इस समय भारोपीय परिवार की भाषाओं का अध्ययन इतना हो चुका है कि यह पूर्ण प्रक्रिया उस पर लागू हो जाती है। इन नामों में थोड़ी हेर-फेर हो सकता है, किन्तु इस प्रक्रिया की अवस्थाओं में प्रायः कोई अन्तर नहीं होता। वर्गीकरण उन्नीसवीं शती में ही विद्वानों का ध्यान संसार की भाषाओं के वर्गीकरण की ओर आकृष्ट हुआ और आज तक समय-समय पर अनेक विद्वानों ने अपने अलग-अलग वर्गीकरण प्रस्तुत किये है; किन्तु अभी तक कोई वैज्ञानिक और प्रामाणिक वर्गीकरण प्रस्तुत नहीं हो सका है। इस समस्या को लेकर भाषाविदों में बड़ा मतभेद है। यही कारण है कि जहाँ एक ओर फेडरिख मूलर इन परिवारों की संख्या 100 तक मानते हैं वहाँ दूसरी ओर राइस विश्व की समस्त भाषाओं को केवल एक ही परिवार में रखते हैं। किन्तु अधिकांश विद्वान् इनकी संख्या बारह या तेरह मानते हैं। इसलिए यहाँ संसार की भाषाओं का बारह कुलों में विभक्त कर परिचय दिया गया है। भाषा-कुलों का संक्षिप्त परिचय संसार की भाषाएँ निम्नलिखित बारह कुलों या परिवारों में विभक्त की जाती हैं। (1) सेमेटिक-हेमेटिक कुल–इस कुल का नामकरण इंजील के एक आख्यान में आये दो पुराण पुरुषों–‘सैम’–‘हैम’ के नाम पर हुआ है। इस नामों का हिन्दीकरण सामी-हामी होगा। इस कुल में दो प्रमुख वर्ग है।–सामी और हामी जिनको बहुत-से भाषाशास्त्री दो स्वतन्त्र कुल मानते हैं। सभी का क्षेत्र मुख्यतः एशिया और मिस्त्र है। इस कुल की अरबी भाषा का प्रसार उत्तरी अफ्रीका में भी हो गया है। मुख्य भाषाएँ बाबिलोनीय, फिनिशीय, हिब्रू, अरबी और हबशी हैं। हिब्रू में बाइबिल और अरबी में कुरान लिखा गया था। इसकी कुल भाषाओं में 2500 ई. पू. तक के शिलालेख उपलब्ध होते हैं। इन भाषाओं की धातुएँ तीन-तीन व्यंजनों की होती हैं–क्तब् (लिखना), द्ब्र (बोलना)। स्वरों के योग से शब्द बनते हैं–क्तब् से कातिब, किताब आदि। समास व्यक्तिवाची शब्दों के अतिरिक्त अन्य शब्दों में नहीं होता है। हेमेटिक भाषाओं का क्षेत्र उत्तरी अफ्रीका के अतिरिक्त मध्य एवं दक्षिण-अफ्रीका के कुछ भागों में भी हैं। इस कुल की मुख्य भाषाएँ काप्टिक, लीबियन या बर्बर, कुशीय या एथिओपीय, हौसा (सहारा की भाषा) और सोमाली हैं, जिनमें मिस्त्र की पुरानी भाषा काप्टिक मुख्य है। इसमें ईस्वी सन् से पहले के चित्रलिपि में लिखे नमूने और धार्मिक रचनाएँ मिलती हैं। हेमेटिक भाषाओं में क्रिया से शब्द बनाने में परसर्गों एवं उपसर्गों का प्रयोग होता है। शब्दों में अर्थ परिवर्तन स्वराधीन होता है। लिंग-निर्णय का कोई निश्चित सिद्धान्त नहीं है। जैसे, सोमाली भाषा का एक शब्द है–‘गल’, जिसका अर्थ जाना है। किन्तु स्वर परिवर्तन के कारण ‘गेलि’ का अर्थ बदल कर ‘भीतर रखना’ हो जाता है। शब्दों के बहुवचन विभिन्न ढंग से बनते हैं और बहुवचन से एकवचन बनाने की प्रवृत्ति भी है। (2) तिब्बती-चीनी कुल–इसे चीनीकुल या एकाक्षर परिवार भी कहते हैं। क्योंकि इस कुल की प्रमुख भाषा चीनी है और उनकी अनोखी विशेषता, शब्दों का एकाक्षर होना है। इसका क्षेत्र कोचिन, चीन, कम्बोडिया, टोनकिन, श्याम, तिब्बत, बर्मा आदि के प्रदेश हैं। मुख्य भाषाएँ–चीनी, थाई अथवा श्यामी, तिब्बती तथा बर्मी है, जिनमें सर्वप्रमुख भाषा चीनी है। दो-तीन हजार वर्ष ई. पू. तक के इसके नमूने मिलते हैं। चीनी की एक प्रमुख विशेषता एकाक्षर शब्द हैं जिनके रूप वाक्य में प्रयुक्त होने पर भी बदलने नहीं। एक ही शब्द प्रयोगगत स्थान के अनुसार संज्ञा, विशेषण, क्रिया आदि हो जाता है। अतः वाक्य में शब्दों के स्थान निश्चित होने के कारण यह भाषा व्याकरण रहित है।तीसरी विशेषता यह है कि सुर (Tone) भेद के आधार पर शब्दों के विभिन्न ढंग से उच्चरित होने से उनके अनेक अर्थ हो जाते हैं। इसकी चित्रलिपि एक अन्य विशेषता है, जिसमें प्रत्येक ध्वनि (वर्ण) के लिए एक लिपिचिह्न न होकर एक भाव के लिए, एक संकेत होता है। ये विशेषताएँ इस कुल की अन्य भाषाओं में चीनी के समान अब सुरक्षित नहीं है। क्योंकि वे अन्य भाषाओं से पर्याप्त प्रभावित हुई हैं। (3) यूराल-अतलाई कुल–प्रमुख भाषाओं के आधार पर इसके अन्य नाम–‘तूरानी’, ‘सीदियन’, ‘फोनी-तातारिक’ और ‘तुर्क-मंगोल-मंचू’ कुल भी हैं। इसका क्षेत्र बहुत विस्तृत है, किन्तु मुख्यतः साइबेरिया, मंचूरिया और मंगोलिया में हैं। प्रमुख भाषाएँ–तुर्की या तातारी, किरगिज, मंगोली और मंचू है, जिनमे सर्व प्रमुख तुर्की है। साहित्यिक भाषा उस्मानली है। तुर्की पर अरबी और फारसी का बहुत अधिक प्रभाव था किन्तु आजकल इसका शब्दसमूह बहुत कुछ अपना है। ध्वनि और शब्दावली की दृष्टि से इस कुल की यूराल और अल्ताई भाषाएँ एक-दूसरे से काफी भिन्न हैं। इसलिए कुछ विद्वान् इन्हें दो पृथक् कुलों में रखने के पक्ष में भी हैं, किन्तु व्याकरणिक साम्य पर निस्सन्देह वे एक ही कुल की भाषाएँ ठहरती हैं। प्रत्ययों के योग से शब्दनिर्माण का नियम, धातुओं की अपरिवर्तनीयता, धातु और प्रत्ययों की स्वरानुरूपता आदि एक कुल की भाषाओं की मुख्य विशेषताएँ हैं। स्वरानुरूपता से अभिप्राय यह है कि मक प्रत्यय यज्धातु में लगने पर यज्मक् किन्तु साधारणतया विशाल आकार और अधिक शक्ति की वस्तुओं के बोधक शब्द पुंल्लिंग तथा दुर्बल एंव लघु आकार की वस्तुओं के सूचक शब्द स्त्रीलिंग होते हैं। (लिखना) में यज् के अनुरूप रहेगा, किन्तु सेव् में लगने पर, सेवमेक (तुर्की), (प्यार करना) में सेव् के अनुरूप मेक हो जायगा। (4) द्राविड़ कुल–द्राविड़ कुल की भाषाएँ दक्षिण-भारत के अतिरिक्त उत्तरी लंका, लक्षद्वीप, बिलोचिस्तान, मध्यभारत तथा बिहार और उड़ीसा के कुल प्रदेशों में फैली हुई है। उत्तरी भारत की भाषाओं, यूराल-अल्ताई कुल, फिनो-उग्रिक वर्ग, आस्ट्रिक परिवार तथा मोहनजोदड़ों की संस्कृति आदि से समय-समय पर इस वर्ग को सम्बन्धित करने की चेष्टा की गयी है, किन्तु अब तक कोई सफलता नहीं मिल सकी है। तेलुगू, तामिल, मलयालम और कन्नड़ इस परिवार की विकसित भाषाएँ हैं। साहित्य की दृष्टि से तमिल सर्वश्रेष्ठ है, जिसका अलवार-काव्य अत्यन्त प्रसिद्ध है। तमिल की मुख्य शैली ‘मणिवाल’ संस्कृत-शब्द-बहुल है तथा साहित्यिक रूप शेन है। कन्नड़ का क्षेत्र मैसूर है। इसका साहित्य काफी पुराना और समृद्ध है। यह भी संस्कृत से काफी प्रभावित है। इसकी लिपि तेलुगू-लिपि के काफी समीप है। मलयालम तमिल से विकसित हुई है और तेलुगू, तमिल एंव कन्नड़ की भाँति पुरानी भाषा है। मलयालय और कन्नड़ में भी साहित्य मिलता है। अन्य भाषाएँ–तुलू, तोड़ा गोंडी, कुई आदि हैं। द्रविड़ कुल की भाषाओं की मुख्य मुख्र्य पृष् __________________________________________________________________ * Reviews * Add Review No reviews for this book.. 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For reprint rights: Times Syndication Service This site is best viewed with Internet Explorer 6.0 or higher; Firefox 2.0 or higher at a minimum screen resolution of 1024x768 [photo.cms?msid=3406790] Hotklix this Google Bookmarks Facebook Yahoo MyWeb [6130746.cms] Apna Circle Reddit और >> और ब्लॉग्स >> क्या आपको इस कॉमेंट पर आपत्ति है? नीचे दिए गए कारणों में से किसी एक को चुनें और ‘आपत्ति दर्ज़ करें’ वाले बटन पर क्लिक करें। आपकी शिकायत हमारे मॉडरेटर तक तुरंत पहुंच जाएगी और अगर उन्हें आपकी आपत्ति सही लगी तो इस कॉमेंट को हटा दिया जाएगा। नाम _____________________________________________ आपत्ति का कारण: (_) अभद्र भाषा (_) झूठा/घिनौना आरोप (_) किसी कम्युनिटी के खिलाफ घृणा भड़कानेवाला (_) अन्य ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ [BUTTON] [BUTTON] आपकी आपत्ति संपादक तक पहुंचा दी गई है। [BUTTON] [pgnoscr?CHUR=navbharattimes.indiatimes.com&msid=13647294] [javascript] English | एक्सक्लूसिव | राष्ट्रीय सहारा | सहारा टाइम | रोज़नामा सहारा | आलमी सहारा | बज़मे सहारा | क्रिकेट [interfere.jpg] Watch Live Tv [sahara-samay.gif] समय [sahara_up_75x50.gif] यूपी/उत्तराखंड [sahara_mp_75x50.gif] एमपी/छत्तीसगढ़ [sahara_bihar_75x50.gif] बिहार/झारखंड [sahara-mumbai.gif] महाराष्ट्र/गुजरात [sahara_aalami_75x50.gif] आलमी सहारा [sahara_haryana_75x50.gif] एनसीआर/हरियाणा/राजस्थान IFRAME: http://video.samaylive.com/latest_video_api.php collapse Hide Twitter Facebook Youtube RSS Spacer Samay Live IFRAME: http://www.facebook.com/plugins/like.php?href=http://www.facebook.com/p ages/Sahara-Samay/293391637414794&send=false&layout=button_count&show_f aces=false&action=like&colorscheme=light&font रविवार, 27 जनवरी, 2013 * पहला पन्ना * खेल + क्रिकेट o 20-20 विश्व कप 2012 * मनोरंजन * राष्ट्रीय + जनादेश 2012 + राजनीति * दुनिया * क्षेत्रीय + दिल्ली + बिहार + मध्य प्रदेश + उत्तर प्रदेश + झारखंड + उत्तराखंड + छत्तीसगढ़ + अन्य राज्य + हरियाणा + पंजाब + राजस्थान + महाराष्ट्र * कारोबार + ऑटोमोबाइल * आशियाना * करियर * ज्योतिष + सितारों के इशारे * लाइफस्टाइल + धर्म + योग + चुस्त-दुरुस्त + वामा + बचपन + सैर-सपाटा * फ़ोटो गैलरी * वीडियो [watch2.gif] समय यूपी/उत्तराखंड एमपी/छत्तीसगढ़ बिहार/झारखंड महाराष्ट्र/गुजरात एनसीआर/हरियाणा/राजस्थान आलमी सहारा ताज़ा ख़बरें | रूस में आग लगने से 10 मजदूरों की मौत | अफगानिस्तान में आत्मघाती हमले में 10 पुलिसकर्मियों की मौत | बांग्लादेश में कपड़ा फैक्टरी में आग, छह मजदूरों की मौत | अनियंत्रित ट्रक नौका पर चढ़ा, 11 लोगों की मौत | महिला क्रिकेट में काफी सुधार बाकी है: द्रविड़ | श्रीलंका ने पहले टी-20 में ऑस्ट्रेलिया को हराया ________________________________________ Google Search 11 Sep 2012 01:31:48 PM IST Last Updated : 11 Sep 2012 02:05:07 PM IST Font Plus Font Minus Print Email [hotklix.png] More मुम्बई में डॉक्टर बिरादरी सुधारेगी अपनी लिखावट IFRAME: http://www.facebook.com/plugins/like.php?href=http://www.samaylive.com/ regional-news-in-hindi/maharashtra-regional-news/167248/doctor-illegibl e-handwriting-drug-prescription-maharashtra-medic.html;width=450;height =590;colorscheme=light;show_faces=true;border_color;stream=true;header= true डॉक्टरों की लिखावट मुम्बई में डॉक्टर बिरादरी सुधारेगी अपनी लिखावट.(फाइल फोटो) दवा की पर्ची को पढ़ पाना कई बार काफी मुश्किल होता है इसको ध्यान में रखते मुंबई में डॉक्टरों ने अपनी लिखावट सुधारने की पहल की है. अस्पष्ट लिखावट के कारण कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती है. अब इन सबसे निजात पाने के लिए मुंबई में डॉक्टरों की बिरादरी सामने आयी है और उनके प्रयासों को महाराष्ट्र सरकार ने भी अपना समर्थन दिया है. लिखावट में सुधार को लेकर राज्य भर के वरिष्ठ डॉक्टरों ने काफी सकारात्मक रूझान दिखाया है. उनका मानना है कि दवा की पर्ची पर साफ स्पष्ट और बड़े अक्षरों में लिखावट से कई तरह की समस्याओं से बचा जा सकता है. डॉक्टरों के एक समूह ने स्वास्थ्य मंत्री सुरेश शेट्टी को अपने प्रस्तावित कोशिश के बारे में लिखा है जिसे मंत्री ने एक अच्छा संकेत बताया. उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र मेडिकल कौंसिल एक स्वायत्त संस्था है और आम आदमी के हित संबंधी किसी भी कोशिशों का सरकार समर्थन करेगी.’ मंत्री ने कहा कि डॉक्टरों ने बताया है कि दवा की पर्ची की लिखावट को पढना कई लोगों के लिए मुश्किलों भरा होता है. खासकर छोटे शहरों और गावों में कई दवा दुकानदार इसे समझ ही नहीं पाते और इस कारण से कभी-कभी तो गलत दवा दे दी जाती है. कई बार तो यह घातक सिद्ध होता है. चिकित्सकों ने मेडस्केप इंडिया नामक एक ट्रस्ट का गठन किया है जो इस संबंध में जागरूकता को लेकर लगातार मामले उठा रही है. डॉ. सुनीता दुबे ने इस सप्ताह मंत्री को लिखा है, ‘एक डॉक्टर और मेडस्केप इंडिया से जुड़े हम सभी लोगों का मानना है कि इस मुद्दे का समाधान करना हम सभी की जिम्मेदारी है.’ उन्होंने इसके लिए सरकार से भी सहायता करने को कहा है जिससे कि समूचे महाराष्ट्र के डॉक्टरों को इसमें शामिल किया जा सके. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को इसके लिए कार्यशाला का आयोजन और आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किये जा सकते हैं. IFRAME: /total_read_counter.php?id=167248 Tools: Print Print Email Email [hotklix.png] More फ़ोटो गैलरी [photo-gallery-left-arrow.png] [photo-gallery-right-arrow.png] राजपथ पर सैन्य ताकत राजपथ पर सैन्य ताकत Photos:गणतंत्र दिवस: झाकियों में पूरा देश Photos:गणतंत्र दिवस: झाकियों में पूरा देश PHOTOS:पद्म पुरस्कार 2012 का एलान,राजेश खन्ना को पद्म भूषण PHOTOS:पद्म पुरस्कार 2012 का एलान,राजेश खन्ना को पद्म भूषण Pics: राजपथ पर देश का आईना Pics: राजपथ पर देश का आईना रेस2 में सैफ-दीपिका की सिजलिंग लव कैमेस्ट्री रेस2 में सैफ-दीपिका की सिजलिंग लव कैमेस्ट्री 'फोर्ब्‍स' के कवर पेज पर छाएंगे पहले भारतीय अभिनेता शाहरुख मुंबई पुलिस का फरमान, पार्क में किया रोमांस, तो पड़ेंगे डंडे मुंबई पुलिस का फरमान, पार्क में किया रोमांस, तो पड़ेंगे डंडे गोंडा में जज ने नाबालिग से चैंबर में कहा, उतारो कपड़े! गोंडा में जज ने नाबालिग से चैंबर में कहा, उतारो कपड़े! तमिलनाडु में बैन हुई कमल हासन की विश्वरूपम तमिलनाडु में बैन हुई कमल हासन की विश्वरूपम घर के सदस्यों की मुसीबतों को अपने सर लेकर मरती हैं मछलियां घर के सदस्यों की मुसीबतों को अपने सर लेकर मरती हैं मछलियां दिल्ली में दीपा के साथ फिल्म का प्रमोशन कर रहे हैं रूश्दी दिल्ली में दीपा के साथ फिल्म का प्रमोशन कर रहे हैं रूश्दी Photos: धरती का स्वर्ग गुलमर्ग Photos: धरती का स्वर्ग गुलमर्ग लक्ष्मी राय के सेक्सी अंदाज लक्ष्मी राय के सेक्सी अंदाज ईशा गुप्ता के जलवे ईशा गुप्ता के जलवे राजनीति के गलियारों में राजनाथ सिंह ने ऊंचाइयों को छुआ है राजनीति के गलियारों में राजनाथ सिंह ने ऊंचाइयों को छुआ है सिग्नेचर से चुनिए लाइफ पार्टनर सिग्नेचर से चुनिए लाइफ पार्टनर उद्धव ठाकरे ने संभाली शिवसेना की कमान, बनें अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने संभाली शिवसेना की कमान, बनें अध्यक्ष ‘शर्टलेस डॉन’ बने जॉन अब्राहम ‘शर्टलेस डॉन’ बने जॉन अब्राहम Pics: गणतंत्र दिवस परेड 2013: एक झलक Pics: गणतंत्र दिवस परेड 2013: एक झलक कैंसर से जंग जीतकर आए युवी का पहली बार होमग्राउंड पर चलेगा बल्ला कैंसर से जंग जीतकर आए युवी का पहली बार होमग्राउंड पर चलेगा बल्ला आलिया भट्ट इन ब्लैक आलिया भट्ट इन ब्लैक चेहरे को नकाब से नहीं ढकेंगी लड़कियां चेहरे को नकाब से नहीं ढकेंगी लड़कियां ओमप्रकाश-अजय चौटाला को शिक्षक घोटाले में 10 साल की सजा ओमप्रकाश-अजय चौटाला को शिक्षक घोटाले में 10 साल की सजा \ \'आई मी और मैं\' में दो हसीनाओं से इश्क फरमाने चले हैं जॉन ऑडी ने 1.35 करोड़ की आर-8 उतारी ऑडी ने 1.35 करोड़ की आर-8 उतारी भाजपा में विलय के बाद फफक कर रोये कल्याण भाजपा में विलय के बाद फफक कर रोये कल्याण पेटा के लिए सपना ने खिंचवाई न्यूड तस्वीर पेटा के लिए सपना ने खिंचवाई न्यूड तस्वीर दिल्ली गैंगरेप की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में दिल्ली गैंगरेप की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में रेल सफर हुआ महंगा, बढ़ा किराया लागू, सुविधाओं का होगा क्या? 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You agree that a hyperlink or URL is sufficient attribution under the Creative Commons license. à¤à¤¤à¤¨ à¤à¤°à¤¾ à¤à¤²à¤ पहा बदल दाà¤à¤µà¤¾ रदà¥à¤¦ à¤à¤°à¤¾ | सà¤à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ साहायà¥à¤¯ (नवà¥à¤¨ à¤à¤¿à¤¡à¤à¥à¤¤ à¤à¤à¤¡à¤¤à¥.) à¤à¤¤à¤° सà¤à¤à¥à¤¤à¤¸à¥à¤¥à¤³à¤¾à¤à¤µà¤°à¤à¤¾ मà¤à¤à¥à¤° परवानà¤à¥à¤¶à¤¿à¤µà¤¾à¤¯ यà¥à¤¥à¥ à¤à¤¸à¤¾à¤à¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¸à¤¾ à¤à¤¤à¤°à¤µà¥ नयà¥. विà¤à¤¿à¤ªà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¥à¤à¤¾à¤¨à¤à¥à¤¶ सामà¥à¤¹à¥à¤ लà¥à¤à¤¨ यà¥à¤à¤¦à¤¾à¤¨à¤¾à¤à¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¤¹à¥.विà¤à¤¿à¤ªà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾ सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥à¤ सदसà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥ à¤à¤¤à¤° सदसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤à¥à¤¯à¤¾à¤¬à¤¦à¥à¤¦à¤² विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ à¤à¤£à¤¿ à¤à¤¦à¤° ठà¥à¤µà¤£à¥ à¤à¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¥à¤¤ à¤à¤¹à¥.à¤à¤¤à¤° सदसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤µà¤° à¤à¥à¤£à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥ à¤à¤¾à¤°à¤£à¤¾à¤¨à¥ वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿à¤à¤¤,à¤à¤¾à¤·à¤¿à¤,पà¥à¤°à¤¾à¤à¤¤à¥à¤¯, à¤à¤¾à¤¤à¥à¤¯, धारà¥à¤®à¤¿à¤ सà¥à¤µà¤°à¥à¤ªà¤¾à¤à¤à¥ à¤à¤°à¥à¤ª à¤à¤°à¥ नयà¥à¤¤. à¤à¤¸à¥ लà¥à¤à¤¨ वà¤à¤³à¤²à¥ à¤à¤¾à¤¤à¥.à¤à¤¸à¤¾ मà¤à¤à¥à¤° à¤à¤¢à¤³à¤²à¥à¤¯à¤¾à¤¸ तॠà¤à¤¾à¤¢à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤à¤£à¥à¤¯à¤¾à¤¤ यà¥à¤à¤². तà¥à¤®à¤à¥ नाव लिहा: ~~~~ __________________________________________________________________ नà¥à¤¹à¤®à¥ लाà¤à¤£à¤¾à¤°à¥ साà¤à¥: {{fasthelp}} ⢠{{सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¤}} ⢠{{fastfonthelp}} â¢{{à¤à¤¨à¤¾à¤®à¤¿à¤à¤¾à¤à¥à¤¸à¥à¤µà¤¾à¤à¤¤}} ⢠{{सà¥à¤à¤¸}} ⢠{{copyright?}} ⢠{{à¤à¤¾à¤¹à¥à¤°à¤¾à¤¤}} ⢠{{विसà¥à¤¤à¤¾à¤°}} ⢠{{वाद}} ⢠{{à¤à¤¾à¤® à¤à¤¾à¤²à¥}} â¢{{à¤à¥à¤°à¥à¤¨à¤¿à¤à¤ à¤à¤¾à¤²à¥}} ⢠{{पà¥à¤¨à¤°à¥à¤²à¥à¤à¤¨}} ⢠{{à¤à¤¾à¤£à¤à¤¾à¤°}} ⢠{{पानà¤à¤¾à¤¢à¤¾}} ⢠{{npov}} ⢠{{बदल}} ⢠{{वरà¥à¤}} ⢠{{सà¤à¤¦à¤°à¥à¤ हवा}} â¢{{हितसà¤à¤à¤°à¥à¤·}} â¢{{लà¥à¤à¤¨à¤à¤à¤¿à¤¤à¥à¤¯}} ⢠{{मराठॠशबà¥à¤¦ सà¥à¤à¤µà¤¾}} ⢠{{वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿à¤à¤¤ à¤à¤°à¥à¤ª}} ⢠{{à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤¤à¤°}}⢠{{à¤à¤¨à¥à¤®_दिनाà¤à¤_à¤à¤£à¤¿_वय}} दà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤°à¥: ठठठठठठठठठठà¤à¤ ॲ ठठॠठॡ  ा ि ॠॠॠॠॠॠॠठठॠॠठॠॠॠॢ ॣ  ठठठठठ ठठठठठ ठठड ढ ण  त थ द ध न  प फ ब ठम  य र ल व श ष  स ह ळ à¤à¥à¤· तà¥à¤° à¤à¥à¤  ० १ २ ३ ४ ५ ६ ॠ८ ९  ऱà¥à¤¯ ऱà¥à¤¹ __________________________________________________________________ विशà¥à¤· à¤à¤¿à¤¹à¥à¤¨à¥:â ⦠⹠° â â ± â à ÷ â â · § ~ | ¡ ¿ â â¡ â â â ⢠ # ¹ ² ³ ½ â â ¼ ¾ â â â â  â â â â  ¢ $ ⬠£ Â¥ à¤à¥à¤°à¥à¤ à¤à¤à¥à¤·à¤°à¥: Πα Πβ Πγ Πδ  Πε Πζ Πη Πθ  Πι Πκ Πλ Πμ  Πν Πξ Πο Î Ï Â Î¡ Ï Î£ Ï Ï Î¤ Ï Î¥ Ï Â Î¦ Ï Î§ Ï Î¨ Ï Î© Ï Â â¢Â {{Polytonic|}}  â¢Â (polytonic list) IPA: t̪ d̪ Ê É É É¡ É¢ Ê¡ Ê Â É¸ Ê Ê É Ê Ê Ê Ê É£ Ê Ê Ê Ê¢ ɦ  ɱ ɳ ɲ Å É´ Â Ê É¹ É» ɰ Â Ê Ê É¾ ɽ  ɫ ɬ É® ɺ É Ê Ê Â É¥ Ê É§ Â É É Ê É Ê Â Ê Ç Ç Ç Ç Â É¨ Ê É¯  ɪ Ê Ê Â É Éµ ɤ Â É É Â É É É É Ê É Â É É¶ É É Â Ê° Ê· ʲ Ë Ë¤ â¿ Ë¡ Â Ë Ë Ë Ë ÌªÂ Â • {{IPA|}} तà¥à¤®à¥à¤¹à¥ à¤à¥à¤²à¥à¤²à¥ बदल विà¤à¤¿à¤ªà¤¿à¤¡à¥à¤¯à¤¾à¤µà¤° लà¤à¥à¤à¤ दिसतà¥à¤². * बदल नà¥à¤¸à¤¤à¥ à¤à¤°à¥à¤¨ बà¤à¤£à¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¾à¤ ॠधà¥à¤³à¤ªà¤¾à¤à¥ वापरा. * à¤à¤°à¥à¤à¤¾ पानाà¤à¤µà¤° नà¥à¤¹à¤®à¥ à¤à¤ªà¤²à¥ नाà¤à¤µ व वà¥à¤³ नà¥à¤à¤¦à¤µà¤¾. हॠà¤à¤°à¤£à¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¾à¤ ॠ~~~~ à¤à¤¶à¥ à¤à¤¾à¤° à¤à¤à¥à¤·à¤°à¥ लिहिणॠपà¥à¤°à¥à¤¸à¥ à¤à¤¹à¥. __________________________________________________________________ सà¥à¤à¤¨à¤¾: * यà¥à¤¥à¥ तà¥à¤®à¥à¤¹à¥ लिहिलà¥à¤²à¤¾ मà¤à¤à¥à¤° à¤à¥à¤£à¥à¤¹à¥ बदलॠशà¤à¤¤à¥ à¤à¤¿à¤à¤µà¤¾ तà¥à¤¯à¤¾à¤à¤¾ वापर तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤²à¤¾ मà¥à¤¬à¤¦à¤²à¤¾ न दà¥à¤¤à¤¾ à¤à¤°à¥ शà¤à¤¤à¥. हॠà¤à¤¬à¥à¤² नसलà¥à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¥à¤ªà¤¯à¤¾ लिहॠनयà¥. "http://mr.wikipedia.org/wiki/शारदा_लिपà¥" पासà¥à¤¨ मिळविलॠNavigation menu वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿à¤ साधनॠ* नवà¥à¤¨ à¤à¤¾à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤à¥ नà¥à¤à¤¦à¤£à¥ à¤à¤°à¤¾ * पà¥à¤°à¤µà¥à¤¶ नामविशà¥à¤µà¥ * लà¥à¤ * à¤à¤°à¥à¤à¤¾ à¤à¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤° दà¥à¤·à¥à¤¯à¥ * तयार à¤à¤°à¤¾ à¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ शà¥à¤§ ____________________ (Submit) शà¥à¤§à¤¾ सà¥à¤à¤¾à¤²à¤¨ * मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ * साहायà¥à¤¯ * मदतà¤à¥à¤à¤¦à¥à¤° * à¤à¤²à¥à¤à¤¡à¥à¤² बदल * à¤à¤µà¤¿à¤¶à¤¿à¤·à¥à¤ लà¥à¤ * à¤à¤¾à¤µà¤¡à¥ * दà¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¸ (Embassy) * à¤à¤¨à¤²à¤¾à¤à¤¨ शबà¥à¤¦à¤à¥à¤¶ * दान साधनपà¥à¤à¥ * यà¥à¤¥à¥ à¤à¤¾à¤¯ à¤à¥à¤¡à¤²à¥ à¤à¤¹à¥ * विशà¥à¤· पà¥à¤·à¥à¤ ॠ* पानाबदà¥à¤¦à¤²à¤à¥ माहितॠ* à¤à¥à¤ªà¥à¤¤à¤¤à¤¾ नà¥à¤¤à¥ * विà¤à¤¿à¤ªà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾ बदà¥à¤¦à¤² * à¤à¤¤à¥à¤¤à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤µà¤¾à¤¸ नà¤à¤¾à¤° * लà¤à¥-दà¥à¤¶à¥à¤¯ * Wikimedia Foundation * Powered by MediaWiki #Bharatkosh (hi) copyright Bharatkosh à¤à¥ à¤à¤à¤® फ़à¥à¤¡ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¤¶à¥à¤-à¤à¤¾à¤² à¤à¤¾à¤°à¤¤ डिसà¥à¤à¤µà¤°à¥ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ लà¥à¤ à¤à¤¾ डà¥à¤°à¤¾à¥à¥à¤ लà¥à¤ ⯠(पà¥à¤°à¤¤à¥à¤à¥à¤·à¤¿à¤¤) यहाठà¤à¤¾à¤à¤: à¤à¥à¤°à¤®à¤£, à¤à¥à¤ à¤à¤ªà¤¸à¥ à¤à¤ वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿à¤à¤¤ à¤à¤¨à¥à¤°à¥à¤§, à¤à¥à¤ªà¤¯à¤¾ à¤à¤µà¤¶à¥à¤¯ पढ़à¥à¤ à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ à¤à¤²à¤¾ परà¥à¤¯à¤à¤¨ दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ धरà¥à¤® साहितà¥à¤¯ समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤à¥à¤¯ सà¤à¥ विषय â¼ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¤¨à¥à¤¯ सà¤à¤¬à¤à¤§à¤¿à¤¤ लà¥à¤ __________________________________________________________________ * बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि * à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ शिलालà¥à¤ * बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¾à¤² * सिà¤à¤à¤¦à¤° à¤à¥ 325 à¤.पà¥. मà¥à¤ पशà¥à¤à¤¿à¤®à¥à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ सॠहॠवापस à¤à¤²à¥ à¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¥ तà¥à¤°à¤à¤¤ बाद à¤à¤à¤¦à¥à¤°à¤à¥à¤ªà¥à¤¤ (324-300 à¤.पà¥.) नॠनà¤à¤¦à¤µà¤à¤¶ à¤à¤¾ तà¤à¥à¤¤à¤¾ à¤à¤²à¤à¤à¤° मà¥à¤°à¥à¤¯ वà¤à¤¶ à¤à¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥à¥¤ * à¤à¤à¤¦à¥à¤°à¤à¥à¤ªà¥à¤¤ à¤à¥ बाद à¤à¤¸à¤à¤¾ पà¥à¤¤à¥à¤° बिà¤à¤¦à¥à¤¸à¤¾à¤° राà¤à¤à¤¦à¥à¤¦à¥ पर बà¥à¤ ा, à¤à¤° बिà¤à¤¦à¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¥ मà¥à¤¤à¥à¤¯à¥ à¤à¥ बाद à¤à¤¸à¤à¤¾ पà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¤¶à¥à¤ 372 à¤. पà¥. मà¥à¤ राà¤à¤¾ बना। à¤à¥à¤à¤¾à¤¤ हà¥à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ राà¤à¤à¤¦à¥à¤¦à¥ à¤à¥ लिठशà¥à¤°à¥ मà¥à¤ à¤à¤¾à¤«à¤¼à¥ à¤à¤à¤¡à¤¼à¤¾ हà¥à¤ था; à¤à¥à¤¯à¥à¤à¤à¤¿ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¾ राà¤à¥à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥à¤ à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤¦à¥à¤¦à¥ पर बà¥à¤ नॠà¤à¥ à¤à¤¾à¤° साल बाद 268 à¤. पà¥. मà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¸à¤à¥ बाद à¤à¤¸à¤¨à¥ लà¤à¤à¤ 37 साल तठà¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ à¤à¤ विशाल à¤à¥-à¤à¤¾à¤ पर राà¤à¥à¤¯ à¤à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤ à¤à¤¸à¤¨à¥ à¤à¤²à¤¿à¤à¤ à¤à¥ à¤à¥ à¤à¤ªà¤¨à¥ राà¤à¥à¤¯ मà¥à¤ शामिल à¤à¤° लिया था। बà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤à¥à¤ सॠपता à¤à¤²à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ à¤à¤°à¤à¤ मà¥à¤ वह, à¤à¤ªà¤¨à¥ à¤à¥à¤°à¥à¤°à¤¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤£, à¤à¤à¤¡à¤¾à¤¶à¥à¤ à¤à¤¹à¤²à¤¾à¤¤à¤¾ था; परà¤à¤¤à¥ बाद मà¥à¤ à¤à¤¸à¤¨à¥ बà¥à¤¦à¥à¤§ धरà¥à¤® à¤à¥ सà¥à¤µà¥à¤à¤¾à¤° à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° वह धारà¥à¤®à¤¿à¤ à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ à¤à¤°à¤¨à¥ लà¤à¤¾ तॠà¤à¤¸à¥ धरà¥à¤®à¤¾à¤¶à¥à¤ à¤à¤¹à¤¾ à¤à¤¾à¤¨à¥ लà¤à¤¾à¥¤ * à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤µà¤² दॠधरà¥à¤®à¤²à¥à¤à¥ यानॠà¤à¥à¤à¤°à¥à¤°à¤¾ मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ मà¥à¤ दतिया à¤à¥ पास, तथा मसà¥à¤à¥, à¤à¤¿0 रायà¤à¥à¤°, à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¥ लà¤à¥-शिलालà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ हॠहमà¥à¤ à¤à¤¸à¤à¤¾ 'à¤à¤¸à¥à¤' नाम दà¥à¤à¤¨à¥ मà¥à¤ à¤à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ शà¥à¤· सà¤à¥ धरà¥à¤®à¤²à¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤¸à¥ दà¥à¤µà¤¾à¤¨à¤ पियà¥à¤¨ पियदसिन लाà¤à¤¿à¤¨^[1] à¤à¤¹à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ हॠà¤à¤¿ यह नाम à¤à¤¸à¤¨à¥ बà¥à¤¦à¥à¤§ धरà¥à¤® à¤à¥à¤°à¤¹à¤£ à¤à¤°à¤¨à¥ à¤à¥ बाद हॠधारण à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हà¥à¤à¤¾à¥¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¾ समà¤à¤¾à¤²à¥à¤¨ शà¥à¤°à¥à¤²à¤à¤à¤¾ à¤à¤¾ तिसà¥à¤¸ या तिषà¥à¤¯ राà¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤ªà¤¨à¥ नाम à¤à¥ साथ 'दà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯' à¤à¥à¤¡à¤¼à¤¤à¤¾ था। तिसà¥à¤¸ राà¤à¤¾ à¤à¥ समय मà¥à¤ हॠà¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¾ पà¥à¤¤à¥à¤° महà¥à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° à¤à¤µà¤ पà¥à¤¤à¥à¤°à¥ सà¤à¤à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¾ बà¥à¤¦à¥à¤§ धरà¥à¤® à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤° à¤à¤°à¥ à¤à¥ लिठशà¥à¤°à¥à¤²à¤à¤à¤¾ पहà¥à¤à¤à¥ थà¥à¥¤ * à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ लिठà¤à¤¹à¥à¤-à¤à¤¹à¥à¤ 'à¤à¤¶à¥à¤à¤µà¤°à¥à¤§à¤¨' नाम à¤à¥ मिलता हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤ धरà¥à¤®à¤²à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤¸à¥ 'मà¤à¤§ à¤à¤¾ राà¤à¤¾' à¤à¤¹à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ परà¤à¤¤à¥ à¤à¤¸à¤à¥ सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ à¤à¥ लिठà¤à¤¸à¤à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤§à¤¿à¤à¤¤à¤° 'पà¥à¤¥à¥à¤µà¥' या 'à¤à¤à¤¬à¥à¤¦à¥à¤µà¥à¤ª' शबà¥à¤¦ हॠमिलतॠहà¥à¤à¥¤ à¤à¤¸à¤à¥ राà¤à¤§à¤¾à¤¨à¥ पाà¤à¤²à¤¿à¤ªà¥à¤¤à¥à¤°, पà¤à¤¨à¤¾ मà¥à¤ थà¥à¥¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ धरà¥à¤®à¤²à¥à¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ मà¥à¤ à¤à¤¿à¤¸ à¤à¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर मिलॠहà¥à¤, वहाठà¤à¤¸à¤à¤¾ राà¤à¥à¤¯ निशà¥à¤à¤¿à¤¤ रà¥à¤ª सॠथा हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¤¨à¥ à¤à¤ªà¤¨à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ 'à¤à¤ªà¤°à¤¾à¤à¤¿à¤¤' राà¤à¥à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¥ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ दà¤à¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ à¤à¥à¤², पाà¤à¤¡à¥à¤¯, à¤à¥à¤°à¤² तथा तामà¥à¤°à¤ªà¤°à¥à¤£à¥ (शà¥à¤°à¥à¤²à¤à¤à¤¾) दà¥à¤¶ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ à¤à¥ बाहर थà¥à¥¤ à¤à¤¸à¤à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¥ à¤à¤ 'यà¥à¤¨', यà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥ राà¤à¤¾à¤à¤ तथा मिसà¥à¤° à¤à¥ तà¥à¤°à¤®à¤¾à¤¯ या तà¥à¤²à¤®à¤¾à¤¯ (à¤à¥à¤²à¤®à¥) राà¤à¤¾ à¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤ मिलता हà¥à¥¤ * à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ धरà¥à¤®à¤²à¥à¤ पशà¥à¤à¤¿à¤®à¥à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ (पाà¤à¤¿à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨) सॠलà¥à¤à¤° दà¤à¥à¤·à¤¿à¤£ मà¥à¤ à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤ तठमिलॠहà¥à¤à¥¤ à¤à¤¸à¤à¥ राà¤à¥à¤¯ à¤à¥ सà¥à¤®à¤¾à¤à¤ पà¥à¤°à¥à¤µ मà¥à¤ बà¤à¤à¤¾à¤² à¤à¥ à¤à¤¾à¤¡à¤¼à¥ à¤à¤° पशà¥à¤à¤¿à¤® मà¥à¤ à¤à¤°à¤¬ साà¤à¤° à¤à¥ à¤à¥à¤¤à¥ थà¥à¤à¥¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ धरà¥à¤®à¤²à¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥à¤µà¤² दॠयानॠशहबाà¤à¤à¤¢à¤¼à¥ à¤à¤° मानसà¥à¤¹à¤°à¤¾ à¤à¥ शिलालà¥à¤ à¤à¤°à¥à¤·à¥à¤ ॠलिपि मà¥à¤ हà¥à¥¤ à¤à¤à¤¦à¤¹à¤¾à¤° à¤à¥ पास à¤à¥ शार-à¤-à¤à¥à¤¨à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ सॠà¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¾ दà¥à¤µà¥à¤à¤¾à¤·à¤¿à¤, à¤à¤°à¤®à¥à¤-यà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥ लà¥à¤ मिला हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¤à¥ शà¥à¤· सà¤à¥ लà¥à¤ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपॠमà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨ लà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ लिपि à¤à¥ लिठसदà¥à¤µ 'धमà¥à¤®à¤²à¤¿à¤ªà¤¿', 'धमà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤ªà¤¿' या 'धमà¥à¤®à¤²à¤¿à¤¬à¤¿' शबà¥à¤¦à¥à¤ à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¥à¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ * à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ समसà¥à¤¤ धरà¥à¤®à¤²à¥à¤à¥à¤ à¤à¥ मà¥à¤à¥à¤¯à¤¤: दॠà¤à¤¾à¤à¥à¤ मà¥à¤ विà¤à¤¾à¤à¤¿à¤¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¾ सà¤à¤¤à¤¾ हà¥: 1. शिलासà¥à¤¤à¤à¤ लà¥à¤, à¤à¤° 2. शिलाफलठलà¥à¤à¥¤ शिलासà¥à¤¤à¤à¤ à¤à¤ हॠपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤°-à¤à¤à¤¡ à¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤° यॠà¤à¥à¤¨à¤¾à¤° à¤à¥ बलà¥à¤ पतà¥à¤¥à¤°à¥à¤ सॠबनाठà¤à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨ पर à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हà¥à¤ बहà¥à¤¤ बढ़िया à¤à¤ª (पà¥à¤²à¤¿à¤¶) à¤à¤ à¤à¥ हमà¥à¤ à¤à¤¶à¥à¤à¤°à¥à¤¯ मà¥à¤ डाल दà¥à¤¤à¤¾ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ दà¥à¤°-दà¥à¤° तठà¤à¤¿à¤¤à¤¨à¥ à¤à¤ िनाठसॠलॠà¤à¤¾à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¤à¤¾, à¤à¤¸à¤à¤¾ à¤à¤à¤¦à¤¾à¤à¤¾ हमà¥à¤ फà¥à¤°à¥à¤à¤¶à¤¾à¤¹ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 14वà¥à¤ शताबà¥à¤¦à¥ मà¥à¤ à¤à¥à¤ªà¤°à¤¾ à¤à¤° मà¥à¤°à¤ सॠà¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ सà¥à¤¤à¤à¤à¥à¤ à¤à¥ दिलà¥à¤²à¥ लाठà¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¥ विवरण सॠलठसà¤à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ शिलासà¥à¤¤à¤à¤ à¤à¤ निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤ पर हà¥à¤: à¤à¤²à¤¾à¤¹à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦-à¤à¥à¤¸à¤® शिलासà¥à¤¤à¤à¤ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि मà¥à¤ लिà¤à¥ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ शिलालà¥à¤, राषà¥à¤à¥à¤°à¥à¤¯ सà¤à¤à¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯, दिलà¥à¤²à¥ मà¥à¤²à¤¤: à¤à¤¸ सà¥à¤¤à¤à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤¶à¤à¤¬à¥ नà¤à¤°à¥ (à¤à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤ à¤à¥à¤¸à¤®- à¤à¤²à¤¾à¤¹à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ सॠलà¤à¤à¤ 50 à¤à¤¿à¤²à¥à¤®à¥à¤à¤° दà¥à¤° à¤à¤ à¤à¥à¤à¤¾-सा à¤à¤¾à¤à¤µ) मà¥à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ था। à¤à¤¸ बात à¤à¥ à¤à¥à¤ निशà¥à¤à¤¿à¤¤ à¤à¤¾à¤¨à¤à¤¾à¤°à¥ नहà¥à¤ मिलतॠà¤à¤¿ à¤à¥à¤¨ à¤à¤¸à¥ à¤à¤²à¤¾à¤¹à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ लॠà¤à¤¯à¤¾à¥¤ à¤à¤¸ सà¥à¤¤à¤à¤ पर à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ 6 लà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¸ पर à¤à¤¸à¤à¥ दॠलà¥à¤ à¤à¤° हà¥à¤, à¤à¥ 'रानॠà¤à¤¾ सà¥à¤¤à¤à¤à¤²à¥à¤' (à¤à¥à¤¯à¥à¤à¤à¤¿ à¤à¤¸à¤®à¥à¤ à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤ रानॠà¤à¤¾à¤²à¥à¤µà¤¾à¤à¥ à¤à¥ दान à¤à¤¾ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤ हà¥) à¤à¤° 'à¤à¥à¤¶à¤¾à¤à¤¬à¥ à¤à¤¾ सà¥à¤¤à¤à¤à¤²à¥à¤' à¤à¥ नाम सॠपà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¸à¥ सà¥à¤¤à¤à¤ पर बाद मà¥à¤ समà¥à¤¦à¥à¤°à¤à¥à¤ªà¥à¤¤ (320-375 à¤.) नॠà¤à¥ à¤à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¤ लà¥à¤ à¤à¥à¤¦à¤µà¤¾à¤¯à¤¾ था। मà¥à¤à¤¼à¤² बादशाह à¤à¤¹à¤¾à¤à¤à¥à¤° (1605-27 à¤.) à¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤ फ़ारसॠलà¥à¤ à¤à¤¸ पर मिलता हà¥à¥¤ रà¥à¤®à¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¦à¥à¤ सà¥à¤¤à¤à¤à¤²à¥à¤ रà¥à¤®à¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¦à¥à¤, लà¥à¤à¤¬à¤¿à¤¨à¥ à¤à¥ मà¤à¤¦à¤¿à¤° à¤à¥ पास à¤à¤¡à¤¼à¤¾ हà¥à¤¨à¥ सॠà¤à¤¸à¥ यह नाम दिया à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ यह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बसà¥à¤¤à¥ à¤à¤¼à¤¿à¤²à¥ à¤à¥ दà¥à¤²à¥à¤¹à¤¾ à¤à¤¾à¤à¤µ सॠलà¤à¤à¤ 8 à¤à¤¿à¤²à¥à¤®à¥à¤à¤° दà¥à¤° नà¥à¤ªà¤¾à¤² à¤à¥ à¤à¤à¤µà¤¾à¤¨à¤ªà¥à¤° तहसà¥à¤² मà¥à¤ हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर à¤à¤à¤µà¤¾à¤¨ बà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¤¾ à¤à¤¨à¥à¤® हà¥à¤ था। à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤ªà¤¨à¥ राà¤à¥à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥à¤ à¤à¥ 20 साल बाद à¤à¤¸ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर पà¥à¤à¤¾ à¤à¤°à¤¨à¥ à¤à¤¯à¤¾ था। निà¤à¤¾à¤²à¥-साà¤à¤° शिलासà¥à¤¤à¤à¤ यह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¥ बसà¥à¤¤à¥ à¤à¤¼à¤¿à¤²à¥ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° मà¥à¤ नà¥à¤ªà¤¾à¤² à¤à¥ तराठमà¥à¤ हà¥, à¤à¤° रà¥à¤®à¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¦à¥à¤ सॠलà¤à¤à¤ बà¥à¤¸ à¤à¤¿à¤²à¥à¤®à¥à¤à¤° पशà¥à¤à¤¿à¤®à¥à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¥ तरफ हà¥à¥¤ यह सà¥à¤¤à¤à¤ निà¤à¤²à¥à¤µ à¤à¤¾à¤à¤µ à¤à¥ पास निà¤à¤¾à¤²à¥ साà¤à¤° नाम à¤à¥ à¤à¤ विशाल सरà¥à¤µà¤° à¤à¥ पास à¤à¤¡à¤¼à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¶à¥à¤ यहाठà¤à¥ पà¥à¤à¤¾ à¤à¥ लिठà¤à¤¯à¤¾ था। à¤à¥à¤¤à¤® बà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¥ à¤à¥ पहलॠà¤à¥ à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¤¨à¤à¤®à¥à¤¨à¤¿ बà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¥ शरà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¶à¥à¤·à¥à¤ पर यहाठà¤à¤ सà¥à¤¤à¥à¤ª बनाया à¤à¤¯à¤¾ था। दिलà¥à¤²à¥-à¤à¥à¤ªà¤°à¤¾ शिलासà¥à¤¤à¤à¤ à¤à¤¸ सà¥à¤¤à¤à¤ à¤à¥ फà¥à¤°à¥à¤à¤¶à¤¾à¤¹ (1351-88 à¤.) नॠà¤à¥à¤ªà¤°à¤¾, à¤à¤à¤¬à¤¾à¤²à¤¾ à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, हरियाणा सॠमà¤à¤à¤µà¤¾à¤à¤° दिलà¥à¤²à¥ मà¥à¤ à¤à¤¡à¤¼à¤¾ à¤à¤°à¤µà¤¾à¤¯à¤¾ था। à¤à¤¸ पर सात लà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ दिलà¥à¤²à¥-मà¥à¤°à¤ शिलासà¥à¤¤à¤à¤ à¤à¤¸à¥ à¤à¥ फà¥à¤°à¥à¤ मà¥à¤°à¤ सॠà¤à¤ ाà¤à¤° लाया था। फरà¥à¤°à¥à¤à¤¸à¤¿à¤¯à¤° à¤à¥ समय (1713-19 à¤.) मà¥à¤ बारà¥à¤¦à¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¥ फà¤à¤¨à¥ सॠà¤à¤¸ सà¥à¤¤à¤à¤ à¤à¥ बड़ा नà¥à¤à¤¼à¤¸à¤¾à¤¨ पहà¥à¤à¤à¤¾ à¤à¤° à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤ à¤à¥à¤à¤¡à¤¼à¥ हॠà¤à¤à¥¤ 1876 मà¥à¤ à¤à¤¸à¥ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ रà¥à¤ª मà¥à¤ à¤à¤¡à¤¼à¤¾ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤¾à¥¤ à¤à¤à¤ªà¤¾à¤°à¤¨ à¤à¤¼à¤¿à¤²à¥ à¤à¥ तà¥à¤¨ सà¥à¤¤à¤à¤ बिहार à¤à¥ à¤à¤à¤ªà¤¾à¤°à¤¨ à¤à¤¼à¤¿à¤²à¥ मà¥à¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ तà¥à¤¨ सà¥à¤¤à¤à¤ मिलतॠहà¥à¤- 1. राधिया à¤à¥ पास लà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤°à¤¾à¤°à¤¾à¤ मà¥à¤, 2. मठिया à¤à¥ पास लà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ नà¤à¤¦à¤¨à¤à¤¢à¤¼ मà¥à¤, 3. रमपà¥à¤°à¤µà¤¾ मà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨à¤®à¥à¤ सॠपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥à¤ पर à¤à¤¹ लà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ साà¤à¤à¥ सà¥à¤¤à¤à¤ यह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ मà¥à¤ à¤à¥à¤ªà¤¾à¤² à¤à¥ पास हà¥à¥¤ यहाठà¤à¤¾ सà¥à¤¤à¤à¤ à¤à¤à¤¡à¤¿à¤¤ à¤à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ मà¥à¤ हà¥à¥¤ सारनाथ सà¥à¤¤à¤à¤ सारनाथ सà¥à¤¤à¤à¤ वाराणसॠà¤à¥ पास हà¥à¥¤ यहाठसॠà¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤ à¤à¤à¥à¤¨ सà¥à¤¤à¤à¤ à¤à¤° सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ सिà¤à¤¹à¤¶à¥à¤°à¥à¤· मिला हà¥à¥¤ * à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ सà¥à¤¤à¤à¤à¤²à¥à¤ पà¥à¤²à¤¿à¤¶ à¤à¥ हà¥à¤ à¤à¥à¤²à¤¾à¤à¤¾à¤° सतह पर हà¥à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤£ à¤à¤§à¤¿à¤ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ à¤à¤° à¤à¤²à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤ हà¥à¤à¥¤ सà¤à¥ सà¥à¤¤à¤à¤à¥à¤ पर पà¥à¤°à¥à¤£ लà¥à¤ नहà¥à¤ मिलतà¥à¥¤ à¤à¥à¤ सà¥à¤¤à¤à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤ à¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤£ à¤à¤¨ पर à¤à¤à¤¡à¤¿à¤¤ लà¥à¤ हॠमिलतॠहà¥à¤, à¤à¥à¤¸à¥ à¤à¤¿ सारनाथ à¤à¤° साà¤à¤à¥ à¤à¥ सà¥à¤¤à¤à¤à¥à¤ पर। * à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥ लà¥à¤ शिलाà¤à¤ पर मिलतॠहà¥à¤, à¤à¤¨à¤à¥ लिठशिलाफलठशबà¥à¤¦ à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¥à¤ हà¥à¤ हà¥à¥¤ शिलाफलà¤à¥à¤ सॠयहाठà¤à¤°à¥à¤¥ à¤à¤à¥à¤à¤¾à¤¨à¥à¤ सॠहà¥à¥¤ à¤à¤¬ तठà¤à¥à¤µà¤² à¤à¤ हॠलà¥à¤ à¤à¤¸à¤¾ मिला हà¥, à¤à¥ à¤à¤²à¤ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤°-à¤à¤à¤¡ पर à¤à¤¤à¥à¤à¥à¤°à¥à¤£ हà¥à¥¤ यह शिलाफलठराà¤à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ मà¥à¤ à¤à¤¯à¤ªà¥à¤° à¤à¥ निà¤à¤ बà¥à¤°à¤¾à¤ सॠमिला था। à¤à¤¬ यह à¤à¤²à¤à¤¤à¥à¤¤à¤¾ à¤à¥ सà¤à¤à¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯, à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤ सà¥à¤¸à¤¾à¤¯à¤à¥ मà¥à¤ रà¤à¤¾ हà¥à¤ हà¥, à¤à¤¸à¤²à¤¿à¤ à¤à¤¸à¥ 'बà¥à¤°à¤¾à¤-à¤à¤²à¤à¤¤à¥à¤¤à¤¾ शिलालà¥à¤' à¤à¤¾ नाम दिया à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ शà¥à¤· सà¤à¥ शिलालà¥à¤ à¤à¤à¥à¤à¤¾à¤¨à¥à¤ पर à¤à¥à¤¦à¥ हà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨-à¤à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤ पर à¤à¥ à¤à¥ पà¥à¤°à¤®à¥à¤ à¤à¤à¥à¤à¤¾à¤¨ मिलà¥, à¤à¤¸ पर लà¥à¤ à¤à¤¤à¥à¤à¥à¤°à¥à¤£ à¤à¤° दिठà¤à¤à¥¤ लिà¤à¤¤à¥ समय सà¥à¤¤à¤à¤à¥à¤ à¤à¥ तरह à¤à¤à¥à¤à¤¾à¤¨à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¿à¤à¤¨à¤¾ à¤à¤°à¤¨à¥ à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ नहà¥à¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हà¥; सामानà¥à¤¯à¤¤: à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¥ सपाà¤-सॠपतà¥à¤¥à¤°-à¤à¤à¤¡ à¤à¥ à¤à¥à¤¨à¤à¤° à¤à¤¸ पर लà¥à¤ à¤à¥à¤¦à¤µà¤¾ दिठà¤à¤ हà¥à¤à¥¤ यहॠà¤à¤¾à¤°à¤£ हॠà¤à¤¿ सà¥à¤¤à¤à¤à¤²à¥à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤ªà¥à¤à¥à¤·à¤¾ शिलालà¥à¤ à¤à¥à¤ बà¥à¤¢à¤à¤à¥ à¤à¤¾à¤¨ पड़तॠहà¥à¤à¥¤ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ à¤à¥ लिठà¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ शिलालà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ दॠà¤à¤¾à¤à¥à¤ मà¥à¤ बाà¤à¤à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हà¥- 1. मà¥à¤à¥à¤¯ शिलालà¥à¤ या à¤à¤¤à¥à¤°à¥à¤¦à¤¶-शिलालà¥à¤ à¤à¤° 2. लà¤à¥-शिलालà¥à¤à¥¤ लà¤à¥-शिलालà¥à¤ लà¤à¥-शिलालà¥à¤ निमà¥à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤ पर पाठà¤à¤ हà¥à¤: 1. बà¥à¤°à¤¾à¤ : राà¤à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¥ à¤à¤¯à¤ªà¥à¤° à¤à¤¼à¤¿à¤²à¥ मà¥à¤à¥¤ यह शिलाफलठà¤à¤²à¤à¤¤à¥à¤¤à¤¾ सà¤à¤à¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ मà¥à¤ हà¥à¥¤ 2. रà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤¥: à¤à¤¬à¤²à¤ªà¥à¤° à¤à¤¿à¤²à¤¾, मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶à¥¤ 3. मसà¥à¤à¥ : रायà¤à¥à¤° à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤à¥¤ 4. à¤à¥à¤à¤°à¥à¤°à¤¾ : दतिया à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶à¥¤ 5. राà¤à¥à¤²à¤®à¤à¤¡à¤à¤¿à¤°à¤¿ : बलà¥à¤²à¤¾à¤°à¥ à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤à¥¤ 6. सहसराम : शाहाबाद à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, बिहार। 7. à¤à¤¾à¤§à¥à¤®à¤ : रायà¤à¥à¤° à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤à¥¤ 8. पलà¥à¤à¤¿à¤à¥à¤à¤¡à¥ : à¤à¤µà¥à¤®à¤ à¤à¥ पास, रायà¤à¥à¤° à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤à¥¤ 9. बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤à¤¿à¤°à¤¿ : à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¦à¥à¤°à¥à¤ à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤à¥¤ 10. सिदà¥à¤§à¤ªà¥à¤° : à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¦à¥à¤°à¥à¤ à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤à¥¤ 11. à¤à¤à¤¿à¤à¤à¤¾ रामà¥à¤¶à¥à¤µà¤° : à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¦à¥à¤°à¥à¤ à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤à¥¤ 12. à¤à¤°à¥à¤°à¤à¥à¤¡à¤¼à¥ : à¤à¤°à¥à¤¨à¥à¤² à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, à¤à¤à¤§à¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶à¥¤ 13. दिलà¥à¤²à¥ : à¤à¤®à¤° à¤à¥à¤²à¥à¤¨à¥, दिलà¥à¤²à¥à¥¤ 14. à¤à¤¹à¤°à¥à¤°à¤¾ : मिरà¥à¤à¤¾à¤ªà¥à¤° à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶à¥¤ * यॠसà¤à¥ लà¤à¥-शिलालà¥à¤ à¤à¤¶à¥à¤ नॠà¤à¤ªà¤¨à¥ राà¤à¤à¤°à¥à¤®à¤à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ सà¤à¤¬à¥à¤§à¤¿à¤¤ à¤à¤°à¤à¥ लिà¤à¤µà¤¾à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¶à¥à¤ नॠसबसॠपहलॠलà¤à¥-शिलालà¥à¤ हॠà¤à¥à¤¦à¤µà¤¾à¤ थà¥, à¤à¤¸à¤²à¤¿à¤ à¤à¤¨à¤à¥ शà¥à¤²à¥ à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤¨à¥à¤¯ लà¥à¤à¥à¤ सॠà¤à¥à¤ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ हà¥à¥¤ मà¥à¤à¥à¤¯ शिलालà¥à¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤°à¥à¤¦à¤¶-शिलालà¥à¤ या मà¥à¤à¥à¤¯ शिलालà¥à¤ निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤ पर पाठà¤à¤¾à¤¤à¥ हॠ: 1. à¤à¤¿à¤°à¤¨à¤¾à¤° : सà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤à¥à¤°, à¤à¥à¤à¤°à¤¾à¤¤ राà¤à¥à¤¯ मà¥à¤ à¤à¥à¤¨à¤¾à¤à¤¢à¤¼ à¤à¥ पास। à¤à¤¸à¥ à¤à¤à¥à¤à¤¾à¤¨ पर शठमहाà¤à¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤ª रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¦à¤¾à¤®à¤¨à¥ नॠलà¤à¤à¤ 150 à¤. मà¥à¤ सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ मà¥à¤ à¤à¤ लà¥à¤ à¤à¥à¤¦à¤µà¤¾à¤¯à¤¾à¥¤ बाद मà¥à¤ à¤à¥à¤ªà¥à¤¤-समà¥à¤°à¤¾à¤ सà¥à¤à¤à¤¦à¤à¥à¤ªà¥à¤¤ (455-67 à¤.) नॠà¤à¥ यहाठà¤à¤ लà¥à¤ à¤à¤à¤à¤¿à¤¤ à¤à¤°à¤µà¤¾à¤¯à¤¾à¥¤ à¤à¤à¤¦à¥à¤°à¤à¥à¤ªà¥à¤¤ मà¥à¤°à¥à¤¯ नॠयहाठ'सà¥à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨' नाम à¤à¥ à¤à¤ सरà¥à¤µà¤° à¤à¤¾ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ à¤à¤°à¤µà¤¾à¤¯à¤¾ था। रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¦à¤¾à¤®à¤¨ तथा सà¥à¤à¤à¤¦à¤à¥à¤ªà¥à¤¤ à¤à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤¸à¥ सà¥à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¨ सरà¥à¤µà¤° à¤à¥ पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¾à¤£ à¤à¥ à¤à¤°à¥à¤à¤¾ हà¥à¥¤ 2. à¤à¤¾à¤²à¤¸à¥ : दà¥à¤¹à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤¨ à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, à¤à¤¤à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤à¤à¤²à¥¤ 3. सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¤¾ : (पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ सà¥à¤ªà¥à¤ªà¤¾à¤°à¤) ठाणॠà¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, महाराषà¥à¤à¥à¤°à¥¤ यहाठसॠà¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ शिलालà¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤ à¤à¥à¤à¤¡à¤¼à¥ हॠमिलॠहà¥à¤, à¤à¥ मà¥à¤à¤¬à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¸ à¤à¤« वà¥à¤²à¥à¤¸ सà¤à¤à¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ मà¥à¤ रà¤à¥ हà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ 4. à¤à¤°à¥à¤°à¤à¥à¤¡à¤¼à¥ : à¤à¤°à¥à¤¨à¥à¤² à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, à¤à¤à¤§à¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ 5. धà¥à¤²à¥ : पà¥à¤°à¥ à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, à¤à¤¡à¤¼à¥à¤¸à¤¾ 6. à¤à¥à¤à¤¡à¤¼ : à¤à¤à¤à¤¾à¤® à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, à¤à¤¡à¤¼à¥à¤¸à¤¾ * à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¤²à¤¾à¤µà¤¾ à¤à¤°à¥à¤·à¥à¤ ॠलिपि मà¥à¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ दॠà¤à¤° à¤à¤¤à¥à¤°à¥à¤¦à¤¶-शिलालà¥à¤ शहबाà¤à¤à¤¢à¤¼à¥ (पà¥à¤¶à¤¾à¤µà¤° à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾) à¤à¤° मानसà¥à¤¹à¤°à¤¾ (हà¤à¤¼à¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾) मà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ यॠदà¥à¤¨à¥à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¤¬ पाà¤à¤¿à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ मà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ * शिलालà¥à¤à¥à¤ à¤à¤° सà¥à¤¤à¤à¤à¤²à¥à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤²à¤¾à¤µà¤¾ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ तà¥à¤¨ सà¤à¤à¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ à¤à¥à¤«à¤¼à¤¾à¤²à¥à¤ à¤à¥ मिलतॠहà¥à¤à¥¤ à¤à¤¯à¤¾ या बà¥à¤¦à¥à¤§à¤à¤¯à¤¾ à¤à¥ पास 'बराबर' नाम à¤à¥ पहाड़ॠपर à¤à¤¾à¤° à¤à¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤® à¤à¥à¤«à¤¼à¤¾à¤à¤ हà¥à¤à¥¤ पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤² मà¥à¤ यह पहाड़ॠà¤à¤²à¤¤à¤¿à¤ परà¥à¤µà¤¤ (सà¥à¤à¤²à¤¤à¤¿à¤) à¤à¥ नाम सॠà¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¤¾à¤¤à¥ थà¥à¥¤ à¤à¤ªà¤°à¥à¤¯à¥à¤à¥à¤¤ à¤à¤¾à¤° à¤à¥à¤«à¤¼à¤¾à¤à¤ मà¥à¤ सॠतà¥à¤¨ मà¥à¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ सà¤à¤à¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ लà¥à¤ à¤à¥à¤¦à¥ हà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨ लà¥à¤à¥à¤ सॠपता à¤à¤²à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ à¤à¤¶à¥à¤ नॠà¤à¤à¥à¤µà¤¿à¤ सà¤à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¿à¤à¥à¤·à¥à¤à¤ à¤à¥ लिठà¤à¤¨ à¤à¥à¤«à¤¼à¤¾à¤à¤ à¤à¤¾ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ à¤à¤°à¤µà¤¾à¤¯à¤¾ था। à¤à¤¨ à¤à¥à¤«à¤¼à¤¾à¤à¤ à¤à¥ पास à¤à¥ à¤à¥à¤¥à¥ à¤à¥à¤«à¤¼à¤¾ मà¥à¤ मà¥à¤à¤°à¤¿ राà¤à¤¾ à¤à¤¨à¤à¤¤à¤µà¤°à¥à¤®à¤¨ (à¤à¤ ॠशताबà¥à¤¦à¥ à¤.) à¤à¤¾ à¤à¤ शिलालà¥à¤ हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¥ पहाड़ॠपर, परà¤à¤¤à¥ à¤à¤¨ à¤à¥à¤«à¤¼à¤¾à¤à¤ सॠलà¤à¤à¤ à¤à¤ मà¥à¤² दà¥à¤°, नाà¤à¤¾à¤°à¥à¤à¥à¤¨ पहाड़ॠपर तà¥à¤¨ à¤à¥à¤«à¤¼à¤¾à¤à¤ à¤à¤° हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨à¤®à¥à¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ पà¥à¤¤à¥ 'दà¥à¤µà¤¾à¤¨à¤¾à¤à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯' दशरथ à¤à¥ लà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ यॠà¤à¥à¤«à¤¼à¤¾à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤à¥à¤µà¤¿à¤ सà¤à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¿à¤à¥à¤·à¥à¤à¤ à¤à¥ लिठबनाठà¤à¤ थà¥à¤à¥¤ * à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤ सà¥à¤¤à¤à¤à¤²à¥à¤ सॠपता à¤à¤²à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ à¤à¤¸à¤à¤¾ राà¤à¥à¤¯à¤à¤¿à¤·à¥à¤ (268 à¤.पà¥.) हà¥à¤¨à¥ à¤à¥ 12 साल बाद, à¤à¤°à¥à¤¥à¤¾à¤¤ 256 à¤.पà¥. सà¥, à¤à¤¸à¤¨à¥ धरà¥à¤®à¤²à¥à¤ à¤à¥à¤¦à¤µà¤¾à¤¨à¤¾ à¤à¤°à¤à¤ à¤à¤° दिया था। सबसॠपहलॠà¤à¤¸à¤¨à¥ लà¤à¥-शिलालà¥à¤ à¤à¥à¤¦à¤µà¤¾à¤ à¤à¤° à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤¨à¤à¤¤à¤° à¤à¤¤à¥à¤¦à¤°à¥à¤¶-शिलालà¥à¤à¥¤ तà¥à¤¨ à¤à¥à¤«à¤¼à¤¾à¤²à¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ सॠदॠà¤à¤¸à¤¨à¥ राà¤à¥à¤¯à¤à¤¿à¤·à¥à¤ à¤à¥ 12 वरà¥à¤· बाद à¤à¤° तà¥à¤¸à¤°à¤¾ लà¥à¤ राà¤à¥à¤¯à¤à¤¿à¤·à¥à¤ à¤à¥ 19 वरà¥à¤· बाद à¤à¥à¤¦à¤µà¤¾à¤¯à¤¾ था। लà¤à¥-सà¥à¤¤à¤à¤à¤²à¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥à¤ तिथि नहà¥à¤ मिलतà¥à¥¤ शà¥à¤· सà¥à¤¤à¤à¤à¤²à¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ सॠà¤à¥à¤ à¤à¤¸à¤¨à¥ शासन à¤à¥ 21वà¥à¤ वरà¥à¤· मà¥à¤, à¤à¥à¤ 27वà¥à¤ तथा 28वà¥à¤ वरà¥à¤· मà¥à¤ à¤à¥à¤¦à¤µà¤¾à¤ थà¥à¥¤ * à¤à¤¸ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°, à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ लà¥à¤à¥à¤ सॠà¤à¤®-सà¥-à¤à¤® 15 सॠ20 सालà¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤à¤¤à¤° हà¥à¥¤ फिर à¤à¥, à¤à¤¨ सारॠलà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ लà¥à¤à¤¨-शà¥à¤²à¥ मà¥à¤ à¤à¥à¤ विशà¥à¤· à¤à¤à¤¤à¤° नहà¥à¤ दिà¤à¤¾à¤ दà¥à¤¤à¤¾, सिवा à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤¿ शिलालà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤ªà¥à¤à¥à¤·à¤¾ सà¥à¤¤à¤à¤à¤²à¥à¤ à¤à¥à¤ à¤à¤§à¤¿à¤ à¤à¤à¥à¤à¥ लिà¤à¥ à¤à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¸à¤²à¤¿à¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¥ à¤à¤à¥à¤·à¤°à¥à¤ à¤à¥ हम à¤à¥à¤ सà¥à¤¦à¥à¤¢à¤¼ तिथिà¤à¤¤ à¤à¤§à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ नहà¥à¤ à¤à¤° सà¤à¤¤à¥à¥¤ à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ à¤à¤° दà¤à¥à¤·à¤¿à¤£à¥ à¤à¥à¤¸à¥ शà¥à¤²à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ विà¤à¤¾à¤à¤¿à¤¤ à¤à¤°à¤¨à¤¾ à¤à¥ à¤à¤à¤¿à¤¤ नहà¥à¤ à¤à¤¾à¤¨ पड़ता। à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤à¤¿à¤²à¥à¤à¥à¤ à¤à¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤ पर विà¤à¤¾à¤° à¤à¤°à¤¨à¥ सॠसà¥à¤ªà¤·à¥à¤ हॠà¤à¤¾à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ à¤à¤¹à¤¾à¤-à¤à¤¹à¤¾à¤ à¤à¥ à¤à¤¸à¤à¥ राà¤à¥à¤¯ मà¥à¤ राà¤à¤®à¤¾à¤°à¥à¤ à¤à¤, वहाठà¤à¤¸à¤à¥ धरà¥à¤®à¤²à¥à¤à¥à¤ à¤à¥ साथ 'लिपिà¤à¤°' पहà¥à¤à¤à¥ à¤à¤° बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¥ पहà¥à¤à¤à¥à¥¤ पशà¥à¤à¤¿à¤®à¥à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ à¤à¥à¤µà¤² दॠशिलालà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤¡à¤¼à¤à¤° à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ बाà¤à¥ सà¤à¥ लà¥à¤ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि मà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ * तà¤à¥à¤·à¤¶à¤¿à¤²à¤¾ सॠमिलॠà¤à¤°à¤®à¥à¤ लिपि à¤à¥ à¤à¤ लà¥à¤ à¤à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¾ मानतॠहà¥à¤à¥¤ à¤à¤¸à¥ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°, यà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥ à¤à¤° à¤à¤°à¤®à¥à¤ लिपियà¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤ दà¥à¤µà¥à¤à¤¾à¤·à¤¿à¤ लà¥à¤ (शारà¤-à¤à¥à¤¨à¤¾, à¤à¤à¤¦à¤¹à¤¾à¤°, à¤à¤«à¤¼à¤à¤¼à¤¾à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ सà¥) मिला हà¥à¤, à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤ªà¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤ à¤à¥ राय मà¥à¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¸ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤° हम दà¥à¤à¤¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤¿ पशà¥à¤à¤¿à¤®à¥à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ मà¥à¤ à¤à¤°à¥à¤·à¥à¤ à¥, à¤à¤°à¤®à¥à¤ तथा यà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥ लिपियà¥à¤ à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤° हà¥à¤¨à¥ सॠà¤à¤¶à¥à¤ नॠà¤à¤ªà¤¨à¥ धरà¥à¤®à¤²à¥à¤à¥à¤ à¤à¥ लठà¤à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤¯ लिपियà¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤¸à¥à¤¤à¥à¤®à¤¾à¤² à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¤¸à¥ सहठहॠयह निषà¥à¤à¤°à¥à¤· निà¤à¤²à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ यदि à¤à¤¸ समय à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ à¤à¤¨à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤¯ लिपियà¥à¤ à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤° हà¥à¤¤à¤¾, तॠà¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤ªà¤¨à¥ लà¥à¤ à¤à¤¨à¤®à¥à¤ à¤à¥à¤¦à¤µà¤¾à¤¤à¤¾à¥¤ à¤à¤¿à¤à¤¤à¥ हम दà¥à¤à¤¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤¿ पशà¥à¤à¤¿à¤®à¥à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ à¤à¤²à¤¾à¤µà¤¾ शà¥à¤· समà¥à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¸à¤à¥ लà¥à¤ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि मà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ यहॠनहà¥à¤, à¤à¤¸ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¥ सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª मà¥à¤ à¤à¥à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤¶à¤¿à¤ à¤à¤à¤¤à¤° दà¥à¤à¤¨à¥ मà¥à¤ नहà¥à¤ à¤à¤¤à¥à¥¤ à¤à¤¸à¤¸à¥ यह परिणाम निà¤à¤²à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ समय मà¥à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¯: सà¤à¤ªà¥à¤°à¥à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· मà¥à¤ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° था à¤à¤° साधारण à¤à¤¨à¤¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¸ लिपि à¤à¥ पढ़-लिठसà¤à¤¤à¥ थà¥à¥¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ लà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ सारà¥à¤µà¤¦à¥à¤¶à¤¿à¤à¤¤à¤¾ à¤à¤¾ पता à¤à¤¸ बात सॠà¤à¥ à¤à¤²à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ à¤à¤¸à¤¨à¥ à¤à¤ªà¤¨à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ सरà¥à¤µà¤¤à¥à¤° à¤à¤¸ समय à¤à¥ बà¥à¤²à¤à¤¾à¤² à¤à¥ पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¥à¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¸ पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¤ या पालि मà¥à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤à¤¤-à¤à¥à¤¦ à¤à¥ à¤à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° थà¥à¤¡à¤¼à¤¾-सा à¤à¤à¤¤à¤° à¤à¤¼à¤°à¥à¤° दà¥à¤·à¥à¤à¤¿à¤à¤¤ हà¥à¤¤à¤¾ हà¥, परà¤à¤¤à¥ हॠयह पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ हà¥à¥¤ * à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ 'लिपिà¤à¤°' या 'दिपिà¤à¤°' शबà¥à¤¦ मिलतॠहà¥à¤; à¤à¤¨à¤à¥ साथ 'लिà¤à¤¿à¤¤à¥' 'लà¥à¤à¤¿à¤¤à¥' à¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤ à¤à¥ मिलतॠहà¥à¤à¥¤ शहबाà¤à¤à¤¢à¤¼à¥ à¤à¥ à¤à¤°à¥à¤·à¥à¤ ॠलà¥à¤ मà¥à¤ 'निपिसà¥à¤¤à¤®à¥' या 'निपà¥à¤¸à¤¿à¤¤à¤®à¥' à¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¾ à¤à¤¸à¥à¤¤à¥à¤®à¤¾à¤² à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ यॠà¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤ 'नि-पिसà¥' à¤à¤°à¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ 'लिà¤à¤¨à¤¾' धातॠसॠबनॠहà¥à¤à¥¤ à¤à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤ फ़ारसॠमà¥à¤ à¤à¥ लà¥à¤ à¤à¥ लिठ'नविशà¥à¤¤à¤¾' शबà¥à¤¦ à¤à¤¾ à¤à¤ªà¤¯à¥à¤ हà¥à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ दारयवà¥à¤¶ (डà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¸) à¤à¥ बà¥à¤¹à¤¿à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¨-लà¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥ 'दिपि' (लिपि) शबà¥à¤¦ मिलता हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¤²à¤¿à¤ 'लिपिà¤à¤°' या 'दिपिà¤à¤°' शबà¥à¤¦ à¤à¥ हम 'लà¥à¤à¤' à¤à¥ à¤à¤°à¥à¤¥ मà¥à¤ लॠसà¤à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ * à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤¦à¤¹à¤µà¥à¤ à¤à¤°à¥à¤¥à¤¾à¤¤ à¤à¤à¤¤à¤¿à¤® शिलालà¥à¤ सॠà¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤¨ लà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ विषय मà¥à¤ à¤à¥à¤ à¤à¤¾à¤¨à¤à¤¾à¤°à¥ मिलतॠहà¥à¥¤ à¤à¤¿à¤°à¤¨à¤¾à¤° à¤à¤¾ à¤à¥à¤¦à¤¹à¤µà¤¾à¤ शिलालà¥à¤ हà¥: à¤à¤¯à¤ धà¤à¤®à¤²à¤¿à¤ªà¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤¨à¤à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤¸à¤¿à¤¨à¤¾ राà¤à¤¾ लà¥à¤à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¤¸à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤µ सà¤à¤à¤¿à¤¤à¥à¤¨ à¤à¤¸à¥à¤¤à¤¿ मà¤à¤®à¥à¤¨ à¤à¤¸à¥à¤¤à¤¿ विसà¥à¤¤à¤¤à¤¨ (.) न ठसरà¥à¤µà¤ सरà¥à¤µà¤¤ à¤à¤à¤¿à¤¤à¤ (.) महालà¤à¥ हि विà¤à¤¿à¤¤à¤ बहॠठलिà¤à¤¿à¤¤à¤ लिà¤à¤¾à¤ªà¤¯à¤¿à¤¸à¤ à¤à¥à¤µ (.) à¤à¤¸à¥à¤¤à¤¿ ठà¤à¤¤ à¤à¤ पà¥à¤¨ वà¥à¤¤à¤ तस तस à¤à¤¥à¤¸ माधà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤¯ à¤à¤¿à¤à¤¤à¤¿ à¤à¤¨à¥ तथा पà¤à¤¿à¤ªà¤à¥à¤¥ (.) ततà¥à¤° à¤à¤à¤¦à¤¾ à¤à¤¸à¤®à¤¾à¤¤à¤ à¤à¤¸ दà¥à¤¸à¤ व सà¤à¤¾à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤£à¤ व à¤à¤²à¥à¤à¥à¤¤à¥à¤µà¤¾ लिपिà¤à¤°à¤¾à¤ªà¤°à¤§à¥à¤¨ व à¤à¤°à¥à¤¥à¤¾à¤¤ यॠधरà¥à¤®à¤²à¥à¤ दà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤°à¥à¤¶à¥ राà¤à¤¾ नॠलिà¤à¤µà¤¾à¤ हà¥à¤à¥¤ (यॠलà¥à¤) à¤à¤¹à¥à¤ सà¤à¤à¥à¤·à¥à¤ª मà¥à¤, à¤à¤¹à¥à¤ मधà¥à¤¯à¤® रà¥à¤ª मà¥à¤ à¤à¤° à¤à¤¹à¥à¤ विसà¥à¤¤à¥à¤¤ रà¥à¤ª मà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¥à¤¯à¥à¤à¤à¤¿ सब à¤à¤à¤¹ सब बातà¥à¤ लाà¤à¥ नहà¥à¤ हà¥à¤¤à¥à¤ (à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¤¿à¤¸à¥ नॠà¤à¤¸à¤à¤¾ à¤à¤°à¥à¤¥ 'सब à¤à¤à¤¹ सब बातà¥à¤ या सब लà¥à¤ नहà¥à¤ लिà¤à¥ à¤à¤ हà¥', à¤à¥ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हà¥)। मà¥à¤°à¤¾ राà¤à¥à¤¯ बहà¥à¤¤ विसà¥à¤¤à¥à¤¤ हà¥, à¤à¤¸à¤²à¤¿à¤ बहà¥à¤¤-सॠ(लà¥à¤) लिà¤à¤µà¤¾à¤ à¤à¤ हà¥à¤ à¤à¤° बहà¥à¤¤-सॠलà¤à¤¾à¤¤à¤¾à¤° लिà¤à¤µà¤¾à¤ à¤à¤¾à¤à¤à¤à¥à¥¤ à¤à¤¹à¥à¤-à¤à¤¹à¥à¤ विषय à¤à¥ रà¥à¤à¤à¤¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤£ à¤à¤ हॠबात बार-बार à¤à¤¹à¥ à¤à¤ हà¥, à¤à¤¿à¤¸à¤¸à¥ à¤à¤¿ लà¥à¤ à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤à¤°à¤£ à¤à¤°à¥à¤à¥¤ à¤à¤¨ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤ à¤à¤ªà¥à¤°à¥à¤£ लिà¤à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हॠà¤à¤¸à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤£ दà¥à¤¶-à¤à¥à¤¦, सà¤à¤à¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ लà¥à¤ या लिà¤à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤²à¥ à¤à¤¾ à¤à¤ªà¤°à¤¾à¤§ समà¤à¤¨à¤¾ à¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤à¥¤ * लà¥à¤à¤¿à¤¨ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤à¤¿à¤²à¥à¤à¥à¤ सॠयह बात पता नहà¥à¤ à¤à¤²à¤¤à¥ à¤à¤¿ यॠशिलालà¥à¤ à¤à¤¿à¤¸ विधि सॠà¤à¥à¤¦à¤µà¤¾à¤ à¤à¤à¥¤ à¤à¤¸à¤¾ लà¤à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ लà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤¦à¤µà¤¾à¤¨à¥ à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤® दॠसà¥à¤¤à¤°à¥à¤ मà¥à¤ पà¥à¤°à¤¾ हà¥à¤¤à¤¾ था। 'लिपिà¤à¤°' à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤® पतà¥à¤¥à¤° पर लà¥à¤ à¤à¥ लिठदà¥à¤¨à¥ तठसà¥à¤®à¤¿à¤¤ था। लà¥à¤ à¤à¥à¤¦à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤²à¤¾ à¤à¥à¤ दà¥à¤¸à¤°à¤¾ हॠपà¥à¤¶à¥à¤µà¤° वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿ (शिलà¥à¤ªà¥) हà¥à¤¤à¤¾ था। हमारॠपà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ साहितà¥à¤¯ मà¥à¤ à¤à¥à¤¦à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¥ लिठ'à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¦à¤¤à¤¿' शबà¥à¤¦ मिलता हà¥, à¤à¥ 'à¤à¤¿à¤¦à¥' धातॠसॠबना हà¥à¥¤ 'लिपिà¤à¤°' या लà¥à¤à¤ à¤à¤¿à¤¸à¥ पतà¥à¤¥à¤° पर पहलॠà¤à¥à¤¨à¤¾-पतà¥à¤¥à¤° या à¤à¥à¤¯à¤²à¥ सॠà¤à¤à¥à¤·à¤°à¥ à¤à¥ लिà¤à¤¤à¤¾ था, à¤à¤° बाद मà¥à¤ à¤à¥à¤¦à¤¨à¥ à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤® à¤à¤°à¤¨à¥ वाला (शिलà¥à¤ªà¥) à¤à¤¨ à¤à¤à¥à¤·à¤°à¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤¨à¥à¤¸à¤°à¤£ à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤ पतà¥à¤¥à¤° पर à¤à¤à¥à¤·à¤° à¤à¥à¤¦à¤¤à¤¾ था। à¤à¤à¥à¤·à¤°à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤à¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤à¤¾à¤° à¤à¥ लिठ'लिपिà¤à¤°' हॠà¤à¤¿à¤®à¥à¤®à¥à¤µà¤¾à¤° हà¥à¤¤à¤¾ था, परà¤à¤¤à¥ à¤à¥à¤¦à¤¤à¥ समय à¤à¤à¥à¤·à¤°à¥ à¤à¥ à¤à¤à¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤à¤¾à¤° मà¥à¤ यतà¥à¤à¤¿à¤à¤à¤¿à¤¤à¥ फ़रà¥à¤à¤¼ पड़ना सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤ हà¥à¥¤ वसà¥à¤¤à¥à¤¤: लà¥à¤ à¤à¥à¤¦à¤¨à¥ वालॠà¤à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¥à¤£ था। à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ लà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤à¥à¤·à¤°à¥à¤ à¤à¥ रà¥à¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ मà¥à¤à¤¾à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¾à¤¯: à¤à¤-सॠदà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ मिलतॠहॠà¤à¥à¤¯à¥à¤à¤à¤¿ à¤à¤¿à¤¸ à¤à¤¡à¤¼à¤¿à¤¯à¤¾ सॠलिपिà¤à¤° नॠपतà¥à¤¥à¤°à¥à¤ पर à¤à¤à¥à¤·à¤° लिà¤à¥ हà¥à¤à¤à¥, वह à¤à¤¸à¥ रहॠहà¥à¤à¥ à¤à¤¿ à¤à¤à¥à¤·à¤° समान मà¥à¤à¤¾à¤ à¤à¥ बनà¥à¤à¥¤ à¤à¥à¤¦à¤¨à¥ वालॠनॠलà¥à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤à¥à¤·à¤°à¥à¤ à¤à¤¾ हॠà¤à¤¨à¥à¤¸à¤°à¤£ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ बाद à¤à¥ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ à¤à¤à¤¿à¤²à¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤¿à¤¸ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤° à¤à¤à¥à¤·à¤°à¥à¤ à¤à¥ सिरà¥à¤ पर हमà¥à¤ à¤à¥à¤à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤ दिà¤à¤¾à¤ दà¥à¤¤à¥ हà¥à¤, वà¥à¤¸à¥ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ नहà¥à¤ मिलतà¥à¤à¥¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ शिलालà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤à¥à¤·à¤°à¥ à¤à¥ à¤à¤¡à¤¼à¥ रà¥à¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ लà¤à¤¬à¤¾à¤ à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¤¡à¤¼à¥ रà¥à¤à¤¾à¤à¤ सॠसामानà¥à¤¯à¤¤: दà¥à¤à¥à¤¨à¥ दà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ मिलतॠहà¥à¥¤ परà¤à¤¤à¥ à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¥ शिलालà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ यह लà¤à¤¬à¤¾à¤ दà¥à¤à¤¨à¥ सॠà¤à¥à¤ à¤à¤§à¤¿à¤ à¤à¤° à¤à¤²à¤¾à¤¹à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ à¤à¥à¤¸à¤® सà¥à¤¤à¤à¤à¤²à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¨à¥ सॠà¤à¥à¤ à¤à¤® दिà¤à¤¾à¤ दà¥à¤¤à¥ हà¥à¥¤ * à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥à¤µà¤² à¤à¤¹ मà¥à¤² सà¥à¤µà¤°à¥à¤ à¤à¥ सà¤à¤à¥à¤¤ पाठà¤à¤¾à¤¤à¥ हà¥à¤- 'à¤' , 'à¤', 'à¤', 'à¤', 'à¤' à¤à¤° 'à¤'। à¤à¤¨à¤®à¥à¤ 'à¤' à¤à¤µà¤ 'लà¥' तथा à¤à¤¨à¤à¥ दà¥à¤°à¥à¤ रà¥à¤ªà¥à¤ à¤à¥ लिठà¤à¤à¥à¤·à¤° नहà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨à¤®à¥à¤ 'à¤' , 'à¤', 'à¤' तथा 'à¤' à¤à¥ मà¥à¤² सà¥à¤µà¤°à¥à¤ à¤à¥ लिठà¤à¥ à¤à¤à¥à¤·à¤° नहà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ वà¥à¤¯à¤à¤¨à¥à¤ à¤à¥ साथ à¤à¥à¤¡à¤¼à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤²à¥ सà¥à¤µà¤°à¥à¤ à¤à¥ मातà¥à¤°à¤¾à¤à¤ à¤à¥ रà¥à¤ª मà¥à¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥à¤µà¤² 'à¤', 'à¤', 'à¤', 'à¤', 'à¤' तथा 'à¤' à¤à¥ मातà¥à¤°à¤¾à¤à¤ मिलतॠहà¥à¤à¥¤ 'à¤' à¤à¥ सà¥à¤µà¤¤à¤à¤¤à¥à¤° सà¥à¤µà¤°-सà¤à¤à¥à¤¤ या वà¥à¤¯à¤à¤à¤¨à¥à¤ à¤à¥ साथ लà¤à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤²à¥ à¤à¤¸à¤à¥ मातà¥à¤°à¤¾ à¤à¥ लिठà¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ लिà¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥à¤ à¤à¤¿à¤¹à¥à¤¨ नहà¥à¤ दà¥à¤à¤¨à¥ मà¥à¤ à¤à¤¤à¤¾à¤«à¥¤ à¤à¤¨à¥à¤¸à¥à¤µà¤¾à¤° à¤à¥ लिठà¤à¤ बिà¤à¤¦à¥ (à¤) à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¥à¤ हà¥à¤ हà¥, à¤à¥ पà¥à¤°à¤¾à¤¯: à¤à¤à¥à¤·à¤° à¤à¥ दाहिनॠà¤à¤° à¤à¥à¤ à¤à¤ªà¤° रà¤à¤¾ à¤à¤¾à¤¤à¤¾ था। विसरà¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤¿à¤¹à¥à¤¨ (:) à¤à¥ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¿à¤¸à¥ लà¥à¤ मà¥à¤ नहà¥à¤ पाया à¤à¤¾à¤¤à¤¾à¥¤ * à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ 33 वà¥à¤¯à¤à¤à¤¨à¥à¤ à¤à¥ लिठà¤à¤à¥à¤·à¤°-सà¤à¤à¥à¤¤ हà¥à¤ : ठठठठय र ल व ठठठठठश ष स ह ठठड ढ ण ड़ (ळ) त थ द ध न प फ ब ठम बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¥ à¤à¤à¥à¤·à¤° बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ वà¥à¤¯à¤à¤à¤¨à¥à¤ à¤à¥ साथ सà¥à¤µà¤°-मातà¥à¤°à¤¾à¤à¤ à¤à¥à¤¡à¤¼à¤¨à¥ à¤à¥ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¤¨ सà¤à¥ वà¥à¤¯à¤à¤à¤¨à¥à¤ मà¥à¤ 'à¤' सà¥à¤µà¤° निहित हà¥, à¤à¤°à¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ यॠसà¥à¤µà¤°à¤¾à¤à¤¤ हà¥à¤, हलà¤à¤¤ नहà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ यहाठपर पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥à¤ à¤à¤à¥à¤·à¤° à¤à¥ विशà¥à¤·à¤¤à¤¾ à¤à¥ वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤ à¤à¤°à¤¨à¤¾ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤£ à¤à¥ à¤à¤ िनाà¤à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤£ सà¤à¤à¤µ नहà¥à¤ हà¥à¥¤ फिर à¤à¥ हम मà¥à¤à¥ तà¥à¤° पर à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ लà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤à¥à¤·à¤°à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤ विशà¥à¤·à¤¤à¤¾à¤à¤ पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¶ डालà¥à¤à¤à¥à¥¤ 'à¤' à¤à¥à¤¡à¤¼ à¤à¥ à¤à¤¿à¤¹à¥à¤¨-सा 'à¤à¥à¤°à¥à¤¸' à¤à¥ तरह à¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¥ लà¥à¤ मà¥à¤ 'à¤' à¤à¥ लिठसà¤à¤à¥à¤¤ नहà¥à¤ मिलता। à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ सà¤à¥ à¤à¤·à¥à¤®à¤¾ वà¥à¤¯à¤à¤à¤¨ मिलतॠहà¥à¤, परà¤à¤¤à¥ à¤à¤¨à¤®à¥à¤ सॠ'स' à¤à¤¾ हॠसरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤ पà¥à¤°à¤¯à¥à¤ दà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ मिलता हà¥à¥¤ 'श' à¤à¤° 'ष' à¤à¤¾à¤²à¤¸à¥ à¤à¥ शिलालà¥à¤ मà¥à¤ मिलतॠहà¥à¤à¥¤ 'श' à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥ हà¥à¥¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤°à¥à¤·à¥à¤ ॠलà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥ 'श', 'ष' तथा 'स' à¤à¥ लिठà¤à¤à¥à¤·à¤° हà¥à¤à¥¤ सà¥à¤¤à¤à¤à¤²à¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ 'ड़' ('ळà¥') à¤à¥ लिठà¤à¤à¥à¤·à¤° मिलता हà¥à¥¤ à¤à¤³à¥à¤, दळि à¤à¥à¤¸à¥ पशà¥à¤µà¤¾à¤à¤ शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤¸ à¤à¤à¥à¤·à¤° à¤à¤¾ à¤à¤ªà¤¯à¥à¤ दà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ मिलता हà¥à¥¤ * सà¤à¤¯à¥à¤à¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤à¤à¤¨à¥à¤ à¤à¥ लिà¤à¤¤à¥ समय à¤à¤§à¤¿à¤à¤¤à¤° पहलॠà¤à¤à¥à¤à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ वà¥à¤¯à¤à¤à¤¨ à¤à¥ à¤à¤ªà¤° à¤à¤° बाद मà¥à¤ à¤à¤à¥à¤à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ वà¥à¤¯à¤à¤à¤¨ à¤à¥ à¤à¤¸à¤à¥ नà¥à¤à¥ लिà¤à¤¾ à¤à¤¾à¤¤à¤¾ था। परà¤à¤¤à¥ à¤à¤¹à¥à¤-à¤à¤¹à¥à¤ यह à¤à¥ दà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ मिलता हॠà¤à¤¿ बाद मà¥à¤ à¤à¤à¥à¤à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ वà¥à¤¯à¤à¤à¤¨ à¤à¤ªà¤° लिà¤à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हॠà¤à¤° पहलॠà¤à¤à¥à¤à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ वà¥à¤¯à¤à¤à¤¨ à¤à¤¸à¤à¥ नà¥à¤à¥ हà¥à¥¤ वसà¥à¤¤à¥à¤¤: यह लिà¤à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤²à¥ à¤à¥ à¤à¤¼à¤²à¤¤à¥ à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤£ हà¥à¤ हॠà¤à¤° à¤à¤¸à¤¸à¥ यहॠपता à¤à¤²à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ 'लिपिà¤à¤°' या लà¥à¤à¤ शà¥à¤¦à¥à¤§ लिà¤à¤¨à¤¾ नहà¥à¤ à¤à¤¾à¤¨à¤¤à¥ थà¥à¥¤ à¤à¤¦à¤¾à¤¹à¤°à¤£ à¤à¥ लिà¤, à¤à¤¿à¤°à¤¨à¤¾à¤° à¤à¥ लà¥à¤ मà¥à¤ 'वà¥à¤¯' à¤à¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर 'यà¥à¤µ' लिà¤à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ 'र' à¤à¥ लिठबà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि मà¥à¤ à¤à¤ लहरदार à¤à¤¡à¤¼à¥ लà¤à¥à¤° à¤à¤¾ à¤à¤¿à¤¹à¥à¤¨ हà¥à¥¤ à¤à¤¬ यह 'र' à¤à¤à¥à¤·à¤° à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¤¨à¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤à¤à¤¨ à¤à¥ साथ सà¤à¤¯à¥à¤à¥à¤¤à¤¾à¤à¥à¤·à¤° à¤à¥ रà¥à¤ª मà¥à¤ à¤à¤¤à¤¾ हà¥, तॠसामानà¥à¤¯à¤¤: 'र' à¤à¤¾ à¤à¤à¥à¤·à¤° सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ रà¥à¤ª सॠà¤à¤ªà¤° रहता हॠà¤à¤° दà¥à¤¸à¤°à¤¾ वà¥à¤¯à¤à¤à¤¨à¤¾à¤à¥à¤·à¤° à¤à¥à¤ à¤à¥à¤à¥ à¤à¤à¤¾à¤° मà¥à¤ नà¥à¤à¥ रहता हà¥à¥¤ à¤à¤¸ नियम à¤à¥ à¤à¤ªà¤µà¤¾à¤¦ à¤à¥ मिलतॠहà¥à¤, à¤à¤° à¤à¤¸à¤²à¤¿à¤ à¤à¤ हॠसà¤à¤¯à¥à¤à¥à¤¤à¤¾à¤à¥à¤·à¤° à¤à¥ 'सà¥à¤¤à¥à¤°' या 'रà¥à¤¸' तथा 'वà¥à¤°' या 'रà¥à¤µ' पढ़ा à¤à¤¾à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ समय मà¥à¤ 'रà¥' (रà¥à¤«) à¤à¥ धारणा à¤à¤¾ à¤à¤à¥ पà¥à¤°à¥à¤£ विà¤à¤¾à¤¸ नहà¥à¤ हà¥à¤ था। à¤à¤¸à¤² मà¥à¤, सà¤à¤¯à¥à¤à¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤à¤à¤¨à¥à¤ मà¥à¤ पहलॠà¤à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤²à¥ रॠ(रà¥à¤«) à¤à¤° बाद मà¥à¤ à¤à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤²à¥ र à¤à¤¾ à¤à¥à¤¦ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ लिपिà¤à¤° सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ रà¥à¤ª सॠनहà¥à¤ à¤à¤¾à¤¨à¤¤à¥ थà¥à¥¤ à¤à¤ à¤à¥ न à¤à¥à¤µà¤² à¤à¥à¤à¥ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥, बलà¥à¤à¤¿ पढ़à¥-लिà¤à¥ वयसà¥à¤ à¤à¥ 'पà¥à¤¨à¤°à¥à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤' à¤à¥ 'पà¥à¤°à¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤', 'à¤à¤¶à¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤¦' à¤à¥ 'à¤à¤°à¥à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¦' à¤à¤¦à¤¿ लिठà¤à¤¾à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ * à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ विरामà¤à¤¿à¤¹à¥à¤¨à¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤ªà¤¯à¥à¤ à¤à¤ªà¤µà¤¾à¤¦ रà¥à¤ª मà¥à¤ हॠमिलता हà¥à¥¤ सà¥à¤¤à¤à¤à¤²à¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ शबà¥à¤¦à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤ à¤à¥à¤ à¤à¤à¤¤à¤° दिà¤à¤¾à¤ दà¥à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¥à¤ à¤à¤¨à¥à¤¯ शिलालà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ शबà¥à¤¦à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤ à¤à¤à¥-à¤à¤à¥ à¤à¤à¤¤à¤° रà¤à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ परà¤à¤¤à¥ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ सà¤à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ शबà¥à¤¦à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ à¤à¤à¤¤à¤° दिया à¤à¤¯à¤¾ हà¥, à¤à¤¸à¥ बात नहà¥à¤ हà¥à¥¤ à¤à¥à¤ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ पà¥à¤°à¥à¤£-विराम à¤à¥ रà¥à¤ª मà¥à¤ दà¤à¤¡à¤à¤¿à¤¹à¥à¤¨ (।) à¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¸à¥à¤¤à¥à¤®à¤¾à¤² दà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ मिलता हà¥; à¤à¥à¤¸à¥, सहसराम à¤à¥ लà¤à¥-शिलालà¥à¤ मà¥à¤à¥¤ * à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥à¤ à¤à¤à¥à¤·à¤° à¤à¤à¥-à¤à¤à¥ à¤à¤²à¤à¥ लिà¤à¥ हà¥à¤ à¤à¥ मिलतॠहà¥à¤à¥¤ à¤à¤¸à¥ à¤à¤à¥à¤·à¤° हà¥à¤ : 'à¤' 'à¤' à¤à¤° 'नà¥'। वà¥à¤¸à¥, à¤à¤¨ शिलालà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤¦à¤¤à¥ समय à¤à¤¾à¤«à¤¼à¥ सावधानॠबरतॠà¤à¤ थà¥à¥¤ लà¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤¦ à¤à¤¾à¤¨à¥ पर à¤à¤¸à¥ पà¥à¤¨: शà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¥ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤¤à¤¾ था। दà¥à¤à¤¨à¥ मà¥à¤ à¤à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ à¤à¥à¤ à¤à¤à¤¹ à¤à¥à¤² सॠà¤à¥à¤ à¤à¤ à¤à¤à¥à¤·à¤° à¤à¥ पà¥à¤¨: लिà¤à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हॠà¤à¤° à¤à¤¶à¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¤à¥à¤·à¤° à¤à¥ मिà¤à¤¾ दिया à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ यह सहॠहॠà¤à¤¿ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¥ à¤à¤ à¤à¤à¥à¤·à¤°à¥à¤ à¤à¥ दà¥-दà¥, तà¥à¤¨-तà¥à¤¨ रà¥à¤ª दà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ मिलतॠहà¥à¤, à¤à¤¿à¤à¤¤à¥ यह पà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤¶à¤¿à¤ à¤à¤à¤¤à¤° नहà¥à¤ हà¥à¥¤ à¤à¤à¤¤ मà¥à¤ हम यहॠà¤à¤¹à¥à¤à¤à¥ à¤à¤¿ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ यॠधरà¥à¤®à¤²à¥à¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥ à¤à¤®à¥à¤²à¥à¤¯ निधि हà¥à¤à¥¤ à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¾à¤¯: सà¤à¥ लिपियाà¤, à¤à¤° विदà¥à¤¶à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥ बहà¥à¤¤-सॠलिपियाà¤, à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ लà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¸ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ à¤à¥ à¤à¤ªà¤¨à¥ à¤à¤¨à¤¨à¥ मान सà¤à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ सà¤à¤¸à¤¾à¤° à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ मà¥à¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤¡à¤¼à¤à¤° à¤à¤¨à¥à¤¯ à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¥ शासठनॠà¤à¤¤à¤¨à¥ विशाल सà¥à¤¤à¤° पर नà¥à¤¤à¤¿à¤ à¤à¤µà¤ धारà¥à¤®à¤¿à¤ लà¥à¤ नहà¥à¤ à¤à¥à¤¦à¤µà¤¾à¤ हà¥à¤à¥¤ यहाठहम à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤ नमà¥à¤¨à¥ दॠरहॠहà¥à¤- लिपà¥à¤¯à¤à¤¤à¤° à¤à¤° à¤à¤°à¥à¤¥-सहित। बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि रà¥à¤®à¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¦à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¶à¥à¤-सà¥à¤¤à¤à¤ पर à¤à¤¼à¥à¤¦à¤¾ हà¥à¤ यह लà¥à¤ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि मà¥à¤ हॠà¤à¤° बाà¤à¤ à¤à¤° सॠदाà¤à¤ à¤à¤° à¤à¥ पढ़ा à¤à¤¾à¤¤à¤¾ हॠ: लिपà¥à¤¯à¤à¤¤à¤° 1. दà¥à¤µà¤¾à¤¨à¤ पियà¥à¤¨ पियदसिन लाà¤à¤¿à¤¨ वà¥à¤¸à¤¤à¤¿à¤µà¤¸à¤¾à¤à¤¿à¤¸à¤¿à¤¤à¥à¤¨ 2. à¤à¤¤à¤¨ à¤à¤à¤¾à¤ महà¥à¤¯à¤¿à¤¤à¥ हिद बà¥à¤§à¥ à¤à¤¾à¤¤à¥ सà¤à¥à¤¯à¤®à¥à¤¨à¥à¤¤à¤¿ 3. सिलाविà¤à¤¡à¤à¥à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤²à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ सिलाथà¤à¥ ठà¤à¤¸à¤ªà¤¾à¤ªà¤¿à¤¤à¥ 4. हिद à¤à¤à¤µà¤ à¤à¤¾à¤¤à¥à¤¤à¤¿ लà¥à¤à¤®à¤¿à¤¨à¤¿à¤à¤¾à¤®à¥ à¤à¤¬à¤²à¤¿à¤à¥ à¤à¤à¥ 5. à¤à¤ à¤à¤¾à¤à¤¿à¤¯à¥ ठà¤à¤°à¥à¤¥ : 1. दà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤°à¥à¤¶à¥ राà¤à¤¾ नॠ(à¤à¤ªà¤¨à¥) राà¤à¥à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥à¤ à¤à¥ 20 वरà¥à¤· बाद सà¥à¤µà¤¯à¤ à¤à¤à¤° à¤à¤¸ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¥ पà¥à¤à¤¾ à¤à¥, 2. à¤à¥à¤¯à¥à¤à¤à¤¿ यहाठशाà¤à¥à¤¯à¤®à¥à¤¨à¤¿ बà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¤¾ à¤à¤¨à¥à¤® हà¥à¤ था। 3. यहाठपतà¥à¤¥à¤° à¤à¥ à¤à¤ दà¥à¤µà¤¾à¤° बनवाठà¤à¤ à¤à¤° पतà¥à¤¥à¤° à¤à¤¾ à¤à¤ सà¥à¤¤à¤à¤ à¤à¤¡à¤¼à¤¾ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤¾à¥¤ 4. बà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¤à¤µà¤¾à¤¨ यहाठà¤à¤¨à¤®à¥ थà¥, à¤à¤¸à¤²à¤¿à¤ लà¥à¤®à¥à¤¬à¤¿à¤¨à¥ à¤à¥à¤°à¤¾à¤® à¤à¥ à¤à¤° सॠमà¥à¤à¥à¤¤ à¤à¤° दिया à¤à¤¯à¤¾ à¤à¤° 5. (पà¥à¤¦à¤¾à¤µà¤¾à¤° à¤à¤¾) à¤à¤ वाठà¤à¤¾à¤ à¤à¥ (à¤à¥ राठà¤à¤¾ हठथा) à¤à¤¸à¥ à¤à¥à¤°à¤¾à¤® à¤à¥ दॠदिया à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤¿à¤°à¤¨à¤¾à¤° à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¥à¤® शिलालà¥à¤ लिपà¥à¤¯à¤à¤¤à¤° 1. à¤à¤¯à¤ धà¤à¤®à¤²à¤¿à¤ªà¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤¨à¤à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤¨ 2. पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤¸à¤¿à¤¨à¤¾ राà¤à¤¾ लà¥à¤à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾ [।] à¤à¤§ न à¤à¤¿à¤ 3. à¤à¤¿ à¤à¥à¤µà¤ à¤à¤°à¤à¤¿à¤¤à¥à¤ªà¤¾ पà¥à¤°à¤à¥à¤¹à¤¿à¤¤à¤µà¥à¤¯à¤ [।] 4. न ठसमाà¤à¥ à¤à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥ [।] बहà¥à¤à¤ हि दà¥à¤¸à¤ 5. समाà¤à¤®à¥à¤¹à¤¿ पसति दà¥à¤µà¤¾à¤¨à¤à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤¸à¤¿ राà¤à¤¾ [।] 6. à¤à¤¸à¥à¤¤à¤¿ पि तॠà¤à¤à¤à¤¾ समाà¤à¤¾ साधà¥à¤®à¤¤à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤¨à¤ 7. पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¸ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤¸à¤¿à¤¨à¥ राà¤à¥ [।] पà¥à¤°à¤¾ महानसमà¥à¤¹à¤¿ 8. दà¥à¤µà¤¾à¤¨à¤à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¸ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤¸à¤¿à¤¨à¥ राà¤à¥ à¤à¤¨à¥à¤¦à¤¿à¤µà¤¸à¤ ब 9. हà¥à¤¨à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¸à¤¤à¤¸à¤¹à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¿ à¤à¤°à¤à¤¿à¤¸à¥ सà¥à¤ªà¤¾à¤¥à¤¾à¤¯ [।] 10. सॠà¤à¤ यदा à¤à¤¯à¤ धà¤à¤®à¤²à¤¿à¤ªà¤¿ लिà¤à¤¿à¤¤à¤¾ तॠà¤à¤µ पà¥à¤°à¤¾ 11. णा à¤à¤°à¤à¤°à¥ सà¥à¤ªà¤¾à¤¥à¤¾à¤¯ दà¥à¤µà¥ मà¥à¤°à¤¾ à¤à¤à¥ मà¤à¥ सॠपि 12. मà¤à¥ न धà¥à¤°à¥à¤µà¥ [।] à¤à¤¤à¥ पि तà¥à¤°à¥ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾ पà¤à¤¾ न à¤à¤°à¤à¤¿à¤¸à¤°à¥ [॥] à¤à¤°à¥à¤¥ 1. यह धरà¥à¤®à¤²à¤¿à¤ªà¤¿ दà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ 2. पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤°à¥à¤¶à¥ राà¤à¤¾ नॠलिà¤à¤¾à¤à¥¤ यहाठ(मà¥à¤°à¥ सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ मà¥à¤) 3. à¤à¥à¤ à¤à¥à¤µ मारà¤à¤° हवन न à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤à¥¤ 4. à¤à¤° न समाठ(à¤à¤®à¥à¤¦-पà¥à¤°à¤®à¥à¤¦ वाला à¤à¤¤à¥à¤¸à¤µ) à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤à¥¤ à¤à¥à¤¯à¥à¤à¤à¤¿ बहà¥à¤¤ दà¥à¤· 5. समाठमà¥à¤ दà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤°à¥à¤¶à¥ राà¤à¤¾ दà¥à¤à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ 6. (परà¤à¤¤à¥) à¤à¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤° à¤à¥ (à¤à¤¸à¥) समाठà¤à¥ हà¥à¤ à¤à¥ दà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ 7. पà¥à¤°à¤¿à¤¯ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤°à¥à¤¶à¥ राà¤à¤¾ à¤à¥ मत मà¥à¤ साधॠहà¥à¤à¥¤ पहलॠपाà¤à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ मà¥à¤- 8. दà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤°à¥à¤¶à¥ राà¤à¤¾ à¤à¥ â पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ à¤à¤ 9. लाठपà¥à¤°à¤¾à¤£à¥ सà¥à¤ª à¤à¥ लिठमारॠà¤à¤¾à¤¤à¥ थà¥à¥¤ 10. à¤à¤¿à¤à¤¤à¥ à¤à¤ à¤à¤¬ यह धरà¥à¤®à¤²à¤¿à¤ªà¤¿ लिà¤à¤¾à¤ à¤à¤, तà¥à¤¨ हॠपà¥à¤°à¤¾à¤£à¥ 11. मारॠà¤à¤¾à¤¤à¥- दॠमयà¥à¤° तथा à¤à¤ मà¥à¤à¥¤ à¤à¤° वह à¤à¥ 12. मà¥à¤ निशà¥à¤à¤¿à¤¤ नहà¥à¤à¥¤ यॠतà¥à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥ à¤à¥ बाद मà¥à¤ नहà¥à¤ मारॠà¤à¤¾à¤à¤à¤à¥à¥¤ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤¿à¤°à¤¨à¤¾à¤° à¤à¤¾ दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥à¤¯ शिलालà¥à¤ लिपà¥à¤¯à¤à¤¤à¤° 1. सरà¥à¤µà¤¤ विà¤à¤¿à¤¤à¤®à¥à¤¹à¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤¨à¤à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¸ पियदसिनॠराà¤à¥ 2. à¤à¤µà¤®à¤ªà¤¿ पà¥à¤°à¤à¤à¤¤à¥à¤·à¥ यथा à¤à¥à¤¡à¤¾ पाडा सतियपà¥à¤¤à¥ à¤à¥à¤¤à¤²à¤ªà¥à¤¤à¥ ठतà¤à¤¬- 3. पà¤à¤£à¥ à¤à¤à¤¤à¤¿à¤¯à¤à¥ यà¥à¤¨à¤°à¤¾à¤à¤¾ यॠवा पि तस à¤à¤à¤¤à¤¿à¤¯à¤à¤¸ सामà¥à¤ªà¤ 4. राà¤à¤¾à¤¨à¥ सरà¥à¤µà¤¤à¥à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤¨à¤à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¸ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤¸à¤¿à¤¨à¥ राà¤à¥ दà¥à¤µà¥ à¤à¤¿à¤à¥à¤ à¤à¤¤à¤¾ 5. मनà¥à¤¸à¤à¤¿à¤à¥à¤à¤¾ ठपसà¥à¤à¤¿à¤à¥à¤à¤¾ ठ[।] à¤à¤¸à¥à¤¢à¤¾à¤¨à¤¿ ठयानि मनà¥à¤¸à¥à¤ªà¤à¤¾à¤¨à¤¿ ठ6. पसà¥à¤ªà¤à¤¾à¤¨à¤¿ ठयत यत नासà¥à¤¤à¤¿ सरà¥à¤µà¤¤ हारापितानॠठरà¥à¤ªà¤¾à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾à¤¨à¤¿ ठ[।] 7. मà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¿ ठफलानि ठयत ततà¥à¤° नासà¥à¤¤à¤¿ सरà¥à¤µà¤¤ हारापितानॠठरà¥à¤ªà¤¾à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾à¤¨à¤¿ ठ[।] 8. पà¤à¤¥à¥à¤¸à¥ à¤à¥à¤ªà¤¾ ठà¤à¤¾à¤¨à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾ वà¥à¤°à¤à¤¾ ठरà¥à¤ªà¤¾à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾ परिà¤à¥à¤à¤¾à¤¯ पसà¥à¤®à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤¨à¤ [॥] à¤à¤°à¥à¤¥à¤¾à¤¤ 1. दà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤°à¥à¤¶à¥ राà¤à¤¾ नॠà¤à¤ªà¤¨à¥ राà¤à¥à¤¯ मà¥à¤ सब à¤à¤à¤¹ à¤à¤° 2. सà¥à¤®à¤¾à¤µà¤°à¥à¤¤à¥ राà¤à¥à¤¯- à¤à¥à¤¡à¤¼, पाà¤à¤¡à¥à¤¯, सतियपà¥à¤¤à¥à¤°, à¤à¥à¤°à¤²à¤ªà¥à¤¤à¥à¤° तथा तामà¥à¤°à¤ªà¤°à¥à¤£à¥ (शà¥à¤°à¥à¤²à¤à¤à¤¾)- तठ3. à¤à¤° à¤à¤à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ यवनराठतथा à¤à¤¸ à¤à¤à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥ पड़à¥à¤¸à¥ राà¤à¤¾ हà¥à¤, 4. à¤à¤¨ सबà¤à¥ राà¤à¥à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤°à¥à¤¶à¥ राà¤à¤¾ नॠदॠपà¥à¤°à¤à¤¾à¤° à¤à¥ à¤à¤¿à¤à¤¿à¤¤à¥à¤¸à¤¾ à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¬à¤à¤§ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हà¥- 5. मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¿à¤à¤¿à¤¤à¥à¤¸à¤¾ à¤à¥ लिठà¤à¤° पशà¥à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤¿à¤à¤¿à¤¤à¥à¤¸à¤¾ à¤à¥ लिà¤à¥¤ 6. मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥à¤ à¤à¤° पशà¥à¤à¤ à¤à¥ लिठà¤à¤¹à¤¾à¤-à¤à¤¹à¤¾à¤ à¤à¤·à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤ नहà¥à¤ थà¥à¤ वहाà¤-वहाठलाठà¤à¤° रà¥à¤ªà¥ à¤à¤ हà¥à¤à¥¤ 7. à¤à¤¸à¥ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°, à¤à¤¹à¤¾à¤-à¤à¤¹à¤¾à¤ मà¥à¤² व फल नहà¥à¤ थॠवहाà¤-वहाठलाठà¤à¤° रà¥à¤ªà¥ à¤à¤ हà¥à¤à¥¤ 8. मारà¥à¤à¥à¤ पर मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥à¤ तथा पशà¥à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤°à¤¾à¤® à¤à¥ लिठà¤à¥à¤à¤ à¤à¥à¤¦à¤µà¤¾à¤ à¤à¤ हà¥à¤ à¤à¤° वà¥à¤à¥à¤· लà¤à¤¾à¤ à¤à¤ हà¥à¤à¥¤ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¾ बराबर à¤à¥à¤«à¤¼à¤¾à¤²à¥à¤ (दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥à¤¯) लिपà¥à¤¯à¤à¤¤à¤° : 1. लाà¤à¤¿à¤¨à¤¾ पियदसिना दà¥à¤µà¤¾ 2. डसवसाà¤à¤¿à¤¸à¤¿à¤¤à¥à¤¨à¤¾ à¤à¤¯à¤ 3. à¤à¥à¤à¤¾ à¤à¤²à¤¤à¤¿à¤ पवतसि 4. दिना (à¤à¤à¥à¤µà¤¿) à¤à¥à¤¹à¤¿ (à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¥ बराबर à¤à¥à¤«à¤¼à¤¾ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¥à¤® à¤à¤° à¤à¤¸ दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥à¤¯ लà¥à¤ मà¥à¤, लà¤à¤¤à¤¾ हà¥, à¤à¤¿à¤¸à¥ नॠबाद मà¥à¤ 'à¤à¤à¥à¤µà¤¿à¤à¥à¤¹à¤¿' शबà¥à¤¦ मिà¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤¶à¤¿à¤¶ à¤à¥ हà¥à¥¤ à¤à¤¶à¥à¤-पà¥à¤¤à¥à¤° दशरथ à¤à¥ नाà¤à¤¾à¤°à¥à¤à¥à¤¨ पहाड़ॠà¤à¥ पà¥à¤°à¤¥à¤® लà¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¸à¤¾ हॠहà¥à¤ हà¥à¥¤) à¤à¤°à¥à¤¥: दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶ वरà¥à¤· सॠà¤à¤à¤¿à¤·à¤¿à¤à¥à¤¤ राà¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤°à¥à¤¶à¥ नॠà¤à¤²à¤¤à¤¿à¤ परà¥à¤µà¤¤ पर (सà¥à¤¥à¤¿à¤¤) यह à¤à¥à¤«à¤¼à¤¾ à¤à¤à¥à¤µà¤¿à¤à¥à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ à¤à¥à¥¤ à¤à¥à¤à¤¾ à¤à¤¿à¤ªà¥à¤ªà¤£à¥ 1. â दà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ à¤à¤° सà¤à¥ पर à¤à¥à¤ªà¤¾ à¤à¤°à¤¨à¥ वालॠराà¤à¤¾ सà¤à¤¬à¤à¤§à¤¿à¤¤ लà¥à¤ दà¥à¤à¥à¤ ⢠वारà¥à¤¤à¤¾ ⢠बदलà¥à¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¤° लिपि à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¤¡à¤¼à¤¿à¤¯à¤¾ · à¤à¤°à¥à¤¦à¥ · à¤à¤à¤à¥à¤°à¥à¤à¤¼à¥ · à¤à¤°à¤¬à¥ · à¤à¤µà¤§à¥ · à¤à¤¸à¤®à¤¿à¤¯à¤¾ · à¤à¤¨à¥à¤¨à¤¡à¤¼ · à¤à¤¶à¥à¤®à¥à¤°à¥ · à¤à¥à¤à¤à¤£à¥ · à¤à¥à¤à¤°à¤¾à¤¤à¥ · डà¥à¤à¤°à¥ · à¤à¥à¤à¤ªà¥à¤°à¥ · तमिल · तà¥à¤²à¥à¤à¥ · पà¤à¤à¤¾à¤¬à¥ · पहलवॠ· पालि · फ़ारसॠ· नà¥à¤ªà¤¾à¤²à¥ · बाà¤à¤à¥à¤²à¤¾ · बिहारॠ· बà¥à¤°à¤à¤à¤¾à¤·à¤¾ · बà¥à¤¡à¥ · मणिपà¥à¤°à¥ · मराठॠ· मलयालम · मà¥à¤¥à¤¿à¤²à¥ · राà¤à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥ · सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤ · सà¤à¤¥à¤¾à¤²à¥ · सिà¤à¤§à¥ · सिà¤à¤¹à¤²à¥ · शà¥à¤°à¤¸à¥à¤¨à¥ · हिनà¥à¤¦à¥ · पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¤ · à¤à¤ªà¤à¥à¤°à¤à¤¶ · à¤à¥à¤°à¥à¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ · à¤à¤°à¤®à¤¾à¤à¤ · मà¥à¤°à¤¿à¤¶à¤¸à¥ हिनà¥à¤¦à¥ · फिà¤à¥ हिनà¥à¤¦à¥ · नà¥à¤ªà¤¾à¤²à¥ हिनà¥à¤¦à¥ · सà¥à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤®à¥ हिनà¥à¤¦à¥ · हà¥à¤²à¥à¤à¤¡à¥ हिनà¥à¤¦à¥ · तà¥à¤°à¤¿à¤¨à¤¿à¤¦à¤¾à¤¦à¥ हिनà¥à¤¦à¥ · à¤à¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥ हिनà¥à¤¦à¥ · दà¤à¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤«à¤¼à¥à¤°à¥à¤à¤¼à¥ हिनà¥à¤¦à¥ · ताà¤à¥à¤à¤¼à¥à¤¬à¥à¤à¥ हिनà¥à¤¦à¥ · à¤à¤²à¤à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥ · शिलाà¤à¤à¥ हिनà¥à¤¦à¥ · मà¥à¤®à¥à¤¬à¤à¤¯à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥ · दà¤à¥à¤à¤¿à¤¨à¥ हिनà¥à¤¦à¥ · à¤à¤¾à¤¸à¥ · तà¥à¤³à¥ · माà¤à¤§à¥ · बà¥à¤°à¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤à¥ बà¥à¤²à¥ à¤à¤¡à¤¼à¥ बà¥à¤²à¥ · पहाड़ॠबà¥à¤²à¥ · बà¤à¥à¤²à¥ बà¥à¤²à¥ · à¤à¥à¤°à¤µà¥ बà¥à¤²à¥ · हरियाणॠबà¥à¤²à¥ · बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥à¤²à¥ बà¥à¤²à¥ · à¤à¤¨à¥à¤¨à¥à¤à¥ बà¥à¤²à¥ · बà¥à¤¸à¤µà¤¾à¤¡à¤¼à¥ बà¥à¤²à¥ · à¤à¤¤à¥à¤¤à¥à¤¸à¤à¤¢à¤¼à¥ बà¥à¤²à¥ · डिà¤à¤à¤² · à¤à¤¢à¤¼à¤µà¤¾à¤²à¥ बà¥à¤²à¥ · पशà¥à¤à¤¿à¤®à¥ पहाड़ॠबà¥à¤²à¥ · मà¤à¤¹à¥ बà¥à¤²à¥ · à¤à¥à¤®à¤¾à¤¯à¥à¤à¤¨à¥ बà¥à¤²à¥ · मारवाड़ॠबà¥à¤²à¥ · à¤à¤à¤¡à¤®à¤¾à¤¨à¥ लिपि दà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤°à¥ · बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ · à¤à¤°à¥à¤·à¥à¤ ॠ· शारदा लिपि · à¤à¤²à¤¿à¤à¤ लिपि · बाà¤à¤à¥à¤²à¤¾ लिपि · तà¥à¤²à¥à¤à¥ à¤à¤µà¤ à¤à¤¨à¥à¤¨à¤¡à¤¼ लिपि · à¤à¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ लिपि · तमिल लिपि · वà¤à¥à¤à¥à¤³à¥à¤¤à¥à¤¤à¥ लिपि · सिनà¥à¤§à¥ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ लिपि · à¤à¥à¤°à¥à¤®à¥à¤à¥ लिपि · हड़पà¥à¤ªà¤¾ लिपि · बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¤¶à¥à¤-à¤à¤¾à¤² · à¤à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤à¤ लिपि · रà¥à¤®à¤¨ लिपि दà¥à¤à¥à¤ ⢠वारà¥à¤¤à¤¾ ⢠बदलà¥à¤ à¤à¤¶à¥à¤ महान परिवार à¤à¤à¤¦à¥à¤°à¤à¥à¤ªà¥à¤¤ मà¥à¤°à¥à¤¯ · बिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¤¾à¤° · सà¥à¤à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤à¤à¥ · रानॠधरà¥à¤®à¤¾ · à¤à¤¾à¤°à¥à¤µà¤¾à¤à¥ · सà¥à¤¸à¥à¤® · तिषà¥à¤¯ · दà¥à¤µà¥ · पदà¥à¤®à¤¾à¤µà¤¤à¥ · à¤à¤¸à¤à¤§à¤¿à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¾ · महà¥à¤à¤¦à¥à¤° · सà¤à¤à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¾ · à¤à¤à¥à¤¨à¤¿à¤¬à¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ · à¤à¥à¤£à¤¾à¤² · à¤à¤²à¥à¤ शिलालà¥à¤ शाहबाà¤à¤à¤¢à¤¼à¥ शिलालà¥à¤ · à¤à¥à¤à¤¡à¤¼ शिलालà¥à¤ · निà¤à¤¾à¤²à¥ साà¤à¤° शिलालà¥à¤ · बà¥à¤°à¤¾à¤ · रà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤¥ · à¤à¥à¤à¤°à¥à¤°à¤¾ · मसà¥à¤à¥ · मानसà¥à¤¹à¤°à¤¾ शिलालà¥à¤ · à¤à¤¿à¤°à¤¨à¤¾à¤° शिलालà¥à¤ · बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤à¤¿à¤°à¤¿ · रà¥à¤®à¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¦à¥à¤ · सारनाथ · पà¥à¤£à¥à¤¡à¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤§à¤¨ · राà¤à¥à¤²à¤®à¤à¤¡à¤à¤¿à¤°à¤¿ · à¤à¤¾à¤§à¥à¤®à¤ · à¤à¤à¤¿à¤à¤à¤¾ रामà¥à¤¶à¥à¤µà¤° · सिदà¥à¤§à¤ªà¥à¤° · à¤à¥à¤¨à¤à¤®à¤¨ बà¥à¤¦à¥à¤§ · रà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤¥ · सहसराम · à¤à¥à¤ªà¤°à¤¾ · à¤à¤¶à¥à¤ सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ à¤à¤²à¤¾à¤¹à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ · à¤à¤¹à¤°à¥à¤°à¤¾ · लà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾-ननà¥à¤¦à¤¨à¤à¤¢à¤¼ · धà¥à¤²à¥ à¤à¤¨à¥à¤¯ सà¤à¤¦à¤°à¥à¤ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤²à¤à¥à¤°à¤® · à¤à¤ªà¤°à¤¾à¤à¤¤ · समतठ· नाà¤à¤¾à¤ªà¤à¤à¥à¤¤à¤¿ · नाà¤à¤ · पितनिठ· धमà¥à¤®à¤®à¤¹à¤¾à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° · तामà¥à¤°à¤ªà¤°à¥à¤£à¥ · राà¤à¥à¤à¥ · पà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤¶à¤¿à¤ · यà¥à¤à¥à¤¤ · राषà¥à¤à¥à¤°à¤¿à¤ · à¤à¤¾à¤²à¤¸à¥ · बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि à¤à¤¶à¥à¤-à¤à¤¾à¤² · शिशà¥à¤ªà¤¾à¤²à¤à¤¢à¤¼ · समापा · मानसà¥à¤¹à¤°à¤¾ · à¤à¥à¤à¤¡à¤¼ · तà¥à¤¸à¤²à¥ · तिषà¥à¤¯à¤°à¤à¥à¤·à¤¿à¤¤à¤¾ · धमà¥à¤® à¤à¤ªà¤° à¤à¤¾à¤¯à¥à¤ पà¥à¤°à¤®à¥à¤ विषय सà¥à¤à¥ à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ à¤à¤²à¤¾ परà¥à¤¯à¤à¤¨ à¤à¥à¤µà¤¨à¥ à¤à¥à¤² दरà¥à¤¶à¤¨ सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¤¾à¤·à¤¾ साहितà¥à¤¯ विà¤à¥à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥à¤¶ धरà¥à¤® à¤à¥à¤à¥à¤² समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤à¥à¤¯ फ़à¥à¤¸à¤¬à¥à¤ पर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤à¥à¤¶ (नठशà¥à¤°à¥à¤à¤¤) फ़à¥à¤¸à¤¬à¥à¤ पर शà¥à¤¯à¤° à¤à¤°à¥à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤à¤à¤£ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ सà¥à¤à¤¾à¤µ दà¥à¤ à¤à¥à¤µà¥à¤ à¤à¤°à¥à¤ वरà¥à¤£à¤®à¤¾à¤²à¤¾ à¤à¥à¤°à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° लà¥à¤ à¤à¥à¤ ठठठठठठठठठठà¤à¤ ठठठठठठठठठठठठड ढ ण त थ द ध न प फ ब ठम य र ल व श ष स ह à¤à¥à¤· तà¥à¤° à¤à¥à¤ ठॠठशà¥à¤° à¤à¤ यह सामानà¥à¤¯ सॠबड़ा पनà¥à¤¨à¤¾ हà¥à¥¤ 55.922 à¤à¥.बà¥. ~ Book-icon.png सà¤à¤¦à¤°à¥à¤ à¤à¥à¤°à¤à¤¥ सà¥à¤à¥ "http://hi.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4% BE%E0%A4%B9%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A5%80_%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A 4%BF_%E0%A4%85%E0%A4%B6%E0%A5%8B%E0%A4%95-%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2" सॠलिया à¤à¤¯à¤¾ शà¥à¤°à¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤: साहितà¥à¤¯ à¤à¥à¤¶ | à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¤° लिपि | मà¥à¤°à¥à¤¯ à¤à¤¾à¤² | à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¸ पनà¥à¤¨à¥ à¤à¥ बारॠमà¥à¤ à¤à¤ªà¤à¥ राय à¤à¥à¤¯à¤¾ हà¥? à¤à¥à¤ªà¤¯à¤¾ नà¥à¤à¥ दिठविà¤à¤²à¥à¤ªà¥à¤ सॠà¤à¥à¤¨à¤à¤° पनà¥à¤¨à¥ à¤à¥ समà¥à¤à¥à¤·à¤¾ à¤à¤°à¥à¤ à¤à¤ªà¤à¥ à¤à¥à¤ पल दà¥à¤¨à¥ सॠहमà¥à¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤à¥à¤¶ à¤à¥ à¤à¤§à¤¿à¤ à¤à¤ªà¤¯à¥à¤à¥ बनानॠमà¥à¤ सहायता मिलà¥à¤à¥à¥¤ धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ ! विशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥à¤¯à¤¤à¤¾: [(à¤à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤à¤¿à¤¤)] पà¥à¤°à¥à¤£à¤¤à¤¾: [(à¤à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤à¤¿à¤¤)] निषà¥à¤ªà¤à¥à¤·à¤¤à¤¾: [(à¤à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤à¤¿à¤¤)] पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿: [(à¤à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤à¤¿à¤¤)] à¤à¤®à¤¾ à¤à¤°à¥à¤ (Submit) ____________ निà¤à¥ à¤à¥à¤² * सतà¥à¤°à¤¾à¤°à¤à¤ (लà¥à¤-à¤à¤¨).à¤à¤¾à¤¤à¤¾ à¤à¥à¤²à¥à¤ नामसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ * पनà¥à¤¨à¤¾ * वारà¥à¤¤à¤¾ सà¤à¤¸à¥à¤à¤°à¤£ दà¥à¤¶à¥à¤¯ * पढ़à¥à¤ * सà¥à¤°à¥à¤¤ दà¥à¤à¥à¤ * à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ दà¥à¤à¥à¤ à¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤ à¤à¥à¤à¥à¤ ____________________ (Submit) à¤à¥à¤ [_] दà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤°à¥ सà¥à¤¸à¥à¤µà¤¾à¤à¤¤à¤®à¥ * मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ * पà¥à¤°à¤®à¥à¤ विषय> + à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯> o à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ o à¤à¥à¤à¤°à¤¾à¤¤ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ + 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पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + रामायण पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + राà¤à¥à¤¯à¥à¤ à¤à¥ सामानà¥à¤¯ à¤à¥à¤à¤¾à¤¨> o à¤à¤¤à¥à¤¤à¥à¤¸à¤à¤¢à¤¼ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ o à¤à¤¾à¤°à¤à¤£à¥à¤¡ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ * à¤à¥à¤ à¤à¤¯à¤¨à¤¿à¤¤ लà¥à¤> + लà¥à¤> o दिलà¥à¤²à¥ o मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ o à¤à¥à¤²à¤à¤¾à¤¤à¤¾ o लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ o à¤à¤à¥à¤°à¤¾à¤¹à¥ o à¤à¥à¤µà¤¾ o मà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤²à¤¾ मथà¥à¤°à¤¾ o रà¤à¤ o वाराणसॠo शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ o सारनाथ o हमà¥à¤ªà¥ o हिनà¥à¤¦à¥ o हà¥à¤®à¤¾à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ मà¤à¤¼à¤¬à¤°à¤¾ o हà¥à¤²à¥ + à¤à¥à¤·à¥à¤£ + à¤à¤¼à¤¾à¤²à¤¿à¤¬ + à¤à¤à¤¦à¥à¤°à¤¶à¥à¤à¤° वà¥à¤à¤à¤ रामन + पà¤. à¤à¤µà¤¾à¤¹à¤°à¤²à¤¾à¤² नà¥à¤¹à¤°à¥ + मà¥à¤à¤¶à¥ पà¥à¤°à¥à¤®à¤à¤à¤¦ + बाठ+ बà¥à¤°à¤ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ रतà¥âन + महातà¥à¤®à¤¾ à¤à¤¾à¤à¤§à¥ + रबà¥à¤¨à¥à¤¦à¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥ ठाà¤à¥à¤° + शिवाà¤à¥ महाराठ+ सतà¥à¤¯à¤à¤¿à¤¤ राय + सरà¥à¤à¤¿à¤¨à¥ नायडॠ* à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤à¥à¤¶ à¤à¥à¤²à¤£à¥à¤¡à¤° * à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤à¥à¤¶ समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤à¥à¤¯ * बà¥à¤²à¥à¤ * सà¤à¤ªà¤°à¥à¤ * फ़à¥à¤¸à¤¬à¥à¤ पर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤à¥à¤¶ * यà¥à¤à¤¦à¤¾à¤¨ à¤à¤°à¥à¤ सà¤à¤à¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ सà¥à¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ * à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ सà¤à¤°à¤à¤¨à¤¾> + à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ > o राषà¥à¤à¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ o पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤à¤¤à¥à¤°à¥ o सà¤à¤¸à¤¦> # लà¥à¤à¤¸à¤à¤¾ # राà¤à¥à¤¯à¤¸à¤à¤¾ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤ à¤à¤²à¤ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ राà¤à¥à¤¯> o à¤à¥à¤à¤¦à¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶> # à¤à¤à¤¡à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤ निà¤à¥à¤¬à¤¾à¤° # à¤à¤£à¥âडà¥à¤à¤¢à¤¼ # दमन à¤à¤° दà¥à¤µ # दादरा तथा नà¤à¤° हवà¥à¤²à¥ # पà¥à¤¦à¥à¤à¥à¤°à¥ # रा.रा. à¤à¥à¤·à¥à¤¤à¥à¤° दिलà¥à¤²à¥ # लà¤à¥à¤·à¤¦à¥à¤µà¥à¤ª o à¤à¤°à¥à¤£à¤¾à¤à¤² पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¸à¤® o à¤à¤à¤§à¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤à¤£à¥à¤¡ o à¤à¤¡à¤¿à¤¶à¤¾ o à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤ o à¤à¥à¤°à¤² o à¤à¥à¤à¤°à¤¾à¤¤ o à¤à¥à¤µà¤¾ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¥à¤¸à¤à¤¢à¤¼ o à¤à¤®à¥à¤®à¥ à¤à¤° à¤à¤¶à¥à¤®à¥à¤° o à¤à¤¾à¤°à¤à¤£à¥à¤¡ o तमिलनाडॠo तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ o नाà¤à¤¾à¤²à¥à¤à¤¡ o पà¤à¤à¤¾à¤¬ o पशà¥à¤à¤¿à¤® बà¤à¤à¤¾à¤² o बिहार o मणिपà¥à¤° o मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o महाराषà¥à¤à¥à¤° o मिà¤à¤¼à¥à¤°à¤® o मà¥à¤à¤¾à¤²à¤¯ o राà¤à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ o सिà¤à¥à¤à¤¿à¤® o हरियाणा o हिमाà¤à¤² पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ + राषà¥à¤à¥à¤°à¥à¤¯ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¹ à¤à¤° पà¥à¤°à¤¤à¥à¤> o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ धà¥âवठ'तिरà¤à¤à¤¾' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¤à¤¾à¤¨ 'à¤à¤¨ à¤à¤£ मन' o राषà¥à¤à¥à¤°à¥à¤¯ à¤à¥à¤¤ 'वà¤à¤¦à¥ मातरमà¥â o राà¤à¤à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤ 'à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¿à¤¹à¥à¤¨' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ पà¤à¤à¤¾à¤à¤ 'राषà¥à¤à¥à¤°à¥à¤¯ शाà¤à¥' o राषà¥à¤à¥à¤°à¥à¤¯ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ 'à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ रà¥à¤ªà¤¯à¤¾' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ à¤à¥à¤² 'हà¥à¤à¥' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ नदॠ'à¤à¤à¤à¤¾' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ पà¤à¥à¤·à¥ 'मà¥à¤°' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ पà¥à¤·à¥âप 'à¤à¤®à¤²' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ वà¥à¤à¥à¤· 'बरà¤à¤¦' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ फल 'à¤à¤®' o रा. à¤à¤²à¥à¤¯ à¤à¥à¤µ 'à¤à¤à¤à¤¾ डà¥à¤²à¥à¤«à¤¼à¤¿à¤¨' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ पशॠ'बाà¤' + à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤°à¤¤à¥à¤¨ * à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸> + à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ + सिनà¥à¤§à¥ à¤à¤¾à¤à¥ à¤à¥ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ + पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ + मà¥à¤°à¥à¤¯ à¤à¤¾à¤² + शठà¤à¤µà¤ à¤à¥à¤·à¤¾à¤£ à¤à¤¾à¤² + à¤à¥à¤ªà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤² + पà¥à¤°à¥à¤µ मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤²> o पाल सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ o à¤à¥à¤°à¥à¤à¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤° सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ o राà¤à¤ªà¥à¤¤ सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ + मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤²> o दिलà¥à¤²à¥ सलà¥à¤¤à¤¨à¤¤> # à¤à¤¼à¥à¤²à¤¾à¤® वà¤à¤¶ # à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤à¥ वà¤à¤¶ # सà¥à¤¯à¤¦ वà¤à¤¶ # लà¥à¤¦à¥ वà¤à¤¶ # तà¥à¤à¤¼à¤²à¤à¤¼ वà¤à¤¶ # मà¥à¤à¤¼à¤² सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ o दà¤à¥à¤à¤¨ सलà¥à¤¤à¤¨à¤¤> # बहमनॠवà¤à¤¶ # निà¤à¤¼à¤¾à¤®à¤¶à¤¾à¤¹à¥ वà¤à¤¶ o दà¤à¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯> # राषà¥à¤à¥à¤°à¤à¥à¤ वà¤à¤¶ # हà¥à¤¯à¤¸à¤² वà¤à¤¶ # वाà¤à¤¾à¤à¤ वà¤à¤¶ # सातवाहन सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ # विà¤à¤¯à¤¨à¤à¤° सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ + à¤à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤ à¤à¤¾à¤²> o à¤à¤¾à¤-मराठा à¤à¤¾à¤² o à¤à¤ªà¤¨à¤¿à¤µà¥à¤¶à¤¿à¤ à¤à¤¾à¤²> # à¤à¤à¤à¥à¤°à¥à¤à¤¼à¥ शासन # सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ सà¤à¤à¥à¤°à¤¾à¤® 1857 # à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¤à¤à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ à¤à¤à¤¦à¥à¤²à¤¨ # सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥ # à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ वà¥à¤°à¤¾à¤à¤à¤¨à¤¾à¤à¤ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ राà¤à¤µà¤à¤¶ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ महाà¤à¤¨à¤ªà¤¦ + à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¥ सà¤à¥ लà¥à¤ * परà¥à¤¯à¤à¤¨> + परà¥à¤¯à¤à¤¨ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ + à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤ सà¥à¤¥à¤² + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ दà¥à¤°à¥à¤ + पहाड़ॠपरà¥à¤¯à¤à¤¨ सà¥à¤¥à¤² + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ परà¥à¤¯à¤à¤¨ सà¥à¤¥à¤²> o राà¤à¥à¤¯à¥à¤ à¤à¥ परà¥à¤¯à¤à¤¨ सà¥à¤¥à¤² o à¤à¤à¤¡à¤®à¤¾à¤¨ निà¤à¥à¤¬à¤¾à¤° दà¥à¤µà¥à¤ª समà¥à¤¹ o à¤à¤°à¥à¤£à¤¾à¤à¤² पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¸à¤® o à¤à¤à¤§à¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¡à¤¼à¥à¤¸à¤¾ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤à¤à¤¡ o à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤ o à¤à¥à¤°à¤² o à¤à¥à¤à¤°à¤¾à¤¤ o à¤à¥à¤µà¤¾ o à¤à¤£à¥à¤¡à¥à¤à¤¢à¤¼ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¥à¤¸à¤à¤¢à¤¼ o à¤à¤®à¥à¤®à¥ à¤à¤° à¤à¤¶à¥à¤®à¥à¤° o à¤à¤¾à¤°à¤à¤£à¥à¤¡ o तमिलनाडॠo तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ o दमन à¤à¤° दà¥à¤µ o दिलà¥à¤²à¥ o नाà¤à¤¾à¤²à¥à¤à¤¡ o पà¤à¤à¤¾à¤¬ o पशà¥à¤à¤¿à¤® बà¤à¤à¤¾à¤² o बिहार o मणिपà¥à¤° o मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o महाराषà¥à¤à¥à¤° o मिà¤à¤¼à¥à¤°à¤® o मà¥à¤à¤¾à¤²à¤¯ o राà¤à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ o सिà¤à¥à¤à¤¿à¤® o हरियाणा o हिमाà¤à¤² पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ + परà¥à¤¯à¤à¤¨ à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤µà¤²à¥ + परà¥à¤¯à¤à¤¨ à¤à¥ सà¤à¥ लà¥à¤ * साहितà¥à¤¯> + साहितà¥à¤¯ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ + सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤ साहितà¥à¤¯> o वà¥à¤¦à¤¿à¤ साहितà¥à¤¯ o à¤à¤ªà¤¨à¤¿à¤·à¤¦> # à¤à¤¾à¤¨à¥à¤¦à¥à¤à¥à¤¯ à¤à¤ªà¤¨à¤¿à¤·à¤¦ # तà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤¯à¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤·à¤¦ # बà¥à¤¹à¤¦à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯à¤à¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤·à¤¦ # à¤à¤¨à¥à¤¯ à¤à¤ªà¤¨à¤¿à¤·à¤¦ o बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ à¤à¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ o सà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ o पà¥à¤°à¤¾à¤£> # à¤à¤à¥à¤¨à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤£ # à¤à¥à¤°à¥à¤® पà¥à¤°à¤¾à¤£ # à¤à¤°à¥à¤¡à¤¼ पà¥à¤°à¤¾à¤£ # नारद पà¥à¤°à¤¾à¤£ # पदà¥à¤® पà¥à¤°à¤¾à¤£ # बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® पà¥à¤°à¤¾à¤£ # बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® वà¥à¤µà¤°à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤£ # बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤£à¥à¤¡ पà¥à¤°à¤¾à¤£ # à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤£ # à¤à¤¾à¤à¤µà¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤£ # मतà¥à¤¸à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤£ # मारà¥à¤à¤£à¥à¤¡à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤£ # लिà¤à¥à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤£ # वराह पà¥à¤°à¤¾à¤£ # वामन पà¥à¤°à¤¾à¤£ # विषà¥à¤£à¥ पà¥à¤°à¤¾à¤£ # शिव पà¥à¤°à¤¾à¤£ # सà¥à¤à¤¨à¥à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤£ # वायॠपà¥à¤°à¤¾à¤£ o महाà¤à¤¾à¤µà¥à¤¯> # महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ # रामायण # à¤à¤¨à¥à¤¯ महाà¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ o सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤ साहितà¥à¤¯à¤à¤¾à¤° o à¤à¥à¤¤à¤¾ (तà¥à¤¨ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤ मà¥à¤) + à¤à¤µà¤¿> o à¤à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤²> # à¤à¤¬à¥à¤° # तà¥à¤²à¤¸à¥à¤¦à¤¾à¤¸ # रà¥à¤¦à¤¾à¤¸ # मà¥à¤°à¤¾à¤ # रसà¤à¤¾à¤¨ # à¤à¤·à¥à¤à¤à¤¾à¤ª à¤à¤µà¤¿ o रà¥à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤²à¥à¤¨ à¤à¤µà¤¿ o à¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥ à¤à¤µà¤¿ o à¤à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤ à¤à¤µà¤¿ o समà¤à¤¾à¤²à¥à¤¨ à¤à¤µà¤¿ + लà¥à¤à¤ + बà¥à¤¦à¥à¤§ साहितà¥à¤¯ + रासॠà¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ + à¤à¤¥à¤¾ साहितà¥à¤¯ * धरà¥à¤®> + धरà¥à¤® मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ + हिनà¥à¤¦à¥ धरà¥à¤®> o हिनà¥à¤¦à¥ धरà¥à¤® o दà¥à¤µà¥-दà¥à¤µà¤¤à¤¾ o à¤à¤à¤µà¤¾à¤¨-à¤à¤µà¤¤à¤¾à¤° o हिनà¥à¤¦à¥ सà¤à¤¸à¥à¤à¤¾à¤° o हिनà¥à¤¦à¥ समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ o धारà¥à¤®à¤¿à¤ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¹ o धारà¥à¤®à¤¿à¤ सà¥à¤¥à¤² o पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤ à¤à¤°à¤¿à¤¤à¥à¤° o à¤à¤·à¤¿ मà¥à¤¨à¤¿ o धरà¥à¤® पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤ à¤à¤µà¤ सà¤à¤¤ + à¤à¤¸à¥à¤²à¤¾à¤® धरà¥à¤®> o à¤à¤¸à¥à¤²à¤¾à¤® धरà¥à¤® o 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कूट - ISO 639-1 hi - ISO 639-2 hin - SIL HND चीनी एवं अन्ग्रेज़ी के बाद हिन्दी विश्व में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है । भारत और विदेश में ६० करोड़ (६०० मिलियन) से अधिक लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं । फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम और नेपाल की अधिकतर जनता हिन्दी बोलती है । भाषाविद हिन्दी एवं उर्दू को एक ही भाषा समझते हैं । हिन्दी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है और शब्दावली के स्तर पर अधिकांशत: संस्कृत के शब्दों का प्रयोग करती है । उर्दू नस्तालिक़ में लिखी जाती है और शब्दावली के स्तर पर उस पर फारसी और अरबी भाषाओं का ज़्यादा असर है । व्याकरणिक रुप से उर्दू और हिन्दी में लगभग शत-प्रतिशत समानता है - सिर्फ़ कुछ खास क्षेत्रों में शब्दावली के स्त्रोत (जैसा कि उपर लिखा गया है) में अंतर होता है। कुछ खास ध्वनियाँ उर्दू में अरबी और फारसी से ली गयी हैं और इसी तरह फारसी और अरबी के कुछ खास व्याकरणिक संरचना भी प्रयोग की जाती है। इतिहास क्रम (Historical timeline of Hindi) ७५० बी. सी. - संस्कृत का वैदिक संस्कृत के बाद का क्रमबद्ध विकास। ५०० बी. सी. - बोद्ध तथा जैन की प्राकति अक्षरमाला का विकास (पूर्वी भारत) ४०० बी. सी. - पाणिनी ने संस्कृत व्याकरण लिखा (पच्छिमी भारत)। वेदिक संस्कृत से पाननी की संस्कृत का उदगम। ३२२ बी. सी. - मौर्यों द्वारा ब्राहमी लिपी का विकास। २५० बी. सी. - आदि संस्कृत का विकास।(आदि संस्कृत ने धीरे धीरे १०० बी. सी. तक प्राकति का स्थान लिया) ३२० - गुप्त या सिद्ध मात्रिका लिपी का विकास। अप्रभान्षा तथा आदि हिन्दी का विकास ४०० - कालीदास ने "विक्रमोर्य शियम" अप्रभान्षा मैं लिखी। ५५० - वलभी के दर्शन मैं अप्रभान्षा का प्रयोग। ७६९ - सिद्ध सारहपद (जिन्है हिन्दी का पहला कवि मानते हैं) ने "दोहाकोश" लिखी। ७७९ - उदयोतन सुरी कि "कुवलयमल" मैं अप्रभान्षा का प्रयोग। ८०० - संस्कृत मैं बहुत सी रचनायैं लिखी गयीं। ९९३ - देवसेन की "शवकचर" (हिन्दी की पहली पुस्तक)। ११०० - आधुनिक देवनागरी लिपी का प्रथम स्वरूप। ११४५-१२२९ - हेमचन्द्र ने अप्रभान्षा व्याकरण की रचना की। अप्रभान्षा का अस्त तथा आधुनिक हिन्दी का विकास १२८३ - खुसरो की पहेली तथा मुकरिस मैं "हिन्दवि" शव्द क उपयोग। १३७० - "हन्सवाली" की आसहात ने प्रेम कथाओं की शुरुआत की। १३९८-१५१८ - कबीर की रचनाओं ने निर्गुण भक्ती की नीवँ रक्खी। १४००-१४७९ - अप्रभान्षा के आखरी महान कवि रघु। १४५० - रामानन्द के साथ "सगुण भक्ती" की शुरुआत। १५८० - शुरुआती दक्खिनी का कार्य "कालमितुल हाकायत्" बुर्हनुद्द& #2367;न जनम द्वारा। १५८५ - नवलदास ने "भक्तामल" लिखी। १६०१ - बनारसीदास ने हिन्दी की पहली आत्मकथा "अर्ध कथानक्" लिखी। १६०४ - गुरु अर्जुन देव ने कई कविओं की रचनाओं का सन्कलन "आदि ग्रन्थ" निकाला। १५३२ -१६२३ तुलसीदास ने "रामचरित मानस" की राचना की। १६२३ - जाटमल ने "गोरा बादल की कथा" (खडी बोली की पहली रचना) लिखी। १६४३ - रामचन्द्र शुक्ला ने "रीति" के द्वारा काव्य की शुरुआत की। १६४५ - उर्दू की शुरुआत। आधुनिक हिन्दी (Modern Hindi) १७९६ - देवनागरी रचनाओं की शुरुआती छ्पाई। १८२६ - "उदन्त मार्तण्ड" हिन्दी का पहला साप्ताहिक। १८३७ - ओम् जय जगदीश" के रचियता पुल्लोरी क जन्म । हिन्दी भारत की राजभाषा के रुप में स्थापित हिन्दी का मानकीकरण स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से हिन्दी और देवनागरी के मानकीकरण की दिशा में निम्न्लिखि& #2340; क्षेत्रों में प्रयास हुये हैं:- हिन्दी व्याकरण का मानकीकरण वर्तनी का मानकीकरण शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा देवनागरी का मानकीकरण वैज्ञानिक ढंग से देवनागरी लिखने के लिये एकरूपता के प्रयास यूनिकोड का विकास हिन्दी की शैलियाँ (Dialects) बाजारी हिन्दी हिंग्रेजी बम्बइया हिन्दी दक्खिनी हिन्दी पारसी हिन्दी मारवाड़ी हिन्दी लाठर Above article originally from Wikipedia. The text on above article is available under the terms of the GNU Free Documentation License. Haryana North India Birding in India Birds of India Motorcars Asia News Copyright © Haryana Online and haryana-online.com 2000-2009. All rights reserved. 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नदी के अस्तित्व की चिंता जरूरी मुद्दा : बढ़ती आबादी और पेयजल संकट गंभीर बांध पर कुछ गंभीर बातें ड्राय होली, विनाश के मुहाने पर दुनिया अनशन का 30वां दिन Latest * धरती चुकाती है बोतलबंद पानी की कीमत * यमुना का संकट, जल का संकट * क्षमा करें मगर सीवर तक में हैं सियासत * ਪੰਜਾਬ ਜ਼ਹਿਰੀ ਧਰਤੀ ਕਾਰਣ ਨਸਲਕੁਸ਼ੀ ਵੱਲ * कुंभ में उठी नदियों की जीवंतता को संवैधानिक दर्जे की मांग * भरपूर पानी का भ्रम * संकट में भारत का भूमिगत जल * गंगा का अस्तित्व बचाने के लिए संगम में उतरे उत्तराखंडवासी * एक नदी मैली सी * मनरेगा के सामाजिक अंकेक्षण पर जनसुनवाई सम्पन्न * ਦੇਵਾਸ: ਪਸੀਨੇ ਨਾਲ ਉਠਿਆ ਜਲਸਤਰ * ज़मीन से जुड़ा है जीना मरना * हिंडन नदी मामले में उ. प्र. सिंचाई सचिव तलब * गंगा : एक परिचय * आस्था का महाकुंभ * ਜੈਵਿਕ ਖਾਦ- ਜ਼ਰੂਰਤ ਅਤੇ ਤਕਨੀਕ * जब सजा में बदल जाता है मौसम का मजा * पानी का हिसाब-किताब * गंगा का अशुद्ध जल श्रद्धालुओं को कर रहा है बेचैन more Home » ब्रेल लिपी में ब्रेल लिपी में 'आज भी खरे हैं तालाब' 'आज भी खरे हैं तालाब' एक और इतिहास रचते हुए अब ब्रेल लिपी में भी उपलब्ध हो गयी है। ४ जनवरी १८०९ को फ्रांस में जन्मे ब्रेल लिपि के निर्माता लुई ब्रेल दृष्टिबाधित लोगों के लिए ज्ञान के चक्षु बन गए। उनके 200वें जन्मदिन के अवसर पर 'आज भी खरे हैं तालाब' को ब्रेल लिपी में छापा गया है। अपने देश में बेजोड़ सुंदर तालाबों की कैसी भव्य परंपरा थी, पुस्तक उसका पूरा दर्शन कराती है। तालाब बनाने की विधियों के साथ-साथ अनुपम जी की लेखनी उन गुमनाम नायकों को भी अंधेरे कोनों से ढूँढ़ लाती है, जो विकास के नए पैमानों के कारण बिसरा दिए गए हैं। अपने देश में बेजोड़ सुंदर तालाबों की कैसी भव्य परंपरा थी, पुस्तक उसका पूरा दर्शन कराती है। तालाब बनाने की विधियों के साथ-साथ अनुपम जी की लेखनी उन गुमनाम नायकों को भी अंधेरे कोनों से ढूँढ़ लाती है, जो विकास के नए पैमानों के कारण बिसरा दिए गए हैं। ऐसी विरली ही पुस्तकें होती हैं जो न केवल पाठक तलाशती हैं, बल्कि तलाशे पाठकों को कर्मठ सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में तराशती भी हैं। अपनी प्रसन्न जल जैसी शैली तथा देश के जल स्रोतों के मर्म को दर्शाती एक पुस्तक ने भी देश को हज़ारों कर्मठ कार्यकर्ता दिए हैं। 'आज भी खरे हैं तालाब' का पहला संस्करण 1993 में छपा। अब तक पुस्तक ने देश भर में आवारा मसीहा की तरह घूम-घूम कर अपने-अपने क्षेत्र के जल स्रोतों को बचाने की अलख जगा दी और यह सिलसिला आगे ही आगे बढ़ता जा रहा है। Tags – ‘Aaj Bhi Khare Hain Talab’ in Braille script , "Ponds are sustainable even today' in Braille script * + Printer-friendly version Printer-friendly version Post new comment Subject: ____________________________________________________________ Comment: * ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ * Web page addresses and e-mail addresses turn into links automatically. * Allowed HTML tags:
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See lipi meaning in Hindi in dictionary.लिपी का मतलब अंग्रेजी में जानिए| { लिपी ka matlab (artha) angrezi (english) me janiye} This page shows lipi meaning in english. HinKhoj provide online dictionary to see meaning of wordslang=hi&word=लिपी&scode=link_url अक्षरों की सहायता से शब्दकोश प्रयोग करे अ| आ| इ| ई| उ| ऊ| ए| ऐ| ओ| औ| क| ख| ग| घ| च| छ| ज| झ| ञ| ट| ठ| ड| ढ| त| थ| द| ध| न| प| फ| ब| भ| म| य| र| ल| व| श| ष| स| ह a| b| c| d| e| f| g| h| i| j| k| l| m| n| o| p| q| r| s| t| u| v| w| x| y| z HinKhoj On Mobile HinKhoj Dictionary is last updated on 25 January 2013 * Contact us| * Terms of Use| * Disclaimer| * हिंखोज ब्लॉग| * HinKhoj On Mobile __________________________________________________________________ © 2007-2012 HinKhoj InfoLabs LLP. HinKhoj™ is trademark of HinKhoj InfoLabs LLP. 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अध्यापन दल प्रथम खेप की राष्ट्रीय स्तरीय शिक्षण टीम की गिनती में आ गया है। तिब्बती भाषा और साहित्य प्रथम खेप के राष्ट्रीय दर्जे वाला प्रमुख तिब्बती कोर्स भी बन गया है। कुछ समय से पहले हमारे संवाददाता ने तिब्बती भाषा व लिपि को विरासत में ग्रहण और संरक्षण के बारे में विशेष तौर पर चीनी शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी फंग शिंग छी से साक्षात्कार कर लिया। तिब्बती भाषा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की प्रचलित आम भाषा और लिपी मानी जाती है और वह तिब्बती जनता का महत्वपूर्ण आदान प्रदान व सूचना वाहक है, उस ने तिब्बती जातीय इतिहास व संभ्यता का वहन कर लिया है, साथ ही वह चीनी राष्ट्रीय बहु सांस्कृतिक निधि का एक महत्वपूर्ण संगठित भाग भी है। वर्तमान आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में चीन सरकार ने तिब्बती भाषा व लिपि के संरक्षण में तेजी लायी है। चीनी शिक्षा मंत्रालय के भाषा व साहित्य उपयोग प्रबंधन विभाग के उप डायरेक्टर फंग शिंग छी ने तिब्बत के सहायता निर्माण में भाग लिया, वे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की तिब्बती भाषा कार्य कमेटी के कार्यालय और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अनुवाद ब्यूरो में भी कार्यरत थे। उन्होंने इस का परिचय देते हुए कहा: "तिब्बती भाषा व लिपि कोई एक हजार वर्ष से अधिक पुरानी है। साथ ही इसी भाषा व लिपि के माध्यम से अत्यंत समृद्ध व शानदार संस्कृति व संभ्यता का सृजन किया गया है, पुराने इतिहास में विविधतापूर्ण सांस्कृतिक निचोड़ संजोये हुए हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि वह हमारे समूचे चीनी राष्ट्र के असाधारण संस्कृति के संगठित भागों में से एक भी है। यदि हम ने विरासत में उस का ग्रहण व संरक्षण नहीं किया, तो भविष्य में वह इतिहास से अलग हो जायेगी।" फंग शिंग छी ने कहा कि पांचवीं राष्ट्रीय जनगणना से पता चला है कि तिब्बत की कुल जनसंख्या करीब 26 लाख पहुंच गयी है। जिन में तिब्बती बंधुओं की संख्या 92 प्रतिशत है, जबकि अन्य अल्पसंख्यक जातिय़ों और हान जाति की कुल संख्या मात्र 7 से 8 प्रतिशत है। इसलिये कहा जा सकता है कि तिब्बती भाषा का प्रयोग करने वाला दायरा विस्तृत ही नहीं, बोलने वाले लोग भी बहुत ज्यादा हैं। वास्तविक महत्व की दृष्टि से इतने ज्यादा लोग तिब्बती भाषा का प्रयोग करते हैं और उसे सीखते हैं, इस से विरासत में इसी भाषा का ग्रहण करने के लिये एक अनुकूल भाषी वातावरण तैयार हो गया है। तिब्बती भाषा के संरक्षण के लिये सर्वप्रथम तिब्बती भाषा के प्रशिक्षण को लोकप्रिय बनाना निहायत जरुरी है। 1959 से पहले तिब्बत में सिर्फ तीन जागीरदारों और इने-गिने भिक्षुओं व भिक्षुणियों को तिब्बती भाषा सीखने का हक था, जबकि व्यापक मेहनतकश जनता तिब्बती भाषा सीखने के अधिकार व स्वतंत्रता से वंचित थी। उस समय समूचे तिब्बत में ल्हासा शहर में तीन चार प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर कोई विधिवत नियमित स्कूल नहीं था, तिब्बत में निरक्षरता दर 95 प्रतिशत तक पहुंच गयी थी। 1959 में तिब्बत में जनवादी सुधार के बाद व्यापक मेहनतकश जनता को सीखने का मौका मिल गया, जिस से तिब्बती जनता को शिक्षा दिलाने का क्षेत्र भी निरंतर विस्तृत होता गया है। वर्तमान तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में सर्वांगीर्ण रुप से 6 वर्ष की अनिवार्य शिक्षा प्रणाली लागू हो गयी है, इतना ही नहीं , पूरे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में 63 कांऊटियों ने 9 वर्ष की अनिवार्य शिक्षा प्रणाली को कार्यांवित करने में पहल कर लिया है, प्राइमरी स्कूल उम्र वाले बच्चों की भरती दर 98 प्रतिशत से अधिक है, जबकि मिडिल स्कूल भरती दर 90 प्रतिशत से भी ज्यादा है। 18 से 50 उम्र वाले युवा वयस्कों की निरक्षरता दर इतनी बड़ी हद तक घट गयी है कि सौ व्यक्तियों में 95 अनपढों से घटकर पांच रह गये हैं। तिब्बत की वर्तमान शिक्षा स्थिति की चर्चा करते हुए फंग शिंग छी ने कहा: "अब यह निश्चित है कि तिब्बत में बाल बच्चों को प्राइमरी स्कूल से हाई स्कूल तक तिब्बती भाषा सीखाई जाती है । तिब्बत में 6 उच्च शिक्षण प्रतिष्ठान स्थापित हुए हैं। इन उच्च शिक्षण प्रतिष्ठानों में तिब्बती भाषा की पढाई अनिवार्य है। अतः मेरा विचार है कि शिक्षा के क्षेत्र में तिब्बती भाषा की पढ़ाई, विशेषकर विरासत में तिब्बती भाषा का ग्रहण व्यापक तिब्बतियों की मांग को पूरा करने में समर्थ है।" समूचे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में अनिवार्य शिक्षा प्रणाली को लोकप्रिय बनाने से निरक्षरता दर स्पष्टतः घटी ही नहीं, तिब्बती भाषा पर महारत हासिल करने वाले व्यक्तियों के प्रशिक्षण में बड़ी प्रगति भी हो पायी है। वर्तमान तिब्बत विश्वविद्यालय, केंद्रीय जातीय विश्वविद्यालय जैसे उच्च शिक्षण प्रतिष्ठानों और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के संपादन व अनुवाद ब्यूरो में तिब्बती भाषा के दक्ष अनुवादकों का प्रशिक्षण किया जाता है, तिब्बती भाषा जगत में अब उच्च कोटि वाले विशेष अनुभवी तिब्बती भाषा सुयोग्य व्यक्ति कार्यरत हैं। फंग शिंग छी ने इस का परिचय देते हुए कहा: "तिब्बत, कानसू और छिंगहाई समेत हमारे बहुत ज्यादा जातीय विश्वविद्यालयों, खासकर केंद्रीय जातीय विश्वविद्यालय में विशेष तौर पर तिब्बती भाषा कोर्स का बंदोवस्त हुआ है, यह केंद्रीय जातीय विश्वविद्यालय बड़ी तादाद में सुयोग्य अनुवादकों को प्रशिक्षित करने में सफल हुआ है। और अन्य कुछ सुयोग्य अनुवादक अपनी मेहनत से प्रकाश में आये हैं।" तिब्बती भाषा व साहित्य में जुटे ज्यादा कर्मचारियों के प्रयास के जरिये तिब्बती जनता का सांस्कृतिक जीवन समय के साथ साथ विविधतापूर्ण नजर आता है। फंग शिंग छी ने कहा: "एक हजार एक रात समेत विश्वविख्यात रचनाओं का अनुवाद तिब्बती भाषा में किया जा चुका है । तिब्बती भाषा में अनूदित इन मशहूर रचनाओं ने तिब्बती जाति के आम लोगों को सीखने और अपने चरित्र को सुधारने में बड़ी भूमिका निभायी है। एक वर्ष में जब मैं किसी काम के लिये तिब्बत में था, मेरा बेटा मुझ से मिलने तिब्बत गया। एक दिन उस ने एक पुस्तक दुकान में हैरी पाँटर का तिब्बती संस्करण देखा। सच कहूं, अब तिब्बत में जो तिब्बती संस्करण पढ़ने को मिलते हैं, वे स्थानीय तिब्बतियों के लिये राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सूचनाओं को प्राप्त करना पर्याप्त हैं।" तिब्बती भाषा को आधुनिक विकास की जरुरतों को पूरा करने देने के लिये देश के संबंधित विभागों और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की तिब्बती कार्य कमेटी के पूरे समर्थन तले तिब्बत विश्वविद्यालय , उत्तर पश्चिम जातीय काँलेज और छिंगहाई नार्मल विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों और विद्वानों ने 1993 से ही तिब्बती भाषा से अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय मानक कोडों के अध्ययन में भाग लिया, तिब्बती भाषा और सूचना प्रौद्योगिकी मानक विशेषज्ञों ने समान प्रयास के जरिये आखिरकार तिब्बती भाषी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मानक कोड तैयार कर लिये हैं। फंग शिंग छी ने इस का उल्लेख करते हुए कहा: "कहा जा सकता है कि सूचनाकरण के क्षेत्र में तिब्बती भाषा विविध जातीय भाषाओं व लिपियों में अग्रसर है। इस का श्रेय केंद्रीय सरकार के ख्याल , वैज्ञानिक अनुसंधान प्रतिष्ठानों समेत संबंधित भीतरी प्रांतों व शहरों के समर्थन को जाता है। लगभग 2000 वर्ष से विभिन्न संबंधित विभागों, विशेषकर सूचना उद्योग मंत्रालय ने इस काम को जबरदस्त समर्थन दिया है। उन्होंने चीनी भाषा और तिब्बती भाषा का साथ साथ प्रयोग करने लायक वर्ण सेट और आँपरेटिंग सिस्टम का अध्ययन कर दिया है, यह सूचनाकरण के क्षेत्र में सचमुच एक कमाल की बात है। मुझे याद है कि 2007 व 2008 में इसी संदर्भ में उन्होंने जो दसेक प्रौद्योगिकी उपलब्धियां हासिल की हैं, उन में से कुछ देश के भीतर, यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय जगत में अव्वल दर्जे वाले भी हैं।" इधर सालों में तिब्बत ने देश के कुछ संबंधित विभागों के समर्थन में कुछ तिब्बती सोफ्टवेयरों का सृजन कर दिया। इन सोफ्टवेयरों ने देश के संबंधित विभागों की पुष्टि पाकर अंतर्राष्ट्रीय जगत में अपना स्थान बना लिया है, अब वे प्रयोग में लाये जा रहे हैं । तिब्बती विनडोस आँपरेटिंग सिस्टम का अध्ययन काम भी सुचारु रुप से पूरा हो गया है। तिब्बती इनपुट पद्धति के जन्म के साथ साथ नाना प्रकार वाली तिब्बती वेबसाइट भी एक के बाद एक सामने आयी हैं। अब तिब्बती लोग तिब्बती भाषा से कंप्युटर का मुक्त रुप से प्रयोग करते हैं, नेटवर्क सूचना प्राप्त कर लेते हैं और मोबाइल फोन से तिब्बती संदेश भेजने और प्राप्त करने में समर्थ भी हैं, इतना ही नहीं, तिब्बती लोग मोबाइल फोन से विभिन्न प्रकार वाली तिब्बती वेबसाइटों पर शीघ्र ही सूचनाएं जुटा लेते हैं। बताया जाता है कि वर्ष 2010 में तिब्बत विश्वविद्यालय के टीचर लोचांग द्वारा आविष्कृत प्रथम तिब्बती, चीनी व अंग्रेजी इलेक्ट्रोनिक शब्दकोश प्रकाशित हुआ है , इस शब्दकोश में तिब्बती , चीनी और अंग्रेजी इन तीनों भाषाओं के बीच एक दूसरे का अनुवाद किया जा सकता है, साथ ही पूरे शब्दकोश में 25 शिक्षण ई पुस्तकों का संग्रह किया गया है। जिन में तिब्बती चिकित्सा, तिब्बती औषघियों, तिब्बती लामा बौद्ध धर्म और तिब्बती रहन सहन आदि विषयों समेत 12 तिब्बती शिक्षण ई पुस्तकें भी शामिल हैं। [spacer.gif] संदर्भ आलेख [spacer.gif] आप की राय लिखें [spacer.gif] [index09_05.jpg] [index09_10.jpg] [index09_11.jpg] [index09_13.jpg] [index09_14.jpg] [index09_06.jpg] [USEMAP:index09_09.jpg] [index09_20.jpg] [spacer.gif] सूचनापट्ट • वेबसाइट का नया संस्करण आएगा • ऑनलाइन खेल :रेलगाड़ी से ल्हासा तक यात्रा • दस सर्वश्रेष्ठ श्रोता क्लबों का चयन विस्तृत>> [spacer.gif] श्रोता क्लब [tamen.jpg] • विशेष पुरस्कार विजेता की चीन यात्रा (दूसरा भाग) विस्तृत>> [spacer.gif] [bannerxiao.jpg] [banner.jpg] [banner.jpg] [banner.gif] [index09_42.jpg] [spacer.gif] मत सर्वेक्षण निम्न लिखित भारतीय नृत्यों में से आप को कौन कौन सा पसंद है? [_] कत्थक [_] मणिपुरी [_] भरत नाट्यम [_] ओड़िसी [_] लोक नृत्य [_] बॉलिवूड डांस Submit View [spacer.gif] © China Radio International.CRI. 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Posted in Astrology | 1 टिप्पणी One Response 1. on जून 3, 2009 at 10:31 पूर्वाह्न | Reply sciblog अच्छी जानकारी दी है आपने। -Zakir Ali ‘Rajnish’ { Secretary-TSALIIM & SBAI } Comments RSS Leave a Reply Cancel reply Enter your comment here... ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ Fill in your details below or click an icon to log in: * * * * Gravatar Email (आवश्यक) (Address never made public) ____________________ नाम (आवश्यक) ____________________ वेबसाईट ____________________ WordPress.com Logo You are commenting using your WordPress.com account. ( Log Out / Change ) Twitter picture You are commenting using your Twitter account. ( Log Out / Change ) Facebook photo You are commenting using your Facebook account. 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डॉक्टर डाहल के मुताबिक एक वजह तो ये है कि विशेषज्ञों को न इन चिन्हों की कोई जानकारी है और न ही इस लिखावट की शैली किसी दूसरी प्रागैतिहासिक भाषा से मिलती है. साथ ही पिछले दिनों हुए कुछ अध्ययनों में यह सामने आया कि इस लिखावट में कुछ गलतियां भी थीं जिसके चलते शोधकर्ता भ्रमित हुए. समस्या ये भी है कि ये एक लिखित भाषा है और इस भाषा में शब्द कैसे बोले जाते थे इसके बारे में कोई जानकारी मौजूद नहीं है. ऐसे में भाषा से जुड़े कई संकेतों का पता लगाना भी मुश्किल है. वैज्ञानिकों के मुताबिक अब तक मिली जानकारियां ये कहती हैं कि इस लिखावट के ज़रिए उस दौर के लोगों ने कविताएं या साहित्य नहीं लिखा बल्कि व्यापार और रोज़मर्रा के कामकाज से जुड़ी जानकारियां बांटी हैं. क्लिक करें वापस ऊपर चलें * Facebook * Twitter * Delicious * Digg * मित्र को भेजें * प्रिंट करें इसे भी पढ़ें संबंधित समाचार * 'भूल जाएँ कि गांधी को अंग्रेज़ी आती है...' 2 अक्तूबर, 2012 * हिंदी के लिए केबीसी की 'लाइफ़ लाइन' 14 सितंबर, 2012 * पहली बार अरबी भाषा में पोप का संबोधन 11 अक्तूबर, 2012 बड़ी ख़बरें RSS * नशा पिलाकर किया बलात्कार, तीन गिरफ़्तार फाइल फोटो 26 जनवरी, 2013 * आशीष नंदी के बयान पर सोशल मीडिया में हलचल 26 जनवरी, 2013 * मिस्र: मौत की सज़ा के खिलाफ़ भड़की हिंसा, 26 की मौत 26 जनवरी, 2013 तस्वीरें * हैरतअंगेज़ कारनामों से दिखाया दम भारत ने अपना 64वां गणतंत्र दिवस भव्य तरीके से मनाया. एक ओर जहाँ अग्नि 5 मिसाइल का प्रदर्शन हुआ वहीं हैरतअंगेज़ कारनामे भी दिखे * निराली छटा वाला स्टेडियम धर्मशाला स्टेडियम भारत इंग्लैंड मैच धर्मशाला के इसी क्रिकेट स्टेडियम में होगा. ज़रूर पढ़ें * फिल्मी अवार्ड:कितने सच कितने झूठ? 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[22012010eduction04.jpg] इजराइल के वैज्ञानिकों का कहना है कि व्यक्ति की लिखावट एक मनोवैज्ञानिक औजार का काम करती है। लिखावट को देखकर कहा जा सकता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या झू इजराइली वैज्ञानिकों ने झूठ पकड़ने का नया उपाय खोजा है। उनके अनुसार अब व्यक्ति की लिखावट बता सकती है कि वह सच बोल रहा है या झूठ। हैफा विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि लिखावट सच और झूठ का राज खोल सकती है। प्रमुख अनुसंधानकर्ता गिल लूरिया ने बताया कि हस्तलिपि विशेषज्ञ झूठ पकड़ने की विधियों में एक और विधि शामिल कर सकते हैं। अन्य तकनीकों में मौखिक बातचीत पर भरोसा किया जाता है। इन दिनों झूठ को पकड़ने के लिए पॉलीग्राफ टेस्ट का काफी जोर है। इसे लेकर विभिन्न देशों में रियलिटी शो भी प्रसारित हो रहे हैं। इसी तरह की मनोवैजî [spacer.gif] comments to the editor [spacer.gif] Write here: ________________________________________ ________________________________________ ________________________________________ ________________________________________ ________________________________________ Terms & Conditions Name: ____________________ Location: ____________________ E-mail: ___________________________________ Submit [spacer.gif] [loader9.gif] Readers speak:No comments have been added for this news yet. 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(23 जनवरी 'हैंडराइटिंग डे' पर विशेष) * IFRAME: http://www.facebook.com/plugins/like.php?href=http://aajtak.intoday .in/story.php/content/view/689935//&layout=button_count&show_faces= true&&width=80&action=like&font&colorscheme=light&height=25 * * IFRAME: http://platform.twitter.com/widgets/tweet_button.1346833764.html#_= 1346847881207&count=horizontal&id=twitter-widget-0&lang=en&original _referer=http://aajtak.intoday.in/story.php/content/view/689935//&s ize=m&text=%E0%A4%86%E0%A4%AA%E0%A4%95%E0%A5%87 %E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0% A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B5 %E0%A4%95%E0%A4%BE %E0%A4%86%E0%A4%87%E0%A4%A8%E0%A4%BE %E0%A4%B9%E0%A5%88 %E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%96%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%9F%20-%20Aajtak %20India%20Today&url=http://aajtak.intoday.in/story.php/content/vie w/689935//&via=aajtak मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो देखने के लिए जाएं http://m.aajtak.in पर. डाउनलोड करें आजतक एप्लीकेशन iPhone Windows Android nnn संबंधित खबरें * [relationship98_011512101648.jpg] क्‍या स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है 'डेस्क जॉब'? * [young-girls-98_010612072822.jpg] मोटापा घटाने का हो इरादा, तो उठाइए कलम... 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पà¤à¥à¤·à¥à¤µà¤¾à¤¸ (सरà¥à¤à¤¿à¤¨à¥ साहà¥) पथ à¤à¥ दावà¥à¤¦à¤¾à¤° (शरतà¤à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° à¤à¤à¥à¤à¥à¤ªà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯) वà¥à¤°à¤¤ à¤à¤¥à¤¾à¤à¤ रà¥à¤à¤¾à¤à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤: à¤à¥à¤µà¤¨ सà¤à¤§à¥à¤¯à¤¾ (सतà¥à¤¯ शà¥à¤² à¤à¤à¥à¤°à¤µà¤¾à¤²) सतà¥à¤¯ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¯à¥à¤ (महातà¥à¤®à¤¾ à¤à¤¾à¤à¤§à¥) राम पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ बिसà¥à¤®à¤¿à¤² à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤®à¤à¤¥à¤¾ à¤à¤¦à¥à¤¯ à¤à¥à¤¶ सॠà¥à¥à¤¸à¤¬à¥à¤ पर à¤à¥à¥à¤¿à¤! ललित à¤à¥à¤®à¤¾à¤° à¥à¥à¤¸à¤¬à¥à¤ पर IFRAME: http://lalitkumar.in/combinedfeed.htm IFRAME: http://www.kavitakosh.org/kk/otherapps/rekhankan.htm à¤à¤¾à¤·à¤¾, लिà¤à¤¾à¤µà¤ à¤à¤° à¤à¤¿à¤¨à¤¤à¥ / नà¥à¤¹à¤°à¥ / पà¥à¤°à¥à¤®à¤à¤à¤¦ Gadya Kosh सॠयहाठà¤à¤¾à¤à¤: à¤à¥à¤°à¤®à¤£, à¤à¥à¤ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ » रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤¾à¤°à¥à¤ à¤à¥ सà¥à¤à¥ » रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤¾à¤°: à¤à¤µà¤¾à¤¹à¤°à¤²à¤¾à¤² नà¥à¤¹à¤°à¥ << पिà¤à¤²à¤¾ पà¥à¤·à¥à¤ पà¥à¤·à¥à¤ सारणॠà¤à¤à¤²à¤¾ पà¥à¤·à¥à¤ >> हम तरह-तरह à¤à¥ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤ à¤à¤¾ पहलॠहॠà¤à¤¿à¤à¥à¤° à¤à¤° à¤à¥à¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤° दिà¤à¤¾ à¤à¥à¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤¿ à¤à¤¨à¤à¤¾ à¤à¤ªà¤¸ मà¥à¤ à¤à¥à¤¯à¤¾ नाता हà¥à¥¤ à¤à¤ हम यह विà¤à¤¾à¤° à¤à¤°à¥à¤à¤à¥ à¤à¤¿ लà¥à¤à¥à¤ नॠबà¥à¤²à¤¨à¤¾ à¤à¥à¤¯à¥à¤ सà¥à¤à¤¾à¥¤ हमà¥à¤ मालà¥à¤® हॠà¤à¤¿ à¤à¤¾à¤¨à¤µà¤°à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤ बà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हà¥à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ लà¥à¤ à¤à¤¹à¤¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤¿ बà¤à¤¦à¤°à¥à¤ मà¥à¤ थà¥à¤¡à¤¼à¥-सॠमामà¥à¤²à¥ à¤à¥à¤à¥à¤ à¤à¥ लिठशबà¥à¤¦ या बà¥à¤²à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤à¥à¤¦ हà¥à¤à¥¤ तà¥à¤®à¤¨à¥ बाठà¤à¤¾à¤¨à¤µà¤°à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤à¥à¤¬ à¤à¤µà¤¾à¤à¥à¤ à¤à¥ सà¥à¤¨à¥ हà¥à¤à¤à¥ à¤à¥ वॠडर à¤à¤¾à¤¨à¥ पर à¤à¤° à¤à¤ªà¤¨à¥ à¤à¤¾à¤- बà¤à¤¦à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¤¤à¤°à¥ à¤à¥ à¤à¤¬à¤° दà¥à¤¨à¥ à¤à¥ लिठमà¥à¤à¤¹ सॠनिà¤à¤¾à¤²à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ शायद à¤à¤¸à¥ तरह à¤à¤¦à¤®à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¥ शà¥à¤°à¥à¤à¤¤ हà¥à¤à¥¤ शà¥à¤°à¥ मà¥à¤ बहà¥à¤¤ सà¥à¤§à¥-सादॠà¤à¤µà¤¾à¤à¥à¤ रहॠहà¥à¤à¤à¥à¥¤ à¤à¤¬ वॠà¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¥à¤ à¤à¥ दà¥à¤ à¤à¤° डर à¤à¤¾à¤¤à¥ हà¥à¤à¤à¥ à¤à¤° दà¥à¤¸à¤°à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤¬à¤° दà¥à¤¨à¤¾ à¤à¤¾à¤¹à¤¤à¥ हà¥à¤à¤à¥ तॠवॠà¤à¤¾à¤¸ तरह à¤à¥ à¤à¤µà¤¾à¤ निà¤à¤¾à¤²à¤¤à¥ हà¥à¤à¤à¥à¥¤ शायद à¤à¤¸à¤à¥ बाद मà¤à¤¦à¥à¤°à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤²à¤¿à¤¯à¥à¤ शà¥à¤°à¥ हà¥à¤à¤à¥¤ à¤à¤¬ बहà¥à¤¤-सॠà¤à¤¦à¤®à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤ à¤à¥à¤ à¤à¥à¤à¤à¤¤à¥ या à¤à¥à¤ à¤à¤¾à¤°à¥ बà¥à¤ à¤à¤ ातॠनहà¥à¤ दà¥à¤à¤¾ हà¥? à¤à¤¸à¤¾ मालà¥à¤® हà¥à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ à¤à¤ साथ हाà¤à¤ लà¤à¤¾à¤¨à¥ सॠà¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ à¤à¥à¤ सहारा मिलता हà¥à¥¤ यहॠबà¥à¤²à¤¿à¤¯à¥à¤ पहलà¥-पहल à¤à¤¦à¤®à¥ à¤à¥ मà¥à¤à¤¹ सॠनिà¤à¤²à¥ हà¥à¤à¤à¥à¥¤ धà¥à¤°à¥-धà¥à¤°à¥ à¤à¤° शबà¥à¤¦ बनतॠà¤à¤ हà¥à¤à¤à¥ à¤à¥à¤¸à¥ पानà¥, à¤à¤, à¤à¥à¤¡à¤¼à¤¾, à¤à¤¾à¤²à¥à¥¤ पहलॠशायद सिरà¥à¤« नाम हॠथà¥, à¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤ न थà¥à¤à¥¤ à¤à¤à¤° à¤à¥à¤ à¤à¤¦à¤®à¥ यह à¤à¤¹à¤¨à¤¾ à¤à¤¾à¤¹à¤¤à¤¾ हà¥à¤à¤¾ à¤à¤¿ मà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¤¾à¤²à¥ दà¥à¤à¤¾ हॠतॠवह à¤à¤ शबà¥à¤¦ à¤à¤¾à¤²à¥ à¤à¤¹à¤¤à¤¾ हà¥à¤à¤¾ à¤à¤° बà¤à¥à¤à¥à¤ à¤à¥ तरह à¤à¤¾à¤²à¥ à¤à¥ तरफ à¤à¤¶à¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤°à¤¤à¤¾ हà¥à¤à¤¾à¥¤ à¤à¤¸ वà¤à¥à¤¤ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ बहà¥à¤¤ à¤à¤® बातà¤à¥à¤¤ हà¥à¤¤à¥ हà¥à¤à¥à¥¤ धà¥à¤°à¥-धà¥à¤°à¥ à¤à¤¾à¤·à¤¾ तरà¤à¥âà¤à¥ à¤à¤°à¤¨à¥ लà¤à¥à¥¤ पहलॠà¤à¥à¤à¥-à¤à¥à¤à¥ वाà¤à¥à¤¯ पà¥à¤¦à¤¾ हà¥à¤, फिर बड़à¥-बड़à¥à¥¤ à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¤®à¤¾à¤¨à¥ मà¥à¤ à¤à¥ शायद सà¤à¥ à¤à¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤ हॠà¤à¤¾à¤·à¤¾ न थà¥à¥¤ लà¥à¤à¤¿à¤¨ à¤à¥à¤ à¤à¤®à¤¾à¤¨à¤¾ à¤à¤¸à¤¾ à¤à¤°à¥à¤° था à¤à¤¬ बहà¥à¤¤ सॠतरह-तरह à¤à¥ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤ न थà¥à¤à¥¤ मà¥à¤ तà¥à¤®à¤¸à¥ à¤à¤¹ à¤à¥à¤à¤¾ हà¥à¤ à¤à¤¿ तब थà¥à¤¡à¤¼à¥-सॠà¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤ थà¥à¤à¥¤ मà¤à¤° बाद à¤à¥, à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ मà¥à¤ सॠहर à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤-à¤à¤ शाà¤à¤¾à¤à¤ पà¥à¤¦à¤¾ हॠà¤à¤à¥¤ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ शà¥à¤°à¥ हà¥à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¤®à¤¾à¤¨à¥ तà¤, à¤à¤¿à¤¸à¤à¤¾ हम à¤à¤¿à¤à¥à¤° à¤à¤° रहॠहà¥à¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ नॠबहà¥à¤¤ तरà¤à¥âà¤à¥ à¤à¤° लॠथà¥à¥¤ बहà¥à¤¤-सॠà¤à¥à¤¤ बन à¤à¤ थॠà¤à¤° à¤à¤¾à¤ व à¤à¤µà¥à¤¯à¥ à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ à¤à¤¾à¤¤à¥ थà¥à¥¤ à¤à¤¸ à¤à¤®à¤¾à¤¨à¥ मà¥à¤ न लिà¤à¤¨à¥ à¤à¤¾ बहà¥à¤¤ रिवाठथा à¤à¤° न बहà¥à¤¤ à¤à¤¿à¤¤à¤¾à¤¬à¥à¤ थà¥à¤à¥¤ à¤à¤¸à¤²à¤¿à¤ लà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¬ सॠà¤à¤¹à¥à¤ à¤à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बातà¥à¤ याद रà¤à¤¨à¥ पड़तॠथà¥à¤à¥¤ तà¥à¤à¤¬à¤à¤¦à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤° à¤à¤à¤¦à¥à¤ à¤à¥ याद रà¤à¤¨à¤¾ à¤à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सहल हà¥à¥¤ यहॠसबब हॠà¤à¤¿ à¤à¤¨ मà¥à¤²à¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤¹à¤¾à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥ à¤à¤®à¤¾à¤¨à¥ मà¥à¤ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ फà¥à¤²à¥ हà¥à¤ थà¥, तà¥à¤à¤¬à¤à¤¦à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤° लड़ाठà¤à¥ à¤à¥à¤¤à¥à¤ à¤à¤¾ बहà¥à¤¤ रिवाठथा। à¤à¤¾à¤à¥à¤ à¤à¤° à¤à¤µà¥à¤¯à¥à¤ à¤à¥ मरॠहà¥à¤ वà¥à¤°à¥à¤ à¤à¥ बहादà¥à¤°à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤¤ बहà¥à¤¤ à¤à¤à¥à¤à¥ लà¤à¤¤à¥ थà¥à¥¤ à¤à¤¸ à¤à¤®à¤¾à¤¨à¥ मà¥à¤ à¤à¤¦à¤®à¥ à¤à¥ à¤à¤¿à¤à¤¦à¤à¥ à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤¸ à¤à¤¾à¤® लड़ना था, à¤à¤¸à¤²à¤¿à¤ à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¥à¤¤ à¤à¥ लड़ाà¤à¤¯à¥à¤ हॠà¤à¥ हà¥à¤à¥¤ हिà¤à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ हॠनहà¥à¤, दà¥à¤¸à¤°à¥ मà¥à¤²à¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥, यहॠरिवाठथा। लिà¤à¤¨à¥ à¤à¥ शà¥à¤°à¥à¤à¤¤ à¤à¥ बहà¥à¤¤ मà¤à¥à¤¦à¤¾à¤° हà¥à¥¤ मà¥à¤ à¤à¥à¤¨à¥ लिà¤à¤¾à¤µà¤ à¤à¤¾ बयान à¤à¤° à¤à¥à¤à¤¾ हà¥à¤à¥¤ सà¤à¥ मà¥à¤ लिà¤à¤¨à¤¾ तसà¥à¤µà¥à¤°à¥à¤ सॠशà¥à¤°à¥ हà¥à¤ हà¥à¤à¤¾à¥¤ à¤à¥ à¤à¤¦à¤®à¥ मà¥à¤° à¤à¥ बारॠमà¥à¤ à¤à¥à¤ à¤à¤¹à¤¨à¤¾ à¤à¤¾à¤¹à¤¤à¤¾ हà¥à¤à¤¾, à¤à¤¸à¥ मà¥à¤° à¤à¥ तसà¥à¤µà¥à¤° à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤à¤¾ बनाना पड़ता हà¥à¤à¤¾à¥¤ हाà¤, à¤à¤¸ तरह à¤à¥à¤ बहà¥à¤¤ à¤à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ न लिठसà¤à¤¤à¤¾ हà¥à¤à¤¾à¥¤ धà¥à¤°à¥-धà¥à¤°à¥ तसà¥à¤µà¥à¤°à¥à¤ सिरà¥à¤« निशानियाठरह à¤à¤ हà¥à¤à¤à¥à¥¤ à¤à¤¸à¤à¥ बहà¥à¤¤ दिनà¥à¤ पà¥à¤à¥ वरà¥à¤£à¤®à¤¾à¤²à¤¾ निà¤à¤²à¥ हà¥à¤à¥ à¤à¤° à¤à¤¸à¤à¤¾ रिवाठहà¥à¤ हà¥à¤à¤¾à¥¤ à¤à¤¸à¤¸à¥ लिà¤à¤¨à¤¾ बहà¥à¤¤ सहल हॠà¤à¤¯à¤¾ à¤à¤° à¤à¤²à¥à¤¦à¥-à¤à¤²à¥à¤¦à¥ तरà¤à¥âà¤à¥ हà¥à¤¨à¥ लà¤à¥à¥¤ à¤à¤¦à¤¦ à¤à¤° à¤à¤¿à¤¨à¤¤à¥ à¤à¤¾ निà¤à¤²à¤¨à¤¾ à¤à¥ बड़ॠमारà¥à¤à¥ à¤à¥ बात रहॠहà¥à¤à¥à¥¤ à¤à¤¿à¤¨à¤¤à¥ à¤à¥ बà¤à¥à¤° à¤à¥à¤ रà¥à¤à¤à¤¾à¤° à¤à¤°à¤¨à¥ à¤à¤¾ à¤à¤¯à¤¾à¤² à¤à¥ नहà¥à¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¾ सà¤à¤¤à¤¾à¥¤ à¤à¤¿à¤¸ à¤à¤¦à¤®à¥ नॠà¤à¤¿à¤¨à¤¤à¥ निà¤à¤¾à¤²à¥ वह बड़ा दिमाà¤à¤µà¤¾à¤²à¤¾ या बहà¥à¤¤ हà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤° à¤à¤¦à¤®à¥ रहा हà¥à¤à¤¾à¥¤ यà¥à¤°à¥à¤ª मà¥à¤ पहलॠà¤à¤à¤ बहà¥à¤¤ बà¥à¤¢à¤à¤à¥ थà¥à¥¤ रà¥à¤®à¤¨ à¤à¤à¤à¥à¤ à¤à¥ तà¥à¤® à¤à¤¾à¤¨à¤¤à¥ हॠपà¥à¤ पà¥à¤ªà¥à¤ पà¥à¤ªà¥à¤ªà¥à¤ पà¥à¤à¤ à¤à¤ à¤à¤ªà¥à¤ à¤à¤ªà¥à¤ªà¥à¤ à¤à¤ªà¥à¤ªà¥à¤ªà¥à¤ पà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿à¥¤ यॠबहà¥à¤¤ बà¥à¤¢à¤à¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤° à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ à¤à¤¾à¤® मà¥à¤ लाना मà¥à¤¶à¥à¤à¤¿à¤² हà¥à¥¤ à¤à¤à¤à¤² हम, हर à¤à¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ मà¥à¤, à¤à¤¿à¤¨ à¤à¤à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¾à¤® मà¥à¤ लातॠहà¥à¤ वॠबहà¥à¤¤ à¤à¤à¥à¤à¥ हà¥à¤à¥¤ मà¥à¤ 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 वà¤à¥à¤°à¤¹ à¤à¤à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¹ रहा हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ à¤à¤°à¤¬à¥ à¤à¤à¤ à¤à¤¹à¤¤à¥ हà¥à¤ à¤à¥à¤¯à¥à¤à¤à¤¿ यà¥à¤°à¥à¤ªà¤µà¤¾à¤²à¥à¤ नॠà¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ à¤à¤°à¤¬ à¤à¤¾à¤¤à¤¿ सॠसà¥à¤à¤¾à¥¤ लà¥à¤à¤¿à¤¨ à¤à¤°à¤¬à¤µà¤¾à¤²à¥à¤ नॠà¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ हिà¤à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥à¤ सॠसà¥à¤à¤¾ था। à¤à¤¸à¤²à¤¿à¤ à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ हिà¤à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¤à¤ à¤à¤¹à¤¨à¤¾ à¤à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मà¥à¤¨à¤¾à¤¸à¤¿à¤¬ हà¥à¤à¤¾à¥¤ लà¥à¤à¤¿à¤¨ मà¥à¤ तॠसरपठदà¥à¤¡à¤¼à¤¾ à¤à¤¾ रहा हà¥à¤à¥¤ à¤à¤à¥ हम à¤à¤°à¤¬ à¤à¤¾à¤¤à¤¿ तठनहà¥à¤ पहà¥à¤à¤à¥ हà¥à¤à¥¤ << पिà¤à¤²à¤¾ पà¥à¤·à¥à¤ पà¥à¤·à¥à¤ सारणॠà¤à¤à¤²à¤¾ पà¥à¤·à¥à¤ >> "http://gadyakosh.org/gk/index.php?title=%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0 %A4%BE,_%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%96%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%9F_%E0%A4%9 4%E0%A4%B0_%E0%A4%97%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%A4%E0%A5%80_/_%E0%A4%A8%E0 %A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A5%82_/_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8 7%E0%A4%AE%E0%A4%9A%E0%A4%82%E0%A4%A6&oldid=16901" सॠलिया à¤à¤¯à¤¾ शà¥à¤°à¥à¤£à¥: * à¤à¤¿à¤à¥à¤ à¥-पतरॠ यदि à¤à¤ª पà¥à¤°à¥ à¤à¤¦à¥à¤¯ à¤à¥à¤¶ वà¥à¤¬à¤¸à¤¾à¤à¤ à¤à¥ बारॠमà¥à¤ à¤à¤ªà¤¨à¥ à¤à¤¿à¤ªà¥à¤ªà¤£à¥ दà¥à¤¨à¤¾ à¤à¤¾à¤¹à¤¤à¥ हà¥à¤ तॠयहाठà¤à¥à¤²à¤¿à¤ à¤à¤°à¥à¤ à¤à¥à¤ªà¤¯à¤¾ à¤à¤¶à¥à¤à¤¨à¥à¤¯ à¤à¤¿à¤ªà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤ न à¤à¤°à¥à¤à¥¤ यदि à¤à¤¸ तरह à¤à¥ à¤à¤¿à¤ªà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¤ªà¤à¥ दिà¤à¥à¤ तॠपनà¥à¤¨à¥à¤ à¤à¤¾ नाम बतातॠहà¥à¤ gadyakosh AT gmail DOT com पर सà¥à¤à¤¿à¤¤ à¤à¤°à¥à¤à¥¤ Powered by MediaWiki * à¤à¤¸ पनà¥à¤¨à¥ à¤à¤¾ पिà¤à¤²à¤¾ बदलाव १३ दिसमà¥à¤¬à¤° २०१२ à¤à¥ २२:१८ बà¤à¥ हà¥à¤ था। * यह पà¥à¤·à¥à¤ ५५ बार दà¥à¤à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हॠ* à¤à¥à¤ªà¤¨à¥à¤¯à¤¤à¤¾ नà¥à¤¤à¤¿ * Gadya Kosh à¤à¥ बारॠमà¥à¤ * à¤à¤¸à¥à¤µà¥à¤à¤°à¤£ #RSS 2.0 RSS .92 Atom 1.0 तीसरा खंबा » बही में लिखावट के आधार पर रुपया वसूली के लिए दीवानी दावा किया जा सकता है Comments Feed पिता से पुत्री के भरण पोषण की राशि प्राप्त करने के लिए माता कब कार्यवाही करे? पुलिस लोगों को खेती नहीं करने दे रही है तो मानवाधिकार आयोग को शिकायत करें * Home * कानूनी सलाह * मेरे बारे में * सदस्यता * सम्पर्क * Today is Saturday, January 26, 2013 तीसरा खंबा तीसरा खंबा विधि व न्याय प्रणाली पर प्रथम हिन्दी जालस्थल IFRAME: http://www.s2d6.com/x/?x=i&z=i&v=3417444&r=1&k=[NETWORKID] Click here You are here : तीसरा खंबा » Civil Law, Law, दीवानी विधि, विधि » बही में लिखावट के आधार पर रुपया वसूली के लिए दीवानी दावा किया जा सकता है * अगला लेख * IFRAME: http://www.s2d6.com/x/?x=i&z=i&v=3276256&r=1&k=[NETWORKID] Click here * बही में लिखावट के आधार पर रुपया वसूली के लिए दीवानी दावा किया जा सकता है Posted By दिनेशराय द्विवेदी On 25 Jun 2012. Under Civil Law, Law, दीवानी विधि, विधि Tags: Account Book, Limitation, Money suit, Record, बही, मियाद, लिखावट, वसूली हेतु वाद VN:F [1.9.22_1171] please wait... Rating: 0.0/10 (0 votes cast) समस्या- मैं ने दो वर्ष पूर्व किसी व्यक्ति को कुछ रुपया 2 प्रतिशत ब्याज पर एक वर्ष के करार पर उधार दिया था और बही में लिखवा कर उक्त व्यक्ति के हस्ताक्षर करवा लिए थे। अब वह व्यक्ति न तो ब्याज दे रहा है और ही रुपया लौटा रहा है। क्या उक्त रुपया न्यायालय द्वारा प्राप्त किया जा सकता है? -विनोद कुमार कुमावत, गुढ़ा गौरजी, राजस्थान समाधान- यदि आप आम तौर पर रुपया उधार देने का व्यवसाय करते हैं तो उस के लिए लायसेंस का होना आवश्यक है। यदि बिना लायसेंस के आप रुपया उधार देते हैं तो इसी आधार पर आप का वाद निरस्त हो सकता है कि आप के पास रुपया उधार देने के लिए लायसेंस नहीं है। लेकिन कोई भी व्यक्ति अपने किसी परिचित, पड़ौसी, मित्र या जानकार की मदद करने के लिए उसे उधार दे सकता है। यदि आप आम तौर पर उधार नहीं देते हैं और बही में उधार देने के अधिक लेख नहीं हैं तो आप उस बही में लिखावट के आधार पर, जिस पर उधार लेने वाले व्यक्ति के हस्ताक्षर हैं, अपने रुपए की वसूली के लिए दीवानी वाद प्रस्तुत कर सकते हैं। मेरी राय में आप को अपने वकील के माध्यम से पहले उस व्यक्ति को रुपया चुकाने के लिए एक कानूनी नोटिस देना चाहिए। नोटिस की अवधि समाप्त हो जाने पर आप अपना रुपया वसूल करने के लिए वाद प्रस्तुत कर सकते हैं। लेकिन याद रहे जिस दिन आप ने रुपया उधार दिया है उस तिथि से तीन वर्ष व्यतीत होने के पहले ही यह वाद आप न्यायालय में प्रस्तुत कर सकते हैं, तीन वर्ष की अवधि समाप्त हो जाने के उपरान्त नहीं। VN:F [1.9.22_1171] please wait... Rating: 0.0/10 (0 votes cast) Print Friendly Version of this page Print Get a PDF version of this webpage PDF * * * * * * * * One Response to “बही में लिखावट के आधार पर रुपया वसूली के लिए दीवानी दावा किया जा सकता है” 1. vinod kumawat says: June 26, 2012 at 1:00 am बहुत बहुत aabhaar VA:F [1.9.22_1171] Rating: 0 (from 0 votes) Reply Leave a Reply Click here to cancel reply. ______________________ Name (required) ______________________ E-Mail (will not be published) (required) ______________________ Website __________________________________________________ __________________________________________________ __________________________________________________ __________________________________________________ __________________________________________________ __________________________________________________ __________________________________________________ __________________________________________________ Submit Comment [_] Show more posts Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g) « पिता से पुत्री के भरण पोषण की राशि प्राप्त करने के लिए माता कब कार्यवाही करे? पुलिस लोगों को खेती नहीं करने दे रही है तो मानवाधिकार आयोग को शिकायत करें » Related Articles From This Category संतान की अभिरक्षा (Custody) के लिए आवेदन किस न्यायालय को प्रस्तुत करें? संतान की अभिरक्षा (Custody) के लिए आवेदन किस न्यायालय को प्रस्तुत करें? 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Switch to our mobile site bab.laशब्दकोश * More by bab.la + Products + Home + शब्दकोश + परीक्षाएँ + वादसभा + शब्द संग्रह + खेल + व्यवसायी अनुवाद + वाक्यांश कोश + यात्रा + दैनिक अंग्रेज़ी पा + यंत्र & प्लगिन्स + Lexiophiles * हिन्दी + This page in: + ar ﺎﻠﻋﺮﺒﻳﺓ + id Bahasa Indonesia + cn 汉语 + cs Česky + da Dansk + de Deutsch + en English + eo Esperanto + es Español + fr Français + hi हिन्दी + it Italiano + ja 日本語 + ko 한국어 + hu Magyar + nl Nederlands + no Norsk + pl Polski + pt Português + ro Română + ru Русский + fi Suomi + sw Swahili + sv Svenska + tr Türkçe ____________________ HI हिन्दी अंग्रेज़ी EN (Submit) अनुवाद करना Summary लिखावट {संज्ञा} entry · hand · writing full details Usage examples घसीटी लिखावट गुप्त लिखावट की कुंजी डाली हुई या मिलाई हुई वस्तु या लिखावट * [favicons?domain=twitter.com] Follow us on Twitter * [favicons?domain=www.facebook.com] Become our fan on Facebook * [favicons?domain=plus.google.com] Add us on G+ * * bab.la Dictionary * हिन्दी-अंग्रेज़ी * लिखावट "लिखावट" के लिए हिंदी-अंग्रेज़ी अनुवाद सीधा हिंदी-अंग्रेज़ी अनुवाद परिणाम: 1-6 - 6 लिखावट {संज्ञा} लिखावट [likhaavat] {स्त्री.} (और: प्रवेश, पैठ, लेख, द्वार) entry {संज्ञा} लिखावट [likhaavat] {स्त्री.} (और: सुलेख) hand (writing) {संज्ञा} लिखावट [likhaavat] {स्त्री.} (और: लेख, लिखना) writing {संज्ञा} Usage examples हिंदी-अंग्रेज़ी समान अनुवादें घसीटी लिखावट scrawl * * गुप्त लिखावट की कुंजी cipher * * डाली हुई या मिलाई हुई वस्तु या लिखावट insertion * * समानार्थक शब्द लाश · लासा · लिंग · लिए · लिकपूगक · लिखना · लिखनी · लिखवाई · लिखाना · लिखानेवाला · लिखावट · लिटाना · लिपटना · लिपटाना · लिपि · लिपी · लिप्सा · लिफाफा · लिफ्ट · लिमोज़ीन · लिये और About bab.la | हिस्सा लेना | सम्पर्क & कानूनी जानकारी #Feed > Webdunia Hindi: लाइफ स्‍टाइल > नन्ही दुनिया > निबंध निबंध | बाल दिवस | चिट्ठी-पत्री | कहानी | क्या तुम जानते हो? | हँसगुल्ले | प्रेरक व्यक्तित्व | कविता | अजब-गजब Webdunia RSS मुख पृष्ठ » लाइफ स्‍टाइल » नन्ही दुनिया » निबंध (Hindi Nibandh) IFRAME: http://in.webdunia.com/Hindi/PortalCMS/archive/Default.aspx?CatId=10506 09000 #Bharatkosh (hi) copyright Bharatkosh à¤à¥ à¤à¤à¤® फ़à¥à¤¡ लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ à¤à¤¾à¤°à¤¤ डिसà¥à¤à¤µà¤°à¥ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ लà¥à¤ à¤à¤¾ डà¥à¤°à¤¾à¥à¥à¤ लà¥à¤ ⯠(पà¥à¤°à¤¤à¥à¤à¥à¤·à¤¿à¤¤) यहाठà¤à¤¾à¤à¤: à¤à¥à¤°à¤®à¤£, à¤à¥à¤ à¤à¤ªà¤¸à¥ à¤à¤ वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿à¤à¤¤ à¤à¤¨à¥à¤°à¥à¤§, à¤à¥à¤ªà¤¯à¤¾ à¤à¤µà¤¶à¥à¤¯ पढ़à¥à¤ à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ à¤à¤²à¤¾ परà¥à¤¯à¤à¤¨ दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ धरà¥à¤® साहितà¥à¤¯ समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤à¥à¤¯ सà¤à¥ विषय â¼ CAPTION: लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ विषय सà¥à¤à¥ लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ पाषाणà¥à¤¯ शिलालà¥à¤ à¤à¤à¤ सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ रà¤à¤¤ à¤à¤¾à¤·à¥à¤ à¤à¤ªà¤¡à¤¼à¤¾ धातॠताड़पतà¥à¤° à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° à¤à¤à¤°à¥à¤ªà¤¤à¥à¤° à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ à¤à¤¼à¤²à¤® सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥ तà¥à¤°-à¤à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤° à¤à¤¨à¥à¤¯ वसà¥à¤¤à¥à¤à¤ à¤à¥ साथ मानव-à¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¥¤ शà¥à¤²à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤¯ à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°, à¤à¤à¤¦à¤¿à¤°à¤¾ à¤à¤¾à¤à¤§à¥ राषà¥à¤à¥à¤°à¥à¤¯ मानव सà¤à¤à¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ परिसर, à¤à¥à¤ªà¤¾à¤² विषय सà¥à¤à¥ * 1 लà¥à¤à¤¨ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨à¤¤à¤¾ + 1.1 शà¥à¤²à¤à¤¿à¤¤à¥à¤° + 1.2 सिनà¥à¤§à¥ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤à¥à¤°à¥à¤£ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ + 1.3 वà¥à¤¦à¤¿à¤ à¤à¤¾à¤² + 1.4 बà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¤¾à¤¤à¤ * 2 लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ + 2.1 पाषाणà¥à¤¯ शिलालà¥à¤ + 2.2 à¤à¤à¤ + 2.3 सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ + 2.4 रà¤à¤¤ + 2.5 à¤à¤¾à¤·à¥à¤ + 2.6 à¤à¤ªà¤¡à¤¼à¤¾ + 2.7 धातॠ+ 2.8 ताड़पतà¥à¤° + 2.9 à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° + 2.10 à¤à¤à¤°à¥à¤ªà¤¤à¥à¤° + 2.11 à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ + 2.12 à¤à¤¼à¤²à¤® + 2.13 सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥ * 3 वà¥à¤¥à¤¿à¤à¤¾ * 4 à¤à¥à¤à¤¾ à¤à¤¿à¤ªà¥à¤ªà¤£à¥ à¤à¤° सà¤à¤¦à¤°à¥à¤ * 5 सà¤à¤¬à¤à¤§à¤¿à¤¤ लà¥à¤ मानव à¤à¤¾à¤¤à¤¿ à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ मà¥à¤ लà¥à¤à¤¨-सामà¤à¥à¤°à¥ नॠबड़ॠमहतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¥à¤£ à¤à¥à¤®à¤¿à¤à¤¾ à¤à¤¦à¤¾ à¤à¥ हà¥à¥¤ लà¥à¤à¤¨-सामà¤à¥à¤°à¥ नॠन à¤à¥à¤µà¤² मानव सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤à¤¿ व à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¥ सà¥à¤°à¤à¥à¤·à¤¿à¤¤ रà¤à¤¨à¥ मà¥à¤ यà¥à¤à¤¦à¤¾à¤¨ दिया हà¥, बलà¥à¤à¤¿ लिपि, à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¤° मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¿à¤à¤¤à¤¨à¤§à¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥ à¤à¥ à¤à¤¾à¤«à¤¼à¥ à¤à¤¹à¤°à¤¾à¤ सॠपà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¤à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ लà¥à¤à¤¨-सामà¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ à¤à¤¾à¤¨à¤¨à¥ à¤à¤¾ मतलब हà¥, पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥ ठà¥à¤ सॠसमà¤à¤¨à¤¾à¥¤ à¤à¤ लà¥à¤à¤¨ à¤à¥ लिठपà¥à¤°à¤®à¥à¤à¤¤à¤ à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ à¤à¤° à¤à¤¼à¤²à¤® à¤à¤¾ à¤à¤ªà¤¯à¥à¤ हà¥à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¾à¤à¤ªà¤°à¤¾à¤¯à¤à¤° à¤à¤¾ à¤à¤¸à¥à¤¤à¥à¤®à¤¾à¤² पिà¤à¤²à¥ à¤à¤¼à¤°à¥à¤¬ डà¥à¤¢à¤¼ सॠसालà¥à¤ सॠहॠरहा हà¥à¥¤ मà¤à¤° à¤à¤¬ बड़ॠतà¥à¤à¤¼à¥ सॠà¤à¤®à¥à¤ªà¥à¤¯à¥à¤à¤° मशà¥à¤¨ लà¥à¤à¤¨, पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¶à¤¨ à¤à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤®à¥à¤ साधन बनतॠà¤à¤¾ रहॠहà¥à¥¤ विà¤à¥à¤à¤¾à¤¨ à¤à¤° à¤à¥à¤à¥à¤¨à¤¾à¤²à¥à¤à¥ à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¥ दà¥à¤·à¥à¤à¤¿ सॠà¤à¥ लà¥à¤à¤¨-सामà¤à¥à¤°à¥ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥ à¤à¤¾à¤¨à¤à¤¾à¤°à¥ à¤à¤¾ बड़ा महतà¥à¤¤à¥à¤µ हà¥à¥¤ लà¥à¤à¤¨ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨à¤¤à¤¾ à¤à¤ à¤à¥ समय मà¥à¤ à¤à¤²à¥ हॠà¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ à¤à¤¾ à¤à¥à¤¬ à¤à¤¸à¥à¤¤à¥à¤®à¤¾à¤² हà¥à¤¤à¤¾ हà¥, मà¤à¤° à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¥à¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ मà¥à¤ नहà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ âà¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ â शबà¥à¤¦ à¤à¤°à¤¬à¥ à¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ मà¥à¤ à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¥à¤ पिà¤à¤²à¥ à¤à¤¼à¤°à¥à¤¬ à¤à¤ हà¤à¤¼à¤¾à¤° साल सॠहॠरहा हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¤à¥ पहलॠहमारॠदà¥à¤¶ मà¥à¤ लà¥à¤à¤¨ à¤à¥ लिठपà¥à¤°à¤®à¥à¤à¤¤à¤ ताड़पतà¥à¤°, à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° à¤à¤° तामà¥à¤°à¤ªà¤¤à¥à¤° à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¥à¤ हà¥à¤¤à¤¾ रहा हà¥à¥¤ à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¤²à¤¾à¤µà¤¾, à¤à¤à¤°à¥à¤ªà¤¤à¥à¤°, à¤à¤ªà¤¡à¤¼à¤¾, à¤à¤¾à¤à¤, à¤à¤¾à¤·à¥à¤ , à¤à¤®à¤¡à¤¼à¤¾, पाषाण, सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ व रà¤à¤¤à¤ªà¤¤à¥à¤°, मिà¤à¥à¤à¥ à¤à¥ à¤à¤à¤à¥à¤ व मà¥à¤¹à¤°à¥à¤ तथा शà¤à¤ व हाथà¥à¤¦à¤¾à¤à¤¤ à¤à¥à¤¸à¥ वसà¥à¤¤à¥à¤à¤ à¤à¤¾ à¤à¥ लà¥à¤à¤¨ à¤à¥ लिठà¤à¤ªà¤¯à¥à¤ हà¥à¤ हà¥à¥¤ à¤à¤ यॠà¤à¥à¤à¤¼à¥à¤ सà¤à¤à¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ पहà¥à¤à¤ à¤à¤ हà¥à¤, परनà¥à¤¤à¥ à¤à¤¸ पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ लà¥à¤à¤¨-सामà¤à¥à¤°à¥ नॠदà¥à¤°à¥à¤à¤à¤¾à¤² तठà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤° à¤à¥à¤à¤¾à¤¨-विà¤à¥à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ à¤à¤®à¥à¤²à¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾ à¤à¥ हà¥à¥¤ शà¥à¤²à¤à¤¿à¤¤à¥à¤° à¤à¥à¤®à¤¬à¥à¤à¤à¤¾, पà¤à¤à¤®à¤¢à¤¼à¥, मिरà¥à¤à¤¼à¤¾à¤ªà¥à¤°, à¤à¤¦à¤®à¤à¤¢à¤¼, हà¥à¤¶à¤à¤à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ à¤à¤¦à¤¿ à¤à¤¨à¥à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤ सॠदस-पनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¹ हà¤à¤¼à¤¾à¤° साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥ शà¥à¤²à¤à¤¿à¤¤à¥à¤° मिलॠहà¥à¤à¥¤ पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤ मानव à¤à¥ à¤à¥à¤µà¤¨à¤à¤°à¥à¤¯à¤¾ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ à¤à¤°à¤¨à¥ वालॠयॠशà¥à¤²à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°, à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ हम à¤à¤¦à¤¿à¤® à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤²à¤¿à¤ªà¤¿ à¤à¥ à¤à¤¿à¤¹à¥à¤¨ à¤à¥ मान सà¤à¤¤à¥ हà¥à¤, à¤à¤§à¤¿à¤à¤¤à¤° लाल, हरॠà¤à¤° सफ़à¥à¤¦ रà¤à¤à¥à¤ सॠबनॠहà¥à¤à¥¤ यॠरà¤à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤¯ वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ à¤à¤° à¤à¤¨à¤¿à¤à¥à¤ सॠतà¥à¤¯à¤¾à¤° à¤à¤¿à¤ à¤à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¦à¤¾à¤¹à¤°à¤£ à¤à¥à¤®à¤¬à¥à¤à¤à¤¾ à¤à¥ पहाड़ॠपर à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤ à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤¡à¤¼ पाया à¤à¤¾à¤¤à¤¾ हà¥, à¤à¤¿à¤¸à¤à¥ डà¤à¤ लà¥à¤ सॠà¤à¥à¤à¤¦ à¤à¥à¤¸à¤¾ सफ़à¥à¤¦ रस निà¤à¤²à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¥ डà¤à¤ ल à¤à¤¾ à¤à¥à¤à¥ à¤à¥ तरह à¤à¤ªà¤¯à¥à¤ à¤à¤°à¤à¥ à¤à¤¸à¤à¥ रस सॠसफ़à¥à¤¦ à¤à¤¿à¤¤à¥à¤° बनाठà¤à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¸ रस à¤à¤¾ à¤à¤ªà¤¯à¥à¤ à¤à¤¿à¤¸à¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤¯ वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ या à¤à¤¨à¤¿à¤ à¤à¥ हरॠà¤à¤¥à¤µà¤¾ लाल रà¤à¤ à¤à¥ पà¤à¥à¤à¤¾ बनानॠà¤à¥ लिठà¤à¥ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¥à¤®à¤¬à¥à¤à¤à¤¾ तथा à¤à¥à¤ à¤à¤¨à¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥à¤ à¤à¥ शà¥à¤²à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¥à¤ à¤à¥ साथ सà¤à¤à¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लà¥à¤ à¤à¥ मिलॠहà¥à¤à¥¤ à¤à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ हॠà¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ मà¥à¤ लà¥à¤à¤¨-सामà¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ तà¥à¤° पर शिलाà¤à¤£à¥à¤¡à¥à¤ à¤à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¤à¤¿à¤ रà¤à¤à¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤¸à¥à¤¤à¥à¤®à¤¾à¤² à¤à¤ हà¤à¤¼à¤¾à¤° साल तठहà¥à¤¤à¤¾ रहा हà¥à¥¤ सिà¤à¤§à¥ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤à¥à¤°à¥à¤£ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ सिनà¥à¤§à¥ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤à¥à¤°à¥à¤£ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ सिनà¥à¤§à¥ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ (2600-1800 à¤.पà¥.) à¤à¥ सà¤à¤à¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ लà¥à¤, à¤à¤¿à¤¨à¤à¥ सà¤à¤à¥à¤¯à¤¾ लà¤à¤à¤ à¤à¤¾à¤° हà¤à¤¼à¤¾à¤° हà¥, सà¥à¤²à¤à¤¡à¤¼à¥ à¤à¥ मà¥à¤¹à¤°à¥à¤, तामà¥à¤°à¤ªà¤à¥à¤à¤¿à¤¯à¥à¤, लà¤à¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤°à¥à¤, à¤à¤¾à¤à¤¸à¥ à¤à¥ à¤à¤à¤¼à¤¾à¤°à¥à¤, हाथà¥à¤¦à¤¾à¤à¤¤ व हडà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ दà¤à¤¡à¥à¤, मिà¤à¥à¤à¥ à¤à¥ बरà¥à¤¤à¤¨à¥à¤ तथा à¤à¤¨à¤à¥ ठà¥à¤à¤°à¥à¤ पर à¤à¤à¤à¤¿à¤¤ दà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ मिलतॠहà¥à¤à¥¤ यह à¤à¥à¤à¤¾à¤¤ नहà¥à¤ हॠà¤à¤¿ à¤à¤ªà¤¨à¥ दà¥à¤¨à¤¿à¤ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° मà¥à¤ सिनà¥à¤§à¥à¤à¤¨ à¤à¤¿à¤¸ लà¥à¤à¤¨-सामà¤à¥à¤°à¥ à¤à¤¾ à¤à¤¸à¥à¤¤à¥à¤®à¤¾à¤² à¤à¤°à¤¤à¥ थà¥à¥¤ à¤à¤¨à¤à¥ समà¤à¤¾à¤²à¥à¤¨ मà¥à¤¸à¥à¤ªà¥à¤à¤¾à¤®à¤¿à¤¯à¤¾à¤µà¤¾à¤¸à¥ à¤à¤ à¤à¥à¤à¥ à¤à¥à¤² सॠà¤à¥à¤²à¥ मिà¤à¥à¤à¥ à¤à¥ फलà¤à¥à¤ पर à¤à¤à¥à¤·à¤° à¤à¤à¥à¤°à¤¤à¥ थà¥à¥¤ वॠà¤à¥à¤²à¤¾à¤à¥à¤·à¤° लà¥à¤ पढ़ॠà¤à¤¾ à¤à¥à¤à¥ हà¥à¤, परनà¥à¤¤à¥ सिनà¥à¤§à¥ लिपि à¤à¤à¥ à¤à¥ à¤à¤à¥à¤à¥à¤¯ बनॠहà¥à¤ हà¥à¥¤ वà¥à¤¦à¤¿à¤ à¤à¤¾à¤² वà¥à¤¦à¤¿à¤ à¤à¤¾à¤² मà¥à¤ लà¥à¤à¤¨-à¤à¤²à¤¾ à¤à¥à¤à¤¾à¤¤ थॠया नहà¥à¤, यह à¤à¤ विवादासà¥à¤ªà¤¦ विषय रहा हà¥à¥¤ मà¥à¤à¥à¤¸à¤®à¥à¤²à¤° à¤à¥à¤¸à¥ à¤à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾ पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤à¥à¤ à¤à¤¾ मत था à¤à¤¿ वà¥à¤¦à¥à¤ à¤à¤° बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ à¤à¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥à¤ मà¥à¤ लिपि तथा लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ à¤à¤¾ à¤à¥à¤ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤ नहà¥à¤ हà¥à¥¤ परनà¥à¤¤à¥ à¤à¤§à¤° à¤à¥ वरà¥à¤·à¥à¤ मà¥à¤ वà¥à¤¦à¤¿à¤ à¤à¤¾à¤² मà¥à¤ लà¥à¤à¤¨ à¤à¥ à¤à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¥ बारॠमà¥à¤ à¤à¤ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ मिल à¤à¥à¤à¥ हà¥à¤à¥¤ यह सहॠहॠà¤à¤¿ वà¥à¤¦à¥à¤ à¤à¥ शà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ (शà¥à¤°à¤µà¤£à¥à¤¯ रà¤à¤¨à¤¾) à¤à¤¹à¤¾ à¤à¤¾à¤¤à¤¾ हà¥, परनà¥à¤¤à¥ शतपथ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ à¤à¤¾ वà¤à¤¨ हॠà¤à¤¿ वामदà¥à¤µ à¤à¤·à¤¿ नॠà¤à¤à¤¾ 'दà¥à¤à¤à¤° समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ à¤à¤¿à¤¯à¤¾'। à¤à¤¸à¥ तरह à¤à¤¤à¤°à¥à¤¯ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ à¤à¤¾ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤ हॠà¤à¤¿ à¤à¤·à¤¿ नॠ'à¤à¤à¤¾ दà¥à¤à¤à¤° पढ़à¥'। à¤à¤à¥à¤µà¥à¤¦ मà¥à¤ à¤à¤¾à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¾à¤¨ पर पहà¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ लिà¤, à¤à¤à¤-सà¤à¤à¥à¤¤ दाà¤à¤¨à¥ à¤à¤¾ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤ हà¥à¥¤ à¤à¤¸ तरह à¤à¥ à¤à¤ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤ वà¥à¤¦à¤¿à¤ वाà¤à¥à¤®à¤¯ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ मिलतॠहà¥à¤à¥¤ साराà¤à¤¶ यह हॠà¤à¤¿ à¤à¤¸ समय शà¥à¤°à¤µà¤£à¥à¤¯ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ लिà¤à¤¿à¤¤ रà¥à¤ª मà¥à¤ à¤à¥ à¤à¤ªà¤²à¤¬à¥à¤§ रहॠहà¥à¤à¥¤ बà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¤¾à¤¤à¤ बà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¤¾à¤¤à¤à¥à¤ मà¥à¤ लà¥à¤à¤¨ à¤à¥ à¤à¤ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤ मिलतॠहà¥à¤à¥¤ पाणिनि (लà¤à¤à¤ 500 à¤. पà¥.) à¤à¥ à¤à¤·à¥à¤à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥ मà¥à¤ âà¤à¥à¤°à¤¨à¥à¤¥â, âलिपिà¤à¤°â âयवनानॠलिपिâ à¤à¤° à¤à¤¾à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¾à¤¨à¥à¤ पर, पहà¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ लिà¤, à¤à¤à¤ दाà¤à¤¨à¥ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¥à¤¾ à¤à¤¾ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤ हà¥à¥¤ महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ मà¥à¤ âà¤à¥à¤°à¤¨à¥à¤¥â शबà¥à¤¦ ताड़पतà¥à¤° à¤à¤¥à¤µà¤¾ à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° à¤à¥ पà¥à¤¥à¥ à¤à¥ à¤à¤°à¥à¤¥ मà¥à¤ हॠपà¥à¤°à¤¯à¥à¤à¥à¤¤ हà¥à¤ हà¥à¥¤ पाणिनि नॠà¤à¤·à¥à¤à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥ à¤à¥ à¤à¤¨à¥à¤¯ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥à¤ à¤à¥ दà¥à¤à¤¨à¥^[1] à¤à¤¾ à¤à¤ बार निरà¥à¤¦à¥à¤¶ दिया हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤ वà¥à¤¯à¤¾à¤à¤°à¤£ à¤à¥ नियमà¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¸ à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾ लिपिबदà¥à¤§ हà¥à¤¨à¤¾ सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤à¤¿à¤¤ हà¥à¥¤ पर à¤à¤¸ समय à¤à¥ लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ बारॠमà¥à¤ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ à¤à¤¾à¤¨à¤à¤¾à¤°à¥ नहà¥à¤ मिलतॠहà¥à¥¤ लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¾ शिलालà¥à¤, बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤à¤¿à¤°à¤¿, à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤ पाषाणà¥à¤¯ शिलालà¥à¤ Main.jpg मà¥à¤à¥à¤¯ लà¥à¤ : पाषाणà¥à¤¯ शिलालà¥à¤ (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤ à¤à¤¾à¤² à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ लà¥à¤, à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ à¤à¤¿à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥ बनानॠà¤à¥ दà¥à¤·à¥à¤à¤¿ सà¥, पाषाणà¥à¤ पर à¤à¤¤à¥à¤à¥à¤°à¥à¤£ दà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ मिलतॠहà¥à¤à¥¤ पाषाणà¥à¤¯ लà¥à¤ à¤à¤à¥à¤à¤¾à¤¨à¥à¤, शिलाà¤à¤, सà¥à¤¤à¤®à¥à¤à¥à¤, मà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ तथा à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¤§à¤¾à¤°-पà¥à¤ à¥à¤ à¤à¤° पतà¥à¤¥à¤° à¤à¥ à¤à¤²à¤¶ या à¤à¤¨à¤à¥ ढà¤à¥à¤à¤¨-à¤à¥à¤¸à¥ वसà¥à¤¤à¥à¤à¤ पर पाठà¤à¤¾à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤à¥-à¤à¤à¥ पाषाण à¤à¥ à¤à¤¿à¤à¤¨à¤¾ à¤à¤¿à¤ बिना हॠलà¥à¤ à¤à¥à¤¦ दिठà¤à¤¾à¤¤à¥ थà¥à¥¤ परनà¥à¤¤à¥ à¤à¤¬ पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤à¤¿ - à¤à¥à¤¸à¥ लà¥à¤ à¤à¤¤à¥à¤à¥à¤°à¥à¤£ à¤à¤°à¤¨à¥ हà¥à¤¤à¥ तॠपतà¥à¤¥à¤° à¤à¥ à¤à¤¾à¤-à¤à¤¾à¤à¤ à¤à¤° à¤à¥à¤²à¤à¤° à¤à¤¿à¤à¤¨à¤¾ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤¤à¤¾ था। à¤à¤à¤ Main.jpg मà¥à¤à¥à¤¯ लà¥à¤ : à¤à¤à¤ (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) * पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ मà¥à¤ मिà¤à¥à¤à¥ à¤à¥ à¤à¤à¥à¤à¥ या पà¤à¤¾à¤ à¤à¤à¤à¥à¤ पर बहà¥à¤¤-सॠà¤à¤à¤¿à¤²à¥à¤ मिलॠहà¥à¤à¥¤ * पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ मà¥à¤¸à¥à¤ªà¥à¤à¤¾à¤®à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¥ à¤à¥à¤²à¤¾à¤à¥à¤·à¤° लà¥à¤ मिà¤à¥à¤à¥ à¤à¥ फलà¤à¥à¤ पर हॠलिà¤à¥ à¤à¤ थà¥à¥¤ सिदà¥à¤§à¤¾à¤°à¥à¤¥ à¤à¥ à¤à¤¨à¥à¤®à¤à¥à¤à¤¡à¤²à¥ तà¥à¤¯à¤¾à¤° à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤ शाà¤à¥à¤¯ राà¤à¤²à¥à¤à¤, à¤à¤¿à¤¸à¤à¥ बाà¤à¤ हाथ मà¥à¤ à¤à¤à¤à¤¾ पर पतà¥à¤°à¥à¤ à¤à¤¾ सà¤à¤à¤¯ à¤à¤° दाà¤à¤ हाथ मà¥à¤ मà¥à¤ वालॠलà¥à¤¹ शलाà¤à¤¾ हॠसà¥à¤µà¤°à¥à¤£ Main.jpg मà¥à¤à¥à¤¯ लà¥à¤ : सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) * पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ मà¥à¤ शà¤à¤à¥à¤ पर, हाथà¥à¤¦à¤¾à¤à¤¤ तथा à¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤à¤ पर, लà¤à¤¡à¤¼à¥ à¤à¥ शहतà¥à¤°à¥à¤ व सà¥à¤¤à¤®à¥à¤à¥à¤ पर à¤à¤° à¤à¤° सà¥à¤«à¤à¤¿à¤ à¤à¥à¤¸à¥ à¤à¤¼à¥à¤®à¤¤à¥ पतà¥à¤¥à¤°à¥à¤ पर à¤à¥ लà¥à¤ मिलॠहà¥à¤à¥¤ * पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ मà¥à¤ सà¥à¤¨à¤¾ à¤à¤° à¤à¤¾à¤à¤¦à¥ à¤à¥ पतà¥à¤¤à¤°à¥à¤ पर à¤à¥ लà¥à¤ à¤à¤¤à¥à¤à¥à¤°à¥à¤£ à¤à¤¿à¤ à¤à¤¾à¤¤à¥ थà¥à¥¤ रà¤à¤¤ Main.jpg मà¥à¤à¥à¤¯ लà¥à¤ : रà¤à¤¤ (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) * पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ मà¥à¤ à¤à¤ लà¥à¤ राà¤à¤ªà¤¤à¥à¤° पर लिà¤à¥ मिलॠहà¥à¤à¥¤ * राà¤à¤ªà¤¤à¥à¤° पर à¤à¤à¥à¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¥à¤²à¥ à¤à¥à¤·à¥à¤£à¤¾ à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, à¤à¤¨à¥à¤§à¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ à¤à¤° तà¤à¥à¤·à¤¶à¤¿à¤²à¤¾, रावलपिà¤à¤¡à¥ à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤¾, पाà¤à¤¿à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ सॠलà¥à¤ मिलॠहà¥à¤à¥¤ à¤à¤¾à¤·à¥à¤ Main.jpg मà¥à¤à¥à¤¯ लà¥à¤ : à¤à¤¾à¤·à¥à¤ (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) * पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤² सॠलिà¤à¤¨à¥ à¤à¥ लिठलà¤à¤¡à¤¼à¥ à¤à¥ तà¤à¥à¤¤à¥ या à¤à¤¾à¤·à¥à¤ फलठà¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¥à¤ हà¥à¤¤à¤¾ ठरहा हà¥à¥¤ * बà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¤¾à¤¤à¤ à¤à¤¥à¤¾à¤à¤ मà¥à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤ शालाà¤à¤ मà¥à¤ शिशà¥à¤à¤ à¤à¥ शिà¤à¥à¤·à¤¾ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¸à¤à¤ मà¥à¤ âफलà¤â à¤à¤¾ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤ हà¥à¥¤ à¤à¤ªà¤¡à¤¼à¤¾ सà¥à¤¹à¤à¥à¤° तामà¥à¤°à¤ªà¤ (सà¤à¤à¤µà¤¤à¤ à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¥à¤µ à¤à¥à¤¥à¥ सदà¥) Main.jpg मà¥à¤à¥à¤¯ लà¥à¤ : à¤à¤ªà¤¡à¤¼à¤¾ (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ मà¥à¤ लिà¤à¤¨à¥ à¤à¥ लिठसà¥à¤¤à¥ à¤à¤ªà¤¡à¤¼à¥ à¤à¥ à¤à¤£à¥à¤¡, सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤ मà¥à¤ âपà¤â à¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¾à¤«à¤¼à¥ à¤à¤¸à¥à¤¤à¥à¤®à¤¾à¤² हà¥à¤ हà¥à¥¤ सिà¤à¤¨à¥à¤¦à¤° à¤à¥ नà¥à¤¸à¥à¤¨à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤à¥à¤· नियारà¥à¤à¤¸ (à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¥à¤µ à¤à¥à¤¥à¥ सदà¥) à¤à¤¾ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤ हॠà¤à¤¿ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ लà¥à¤ à¤à¤à¥à¤à¥ तरह à¤à¥à¤à¥ à¤à¤ à¤à¤ªà¤¾à¤¸ à¤à¥ à¤à¤ªà¤¡à¤¼à¥ पर पतà¥à¤° लिà¤à¤¤à¥ थà¥à¥¤ à¤à¤ªà¤¡à¤¼à¥ à¤à¥ à¤à¤¿à¤¦à¥à¤°à¥à¤ à¤à¥ बनà¥à¤¦ à¤à¤°à¤¨à¥ à¤à¥ लिठà¤à¤à¤¾, à¤à¤¾à¤µà¤² या माà¤à¤¡ या लà¥à¤ à¤à¤¥à¤µà¤¾ पिà¤à¤²à¤¾ हà¥à¤ मà¥à¤® लà¤à¤¾à¤à¤° परत सà¥à¤à¤¾ लà¥à¤¤à¥ थॠà¤à¤° फिर à¤à¤à¥à¤, पतà¥à¤¥à¤° या शà¤à¤ à¤à¤¦à¤¿ सॠà¤à¥à¤à¤à¤° à¤à¤¸à¥ à¤à¤¿à¤à¤¨à¤¾ बनातॠथà¥à¥¤ धातॠलà¥à¤¹à¤¸à¥à¤¤à¤à¤ लà¥à¤, मà¥à¤¹à¤°à¥à¤²à¥, दिलà¥à¤²à¥ (लà¤à¤à¤ 450 à¤.) Main.jpg मà¥à¤à¥à¤¯ लà¥à¤ : धातॠ(लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤² मà¥à¤ लà¥à¤¹à¥ पर à¤à¥ लà¥à¤ à¤à¥à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤¤à¥ थà¥à¥¤ à¤à¤¨à¤®à¥à¤ सबसॠपà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हॠदिलà¥à¤²à¥ मà¥à¤ à¤à¤¼à¥à¤¤à¥à¤¬ मà¥à¤¨à¤¾à¤° à¤à¥ पास à¤à¤¡à¤¼à¥ लà¥à¤¹à¤¸à¥à¤¤à¤®à¥à¤ पर à¤à¥à¤ªà¥à¤¤à¤à¤¾à¤²à¥à¤¨ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि (à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥ à¤à¥à¤¥à¥-पाà¤à¤à¤µà¥à¤ सदà¥) मà¥à¤ à¤à¤¤à¥à¤à¥à¤°à¥à¤£ à¤à¤¿à¤¸à¥ राà¤à¤¾ âà¤à¤à¤¦à¥à¤°â à¤à¤¾ à¤à¤¹ पà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤ लà¥à¤à¥¤ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤à¤£à¥à¤¡ à¤à¥ à¤à¥à¤ªà¥à¤¶à¥à¤µà¤° मनà¥à¤¦à¤¿à¤° à¤à¥ पà¥à¤°à¤¾à¤à¤à¤£ मà¥à¤ à¤à¤¡à¤¼à¥ हà¥à¤ लà¥à¤¹à¥ à¤à¥ à¤à¤¼à¤°à¥à¤¬ पाà¤à¤ मà¥à¤à¤° à¤à¤à¤à¥ तà¥à¤°à¤¿à¤¶à¥à¤² पर à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥ सातवà¥à¤ सदॠà¤à¥ लिपि मà¥à¤ à¤à¤ सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤ लà¥à¤ à¤à¤¼à¥à¤¦à¤¾ हà¥à¤ हà¥à¥¤ ताड़पतà¥à¤° Main.jpg मà¥à¤à¥à¤¯ लà¥à¤ : ताड़पतà¥à¤° (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ मà¥à¤ ताड़पतà¥à¤° लà¥à¤à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤ पà¥à¤°à¤®à¥à¤ साधन रहा हà¥à¥¤ ताल या ताड़ वà¥à¤à¥à¤· दॠपà¥à¤°à¤à¤¾à¤° à¤à¥ हà¥à¤¤à¥ हà¥à¤- à¤à¤°à¤¤à¤¾à¤¡à¤¼ à¤à¤° शà¥à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤¡à¤¼à¥¤ à¤à¤°à¤¤à¤¾à¤¡à¤¼ à¤à¥ वà¥à¤à¥à¤· राà¤à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨, à¤à¥à¤à¤°à¤¾à¤¤ à¤à¤° पà¤à¤à¤¾à¤¬ मà¥à¤ à¤à¤¹à¥à¤-à¤à¤¹à¥à¤ मिल à¤à¤¾à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨à¤à¥ पतà¥à¤¤à¥ मà¥à¤à¥ à¤à¤° à¤à¤® लमà¥à¤¬à¥ हà¥à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° Main.jpg मà¥à¤à¥à¤¯ लà¥à¤ : à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) à¤à¥à¤°à¥à¤ नामठवà¥à¤à¥à¤· हिमालय मà¥à¤ à¤à¤¼à¤°à¥à¤¬ 4,000 मà¥à¤à¤° à¤à¥ à¤à¤à¤à¤¾à¤ पर बहà¥à¤¤à¤¾à¤¯à¤¤ मà¥à¤ मिलता हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¥à¤¤à¤°à¥ à¤à¤¾à¤², à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¤¾à¤²à¤¿à¤¦à¤¾à¤¸ नॠâà¤à¥à¤°à¥à¤à¤¤à¥à¤µà¤à¥â à¤à¤¹à¤¾ हà¥, à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ à¤à¥ तरह हà¥à¤¤à¥ हà¥à¥¤ यह à¤à¤¾à¤² à¤à¤ मà¥à¤à¤° लमà¥à¤¬à¥ निà¤à¤² à¤à¤¤à¥ हà¥à¥¤ à¤à¤²à¥à¤¬à¥à¤°à¥à¤¨à¥ नॠलिà¤à¤¾ हà¥- "मधà¥à¤¯ à¤à¤° à¤à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ लà¥à¤ तà¥à¤à¤¼ (à¤à¥à¤°à¥à¤) वà¥à¤à¥à¤· à¤à¥ à¤à¤¾à¤² पर लिà¤à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¥à¤°à¥à¤ à¤à¤¹à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤à¤°à¥à¤ªà¤¤à¥à¤° à¤à¥à¤¨ à¤à¥ हान राà¤à¤µà¤à¤¶ (206 à¤. पà¥.-220 à¤.) मà¥à¤ à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ बनानॠà¤à¥ पà¥à¤°à¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ 1. पà¥à¤¡à¤¼ à¤à¥ à¤à¤¾à¤² या सन à¤à¥ पानॠमà¥à¤ à¤à¤¿à¤à¥à¤¨à¤¾ 2. लà¥à¤à¤¦à¥ à¤à¥ à¤à¤¬à¤¾à¤²à¤¨à¤¾ 3. à¤à¤¬à¤²à¥ लà¥à¤à¤¦à¥ सॠà¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ बनाना 4. à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ à¤à¥ à¤à¤°à¥à¤® à¤à¤°à¤à¥ सà¥à¤à¤¾à¤¨à¤¾ Main.jpg मà¥à¤à¥à¤¯ लà¥à¤ : à¤à¤à¤°à¥à¤ªà¤¤à¥à¤° (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) * à¤à¤à¤°à¥ वà¥à¤à¥à¤· à¤à¥ à¤à¤¾à¤² à¤à¥, à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¤¸à¤® मà¥à¤ âसाà¤à¤à¥à¤ªà¤¾à¤¤â à¤à¤¹à¤¤à¥ हà¥à¤, à¤à¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ लिà¤à¤¨à¥ à¤à¤° à¤à¤¿à¤¤à¥à¤° बनानॠà¤à¥ लिठपà¥à¤°à¤¯à¥à¤ हà¥à¤¤à¥ थà¥à¥¤ * पà¥à¤°à¥à¤µà¥à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ मà¥à¤ à¤à¤¸ à¤à¤¾à¤² à¤à¤¾ हसà¥à¤¤à¤²à¤¿à¤ªà¤¿-लà¥à¤à¤¨ à¤à¥ लिठà¤à¤¾à¤«à¤¼à¥ à¤à¤ªà¤¯à¥à¤ हà¥à¤ हà¥à¥¤ à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ Main.jpg मà¥à¤à¥à¤¯ लà¥à¤ : à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ à¤à¥ à¤à¤ªà¤²à¤¬à¥à¤§à¤¿ नॠà¤à¥à¤à¤¾à¤¨-विà¤à¥à¤à¤¾à¤¨ à¤à¤° सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥ विà¤à¤¾à¤¸ मà¥à¤ बहà¥à¤¤ यà¥à¤à¤¦à¤¾à¤¨ दिया हà¥à¥¤ पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤à¤¤ à¤à¥ à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¥ à¤à¤¨à¥à¤¯ à¤à¤ªà¤²à¤¬à¥à¤§à¤¿ à¤à¥ à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤à¤¾à¤° à¤à¤° à¤à¤¸à¤¸à¥ à¤à¤¨à¤¿à¤¤ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤£-à¤à¤²à¤¾ à¤à¥ समà¤à¤à¥à¤· नहà¥à¤ रà¤à¤¾ à¤à¤¾ सà¤à¤¤à¤¾à¥¤ à¤à¤¨ दà¥à¤¨à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤à¤¾à¤°à¥à¤ नॠà¤à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤ मानव à¤à¥ बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤ à¤à¥à¤µà¤¨ पर दà¥à¤°à¥à¤à¤à¤¾à¤²à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ डाला हà¥à¥¤ à¤à¤²à¥à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥à¤à¤¿à¤ à¤à¤¿ à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ रà¥à¤ à¤à¤¾à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤° मà¥à¤¦à¥à¤°à¤£ à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ बनà¥à¤¦ पड़ à¤à¤¾à¤¤à¤¾ हà¥, तब हमारॠà¤à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤ समाठà¤à¤¾ à¤à¥à¤¯à¤¾ हाल हà¥à¤à¤¾? हालाà¤à¤à¤¿ सà¤à¤à¤¾à¤° à¤à¥ à¤à¤¨à¥à¤¯ साधन à¤à¤ªà¤²à¤¬à¥à¤§ हà¥à¤, मà¤à¤° वॠà¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ à¤à¤° मà¥à¤¦à¥à¤°à¤£ à¤à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ नहà¥à¤ लॠसà¤à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ हाथ-à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼, दवात à¤à¤° à¤à¤¼à¤²à¤®, 18वà¥à¤ सदॠ(à¤à¥à¤³à¤à¤° सà¤à¤à¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯, पà¥à¤£à¥) à¤à¤¼à¤²à¤® Main.jpg मà¥à¤à¥à¤¯ लà¥à¤ : à¤à¤¼à¤²à¤® (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) नरà¤à¥à¤² या लà¤à¤¡à¤¼à¥ सॠबनॠà¤à¤¼à¤²à¤® à¤à¤° रà¥à¤¶à¥à¤ सॠबनॠà¤à¥à¤à¥ à¤à¥ 'लà¥à¤à¤¨à¥' à¤à¤¹à¤¤à¥ थà¥à¥¤ à¤à¥. बà¥à¤¯à¥à¤¹à¥à¤²à¤° à¤à¤ªà¤¨à¥ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤ 'à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ लिपिशासà¥à¤¤à¥à¤°' मà¥à¤ लिà¤à¤¤à¥ हà¥à¤- "लिà¤à¤¨à¥ à¤à¥ लिठपà¥à¤°à¤¯à¥à¤à¥à¤¤ हà¥à¤¨à¥ वालॠà¤à¤ªà¤à¤°à¤£ à¤à¤¾ सामानà¥à¤¯ नाम 'लà¥à¤à¤¨à¥' था। 'लà¥à¤à¤¨à¥' à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¥à¤ शलाà¤à¤¾, तà¥à¤²à¤¿à¤à¤¾, वरà¥à¤£à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¿à¤à¤¾ à¤à¤° वरà¥à¤£à¤¿à¤à¤¾, सà¤à¥ à¤à¥ लिठहà¥à¤¤à¤¾ था। âलà¥à¤à¤¨à¥â शबà¥à¤¦ महाà¤à¤¾à¤µà¥à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤ªà¤²à¤¬à¥à¤§ हà¥à¥¤" नरà¤à¥à¤² या नरसल सॠबनॠलà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¤®à¤¤à¥à¤° पर à¤à¤¼à¤²à¤® à¤à¤¹à¤¤à¥ थà¥, मà¤à¤° à¤à¤¸ शबà¥à¤¦ à¤à¥ वà¥à¤¯à¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ नहà¥à¤ हà¥à¥¤ à¤à¤¼à¤²à¤® à¤à¥ लिठदà¥à¤¶à¥ सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤ नाम âà¤à¤·à¥à¤à¤¾â या âà¤à¤·à¤¿à¤à¤¾â था, à¤à¤¿à¤¸à¤à¤¾ शबà¥à¤¦à¤¾à¤°à¥à¤¥ हà¥, नरà¤à¥à¤²à¥¤ नरà¤à¥à¤², बाà¤à¤¸ या लà¤à¤¡à¤¼à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤à¤¡à¤¼à¥à¤ à¤à¥ हमारॠà¤à¤ à¤à¥ (यानि à¤à¤ सॠà¤à¤¼à¤°à¥à¤¬ सॠसाल पहलॠà¤à¥) à¤à¤¼à¤²à¤®à¥à¤ à¤à¥ तरह बनाà¤à¤° à¤à¤¨à¤¸à¥ लिà¤à¤¨à¥ à¤à¥ सारॠà¤à¤¾à¤°à¤¤ मà¥à¤ पà¥à¤°à¤¥à¤¾ रहॠहà¥à¥¤ ताड़पतà¥à¤° à¤à¤° à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° पर लिà¤à¥ à¤à¤ सारॠà¤à¤ªà¤²à¤¬à¥à¤§ हसà¥à¤¤à¤²à¤¿à¤ªà¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¤¸à¥ तरह à¤à¥ à¤à¤¼à¤²à¤®à¥à¤ सॠलिà¤à¥ à¤à¤ हà¥à¤à¥¤ सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥ Main.jpg मà¥à¤à¥à¤¯ लà¥à¤ : सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥ (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ मà¥à¤ हसà¥à¤¤à¤²à¤¿à¤ªà¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ लिठविà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤° à¤à¥ सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥ à¤à¤¾ à¤à¤ªà¤¯à¥à¤ हà¥à¤¤à¤¾ था। मà¤à¤° सबसॠà¤à¤¼à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤ªà¤¯à¥à¤ à¤à¤¾à¤²à¥ सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥ à¤à¤¾ हॠहà¥à¤¤à¤¾ था, à¤à¤¿à¤¸à¥ सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤ मà¥à¤ âमसिâ या âमषà¥â à¤à¤¹à¤¾ à¤à¤¾à¤¤à¤¾ था। यह बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ शबà¥à¤¦ हॠà¤à¤° à¤à¤ à¤à¥à¤¹à¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° मà¥à¤ दà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ मिलता हà¥à¥¤ à¤à¤µà¤¿ बाण, (लà¤à¤à¤ 620 à¤.) à¤à¤° à¤à¤¨à¤à¥ पà¥à¤°à¥à¤µà¤µà¤°à¥à¤¤à¥ सà¥à¤¬à¤à¤§à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤¤à¤¿ वासवदतà¥à¤¤à¤¾ मà¥à¤ à¤à¥ यह दà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ मिलता हà¥à¥¤ âमसॠà¤à¤à¥à¤à¤²à¤®à¥â शबà¥à¤¦à¥à¤ सॠसहठसà¥à¤ªà¤·à¥à¤ हॠà¤à¤¿, पà¥à¤°à¤®à¥à¤à¤¤à¤ à¤à¤¾à¤à¤² सॠहॠसà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥ तà¥à¤¯à¤¾à¤° à¤à¥ à¤à¤¾à¤¤à¥ थà¥à¥¤ वà¥à¤¥à¤¿à¤à¤¾ * à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¾ सà¥à¤¤à¤à¤à¤²à¥à¤, लà¥à¤à¤¬à¤¿à¤¨à¥ (नà¥à¤ªà¤¾à¤²) * दà¥à¤µà¥ सरसà¥à¤µà¤¤à¥, हाथ मà¥à¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤, à¤à¤§à¤¾à¤°-पà¥à¤ पर à¤à¥à¤·à¤¾à¤£ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लà¥à¤, मथà¥à¤°à¤¾ (दà¥à¤¸à¤°à¥ सदॠà¤.) * विषà¥à¤£à¥à¤à¥à¤à¤¡à¥ विà¤à¥à¤°à¤®à¥à¤à¤¦à¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤®à¤¨à¥-दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¿à¤à¥à¤à¥à¤²à¥à¤² दानपतà¥à¤°- à¤à¤¡à¤¼à¥ à¤à¤° राà¤à¤®à¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ सहित * à¤à¤¿à¤²à¤à¤¿à¤¤ हसà¥à¤¤à¤²à¤¿à¤ªà¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤ à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° (लà¤à¤à¤ 600 à¤.) * रà¤à¤¤à¤ªà¤¤à¥à¤° पर à¤à¤°à¥à¤·à¥à¤ ॠलà¥à¤, धरà¥à¤®à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤à¤¾ सà¥à¤¤à¥à¤ª, तà¤à¥à¤·à¤¶à¤¿à¤²à¤¾ (76 à¤.) * रà¤à¤à¤¨à¤¾ लिपि मà¥à¤ à¤à¤ ताड़पतà¥à¤°-हसà¥à¤¤à¤²à¤¿à¤ªà¤¿, नà¥à¤ªà¤¾à¤² (1165 à¤.) * à¤à¥à¤¨ सॠपशà¥à¤à¤¿à¤® à¤à¥ à¤à¤° à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ à¤à¥ à¤à¤ हà¤à¤¼à¤¾à¤° वरà¥à¤·à¥à¤ à¤à¥ यातà¥à¤°à¤¾ * यà¥à¤°à¥à¤ª मà¥à¤ à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼-निरà¥à¤®à¤¾à¤£ (1662 à¤. मà¥à¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ à¤à¤ वà¥à¤¡à¤à¤ सà¥) * साà¤à¤à¤¾à¤¨à¥à¤° (à¤à¤¯à¤ªà¥à¤° à¤à¥ नà¤à¤¼à¤¦à¥à¤) मà¥à¤ हाथ-à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ à¤à¤¾ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ * à¤à¤¨à¥à¤¨à¥à¤¸à¤µà¥à¤ सदॠà¤à¥ मधà¥à¤¯à¤à¤¾à¤² à¤à¤¾ à¤à¤ à¤à¤¶à¥à¤®à¥à¤°à¥ à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°, à¤à¤¿à¤¸à¤®à¥à¤ à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼-निरà¥à¤®à¤¾à¤£ à¤à¥ सà¤à¥ सà¥à¤¤à¤° दिà¤à¤¾à¤ à¤à¤ हà¥à¤ * à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤à¤¾à¤° à¤à¤° सà¥à¤²à¤¿à¤ªà¤¿à¤à¤¾à¤° à¤à¤ªà¤¨à¥-à¤à¤ªà¤¨à¥ à¤à¤¾à¤® à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤, à¤à¤à¤¼à¤²à¤¾à¤à¤¼-ठनासिरॠ(लà¤à¤à¤ 1590-95 à¤.) à¤à¤¾ à¤à¤ à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°, पà¥à¤°à¤¿à¤à¤¸ सदरà¥à¤¦à¥à¤¦à¥à¤¨ à¤à¤à¤¾ à¤à¤¼à¤¾à¤¨ सà¤à¤à¥à¤°à¤¹, à¤à¥à¤¨à¥à¤µà¤¾ * सà¥à¤¨à¤¹à¤°à¥ सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥ मà¥à¤ लिà¤à¤¿à¤¤ à¤à¤° à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ 'à¤à¤²à¥à¤ªà¤¸à¥à¤¤à¥à¤°' à¤à¤¾ à¤à¤ पनà¥à¤¨à¤¾, 1439 à¤. (राषà¥à¤à¥à¤°à¥à¤¯ सà¤à¤à¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯, नठदिलà¥à¤²à¥) * सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ पर à¤à¤¼à¥à¤°à¤à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤ पà¥à¤·à¥à¤ (12वà¥à¤ सदà¥) * à¤à¤ªà¤¡à¤¼à¤¾ (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) * तामà¥à¤°à¤ªà¤¤à¥à¤° (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) * à¤à¤¼à¤²à¤® à¤à¤° सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥ * à¤à¤¼à¤²à¤® (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) * à¤à¤¼à¤²à¤® à¤à¤° सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥ * à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) à¤à¥à¤à¤¾ à¤à¤¿à¤ªà¥à¤ªà¤£à¥ à¤à¤° सà¤à¤¦à¤°à¥à¤ 1. â à¤à¤¨à¥à¤¯à¥à¤à¥à¤¯à¥à¤½à¤ªà¤¿ दà¥à¤¶à¥à¤¯à¤¤à¥ सà¤à¤¬à¤à¤§à¤¿à¤¤ लà¥à¤ दà¥à¤à¥à¤ ⢠वारà¥à¤¤à¤¾ ⢠बदलà¥à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ पाषाणà¥à¤¯ शिलालà¥à¤ · à¤à¤à¤ · सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ · रà¤à¤¤ · à¤à¤¾à¤·à¥à¤ · à¤à¤ªà¤¡à¤¼à¤¾ · धातॠ· ताड़पतà¥à¤° · à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° · à¤à¤à¤°à¥à¤ªà¤¤à¥à¤° · à¤à¤¼à¤²à¤® · à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ · सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥ à¤à¤ªà¤° à¤à¤¾à¤¯à¥à¤ पà¥à¤°à¤®à¥à¤ विषय सà¥à¤à¥ à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ à¤à¤²à¤¾ परà¥à¤¯à¤à¤¨ à¤à¥à¤µà¤¨à¥ à¤à¥à¤² दरà¥à¤¶à¤¨ सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¤¾à¤·à¤¾ साहितà¥à¤¯ विà¤à¥à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥à¤¶ धरà¥à¤® à¤à¥à¤à¥à¤² समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤à¥à¤¯ फ़à¥à¤¸à¤¬à¥à¤ पर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤à¥à¤¶ (नठशà¥à¤°à¥à¤à¤¤) फ़à¥à¤¸à¤¬à¥à¤ पर शà¥à¤¯à¤° à¤à¤°à¥à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤à¤à¤£ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ सà¥à¤à¤¾à¤µ दà¥à¤ à¤à¥à¤µà¥à¤ à¤à¤°à¥à¤ वरà¥à¤£à¤®à¤¾à¤²à¤¾ à¤à¥à¤°à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° लà¥à¤ à¤à¥à¤ ठठठठठठठठठठà¤à¤ ठठठठठठठठठठठठड ढ ण त थ द ध न प फ ब ठम य र ल व श ष स ह à¤à¥à¤· तà¥à¤° à¤à¥à¤ ठॠठशà¥à¤° à¤à¤ Book-icon.png सà¤à¤¦à¤°à¥à¤ à¤à¥à¤°à¤à¤¥ सà¥à¤à¥ "http://bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%96%E0%A4%A8_ %E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80" सॠलिया à¤à¤¯à¤¾ शà¥à¤°à¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤: à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¥à¤¶ | पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ à¤à¤¸ पनà¥à¤¨à¥ à¤à¥ बारॠमà¥à¤ à¤à¤ªà¤à¥ राय à¤à¥à¤¯à¤¾ हà¥? à¤à¥à¤ªà¤¯à¤¾ नà¥à¤à¥ दिठविà¤à¤²à¥à¤ªà¥à¤ सॠà¤à¥à¤¨à¤à¤° पनà¥à¤¨à¥ à¤à¥ समà¥à¤à¥à¤·à¤¾ à¤à¤°à¥à¤ à¤à¤ªà¤à¥ à¤à¥à¤ पल दà¥à¤¨à¥ सॠहमà¥à¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤à¥à¤¶ à¤à¥ à¤à¤§à¤¿à¤ à¤à¤ªà¤¯à¥à¤à¥ बनानॠमà¥à¤ सहायता मिलà¥à¤à¥à¥¤ धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ ! विशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥à¤¯à¤¤à¤¾: [(à¤à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤à¤¿à¤¤)] पà¥à¤°à¥à¤£à¤¤à¤¾: [(à¤à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤à¤¿à¤¤)] निषà¥à¤ªà¤à¥à¤·à¤¤à¤¾: [(à¤à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤à¤¿à¤¤)] पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿: [(à¤à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤à¤¿à¤¤)] à¤à¤®à¤¾ à¤à¤°à¥à¤ (Submit) ____________ निà¤à¥ à¤à¥à¤² * सतà¥à¤°à¤¾à¤°à¤à¤ (लà¥à¤-à¤à¤¨).à¤à¤¾à¤¤à¤¾ à¤à¥à¤²à¥à¤ नामसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ * पनà¥à¤¨à¤¾ * वारà¥à¤¤à¤¾ सà¤à¤¸à¥à¤à¤°à¤£ दà¥à¤¶à¥à¤¯ * पढ़à¥à¤ * सà¥à¤°à¥à¤¤ दà¥à¤à¥à¤ * à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ दà¥à¤à¥à¤ à¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤ à¤à¥à¤à¥à¤ ____________________ (Submit) à¤à¥à¤ [_] दà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤°à¥ सà¥à¤¸à¥à¤µà¤¾à¤à¤¤à¤®à¥ * मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ * पà¥à¤°à¤®à¥à¤ विषय> + à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯> o à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ o à¤à¥à¤à¤°à¤¾à¤¤ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ + à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸> o à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ o à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ + परà¥à¤¯à¤à¤¨> o परà¥à¤¯à¤à¤¨ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ o à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ परà¥à¤¯à¤à¤¨ सà¥à¤¥à¤² o à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ दà¥à¤°à¥à¤ + à¤à¤²à¤¾ + à¤à¥à¤à¥à¤² + धरà¥à¤® + विà¤à¥à¤à¤¾à¤¨ + साहितà¥à¤¯ + à¤à¥à¤µà¤¨à¥ + दरà¥à¤¶à¤¨ + सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤à¤¿ + à¤à¤¾à¤·à¤¾ + à¤à¥à¤² + à¤à¥à¤¶ + सà¤à¥ विषय + à¤à¤¯à¤¨à¤¿à¤¤ à¤à¤¿à¤¤à¥à¤° * à¤à¥à¤¶> + à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¥à¤¶> o à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¥à¤¶ o सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥ + à¤à¥à¤à¥à¤² à¤à¥à¤¶> o à¤à¥à¤à¥à¤² à¤à¥à¤¶ o à¤à¥à¤·à¤¿ à¤à¥à¤¶ o वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ à¤à¥à¤¶ + à¤à¥à¤µà¤¨à¥ à¤à¥à¤¶> o à¤à¥à¤µà¤¨à¥ à¤à¥à¤¶ o पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¥à¤¶ o à¤à¤¾à¤°à¤¤ रतà¥à¤¨ समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ o à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤à¤¤à¥à¤°à¥ o à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ राषà¥à¤à¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ + साहितà¥à¤¯ à¤à¥à¤¶> o साहितà¥à¤¯ à¤à¥à¤¶ o à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ à¤à¥à¤¶ o à¤à¤¥à¤¾ साहितà¥à¤¯ à¤à¥à¤¶ o साहितà¥à¤¯à¤à¤¾à¤° o à¤à¤µà¤¿ + à¤à¤²à¤¾ à¤à¥à¤¶> o à¤à¤²à¤¾ à¤à¥à¤¶ o सà¤à¤à¥à¤¤ à¤à¥à¤¶ o सिनà¥à¤®à¤¾ à¤à¥à¤¶ + दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¥à¤¶> o दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¥à¤¶ o साà¤à¤à¥à¤¯ दरà¥à¤¶à¤¨ o वà¥à¤¶à¥à¤·à¤¿à¤ दरà¥à¤¶à¤¨ o बà¥à¤¦à¥à¤§ दरà¥à¤¶à¤¨ o à¤à¥à¤¨ दरà¥à¤¶à¤¨ + परà¥à¤¯à¤à¤¨ à¤à¥à¤¶ + à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ सà¤à¤°à¤à¤¨à¤¾ à¤à¥à¤¶ + विà¤à¥à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥à¤¶ + सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥à¤¶ + à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¥à¤¶ + पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤ à¤à¥à¤¶ + राà¤à¤¨à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥à¤¶ + शबà¥à¤¦ सà¤à¤¦à¤°à¥à¤ à¤à¥à¤¶ + à¤à¥à¤²à¤à¥à¤¦ à¤à¥à¤¶ * सामानà¥à¤¯ à¤à¥à¤à¤¾à¤¨> + हिनà¥à¤¦à¥ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + à¤à¥à¤à¥à¤² पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + विà¤à¥à¤à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + à¤à¤°à¥à¤¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + à¤à¤²à¤¾ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + à¤à¤®à¥à¤ªà¥à¤¯à¥à¤à¤° पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + शिà¤à¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + à¤à¤¿à¤¤à¥à¤° पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + à¤à¥à¤² पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + राà¤à¤¨à¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + रामायण पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ + राà¤à¥à¤¯à¥à¤ à¤à¥ सामानà¥à¤¯ à¤à¥à¤à¤¾à¤¨> o à¤à¤¤à¥à¤¤à¥à¤¸à¤à¤¢à¤¼ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ o à¤à¤¾à¤°à¤à¤£à¥à¤¡ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ * à¤à¥à¤ à¤à¤¯à¤¨à¤¿à¤¤ लà¥à¤> + लà¥à¤> o दिलà¥à¤²à¥ o मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ o à¤à¥à¤²à¤à¤¾à¤¤à¤¾ o लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ o à¤à¤à¥à¤°à¤¾à¤¹à¥ o à¤à¥à¤µà¤¾ o मà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤²à¤¾ मथà¥à¤°à¤¾ o रà¤à¤ o वाराणसॠo शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ o सारनाथ o हमà¥à¤ªà¥ o हिनà¥à¤¦à¥ o हà¥à¤®à¤¾à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ मà¤à¤¼à¤¬à¤°à¤¾ o हà¥à¤²à¥ + à¤à¥à¤·à¥à¤£ + à¤à¤¼à¤¾à¤²à¤¿à¤¬ + à¤à¤à¤¦à¥à¤°à¤¶à¥à¤à¤° वà¥à¤à¤à¤ रामन + पà¤. à¤à¤µà¤¾à¤¹à¤°à¤²à¤¾à¤² नà¥à¤¹à¤°à¥ + मà¥à¤à¤¶à¥ पà¥à¤°à¥à¤®à¤à¤à¤¦ + बाठ+ बà¥à¤°à¤ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ रतà¥âन + महातà¥à¤®à¤¾ à¤à¤¾à¤à¤§à¥ + रबà¥à¤¨à¥à¤¦à¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥ ठाà¤à¥à¤° + शिवाà¤à¥ महाराठ+ सतà¥à¤¯à¤à¤¿à¤¤ राय + सरà¥à¤à¤¿à¤¨à¥ नायडॠ* à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤à¥à¤¶ à¤à¥à¤²à¤£à¥à¤¡à¤° * à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤à¥à¤¶ समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤à¥à¤¯ * बà¥à¤²à¥à¤ * सà¤à¤ªà¤°à¥à¤ * फ़à¥à¤¸à¤¬à¥à¤ पर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤à¥à¤¶ * यà¥à¤à¤¦à¤¾à¤¨ à¤à¤°à¥à¤ सà¤à¤à¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ सà¥à¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ * à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ सà¤à¤°à¤à¤¨à¤¾> + à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ > o राषà¥à¤à¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ o पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤à¤¤à¥à¤°à¥ o सà¤à¤¸à¤¦> # लà¥à¤à¤¸à¤à¤¾ # राà¤à¥à¤¯à¤¸à¤à¤¾ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤ à¤à¤²à¤ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ राà¤à¥à¤¯> o à¤à¥à¤à¤¦à¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶> # à¤à¤à¤¡à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤ निà¤à¥à¤¬à¤¾à¤° # à¤à¤£à¥âडà¥à¤à¤¢à¤¼ # दमन à¤à¤° दà¥à¤µ # दादरा तथा नà¤à¤° हवà¥à¤²à¥ # पà¥à¤¦à¥à¤à¥à¤°à¥ # रा.रा. à¤à¥à¤·à¥à¤¤à¥à¤° दिलà¥à¤²à¥ # लà¤à¥à¤·à¤¦à¥à¤µà¥à¤ª o à¤à¤°à¥à¤£à¤¾à¤à¤² पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¸à¤® o à¤à¤à¤§à¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤à¤£à¥à¤¡ o à¤à¤¡à¤¿à¤¶à¤¾ o à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤ o à¤à¥à¤°à¤² o à¤à¥à¤à¤°à¤¾à¤¤ o à¤à¥à¤µà¤¾ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¥à¤¸à¤à¤¢à¤¼ o à¤à¤®à¥à¤®à¥ à¤à¤° à¤à¤¶à¥à¤®à¥à¤° o à¤à¤¾à¤°à¤à¤£à¥à¤¡ o तमिलनाडॠo तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ o नाà¤à¤¾à¤²à¥à¤à¤¡ o पà¤à¤à¤¾à¤¬ o पशà¥à¤à¤¿à¤® बà¤à¤à¤¾à¤² o बिहार o मणिपà¥à¤° o मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o महाराषà¥à¤à¥à¤° o मिà¤à¤¼à¥à¤°à¤® o मà¥à¤à¤¾à¤²à¤¯ o राà¤à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ o सिà¤à¥à¤à¤¿à¤® o हरियाणा o हिमाà¤à¤² पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ + राषà¥à¤à¥à¤°à¥à¤¯ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¹ à¤à¤° पà¥à¤°à¤¤à¥à¤> o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ धà¥âवठ'तिरà¤à¤à¤¾' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¤à¤¾à¤¨ 'à¤à¤¨ à¤à¤£ मन' o राषà¥à¤à¥à¤°à¥à¤¯ à¤à¥à¤¤ 'वà¤à¤¦à¥ मातरमà¥â o राà¤à¤à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤ 'à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¿à¤¹à¥à¤¨' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ पà¤à¤à¤¾à¤à¤ 'राषà¥à¤à¥à¤°à¥à¤¯ शाà¤à¥' o राषà¥à¤à¥à¤°à¥à¤¯ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ 'à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ रà¥à¤ªà¤¯à¤¾' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ à¤à¥à¤² 'हà¥à¤à¥' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ नदॠ'à¤à¤à¤à¤¾' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ पà¤à¥à¤·à¥ 'मà¥à¤°' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ पà¥à¤·à¥âप 'à¤à¤®à¤²' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ वà¥à¤à¥à¤· 'बरà¤à¤¦' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ फल 'à¤à¤®' o रा. à¤à¤²à¥à¤¯ à¤à¥à¤µ 'à¤à¤à¤à¤¾ डà¥à¤²à¥à¤«à¤¼à¤¿à¤¨' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ पशॠ'बाà¤' + à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤°à¤¤à¥à¤¨ * à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸> + à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ + सिनà¥à¤§à¥ à¤à¤¾à¤à¥ à¤à¥ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ + पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ + मà¥à¤°à¥à¤¯ à¤à¤¾à¤² + शठà¤à¤µà¤ à¤à¥à¤·à¤¾à¤£ à¤à¤¾à¤² + à¤à¥à¤ªà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤² + पà¥à¤°à¥à¤µ मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤²> o पाल सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ o à¤à¥à¤°à¥à¤à¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤° सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ o राà¤à¤ªà¥à¤¤ सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ + मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤²> o दिलà¥à¤²à¥ सलà¥à¤¤à¤¨à¤¤> # à¤à¤¼à¥à¤²à¤¾à¤® वà¤à¤¶ # à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤à¥ वà¤à¤¶ # सà¥à¤¯à¤¦ वà¤à¤¶ # लà¥à¤¦à¥ वà¤à¤¶ # तà¥à¤à¤¼à¤²à¤à¤¼ वà¤à¤¶ # मà¥à¤à¤¼à¤² सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ o दà¤à¥à¤à¤¨ सलà¥à¤¤à¤¨à¤¤> # बहमनॠवà¤à¤¶ # निà¤à¤¼à¤¾à¤®à¤¶à¤¾à¤¹à¥ वà¤à¤¶ o दà¤à¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯> # राषà¥à¤à¥à¤°à¤à¥à¤ वà¤à¤¶ # हà¥à¤¯à¤¸à¤² वà¤à¤¶ # वाà¤à¤¾à¤à¤ वà¤à¤¶ # सातवाहन सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ # विà¤à¤¯à¤¨à¤à¤° सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ + à¤à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤ à¤à¤¾à¤²> o à¤à¤¾à¤-मराठा à¤à¤¾à¤² o à¤à¤ªà¤¨à¤¿à¤µà¥à¤¶à¤¿à¤ à¤à¤¾à¤²> # à¤à¤à¤à¥à¤°à¥à¤à¤¼à¥ शासन # सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ सà¤à¤à¥à¤°à¤¾à¤® 1857 # à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¤à¤à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ à¤à¤à¤¦à¥à¤²à¤¨ # सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥ # à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ वà¥à¤°à¤¾à¤à¤à¤¨à¤¾à¤à¤ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ राà¤à¤µà¤à¤¶ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ महाà¤à¤¨à¤ªà¤¦ + à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¥ सà¤à¥ लà¥à¤ * परà¥à¤¯à¤à¤¨> + परà¥à¤¯à¤à¤¨ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ + à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤ सà¥à¤¥à¤² + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ दà¥à¤°à¥à¤ + पहाड़ॠपरà¥à¤¯à¤à¤¨ सà¥à¤¥à¤² + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ परà¥à¤¯à¤à¤¨ सà¥à¤¥à¤²> o राà¤à¥à¤¯à¥à¤ à¤à¥ परà¥à¤¯à¤à¤¨ सà¥à¤¥à¤² o à¤à¤à¤¡à¤®à¤¾à¤¨ निà¤à¥à¤¬à¤¾à¤° दà¥à¤µà¥à¤ª समà¥à¤¹ o à¤à¤°à¥à¤£à¤¾à¤à¤² पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¸à¤® o à¤à¤à¤§à¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¡à¤¼à¥à¤¸à¤¾ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤à¤à¤¡ o à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤ o à¤à¥à¤°à¤² o à¤à¥à¤à¤°à¤¾à¤¤ o à¤à¥à¤µà¤¾ o à¤à¤£à¥à¤¡à¥à¤à¤¢à¤¼ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¥à¤¸à¤à¤¢à¤¼ o à¤à¤®à¥à¤®à¥ à¤à¤° à¤à¤¶à¥à¤®à¥à¤° o à¤à¤¾à¤°à¤à¤£à¥à¤¡ o तमिलनाडॠo तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ o दमन à¤à¤° दà¥à¤µ o दिलà¥à¤²à¥ o नाà¤à¤¾à¤²à¥à¤à¤¡ o पà¤à¤à¤¾à¤¬ o पशà¥à¤à¤¿à¤® बà¤à¤à¤¾à¤² o बिहार o मणिपà¥à¤° o मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o महाराषà¥à¤à¥à¤° o मिà¤à¤¼à¥à¤°à¤® o मà¥à¤à¤¾à¤²à¤¯ o राà¤à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ o सिà¤à¥à¤à¤¿à¤® o हरियाणा o हिमाà¤à¤² पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ + परà¥à¤¯à¤à¤¨ à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤µà¤²à¥ + परà¥à¤¯à¤à¤¨ à¤à¥ सà¤à¥ लà¥à¤ * साहितà¥à¤¯> + साहितà¥à¤¯ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ + 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शब्दयोग-पत्रिका - Atom दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका यह अव्यवसायिक ब्लॉग/पत्रिका है तथा इसमें लेखक की मौलिक एवं स्वरचित रचनाएं प्रकाशित है. इन रचनाओं को अन्य कहीं प्रकाशन के लिए पूर्व अनुमति लेना जरूरी है. ब्लॉग लेखकों को यह ब्लॉग लिंक करने की अनुमति है पर अन्य व्यवसायिक प्रकाशनों को यहाँ प्रकाशित रचनाओं के लिए पूर्व सूचना देकर अनुमति लेना आवश्यक है. लेखक संपादक-दीपक भारतदीप,ग्वालियर समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें- पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी. दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका Sunday 12 September 2010 हिन्दी में चिंदी लेखन-हिन्दी व्यंग्य (hindi men chindi lekhan-hindi vyangya) वह नब्बे साल के अंग्रेजी लेखक हैं मगर उनको हिन्दी आती होगी इसमें संदेह है पर हिन्दी के समाचार पत्र पत्रिकाऐं उनके लेख अपने यहां छापते हैं-यकीनन ऐसा अनुवाद के द्वारा ही होता होगा। वह क्या लिखते हैं? इसका सीधा जवाब यह है कि विवादों को अधिक विवादास्पद बनाना, संवेदनाओं को अधिक उभारना और कल्पित संस्मरणों से अपने अपने आप को श्रेष्ठ साबित करना। अगर हिन्दी के सामान्य लेखक से भी उनकी तुलना की जाये तो उनका स्तर कोई अधिक ऊंचा नहीं है मगर चूंकि हमारे प्रकाशन जगत का नियम बन गया है कि वह केवल एक लेखक के रूप में किसी व्यक्ति को तभी स्वीकार करेंगे जब उसके साथ दौलत, शौहरत तथा ऊंचे पद का बिल्ला लगा होना चाहिये। यह तभी संभव है जब कोई लेखक आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक तथा धार्मिक शिखर पुरुषों का सानिध्य प्राप्त करे और दुर्भाग्य कि वह उनको ही मिलता है जिनको अंग्रेजी आती है और तय बात है कि देश के अनेक हिन्दी संपादक उनके प्रशंसक बन जाते हैं। उन वृद्ध लेखक ने अपने एक लेख में भिंडरवाले और ओसामा बिन लादेन से वीर सावरकर की तुलना कर डाली। यकीनन यह चिढ़ाने वाली बात है। अगर अंग्रेजी अखबार में ही यह सब छप जाता तो कोई बात नहीं मगर उसे हिन्दी अखबार में भी जगह मिली। यह हिन्दी की महिमा है कि जब तक उसमें कोई लेखक न छपे तब तक वह अपने को पूर्ण नहीं मान सकता और जितने भी इस समय प्रतिष्ठित लेखक हैं वह अंग्रेजी के ही हैं इसलिये ही अपने अनुवाद अखबारों में छपवाते हैं। इससे प्रकाशन जगत और लेखक दोनों का काम सिद्ध होता है। अंग्रेजी का लेखक पूर्णता पाता है तो हिन्दी प्रकाशन जगत के कर्णधार भी यह सोचकर चैन की संास लेते हैं कि किसी आम हिन्दी लेखक की सहायता लिये बगैर ही हिन्दी में अपना काम चला लिया। वह लेखक क्या लिखते हैं? उनका लिखा याद नहीं आ रहा है। चलिये उनकी शैली में कुछ अपनी शैली मिलाकर एक कल्पित संस्मरण लिख लेते हैं। मैं ताजमहल पहुंच गया। उस समय आसमान में बादल थे पर उमस के कारण पसीना भी बहुत आ रहा था। कभी कभी ठंडी हवा चल रही थी तब थोड़ा अच्छा लगता था। बीच बीच में धूप भी निकल आती थी। ताजमहल के प्रवेश द्वार पर खड़ा होकर मैं उसे निहार रहा था। तभी वहां दो विदेशी लड़किया आयीं। बाद में पता लगा कि एक फ्रांस की तो दूसरी ब्रिटेन की है। फ्रांसीसी लड़की मुझे एकटक निहारते हुए देखकर बोली-‘‘आप ताजमहल को इस तरह घूर कर देख रहे हैं लगता है आप यहां पहली बार आये हैं। आप तो इसी देश के ही हैं शायद....आप इस ताजमहल के बारे में क्या सोचते हैं।’ मैं अवाक होकर उसे देख रहा था। वह बहुत सुंदर थी। उसने जींस पहन रखी थी। उसके ऊपर लंबा पीले रंग का कुर्ता उसके घुटनों तक लटक रहा था। मैने उससे कहा-‘‘ मैं ताजमहल देखने आज नहीं आया बल्कि एक प्रसिद्ध लेखक की किताब यहां ढूंढने आया हूं। उस किताब को अनेक शहरों में ढूंढा पर नहीं मिली। सोच रहा हूं कि यहां कोई हॉकर शायद उसे बेचता हुए मिल जाये। वह किताब मिल जाये तो उसे पढ़कर कल तसल्ली से ताज़महल देखूंगा और सोचूंगा।’ वह फ्रांसीसी लड़की पहले तो मेरी शक्ल हैरानी से देखने लगी फिर बोली-‘पर आप तो एकटक इसे देखे जा रहे हैं और कहते हैं कि कल देखूंगा।’’ मैंने कहा-‘‘मेरी आंखें वहां जरूर हैं पर ताजमहल को नहीं देख रहा और न सोच रहा क्योंकि उसके लिये मुझे उस प्रसिद्ध लेखक की एक अदद किताब की तलाश है जिसमें यह दावा किया गया है कि ताजमहल किसी समय तेजोमहालय नाम का एक शिव मंदिर था।’’ उसके पास खड़ी अंग्रेज लड़की ने कहा-‘हमारा मतलब यह था कि आप इस समय ताजमहल के बारे में क्या सोच रहे हैं? वह किताब पढ़ने के बाद आप जो भी सोचें, हमारी बला से! आप किताब पढ़ने की बात बताकर अपने आपको विद्वान क्यों साबित करना चाहते हैं?’ मैंने कहा-‘नहीं, बिना किताब पढ़े हम आधुनिक हिन्दी लोगों की सोच नहीं चलती। मैं आपसे क्षमाप्रार्थी हूं, बस मुझे वह किताब मिल जाये तो....अपना विचार आपको बता दूंगा।’ अंग्रेज लड़की ने कहा-‘कमाल है! एक तो हम यहां ताज़महल देख रहे है दूसरा आपको! जो किताब पढ़े बिना अपनी सोच बताने को तैयार नहीं है।’ मैंने कहा-‘क्या करें? आपके देश की डेढ़ सौ साल की गुलामी हमारी सोचने की ताकत को भी गुलाम बनाकर रख गयी। इसलिये बिना किताब के चलती नहीं।’ बात आयी गयी खत्म हो गयी थी। मैं शाम को बार में बैठा अपने एक साथी के साथ शराब पी रहा था। मेरा साथी उस समय मेरे सामने बैठा सिगरेट के कश लेता हुआ मेरी समस्या का समाधान सोच रहा था।’ नशे के सरूर में मेरी आंखें भी अब कुछ सोच रही थीं। अचानक मेरे पास दो कदम आकर रुके और सुरीली आवाज मेरी कानों गूंजी-‘हलौ, आप यहां क्या ताज़महल पर लिखी वह किताब ढूंढने आये हैं।’ मैने अचकचा कर दायें तरफ ऊपर मुंह कर देखा तो वह फ्रांसिसी लड़की खड़ी थी। उसके साथ ही वह अंग्रेज लड़की कुछ दूर थी जो अब पास आ गयी। वह फ्रांसिसी लड़की मुस्करा रही थी और यकीनन उसका प्रश्न मजाक उड़ाने जैसा ही था। मैंने हंसकर कहा-‘हां, इस कबाड़ी को इसलिये ही यहां लाया हूं क्योकि इसने वादा किया है कि एक पैग पीने का बाद याद करेगा कि इसने वह किताब कहां देखी थी। वह किताब उसके कबाड़ की दुकान पर भी हो सकती है, ऐसा इसने बताया।’’ अंग्रेज लड़की बोली-‘अच्छा! आप अगर किताब पा लें तो पढ़कर कल हमें जरूर बताईयेगा कि ताजमहल के बारे में क्या सोचते हैं? कल हम वहां फिर आयेंगीं।’ मैंने कहा-‘ताजमहल एक बहुत अच्छी देखने लायक जगह है। उसे देखकर ऐसा अद्भुत अहसास होता है जिसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता।’ दोनों लड़कियां चौंक गयी। अंग्रेज लड़की बुझे घूरते हुए बोली-‘पर आपने तो वह किताब पढ़ी भी नहीं। फिर यह टिप्पणी कैसे कर दी। आप तो बिना किताब पढ़े कुछ सोचते ही नहीं’। मैंने कहा-‘हां यह एक सच बात है पर दूसरा सच यह भी है कि शराब सब बुलवा लेती है जो आप सामान्य तौर से नहीं बोल पाते।’’ यह था एक कल्पित संस्मरण! यह कुछ बड़ा हो गया और इसे ताज़महल से बार तक इसे खींचकर नहीं लाते तो भी चल जाता पर लिखते लिखते अपनी शैली हावी हो ही जाती है क्योकि ताज़महल तक यह संस्मरण ठीक ठाक था पर उससे आगे इसमें कुछ अधिक प्रभाव लग रहा है। मगर हम जिस लेखक की चर्चा कर रहे हैं वह इसी तरह ही दो तीन संस्मरण लिखकर और साथ में विवादास्पद मुद्दों पर आधी अधूरी होने के साथ ही बेतुकी राय रखकर लेख बना लेते हैं। वैसे भी अंग्रेजी में लिखने पर हिन्दी में प्रसिद्धि पाने वाले लेखक को शायद ही हिन्दी लिखना आती हो पर अपने यहां एक कहावत हैं न कि ‘घर का ब्राह्म्ण बैल बराबर, आन गांव का सिद्ध’। अंग्रेजी लेखक को ही सिद्ध माना जाता है और हिन्दी को बेचारा। अंग्रेजी के अनेक लेखक बेतुकी, और स्तरहीन लिखकर भी हिन्दी में छाये रहते हैं। इनमें से अधिकतर राजनीतिक घटनाओं पर संबंधित पात्रों का नाम लिखकर ही उनका प्रसिद्ध बनाते हैं-अब यह उस पात्र की प्रशंसा करें या आलोचना दोनों में उसका नाम तो होता ही है। इनमें इतनी तमीज़ नहीं है कि जो व्यक्ति देह के साथ जीवित नहीं हो उस पर आक्षेपात्मक तो कभी नहीं लिखना चाहिये। कम से कम उनकी मूल छबि से तो छेड़छाड़ नहीं करना चाहिये। भिंडरवाले और ओसामा बिन लादेन की छबि अच्छी नहीं है पर सावरकर को एक योद्ध माना जाता है। उनके विचारों से किसी को असहमति हो सकती है पर इसको लेकर उनकी छबि पर प्रहार करना एक अनुचित कृत्य हैं। बहरहाल हिन्दी में ऐसे ही चिंदी लेखक प्रसिद्ध होते रहे हैं और यही शिकायत भी करते हैं कि हिन्दी में अच्छा लिखा नहीं जा रहा। चिंदी लेखक यानि अंग्रेजी में टुकड़े टुकड़े लिखकर उसके हिन्दी में बेचने वाले ------------- कवि लेखक एंव संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior http://dpkraj.blogspot.com ------------------------ दीपक भारतदीप की शब्दयोग पत्रिका पर लिख गया यह पाठ मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसके कहीं अन्य प्रकाश की अनुमति नहीं है। अन्य ब्लाग 1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका 2.अनंत शब्दयोग 3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका 4.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान पत्रिका Posted by दीपक भारतदीप at 1:08 pm Labels: hasya vyangya, hindi literature, masti, society, मनोरंजन, मस्त राम, मस्ती, संदेश, समाज, हिन्दी साहित्य Reactions: IFRAME: reactions No comments: Post a Comment Newer Post Older Post Home Subscribe to: Post Comments (Atom) यह रचनाएँ जरूर पढ़ें Related Posts with Thumbnails हिंदी मित्र पत्रिका यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का 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जो लोग अंतर्जाल पर सक्रिय नहीं है उनका क्या कहें जो सक्रिय है वह भी नहीं समझ पा रहे कि हिंदी अब सांगठनिक ढांचों के दायरे’-टीवी, किताब, फिल्म तथा समाचार पत्र पत्रिकाओं-से बाहर निकल कर अनियंित्रत गति से अंतर्जाल पर बढ़ रही है। गूगल के प्रयासों को तो आप जानते हैं। इधर हिंदी में ही वेबसाईटों के पते होने की बात भी चल रही है। ऐसे में सांगठिनक ढांचों में सक्रिय खास वर्ग में चिंता फैली हुई है और हिंदी पर उठ रहे विवाद उसका एक प्रमाण हैं। घबड़ाहट हो रही है कि हिन्दी कहीं अंतर्जाल पर अंग्रेजी के समकक्ष न स्थापित हो जाये। अगर स्थापित हो तो फिर उस नियंत्रण अपना नियंत्रण रहे इसके लिये प्रयत्नशील हिंदी के विवादों पर अधिक बोल और लिख रहे हैं। बात अधिक न करते हुए यह समझाना जरूरी है कि हिंदी के ठेकेदारी भले ही दिखावे के लिये कई लोग करते हैं पर हिंदी ऐसी अध्यात्मिक भाषा है जो साफ सुथरे चरित्र के साथ ही कथनी और करनी के भेद से परे रहने की शर्त रखती है। आप चाहे हिंदी में कितने भी उपन्यास, कहानियां, व्यंग्य या अन्य रचनायें लिखे आम हिंदी भाषी का यह स्वभाव है कि वह आपके चरित्र को देखता है। आप हिंदी के विकास का नारा लगायें खूब प्रचार मिलेगा पर हिंदी भाषियों का यह स्वभाव है कि जब तक आपकी रचनाओं के आध्यात्मिक ज्ञान और चरित्र में देवत्व का बोध नहीं होगा वह आपको हृदय से सम्मान नहीं देगा। हिंदी में यह भाव संस्कृत से ही आया है। सच बात तो यह है कि संस्कृत कभी की लुप्त हो गयी होती अगर उसमें अध्यात्मिक रचनाओं का खजाना नहीं होता। कई लोगों को यह अजीब लगे पर जरा वह स्वयं अपने अंदर झांकें। भक्ति काल के कबीर, तुलसी, सूर, मीरा तथा अन्य कवियों को नाम जन जन में छाया हुआ मिलेगा भले ही उनकी रचनायें हिंदी में अनुवाद कर पढ़ी और सुनाई जाती हैं। इसके बाद भी इतने सारे कवि लेखक और चिंतक हुए पर उनको वही लोग जानते हैं जो अधिक शिक्षित हैं। भक्ति काल के कवियों का नाम गांव गांव में जाना जाता है मगर यह बात आप उसके बाद के कवियों और लेखकों के बारे में नहीं कह सकते। इससे यह स्पष्ट होता है कि हिंदी भाषी लोग ऐसी रचनायें देखना चाहते हैं जिनसे कुछ जीवन में सीखने का अवसर मिले। साथ ही कवि या लेखक का चरित्र भी उनके लिये प्रेरक होना चाहिये। संस्कृत में वाल्मीकि, वेदव्यास तथा महर्षि शुक का नाम लेखक के रूप में नहीं बल्कि देवता की तरह लिया जाता है। अगर आप अपने जीवन में केवल लिखने के लिये ही लिखते हैं और यह बात प्रमाणित नहीं होती कि आपका चरित्र वैसा ही है तो हिंदी में आपको अधिक सम्मान नहीं मिलेगा भले ही आप कितनी भी संस्थाओं से पुरुस्कार जीत लें। समाज के आपसी समझौतों और द्वंद्वों के बीच में सामग्री ढूंढकर उस पर गद्य या पद्य लिखने से केवल आप सम्मानीय नहीं हो जायेंगे बल्कि उसमेें ऐसे निष्कर्ष भी रखने पड़ेंगे जिनमें अध्यात्मिकता का बोध होता हो। यहां अध्यात्म से आशय भी स्पष्ट कर दें। श्रीमद्भागवत गीता में अध्यात्म हमारी देह के अंदर मौजूद वह तत्व है जो परमात्मा का अंश है। इसी को जानने समझने की प्रक्रिया का नाम अध्यात्मिकता है। इस प्रक्रिया से निकले संदेश को ही अध्यात्मिक ज्ञान कहा जाता है। देह से संबंधित सारे ज्ञान सांसरिक होते हैं जिनको आप विज्ञान भी कह सकते हैं। आप अपनी रचनाओं में सांसरिक बातों पर लिखकर खूब नाम और नामा कमा सकते हैं पर सामान्य हिंदी भाषी-यह नियम क्षेत्रीय भाषाओं पर भी लागू है-आपको देव लेखक नहीं मानेगा। इतना ही नहीं अगर आप हिंदी का विरोध भी करते हैं तो बहुत कम लोग उस पर विचलित होंगे। वजह हिंदी के स्वाभाविक अध्यात्मिक भाव से ओतप्रोत लोग यह जानते हैं कि जिसके पास अध्यात्मिक ज्ञान नहीं है वही ऐसा करता है। इसलिये हिंदी के समर्थक और विरोधियों को सामान्य हिन्दी भाषी से यह अपेक्षा बिल्कुल नहीं करना चाहिए कि वह उनके द्वंद्वों को देखकर उनको अनुग्रहीत करने वाला है। केवल हिन्दी भाषा ही नहीं बल्कि किसी भी भारतीय भाषा का भी यही स्वभाव है और हिन्दी का विरोध किसी भी भाषा का आम आदमी नहीं करेगा। आखिर इसमें भी उन्हीं पवित्र नामों का समावेश है-यथा राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, गुरु नानक देव, शिवाजी, समर्थ रामदास, कबीर, तुलसी, रहीम, सूरदास, तथा सुब्रह्मण्यम भारती-जो कि अन्य भाषाओं में है। लोगों की भाषा अलग है पर उनके मन में बसे नाम वैसे ही हिंदी में है तो भला आम आदमी इसका क्यों अपमान करना चाहेगा? इसलिये हिंदी के समर्थक अगर यह सोचते हों कि हिंदी बचाने के नारे पर सब उनके साथ आकर खड़े हों तो उनको अपने चरित्र में देवत्व का प्रमाण देना होगा। उसी तरह हिंदी के विरोध करने वालों को भी यह प्रमाणित करना होगा कि वह प्राचीन काल के देवताओं और दैत्यों से अधिक शक्तिशाली हैं। यह हिन्दी अध्यात्म की भाषा है जो बिना शब्द बोले भी गेय होती है-अरे, आपने देवताओं के नाम सुने तो होंगे उनके फोटो देखकर कोई भी पहचान जाता है कि यह किसका नाम है भले ही उस पर नाम न लिखा हो। उसी तरह मंदिर में जाकर कोई गैर हिंदी भाषी आदमी हाथ जोड़कर भगवान को प्रणाम करता है तो उसके पास खड़ा गैर हिन्दी भाषी यह जानते हैं कि वह भगवान को सादर प्रणाम कर रहा है। इस क्रिया को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जाता पर हाथ पांव उसकी अनुभूति करा देते हैं अगर आपको इस पर शक हो तो वृंदावन या हरिद्वार में जाकर ऐसे स्थानों-यथा बांके बिहारी मंदिर और हर की पौड़ी-पर जाकर देखें जहां अनेक लोग ऐसे आते हैं जिनको हिन्दी नहीं आती पर वह अपने लोगों के साथ वहां आकर अपने मन को प्रफुल्लित करते हैं। वहां हिन्दी अव्यक्त है पर उसका भाव सभी के मन में है। अधिक क्या लिखें? सभी भारतीय भाषाऐं अध्यात्मिक ज्ञान से संपन्न हैं इसलिये उनके आपसी विरोध संभव नहीं है। हमें तो लगता है कि यह विवाद वह लोग योजनाबद्ध ढंग से जीवित रखना चाहते हैं जो हिन्दी या भारतीय भाषा बोलते हैं पर उसके अध्यात्मिक ज्ञान का उनमें अभाव है। यह हमारा मत है। हम कोई सिद्ध नहीं है। जो एक आम आदमी के रूप में आता है लिख देते हैं। कोई गल्ती हो उससे पीछे हटने में हमें संकोच नहीं होता क्योंकि अध्यात्मिक ज्ञान पढ़ते हुए हमने यही सीखा है। ————- कवि, लेखक और संपादक-दीपक भारतदीप, ग्वालियर http://anant-shabd.blogspot.com —————————– ‘दीपक भारतदीप की हिन्दी-पत्रिका’ पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है। अन्य ब्लाग 1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका 2.दीपक भारतदीप का चिंतन 3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका About these ads Like this: Like Be the first to like this. By दीपक भारतदीप, on दिसम्बर 7, 2009 at 7:52 अपराह्न, under abhivyakti, arebic, अनुभूति, अभिव्यक्ति, आध्यात्म, आलेख, दीपक भारतदीप, दीपकबापू, भय का शासन, मस्तराम, शिक्षा, संस्कार, हिंदी साहित्य, हिन्दी, bharat, Deepak bapu, Deepak bharatdeep, E-patrika. Tags: कला, मनोरंजन, मस्ती, संपादकीय, समाज, हिंदी साहित्य, editorial, hindi article, masti. 1 टिप्पणी Post a comment or leave a trackback: Trackback URL. « चाणक्य संदेश-दूसरे की उन्नति देखकर प्रसन्न होने वाले साधु होते हैं (sadhu svbhav-chankya niti किस जमाने की माशुका हो-हिन्दी हास्य कविता (hindi poem on love) » टिप्पणियाँ * Krishna Kumar Mishra On दिसम्बर 7, 2009 at 10:33 अपराह्न Permalink | Reply क्यों भाई किस भाषा के लेखन में इन सभी पुटों की आवश्यकता नही होती, हिन्दी में ऐसा क्या हैं। Leave a Reply Cancel reply Enter your comment here... ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ Fill in your details below or click an icon to log in: * * * * Gravatar Email (आवश्यक) (Address never made public) ____________________ नाम (आवश्यक) ____________________ वेबसाईट ____________________ WordPress.com Logo You are commenting using your WordPress.com account. 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'हिन्‍दी में पटकथा लेखन' स्क्रिप्‍ट राइटिंग सिखाने वाली एक उत्‍तम पुस्‍तक है। - डॉ0 मुकुल श्रीवास्‍तव (Hindi Script Writing Book, Film Screen Play Book in Hindi, Pat Katha Lekhan Book) [Pathkatha+Lekhan.jpg] फ़िल्में भारतीय समाज से एक अलग तरह का जुड़ाव रखती हैं और फिल्मों के समाज से इस जुडाव के पीछे महतवपूर्ण भूमिका निबाहती है उनकी कथा और पटकथा. काल् क्रम से हम अगर फिल्मों के इतिहास पर नज़र डालें तो स्पष्ट पता चलता है कि जिन फिल्मों की पटकथा कसी हुई और मौलिक होती है दर्शकों से उसे भरपूर प्यार मिलता है इस लिहाज से पटकथा लेखन फिल्म निर्माण का सबसे मूलभूत और आवश्यक पहलु है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है. यह भी सर्वविदित है कि हिंदी फिल्म उद्योग के पास योग्य लेखों की हमेशा से कमी रही है इसलिए जिस पैमाने पर यहाँ फिल्म निर्माण होता है उस लिहाज से हमारा सिनेमा समृद्ध नहीं है. आज भी भारतीय परिप्रेक्ष्य की समझ और नवीन विचारों के साथ पटकथा लिखने वालों में कुछ गिने चुने नाम हैं इसलिए पटकथा लेखन को एक व्यवसाय के रूप में लेने की कोशिश युवाओं को जरुर करनी चाहिए. इस क्षेत्र में मार्गदर्शन के लिए ज़ाकिर अली रजनीश डावर लिखित पुस्तक “हिंदी में पटकथा लेखन” काफी कारगर सिद्ध होती है. साहित्यिक लेखन और फिल्म लेखन दो अलग अलग विद्याएँ हैं साहित्य जगत के बड़े नाम फिल्म पटकथा लेखन में कभी जम नहीं पाए तो सिर्फ उसका यही कारण था कि वे भावों के प्रवाह को फिल्म माध्यम के अनुरूप ढाल नहीं पाए. फिल्म पटकथा लेखन के इसी प्रवाह के बारे में जाकिर जी की ये किताब जानकारी देती है. इस पुस्तक की सबसे बड़ी उपलब्धि इसका हिंदी में होना है जिसका लाभ समाज के हर तबके को मिलेगा जो हिंदी फिल्मों के पटकथा लेखन के रहस्य को समझना चाहता है. इसकी दूसरी सबसे बड़ी खासियत लेखन में तरलता का होना है हर पंक्ति हर पैराग्राफ अपनी कहानी खुद कह रहा है अत्यधिक तकनीकी शब्दावली से बचते हुए लेखक ने इसे फ़िल्मी उद्वरणों के प्रयोग से मनोरंजक बना दिया है इसलिए इसको पढ़ना एक सुखद अनुभव देता है. पुस्तक को दो भागों में बांटा गया है प्रथम भाग में आप भाषा (विशेष कर हिंदी) के उतार चढाव और उसके सामजिक प्रभावों के वर्णन के साथ ही पारम्परिक नाटकों से लेकर आधुनिकतम सिनेमा का परिचय प्राप्त कर सकते हैं जो बड़ी मेहनत से संकलित किया गया है. द्वितीय खंड में पटकथा लेखन की बारीकियों को उदहारण के साथ समझाया गया है. एक उत्तम पठनीय पुस्तक. पुस्तक: हिंदी में पटकथा लेखन (Film Script Writing in Hindi) लेखक: जाकिर अली 'रजनीश' प्रकाशक: उ0प्र0 हिंदी संस्थान, लखनऊ (वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्‍दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की योजनान्‍तर्गत प्रकाशित) मूल्य: 150.00 [273991_100000312395529_4912255_n.jpg] समीक्षक- डॉ0 मुकुल श्रीवास्‍तव असिस्‍टेंट प्रोफेसर, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, लखनऊ विश्‍वविद्यालय, लखनऊ पुस्‍तक की विषय सूची अध्याय-1: भाषा समाज और फिल्म पटकथा क्या है?, विचार (आइडिया) पटकथा का बीज, विचार बनाम कथावस्तु (प्लॉट-Plot), प्रधान स्वर (थीम-Theam) और आधारिका (प्रीमाइज-Premise), विचार के श्रोत, देखें-सुनें-पढ़ें, विचार का विस्तार (वन मिनट स्टोरी-One Minute Story), ब्यौरेवार विवरण (ट्रीटमेन्ट नोट-Treatment Note), सार संक्षेप (सनाप्सेज-Synopsis)। अध्याय-2: कहानी का क्रमिक विकास कहानी की भूमिका (पहला अंक), कहानी का मध्य भाग (दूसरा अंक), कहानी का अन्तिम भाग (तीसरा अंक), जबरदस्त शुरूआत, परिचयात्मक दृश्य (इन्ट्रोडक्शन सीन-Introduction Scene), निर्णायक बिन्दु (टर्निंग प्वाइंट-Turning Point/प्लॉट प्वाइंट-Plot Point), टकराव (संघर्ष), मध्यांतर का समय (इन्टरवल), चरमोत्कर्ष (क्लाइमेक्स-Climax) का खेल, उपकथाओं (सब ब्लॉट-Subplot) का सामंजस्य, यादगार अंत, छोटे पर्दे की कहानीः शैतान की आँत। अध्याय-3: पात्रों के अन्तर्सम्बंध पात्रों के प्रकार, पात्रों की विशिष्टताएँ, पात्रों से साक्षात्कार, पात्रों का विकास, विविधता का महत्व, चीखते-चिल्लाते पात्रः संदर्भ दूरदर्शन, पात्रों की जीवनी (बायोग्राफी-Biography), पात्रों की सार्थकता। अध्याय-4: पटकथा का प्रारूप पटकथा लेखन की प्रक्रिया (दृश्य योजना-Scene Design), धारावाहिक की दृश्य योजना, दृश्य का तीन अंकीय ढ़ाँचा, पटकथा सार (वन लाइनर-One Liners), दृश्य लेखन, शूटिंग स्क्रिप्ट, तकनीकी शब्दावलीः बिम्ब, मोन्ताज (Montage), सीक्वेन्स (Sequence), कंट्रास्ट (Contrast), इंटर कटिंग (Intercutting), फ्लैश बैक (Flashback)/फ्लैश फारवर्ड (Flashforward), सेट-अप (Setup)/पे ऑफ (Payoff), मैलोड्रामा (Melodrama)। अध्याय-5: संवाद की गरिमा संवाद का महत्व, स्वाभाविकता पर बल, पात्रानुकूल/समयानुकूल भाषा, संवाद के प्रकार, संवादः कल और आज। अध्याय-6: रूपान्तरण का मर्म कृति का चुनाव, रूपान्तरण की प्रक्रिया, माध्यम का फर्क, पटकथाकार की समझ। अध्याय-7: वृत्त चित्र (डॉक्युमेन्ट्री-Documentary) डॉक्यूमेन्ट्री, डॉक्यूड्रामा, ड्रामाटाइज्ड डॉक्यूमेन्ट्री। परिशिष्टः कैमरे की सर्जनात्मकता रोल कैमरा (Roll Camera), फ्रेम (Frame), शॉट (Shot), कैमरा एंगल (Camera Angle), वाइड शॉट (Wide Shot), मिड शॉट (Mid Shot), क्लोज शॉट (Close Shot), क्लोज अप (Close up), एक्स्ट्रीम क्लोज अप (Extreme Close up), टू शॉट (Two Shot), ओवर द शोल्डर शॉट (Over the Shoulder), मूविंग शॉट (Moving Shot), रिवर्स शॉट (Reverse Shot), प्वाइंट ऑफ व्यू (Point of View-POV), फेवरिंग (Favering), ट्रैकिंग शॉट (Tracking Shot), जूम शॉट (Zoom Shot), पैन शॉट (Pan Shot), र्ब्लर पैन (Blur Pan), टिल्ट शॉट (Tilt Shot), टिल्ट एण्ड पैन शॉट (Tilt and Pan Shot), लो एण्ड हाई एंगल शॉट (Low and High Angle Shot), ट्रक फारवर्ड (Truck Forward) /बैक (Truck Back), फास्ट मोशन (Fast Motion), सुपर इम्पोजीशन (Superimposition), इन्सर्ट (Insert), फ्लैश (Flash), रिकैप (Recap), वॉयस ओवर (Voice Over), कट/कट टू (Cut to), हुक, फ्रीज (Fridge), फेड इन (Fade in)/आउट (Fade Out), वाइप (Wipe), डिजाल्व (Dissolve), स्प्लिट स्क्रीन (split screen), कन्टीन्यूटी (Continuity), स्टॉक शॉट्स (Stock Shots)। _______________________________________________ जो व्‍यक्ति इस पुस्‍तक को मंगाने के इच्‍छुक हों वे मुझे (पता: 7ए/55, वृन्‍दावन योजना, रायबरेली रोड, लखनऊ-226025 मो0 9935923334) रू0 200 (मूल्‍य 150 + 50 डाकखर्च) का मनीआर्डर करके अथवा भारतीय स्‍टेट बैंक (नाम: जाकिर अली, एकाउंट नं0 20013039615, शाखा: अशोक मार्ग, लखनऊ) में पैसे जमा करवा कर पुस्‍तक मंगा सकते हैं। -डॉ0 ज़ाकिर अली 'रजनीश' मोबाइल नं0-9935923334 Posted by DrZakir Ali Rajnish at 9:18 am इसे ईमेल करें इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें Facebook पर साझा करें Labels: Hindi Men Patkatha Lekhan, How to Write Script, Indian Script Writer, फिल्‍म की पटकथा कैसे लिखें 45 टिप्‍पणियां: 1. [FANTASY%25252B%2525252834%25252529.jpg] वर्ज्य नारी स्वर6/26/2011 9:28 am Sukhad hai sundar pustak ke vishay me janana. प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 2. [IMG_0545.JPG] मनोज कुमार6/26/2011 9:34 am बहुत अच्छी पुस्तक से परिचय कराया। पढ़ूंगा। प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 3. [Nirmla%2BKapila.JPG] निर्मला कपिला6/26/2011 9:34 am ज़ाकिर जी को बहुत बहुत बधाई। कहाँ से मिलेगी ये पुस्तक? प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 4. [Picture%25252B007.jpg] BrijmohanShrivastava6/26/2011 10:38 am पुस्तक की जानकारी के लिये धन्यवाद प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 5. [100_1663.JPG] महेश बारमाटे "माही"6/26/2011 11:05 am मुकुल जी ! बहुत ख़ुशी हुई ये जान कर की ऐसी भी कोई किताब लिखी गई है. क्या ये किताब किसी बुक स्टाल में नहीं मिल सकती. चूंकि मनी आर्डर सबके बस की बात नहीं होती और सबको उसपे ज्यादा भरोसा नहीं होता... तो कृपया ऐसी किसी बुक स्टाल का नाम बताएं जहां से हम ये किताब खरीद सकें. चाहे वो बुक स्टाल दिल्ली में ही क्यों न हो, मैं अपने मित्र से कह के किताब खरीद ही लूँगा... प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 6. [b36-rounded.png] दिगम्बर नासवा6/26/2011 11:11 am पुस्तक सच में पढ़ने वाली होगी .. कथा और पटकथा .. फाइलों में ही सुना है .. प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 7. [1447094209_600c819d47_o.jpg] Udan Tashtari6/26/2011 1:19 pm निश्चित ही पढ़ना रुचिकर होगा...कैसे प्राप्त हो??? सूचित करें. प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 8. [vandanaji.jpg] वन्दना6/26/2011 4:09 pm आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है कल (27-6-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा। http://charchamanch.blogspot.com/ प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 9. [alp01.JPG] अल्पना वर्मा6/26/2011 5:09 pm एक अच्छी पुस्तक परिचय हेतु आभार. प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 10. [praveen.jpg] प्रवीण पाण्डेय6/26/2011 6:56 pm सुन्दर प्रयास के लिये अतिशय आभार और बधाई। प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 11. [060220091312.jpg] डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)6/26/2011 7:20 pm जानकारी के लिए शुक्रिया! प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 12. [Zakir%2BAli%2BRajnish.jpg] ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ (Zakir Ali 'Rajnish')6/26/2011 8:04 pm निर्मला जी समीर जी एवं महेश जी, मनीआर्डर के अलावा एस0बी0आई0 के एकाउंट (नाम: जाकिर अली) नं0 20013039615 में पुस्‍तक का मूल्‍य जमा कराकर एवं मेल द्वारा पता भेजकर रजिस्‍टर्ड डाक से देश के किसी भी कोने में प्राप्‍त की जा सकती है। प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 13. [100_1663.JPG] महेश बारमाटे "माही"6/26/2011 11:53 pm जाकिर अली जी ! आपके अकाउंट में पैसे भेजने से पहले बस एक बात पूछना चाहता हूँ कि किताब की कीमत के साथ क्या मुझे कोई अन्य राशि भी जमा करनी होगी जैसे कि handling and postal charges वगैरह ? आप जल्द से जल्द जवाब दें ताकि मैं अपनी प्रति बुक करवा लूँ... महेश बारमाटे "माही" प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 14. [CRW_6198.jpg] veerubhai6/27/2011 5:39 am रजनीश भाई पटकथा लेखन पर आपकी लिखी पुस्तक की बड़ी सटीक समीक्षा पढ़ी .प्रोफ़ेसर साहब और आपको दोनों को बधाई । आपका आलेख गम होती लडकियों के बारे में प्राथमिकता के स्तर पर पढूंगा .समय निकालने जैसा अपने साथ कुछ भी नहीं है ,जहां चाह वहां राह . प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 15. [CRW_6198.jpg] veerubhai6/27/2011 5:40 am रजनीश भाई पटकथा लेखन पर आपकी लिखी पुस्तक की बड़ी सटीक समीक्षा पढ़ी .प्रोफ़ेसर साहब और आपको दोनों को बधाई । आपका आलेख गम होती लडकियों के बारे में प्राथमिकता के स्तर पर पढूंगा .समय निकालने जैसा अपने साथ कुछ भी नहीं है ,जहां चाह वहां राह . प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 16. [DSC03804.JPG] prerna argal6/27/2011 10:35 am bahut badiyaa pustak se parichay karayaa aapne.jarur padungi.dhanyawaad. please visit my blog.thanks. प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 17. [Dr%2BSharad%2BSingh.jpg] Dr (Miss) Sharad Singh6/28/2011 2:30 pm पुस्तक के प्रकाशन पर जाकिर अली 'रजनीश' जी आपको बहुत-बहुत बधाई। प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 18. [100_1663.JPG] महेश बारमाटे "माही"6/29/2011 5:17 pm zakir ji... paise transfer ho gaye hain... or apna address aapko email kar diya hai... krupya mail chk karen प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 19. [Firdaus%25252BKhan.JPG] फ़िरदौस ख़ान3/05/2012 7:38 am ज़ाकिर साहब सबसे पहले तो किताब के लिए मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए... वाक़ई यह किताब बहुत उपयोगी है...ख़ासकर उनके लिए, जो इस क्षेत्र में जाना चाहते हैं... प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 20. [b36-rounded.png] nawalsinghkhangarot3/15/2012 11:23 am NMSKAR, ICHHA BAHUT THI AISI PUSTAK AAYE 0R VO KAAM AAPNE SAHJTA SE KER DIKHAYA. THANKS प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 21. [anon36.png] ALPESH KAPSI, VADODARA6/30/2012 9:55 pm Respected Sir, Jakirji, khub khub "dhanyavad" khub khub "badhay" aap ka great aviskar "hindi me patkatha lekhan" muje mil gayi meri kismat khul gayi. badal hat gaye aur muje ujala ka ahsas huva. me net kam chlata hu muje email bhi nahi ata so my luck aap mil gaye, khub khub "aabhar" ALPESH KAPSI, VADODARA 9033971036 प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 22. [anon36.png] बेनामी7/07/2012 4:25 pm ZAKIRSAHAB, MAINE AAPKE BATAYE PATE PAR 200.00 RUPAYE KAA MONEY ORDER 29 JUNE KO BHEJA HAI. MERA PATAA HAI:- MANISH, FLAT NO 101, BAUHENIA BUILDING, NYATI ESTATE-PHASE-2, MOHAMMADWADI, HADAPSAR, PUNE-411060 MAHARASHTRA. MO.- 09860763863 प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 23. [anon36.png] Dr. Harish Kumar Markam8/15/2012 8:46 pm Jakir ji, maine aapke account men Rs jama kar diye hain, kripya mujhe pustak bhej den. mera Add hai: Dr. Harish Kumar Markam C/o Shri Ram Prasad Markam House No G2, Irrigation Colony, Near Krishi Upaj Mandi, Teh. Jagdalpur. District- Bastar Chhattisgarh-494001 Mo. 9907956652 प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 24. [anon36.png] Ganesh Daat Joshi9/06/2012 2:43 pm Sir, mai aapki kitaab padhna chahta hoon, kya ye delhi men mil sakti hai? Ganesh Datt Joshi Competent Automobile Connaught Place, New Delhi Mo. 9911574689 प्रत्‍युत्तर देंहटाएं उत्तर 1. [photo.jpg] DrZakir Ali Rajnish9/06/2012 3:28 pm गणेश जी, दिल्ली में यह पुस्तक उपलब्ध नहीं है। यदि आप पुस्तक मंगाना चाहते हैं, तो उसके लिए उपर बताया गया कोई भी तरीका अपना सकते हैं! हटाएं प्रत्‍युत्तर दें 25. [anon36.png] बेनामी9/13/2012 12:13 pm Sir, apki pustak bahut hi upyogi lagi badhayi. isse bahut kuchh sikhne ko mila. Rajesh Kumar Mishra 259/1, saket nagar, janki nagar road, jabalpur482002 Mo. 9425866332 प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 26. [anon36.png] भवानी सिंह9/13/2012 12:19 pm जाकिर जी, आपकी पुस्तक के लिए धन्यवाद! इससे पटकथा लेखन सीखने में बहुत लाभ हुआ! भवानी सिंह हाउस नं0 726, उतमानपुर हाउस, निकट एस एन कॉलेज, सिविल लाइन, उन्नाव। मोबाइल: 9506734081 प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 27. [anon36.png] Manoj Kumar Rai9/13/2012 12:34 pm जाकिर जी, मैंने आपके एकाउंट में आज सुबह ही पैसे ट्रांसफर कर दिये हैं, कृपया मुझे पुस्तक भिजवा दें। मेरा पता है: मनोज कुमार राय सहायक कार्य प्रबंधक/प्रशासन क्वाटर नं0 12, टाइप—5, आयुध नगर, आर्डिनेन्स फैक्ट्री, नालंदा, राजगीर, बिहार—803121 मो0 6112257157 प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 28. [anon36.png] Vinay Yadav, Mumbai9/13/2012 12:40 pm Jakir ji, mujhe aapki book purchase karni hai. maine book ka price bank men jama kar diya hai. Vunay Yaday (Hindusthan Samachar) 3AB HASHIM NUILDING, IST FLOOR, 40, VEER NARIMAN ROAD, MUMBAI-400001 TEL. 22048262 MO. NO. 09833501705 प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 29. [anon36.png] बेनामी10/08/2012 7:21 pm Jakir Sir mai apki book chahta hoon. maine Money Order kar diya hai. kripya jaldi se book bhej de. Pravin Chandanshive Yugprabha, Laxmi Nagar, 18th lane, Jaysingpur Kolhapur-416101 Maharashtra Mobile. 09421373907 प्रत्‍युत्तर देंहटाएं उत्तर 1. [photo.jpg] DrZakir Ali Rajnish10/09/2012 8:09 am पुस्‍तक भेज दी गयी है। कृपया मिलने पर सूचित करिएगा। हटाएं प्रत्‍युत्तर दें 30. [photo.jpg] Sukesh Mahto10/09/2012 12:52 pm jakir sir mujhe aapke ye pustak chahiye, kaise milega. sir mai pura paisa pay kar dunga jarur aap aapna pata dejiye. mera pata hai sukesh kumar mahto chandmari road word no-11 chakradharpur west singbhum jharkhand pin 833102, jharkhand india near hunuman mandir(ganesh badi) प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 31. [photo.jpg] Sukesh Mahto10/09/2012 12:53 pm jakir sir mujhe aapke ye pustak chahiye, kaise milega. sir mai pura paisa pay kar dunga jarur aap aapna pata dejiye. mera pata hai sukesh kumar mahto chandmari road word no-11 chakradharpur west singbhum jharkhand pin 833102, jharkhand india near hunuman mandir(ganesh badi) प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 32. [photo.jpg] Sukesh Mahto10/09/2012 1:00 pm zakir sir mujhe aapke ye book chahiye kaise milga, please mera pati par send kar dijeye. pata hai sukesh kumar mahto chandmari road, word no-11 chakradharpur west singbhum jharkhand pin- 833102 near hanuman mandir(ganesh badi) sir plze send kar dijega mujhe aapka pata send karye mai pustak ka rakhe gaye rakm aada karunga प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 33. [photo.jpg] DrZakir Ali Rajnish10/12/2012 9:17 am Sukesh Ji, aap Post ke laast men diye gaye tarikon se paise bhej kar kitab manga sakte hain. प्रत्‍युत्तर देंहटाएं उत्तर 1. [photo.jpg] Sukesh Mahto10/16/2012 5:00 pm sir mai aapke account mai paise beju to mujhe kitaab mil jayega repl me हटाएं 2. [photo.jpg] DrZakir Ali Rajnish10/16/2012 7:49 pm ज़रूर। पैसे जमा करने के बाद मुझे अपना पता एस एम एस कर दें, जैसे ही बैंक से पैसे जमा होने की रिपोर्ट मिल जाएगी, आपको किताब रजिस्‍टर्ड डाक द्वारा भिजवा दी जाएगी। हटाएं प्रत्‍युत्तर दें 34. [anon36.png] RAVILAL K. MAHESHWARI11/13/2012 12:15 pm JAAKIR JI MAI APKI KITAB HINDI ME PATKATHA LEKHAN PADHNA CHAHTA HOON KROPA AAP MERE PATE PE MUJHE PUSTAK BHIJWA DEN. MERA PATA HAI- RAVILAL MAHESHWARU NOATARY 15, GROUND FLOOR, ADARSH TOWER, MUNDRA GANDHIDHAM ROAD, MUNDRA, KUCTCH-370421 MOBILE-9712437738 MAINE MULYA AUR DAK KHARCH RS. 200.00 AAPKE SBI BANK MEN JAMA KAR DIYE HAIN. प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 35. [anon36.png] बेनामी11/17/2012 12:39 pm Jaki sir, Namaste. Main Nepal men rahtaa hoon. Chunki Nepal men reg. charje adhik hai, isliye main apne ek relative ka add bhe raha hoon, sath hi aapko 200 ka mo bhi kar raha hoon. kripya HINDI MEN PATKATHA LEKHAN pustak nimn pate par bhej dijiye: Bhogi Yadav Shanti Store, Railway Station Road, Rupaidiha Bajar, Bahraich-271881 U.P. +9779814529002 प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 36. [anon36.png] Harish Aggarwal - 999999324712/07/2012 12:59 pm Sir, maine 200 Rs. aapke account men transfer kar diye hain. Kripya neeche diye Add. pe book bhej den: Harish Aggarwal H. No. B-6, I Floor, Modern Infracon Pvt. Ltd. Green Field Colony Faridabad-121003 Mo.No.-9999993247 प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 37. [anon36.png] बेनामी12/31/2012 11:27 am आपकी पुस्‍तक की विषयवस्‍तु देखकर प्रतीत होता है कि स्क्रिप्‍ट राइटिंग सीखने वालों के लिए यह एक उपयोगी पुस्‍तक है। मैंने आपके मोबाइल नं0 पर २०० का रिचार्ज करवा दिया है। कृपया मुझे निम्‍न पते पर पुस्‍तक भेजने की कृपा करें- Arun M Walunj Aarya Placement Services, Ketan Complex, Bajarangwadi, Shikrapur, Tal-Shirur, Pune-412208 Mo. 09623868372 प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 38. [anon36.png] NARENDRA KUMAR MEENA12/31/2012 2:25 pm इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है. प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 39. [anon36.png] NARENDRA KUMAR MEENA12/31/2012 2:27 pm SIR MAINE APKI ACCOUNT MEN RS. JAMA KAR DIYE HAIN. MUJHE IS ADD. PE BOOK BHEJ DEN: NARENDRA KUMAR MEENA C/O NADSLAL GURJAR B-10, BALAJI TOWN 1st, BALTA ROAD, JAI AMBE TENT HOUSE KE SAMNE, KUNHADI, KOTA, RAJASTHAN. PINCODE-324008 MOBILE-09269766865 प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 40. [anon36.png] Dinesh Kumar1/04/2013 3:34 pm Sir maine apko MO kar diya hai, kripya book bhijwane ki kripa karen Dinesh Kumar S/o Rampal Singh Vill.- Nelheda(Khare) Post.- Randeva, Tahseel- Nakud, Dist.- Saharanpur Pincode-247340 (UP) Mobile-8954491322 प्रत्‍युत्तर देंहटाएं 41. [anon36.png] Sachin Mehta1/11/2013 2:18 pm जाकिर जी, मैं आपकी यह पुस्‍तक प्राप्‍त करना चाहता हूं। मैंने आपके पते पर २००रू0 का मनीआर्डर कर दिया है। उसे प्राप्‍त होने पर कृपया मुझे निम्‍न पते पर पुस्‍तक प्रेषित कर दें। मैं आपका हृदय से आभारी होऊंगा। पता- सचिन मेहता ई-३९,श्‍याम नगर, नई दिल्‍ली-११००१८ मो0९२१०३४२७६५ प्रत्‍युत्तर देंहटाएं टिप्पणी जोड़ें अधिक लोड करें... आपके अल्‍फ़ाज़ देंगे हर क़दम पर हौसला। ज़र्रानवाज़ी के लिए शुक्रिया! जी शुक्रिया।। नई पोस्ट पुरानी पोस्ट मुखपृष् * TSALIIM धूप स्‍नान के लाभ... - Normal 0 false false false MicrosoftInternetExplorer4 /* Style Definitions */ table.MsoNormalTable {mso-style-name:"Table Normal"; ... Please read full sto... * Science Bloggers' Association तंगहाली के भेंट चढ़ते गुदड़ी के लाल! - Normal 0 false false false EN-US X-NONE HI MicrosoftInternetExplorer4 ... [[ This is a content summary only. 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HinKhoj provide online dictionary to see meaning of wordslang=hi&word=रचना&scode=link_url अक्षरों की सहायता से शब्दकोश प्रयोग करे अ| आ| इ| ई| उ| ऊ| ए| ऐ| ओ| औ| क| ख| ग| घ| च| छ| ज| झ| ञ| ट| ठ| ड| ढ| त| थ| द| ध| न| प| फ| ब| भ| म| य| र| ल| व| श| ष| स| ह a| b| c| d| e| f| g| h| i| j| k| l| m| n| o| p| q| r| s| t| u| v| w| x| y| z HinKhoj On Mobile HinKhoj Dictionary is last updated on 25 January 2013 * Contact us| * Terms of Use| * Disclaimer| * हिंखोज ब्लॉग| * HinKhoj On Mobile __________________________________________________________________ © 2007-2012 HinKhoj InfoLabs LLP. HinKhoj™ is trademark of HinKhoj InfoLabs LLP. All rights Reserved #हिन्द-युग्म के वाहक - Atom हिन्द-युग्म के वाहक - RSS हिन्द-युग्म के वाहक - Atom skip to main | skip to sidebar हिन्द-युग्म के वाहक रचना श्रीवास्तव प्रकाशित कविताएँ 1. जशन उस शहर में कोई कैसे मनाये 2. बेच न पाया ईमान (पुरस्कृत कविता) 3. बाणों से बिंधा देश है 4. क्षणिकाएँ (पुरस्कृत कविता) 5. क्षणिकाएँ (यूनिकविता) 6. जब मैंने लिखी एक कविता (यूनिकविता) 7. अन्तर्मन (यूनिकविता) 8. शादी- चार समीकरण (यूनिकविता) 9. हमको माफ़ करो 10. तुझ में समाहित हो जाती हूँ 11. होली के कई रंग (छोटी कविताएँ और क्षणिकाएँ) 12. अभिलाषाओं का हवन कुण्ड Rachana Srivastava जन्म- 5 सितम्बर लखनऊ (यूपी)। रचना को लिखने की प्रेरणा बाबा स्वर्गीय रामचरित्र पाण्डेय और माता श्रीमती विद्यावती पाण्डेय और पिता श्री रमाकांत पाण्डेय से मिली। भारत और डैलस (अमेरिका) की बहुत सी कवि गोष्ठियों में भाग लिया, और डैलास में मंच संचालन भी किया। अभिनय में अनेक पुरस्कार और स्वर्ण पदक मिला, वाद-विवाद प्रतियोगिता में पुरुस्कार, लोक संगीत और न्रृत्य में पुरुस्कार, रेडियो फन एशिया, रेडियो सलाम नमस्ते (डैलस), रेडियो मनोरंजन (फ्लोरिडा), रेडियो संगीत (हियूस्टन) में कविता पाठ। कृत्या, साहित्य कुञ्ज, अभिव्यक्ति, सृजन गाथा, लेखिनी, रचनाकर, हिंद-युग्म, हिन्दी नेस्ट, गवाक्ष, हिन्दी पुष्प, स्वर्ग विभा, हिन्दी-मीडिया इत्यादि में लेख, कहानियाँ, कवितायें, बच्चों की कहानियाँ और कवितायें प्रकाशित। हिन्द-युग्म के सितम्बर 2008 माह के यूनिपाठक तथा दिसम्बर 2008 माह के यूनिकवि सम्मान से सम्मानित। अभिव्यक्ति द्वारा आयोजित कथा-महोत्सव में इनकी एक कहानी प्रकाशन के लिए चुनी गई। हिन्द-युग्म के काव्य-मंच पर मंगलवार को स्थाई लेखन। प्रकाशित बाल-रचनाएँ 1. नन्हा दीया 2. मेरी माँ सिर्फ़ अच्छी है, सबसे अच्छी नहीं 3. आओ होली मनाये Share/Save/Bookmark रचना श्रीवास्तव SocialTwist Tell-a-Friend [newer_post_icon.png] [older_post_icon.png] [home_icon.png] वाहकों की सूची कवि * वर्ष 2006 में जुड़े + अवनीश गौतम + विश्व दीपक 'तन्हा' + पंकज तिवारी + मनीष वंदेमातरम् * वर्ष 2007 में जुड़े + अनुपमा चौहान + आलोक शंकर + गौरव सोलंकी + विपुल शुक्ला + निखिल आनंद गिरि + सजीव सारथी + शोभा महेन्द्रू + अनुराधा श्रीवास्तव + विपिन चौहान 'मन' + भूपेन्द्र राघव + कवि कुलवंत सिंह + अभिषेक पाटनी + सुनीता यादव + रविकांत पाण्डेय + नीरज गोस्वामी * वर्ष 2008 में जुड़े + रूपम चोपड़ा + डॉ॰ श्याम सखा 'श्याम' + प्रेम सहजवाला + देवेन्द्र कुमार पाण्डेय + विनय के जोशी + पावस नीर + हरिहर झा + नाज़िम नक़वी * वर्ष 2009 में जुड़े + रचना श्रीवास्तव + अरूण मित्तल अद्‍भुत + रश्मि प्रभा कहानीकार * डॉ॰ श्याम सखा 'श्याम' * प्रेम सहजवाला * गौरव सोलंकी * विश्व दीपक 'तन्हा' * विमल चंद्र पाण्डेय संगीतकार गायक बाल-साहित्य-सृजक * सीमा सचदेव * सुनीता यादव * नीलम मिश्रा * शोभा महेन्द्रू * प्रमेन्द्र प्रताप सिंह * सीमा कुमार * डॉ॰ अनिल चड्डा * ज़ाकिर अली 'रजनीश' * अक्षय चोटिया * सुनीता चोटिया * रंजना भाटिया * विनय के जोशी गीतकार * सजीव सारथी * शिवानी सिंह * गौरव सोलंकी * विश्व दीपक 'तन्हा' * निखिल आनंद गिरि * आलोक शंकर * मनुज मेहता * नाज़िम नक़वी चित्रकार * स्मिता तिवारी छायाचित्रकार * मनुज मेहता ग्राफिक्स डिजाइनर * वीरेन्द्र बंसल * रविन्दर टमकोरिया 'व्याकुल' * प्रशेन क्यावल * पीयूष पण्डया * राहुल पाठक कार्यकर्ता * दीप जगदीप * तपन शर्मा * दिव्य प्रकाश दुबे * अवनीश एस॰ तिवारी * सुनील डोगरा 'ज़ालिम' प्रशिक्षक * पंकज सुबीर * आचार्य संजीव 'सलिल' अनुवादक * कुमुद अधिकारी तकनीक * अनुराग शर्मा * गिरिराज जोशी “कविराज” * तुषार जोशी * शैलेश भारतवासी वाचक * अनुराग शर्मा * डॉ॰ मृदुल कीर्ति * शन्नो अग्रवाल * शोभा महेन्द्रू कार्टूनिस्ट * मनु बेतख्खल्लुस कहाँ पर क्या नया है? 'कहानी-कलश' पर 'कविता' पर 'आवाज़' पर 'बाल-उद्यान' पर 'हिन्दी-खबरें' पर 'हिन्दी-खबरें' पर e-मदद पर 'चित्रावली' पर Dainik Jagran Hindi News www.jagran.com January 27,2013 * * समाचार समाचार तस्वीरेंवीडियो गैलरीफोटो गैलरी + राष्ट्रीय + दुनिया + बिजनेस + ओलंपिक + संपादकीय + नजरिया + अपनी बात + जनमत + खेल + चर्चा में + जरा हटके * राज्य राज्य + उत्तर प्रदेश + कानपुर + लखनऊ + मेर + आगरा + इलाहाबाद + बिहार + पटना + भागलपुर + मुजफ्फरपुर + गया + दरभंगा + उत्तराखंड + देहरादून + नैनीताल + हरिद्वार + अल्मोड़ा + ऊधमसिंह नगर + पंजाब + चंडीगढ़ + जालंधर + लुधियाना + अमृतसर + रोपड़ + हरियाणा + पंचकुला + अंबाला + पानीपत + रोहतक + गुड़गांव + झारखण्ड + रांची + धनबाद + जमशेदपुर + हजारीबाग + गिरीडीह + दिल्ली + नई दिल्ली + पश्चिम बंगाल + कोलकाता + जलपाईगुड़ी + दार्जिलिंग + उड़ीसा + भुवनेश्वर + पुरी + कटक + हिमाचल प्रदेश + शिमला + मंडी + बिलासपुर + जम्मू-कश्मीर + जम्मू + श्रीनगर + पुंछ + छत्तीस गढ़ + रायपुर + बिलासपुर + मध्य प्रदेश + भोपाल + राजस्थान + जयपुर * क्रिकेट क्रिकेट तस्वीरेंवीडियो गैलरीफोटोगैलरी + 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____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________ Submit (_) English (_) Hindi लिखित में जिम्मेदारी लेने का वादे पर अनशन होगा खत्म Updated on: Sat, 12 Jan 2013 01:07 AM (IST) लिखित में जिम्मेदारी लेने का वादे पर अनशन होगा खत्म जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अब कोई भी कोताही नहीं चाहिए। सरकार को इसके लिए लिखित में वादा करना होगा तथा इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। यह कहना है जंतर-मंतर पर छह दिनों से अनशन कर रहे तेजेंद्र पाल सिंह बग्गा का। उन्होंने कहा कि वह तब तक अनशन करते रहेंगे, जब तक सरकार की ओर से कोई लिखित बयान नहीं आता। उनसे कुछ ही दूरी पर ही महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दुष्कर्म जैसे अपराधों को रोकने के लिए कड़े कानून बनाने की मांग पर अडिग फरुखाबाद के बाबू सिंह भी 14 दिनों से अनशन कर रहे हैं। महिलाओं की हक की इस लड़ाई में देश का युवा व किसान आज अनशन पर आमादा है। क्योंकि उसे युवतियों व महिलाओं की सुरक्षा की चिंता है। बग्गा का कहना है कि सरकार को संसद का सत्र बुलाकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए नए कानून बनाने की पहल करनी चाहिए। साथ ही दिल्ली सहित देश के हर राज्य में फास्ट ट्रैक कोर्ट जल्द खोले जाने चाहिए । बग्गा ने कहा कि दुष्कर्म, हत्या, तेजाब फेंकने जैसे मामलों में नाबालिगों के साथ कोई नरमी नहीं बरतनी चाहिए तथा नाबालिग अपराधियों की नई आयु सीमा का निर्धारण हो। बाबू सिंह ने बताया कि पुलिस व आरएमएल अस्पताल से डॉक्टर उन्हें लेने आए थे लेकिन उन्होंने मना कर दिया, और वह तब तक यहां रहेंगे, जब तक सरकार उन्हें कोई जवाब नहीं देती। डॉक्टरों के अनुसार उनकी रक्तचाप काफी कम हो गई है, और कमजोरी भी है। मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर (Hindi news from Dainik Jagran, news state Delhi New Delhi City Desk) प्रतिक्रिया दें ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ ____________________________________________________________ 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लेने से किया इन्कार * बीएलएड और बीएड में साक्षात्कार होगा खत्म! मिलती जुलती विडियो * [30528943301262013152532.png] राजपथ पर सेना ने दिखाई ताकत26 Jan 2013 * [67535901001262013165244.png] प्रणब ने दी मनमोहन को नसीहत26 Jan 2013 * [57922975001262013183757.png] राजेश खन्ना व जसपाल भट्टी को मरणोपरांत पद्मभूषण26 Jan 2013 java.lang.RuntimeException: Execution exception in com.interwoven.livesite.exter nal.ExternalCall@34f0c3d7[object=com.mmi.jagran.gallery.RelatedGallery,method=pu blic org.dom4j.Document getRelatedAGallery(com.interwoven.livesite.runtime.Reque stContext,),scope=local,parameters={},prefixCalls=[]] at com.interwoven.livesite.common.pojo.PojoMethodCall.execute(PojoMethod Call.java:464) at com.interwoven.livesite.external.ExternalCall.execute(ExternalCall.ja va:136) at com.interwoven.livesite.runtime.model.component.Component.executeExte rnal(Component.java:417) at com.interwoven.livesite.runtime.model.page.RuntimeComponent.buildComp onentTransformData(RuntimeComponent.java:239) 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org.apache.catalina.valves.ErrorReportValve.invoke(ErrorReportValve.j ava:102) at org.apache.catalina.valves.AccessLogValve.invoke(AccessLogValve.java: 568) at org.apache.catalina.core.StandardEngineValve.invoke(StandardEngineVal ve.java:109) at org.apache.catalina.connector.CoyoteAdapter.service(CoyoteAdapter.jav a:286) at org.apache.jk.server.JkCoyoteHandler.invoke(JkCoyoteHandler.java:190) at org.apache.jk.common.HandlerRequest.invoke(HandlerRequest.java:283) at org.apache.jk.common.ChannelSocket.invoke(ChannelSocket.java:767) at org.apache.jk.common.ChannelSocket.processConnection(ChannelSocket.ja va:697) at org.apache.jk.common.ChannelSocket$SocketConnection.runIt(ChannelSock et.java:889) at org.apache.tomcat.util.threads.ThreadPool$ControlRunnable.run(ThreadP ool.java:690) at java.lang.Thread.run(Thread.java:662) Caused by: java.lang.RuntimeException: Could not invoke method: getRelatedAGalle ry, reason: Index: 0, Size: 0 at 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* वीडियो * दिल्ली गैंगरेप के सबसे बड़े दरिंदे की सजा... * एंटी वायरस ने बनाया मैकेनिक से अरबपति * मूवी रिव्यू: रेस 2 है बदले की कहानी * कौन होगा मैन ऑफ द सीरीज, इन चार में है घ... * कौन होगा मैन ऑफ द सीरीज, इनमें है घमासान... * गधे ने खोली पोल * कश्मीर पर है केवल भारत का हक, पाक करता ब... * टीपीडीडीएल ने किया वोकेशनल कोर्स का शुभा... * बच्चों ने गाया गणतंत्र का तराना * उल्लास से मनाया गया गणतंत्र दिवस * कांग्रेस महानगर समिति ने झंडा फहराया * मौसम ने निभाया गणतंत्र दिवस का साथ * ज्ञान-विज्ञान के प्रचार प्रसार की जरूरत:... * इस समय की ताजा खबरें देखें » * आशीष नंदी के एससी-एसटी संबंधी बयान पर बव... * भारत में बढ़ रहा है सेक्स एडिक्शन * जीत का सिलसिला बनाए रखने उतरेगा भारत * मद्रास हाई कोर्ट ने देखी 'विश्वरूपम' * हिम्मत है तो संघ-भाजपा पर प्रतिबंध लगाए ... * डीजल कार के शौकीनों को फिर लग सकता है झट... * आज के मुख्य समाचार देखें » * चलती बस में गैंगरेप: छठा आरोपी बिहा... * शीला दीक्षित के घर के बाहर हिरासत म... * बाल ठाकरे के अस्थि विसर्जन में कांग... * 26/11 की चौथी बरसी से पहले दफन हुआ 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Jokes| Uttar Pradesh (UP) News| Uttarakhand News in Hindi |Lucknow News| Kanpur News| Patna News Jagran Logo Jagran Logo Copyright © 2012 Jagran Prakashan Limited. * Home * About us * Advertise with Us * Contact us * Sitemap * Privacy Policy * Terms Conditions * Submit your news [p?c1=2&c2=13184768&cv=2.0&cj=1] * English News * Mid-Day * Health * Education * More + Punjabi News + Urdu News + Jagran Yatra + Jagran Junction + Mobile + Nai Dunia + Jagran Classified + Jagran City Plus + Sakhi + I next + Jeetle + Sakhi E-paper * * [rss_1.gif] * Subscribe * Today’s E Paper * Downloads Apps यह भी देखें आग के मुहाने पर बाजार, जिम्मेदारी लेने को नहीं कोई तैयार अनशन खत्म कर पीएम को ज्ञापन सौंपा अधूरे वादे को ही पूरा करने पर होगा विशेष ध्यान * Bengali বাà¦à¦²à¦¾ * Gujarati àªà«àªàª°àª¾àª¤à« * Hindi हिनà¥à¤¦à¥ * Kannada à²à²¨à³à²¨à²¡ * Malayalam മലയാളഠ* Marathi मराठॠ* Punjabi ਪੰà¨à¨¾à¨¬à© * Tamil தமிழ௠* Telugu à°¤à±à°²à±à°à± Shabdkosh^™ English Hindi Dictionary | à¤à¤à¤à¥à¤°à¥à¤à¤¼à¥ हिनà¥à¤¦à¥ शबà¥à¤¦à¤à¥à¤¶ Enter English or Hindi word ____________________________ Search/à¤à¥à¤ KeyboardHindi: INSCRIPT ROMANIZED * Home * About * Browse * Contribute * Quote of the Day * Word of the Day * Forums * Help * Shop * Contact लिà¤à¤¿à¤¤ - meaning in English Pronunciation of लिà¤à¤¿à¤¤ [audio22.png] likhita Meanings of लिà¤à¤¿à¤¤ noun 1. [audio16.png] black and white 2. [audio16.png] instrument (m) adjective 1. [audio16.png] written 2. [audio16.png] documentary 3. [audio16.png] graphic 4. [audio16.png] scripted Sponsors Synonyms of लिà¤à¤¿à¤¤ No matches. Antonyms of लिà¤à¤¿à¤¤ No matches. Additional matches noun लिà¤à¤¿à¤¤ पतà¥à¤° agreement लिà¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ documentation लिà¤à¤¿à¤¤ साराà¤à¤¶ hand-out लिà¤à¤¿à¤¤ रà¥à¤ª मà¥à¤ in black and white लिà¤à¤¿à¤¤ रà¥à¤ª मà¥à¤ in writing लिà¤à¤¿à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ विवरण job description लिà¤à¤¿à¤¤ बà¥à¤¯à¥à¤°à¤¾ minutes लिà¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ record लिà¤à¤¿à¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤¤à¤° subtitle लिà¤à¤¿à¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ the written word लिà¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤²à¤¿à¤ªà¤¿ transcript लिà¤à¤¿à¤¤ मतदान write in लिà¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ written account लिà¤à¤¿à¤¤ दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥à¤ written account लिà¤à¤¿à¤¤ सà¤à¤à¤¾à¤° written communication लिà¤à¤¿à¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ written language लिà¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ written record लिà¤à¤¿à¤¤ दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥à¤ written record adjective लिà¤à¤¿à¤¤ मà¥à¤ black and white लिà¤à¤¿à¤¤ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ सॠपहलॠयà¥à¤ à¤à¤¾ prehistoric verb लिà¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ दà¥à¤¨à¤¾ document लिà¤à¤¿à¤¤ à¤à¤à¤à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤² à¤à¤° पढ़ना numerate लिà¤à¤¿à¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤¤à¤° दà¥à¤¨à¤¾ subtitle adverb लिà¤à¤¿à¤¤ रà¥à¤ª मà¥à¤ in writing Provided by Shabdkosh.com: लिà¤à¤¿à¤¤ meaning in English. Translation and meaning of लिà¤à¤¿à¤¤ in Hindi and English. © 2003-2013 Shabdkosh.com | Terms of Use | Disclaimer | Privacy राष्ट्रीय | अंतरराष्ट्रीय | प्रादेशिक | युवा | महात्मा गाँधी मुख पृष्ठ » खबर-संसार » समाचार » अंतरराष्ट्रीय » चोर ने लिखित माफी के साथ लौटाई साइकल चोर ने लिखित माफी के साथ लौटाई साइकल न्यूयॉर्क, शनिवार, 13 अक्टूबर 2012( 00:48 IST ) Webdunia FILE अमेरिका में अपनी तरह की एक अनोखी घटना में एक चोर ने पुरुषों की एक साइकल चोरी कर ली, लेकिन बाद में उसे अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने साइकल लौटाकर लिखित रूप से माफी मांगी तथा नया लॉक खरीदने के लिए 10 डॉलर भी दिए। 'न्यूयॉर्क डेली न्यूज' की रिपोर्ट के मुताबिक पॉल गिलमोर जब पोर्टलैंड कम्यूनिटी कॉलेज से बाहर आए तो पाया कि उनकी साइकल चोरी हो गई है। पत्र ने बताया कि चोर ने कुछ घंटे बाद न केवल चोरी की हुई साइकल लौटा दी, बल्कि लिखित माफी भी मांगी और नया लॉक खरीदने के लिए 10 डॉलर भी दिए। चोर ने अपने पत्र में स्वीकार किया कि वह बेरोजगार है और वह नशेखोरी से निकलने की कोशिश कर रहा है। (भाषा) संबंधित जानकारी अमेरिका में बढ़ी बेरोजगारी ओबामा ने झाड़ा 'नौकरी' से पल्‍ला आगे बढ़ा अमेरिका, कम हुई बेरोजगारी-ओबामा साइकल चोर, लिखित माफी, अमेरिका, बेरोजगार Feedback Print #हिन्दी लेखक - Atom हिन्दी लेखक - RSS हिन्दी लेखक हिन्दी लेखकों, कवियों, पत्रकारों, संपादकों, हिन्दीतर भाषाओं की साहित्यिक कृतियों के हिन्दी अनुवादकों; रंगकर्मियों, नृत्य व गायन आदि कलाओं में सक्रिय कलाकारों,चित्रकारों, शिल्पकारों की संक्षिप्त परिचयात्मक जानकारी देनेवाला ब्लॉग बृहस्पतिवार, 24 जनवरी 2013 अनिल पतंग [Patang.jpg] अनिल पतंग पूर्व अध्यापक, पूर्व हिन्दी अधिकारी दूरदर्शन, निदेशक- नाट्य विद्यालय, बेगूसराय, संपादक-रंग-अभियान, पूर्व सदस्य- बिहार संगीत नाटक अकादमी, रंग-गुरु- जट-जटिन, बिहार सरकार द्वारा अनुशंसित अनेक रंग संस्थाओं एवं साहित्यिक संस्थाओं के सचिव/अध्यक्ष/ अधिकारी एवं सदस्य, बिहार के लोककलाओं के प्रति समर्पित रचनाकार/नाटककार, अभिनेता, निर्देशक, संयाजक एवं कुशल मंच संचालक । जन्मतिथि:- 1 जून 1951. जन्म स्थान:- सनहा, बेगूसराय, बिहार पारिवारिक परिचय:- माता- स्व. अहिल्या देवी पिता- स्व. कैलाश प्रसाद पत्नी - श्रीमती राका श्रीवास्तव सन्तान : पुत्रियाँ - श्रीमती अनामिका, श्रीमती सुरभि सिन्हा पुत्र -श्री अनुपम अकेला,- श्री राजीव रंजन,- श्री कृष्ण मुरारी, शिक्षा- एम.ए. नाट्यशास्त्र, एम.ए. हिन्दी, साहित्यरत्न,विद्यावाचस्पति, डिप.इन टीच., डिप.इन फिल्म, एन.ई.टी. यू.जी.सी. एम.डी. अल्ट. मेडिसीन आदि। भाषा ज्ञान:- हिन्दी, अंग्रेजी, मैथिली, भोजपुरी, अंगिका आदि। प्रकाशित कृतियां- नाटक- दीवार, कीमत, प्रजातंत्र, डोमकछ, एक महर्षि का मूल्य, नागयज्ञ और जट-जटिन/सामा-चकेवा, लोककथा रूपक के अलावा अन्य 40 नाटक, सैकड़ों कहानियां, कविताएं, निबंध, साक्षात्कार एवं समीक्षाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। संपादित:- हमारे लोकधर्मी नाटक, रंग-अभियान अबतक 29 अंक प्रकाशित, दूरदर्शन पत्रिका-सम्पर्क का प्रधान संपादक, साहित्यिक पत्रिका- सूरज-चाँद एवं अनेक स्मारिकाओं का संपादन। सम्मान/पुरस्कार:- 1.कलाश्री, 93-94 / 2. कला शिरोमणि 1996./ 3. संस्कृति सूत्रधार- 1999./ 4. सहस्राब्दी सम्मान- 2000./5. अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली नाट्य पुरस्कार-1992./ 6. भिखारी ठाकुर राष्ट्रीय शिखर सम्मान-2001./7. रजत जयन्ती सम्मान-1997 एवं2002./ 8. सर्वोत्तम नाट्य निर्देषक पुरस्कार-94, 96, 2002./ 9. अनिल मुखर्जी शिखर सम्मान-2001./ 10. जगदीशचन्द्र माथुर सम्मान-2001./ 11. नवेन्दु शिखर साहित्य सम्मान-2001./12. कृष्णचन्द्र बेरी सम्मान-2006./ 13 विन्देश्वरी सिंह कला सम्मान- 2008./ 14. रामवृक्ष बेनीपुरी राष्ट्रीय षिखर सम्मान-2008./ 15. भारतेन्दु रजत सम्मान-2009./ 16. विद्यावाचस्पति-2009./ 17. नुनुबाबू सिंह शिखर सम्मान-2010./ 18. राजकीय शिक्षक सम्मान, 2011 सम्पर्क का पता:- संपादक, रंग-अभियान, नाट्य विद्यालय, बाघा, बेगूसराय, बिहार-851218. अथवा, पोस्ट बाक्स नं.- 10, प्रधान डाकघर, बेगूसराय बिहार- 851101. मोबाईल नं.- 09430416408. ईमेल rangabhiyanb@gmail.com anilpatangbegusarai@gmail.com प्रस्तुतकर्ता बलराम अग्रवाल पर 3:42 am कोई टिप्पणी नहीं: इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करेंFacebook पर साझा करें लेबल: अनिल पतंग रविवार, 20 जनवरी 2013 गुणशेखर [Gunshekhar.jpg] डॉ॰ गंगा प्रसाद शर्मा 'गुणशेखर ' मूलनाम : गंगा प्रसाद शर्मा जन्म की तारीख :01-11-1962(सरकारी अभिलेख में) जन्मस्थान : समशेर नगर पारिवारिक परिचय: माता -श्रीमती कमला देवी पिता -स्व.शिव नारायण शर्मा पत्नी-श्रीमती गायत्री शर्मा संतान: पुत्री-आरती शर्मा, पुत्र:अनुराग शर्मा ,अभिषेक शर्मा शिक्षा-एम.ए.एम.एड.नेट(यू.जी.सी.फेलोशिप प्राप्त),पीएच.डी. भाषाज्ञान-हिन्दी,संस्कृत,अंग्रेजी,उर्दू,फ़ारसी(आंशिक रूप से ) प्रकाशित कृतियाँ : 'सप्तपदी' और 'समय की शिला पर' के सहयोगी दोहाकार( संभावित प्रकाशन वर्ष1995-96),मेरी सोई हुई संवेदना (कविता संग्रह ,1998),हर जवाँ योजना परधान के हरम में(गज़ल संग्रह,1999),दारा हुआ आकाश (दोहा संग्रह ,1999),अफसर का कुत्ता,पुलिसिया व्यायाम(दोनों व्यंग्य संग्रह,2003-04), आधुनिक भारत के बहुरंगी दृश्य(2005, भारतीय आई.ए.एस.अधिकारियों के द्वारा लिखित निबंधों का संपादित संकलन),स्त्रीलिंग शब्द माला(2005,शब्दकोश),व्यावहारिक शब्दकोश (2005,अरबी-फ़ारसी के बहु-प्रचलित शब्दों का कोश),An introductory Hindi Reader (2006,specially prepared for non hindi speaking Indian and foreigners), दलित साहित्य का स्वरूप विकास और प्रवृत्तियाँ (2012,रमणिका फाउंडेशन के लिए) सम्मान व पुरस्कार :साहित्य शिरोमणि सम्मान (1999,साहित्य-कला परिषद,जालौन, उ॰प्र॰),तुलसी सम्मान (2005,सूकरखेत, उ॰प्र॰) संपर्क का पता : वर्तमान -जे-3,पंचवटी,सूरत -395007 स्थाई-समशेर नगर, बहादुर गंज ,जनपद-सीतापुर (उ॰प्र॰) टेलीफोन/मोबाइल नम्बर :09173646589 ई-मेल-dr.gunshekhar@gmail.com प्रस्तुतकर्ता बलराम अग्रवाल पर 9:43 pm कोई टिप्पणी नहीं: इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करेंFacebook पर साझा करें लेबल: गुणशेखर मंगलवार, 4 दिसम्बर 2012 राधेश्याम तिवारी [Radheyshyam_Tiwari.jpg] राधेश्याम तिवारी जन्मतिथि: 1 मई 1963 जन्मस्थान : ग्राम परसौनी आनंदघन, जिला देवरिया (उत्तर प्रदेश) शिक्षा: स्नातकोत्तर (राजनीतिशास्त्र) भाषा:हिन्दी, भोजपुरी, संस्कृत, अंग्रेजी पारिवारिक परिचय: माता: श्रीमती चम्पा देवी पिता: स्व॰ नवजादिक तिवारी पत्नी: श्रीमती संजना तिवारी संतान—पुत्री : अनामिका पुत्र : उत्कर्ष प्रकाशित पुस्तकें: कविता संग्रह— 1॰ सागर प्रश्न (1998), 2॰ बारिश के बाद (2004), 3॰ पृथ्वी के पक्ष में (संपादित, पर्यावरण एवं प्रकृति संबंधी हिंदी कविताएँ, 2006), 4॰ इतिहास में चिड़िया (2010), गद्य संग्रह— दूसरा पंचपरमेश्वर (साहित्य, समाज और संस्कृति से जुड़े लेखों का संकलन, 2012) विशेष : साहित्य अकादेमी से प्रकाशित ‘श्रेष्ठ हिंदी गीत संचयन’ सहित अनेक महत्त्वपूर्ण संचयनों में रचनाएँ संकलित । · भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित ‘खजुराहो की प्रतिध्वनियाँ ’ में अनेक अंग्रेजी कविताओं का हिंदी अनुवाद संकलित। · पिछले 20 वर्षों से विभिन्न राष्ट्रीय अखबारों में संपादन–कार्य का अनुभव । · भारतीय ज्ञानपीठ एवं राजकमल प्रकाशन में वर्षों संपादन–कार्य का अनुभव । · साहित्य का प्रमुख राष्ट्रीय पाक्षिक, ‘ज़िंदा लोग’ का सलाहकार संपादक । पुरस्कार व सम्मान : ‘नई धारा रचना सम्मान’ 2009, ‘सागर प्रश्न’ कविता–संग्रह के लिए ‘राष्ट्रीय अज्ञेय शिखर सम्मान’ से सम्मानित । संप्रति : दैनिक जागरण में संपादकीय विभाग से सम्बद्ध । संपर्क : डी–70/4, अंकुर एन्क्लेव, करावल नगर, दिल्ली–110094 मो– 09560798112, फोन 0112293139 ईमेल: zindalog@hotmail.com प्रस्तुतकर्ता बलराम अग्रवाल पर 7:33 am कोई टिप्पणी नहीं: इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करेंFacebook पर साझा करें लेबल: राधेश्याम तिवारी सोमवार, 12 नवम्बर 2012 विजय रंजन [a.jpg] विजय रंजन मूल नाम : विजय प्रताप सिंह जन्मतिथि : 17 मई 1949 जन्मस्थान : गोण्डा(उत्तर प्रदेश) शिक्षा : बी॰एससी॰, एलएल॰बी॰ भाषा : हिन्दी, अंग्रेजी पारिवारिक परिचय: माता : (स्व॰) श्रीमती विद्या देवी श्रीवास्तव पिता : (स्व॰) श्री कृष्ण प्रताप सिंह श्रीवास्तव पत्नी : सन्तान: प्रकाशित कृतियाँ : कहानी संग्रह: सूरज की आग (1981) ; कविता संग्रह: हाशिए से (1986), किर्चें (2009) संपादित कृतियाँ : कहानी संकलन : नव कहानियाँ, काव्य संकलन : तिर्यक, काव्य संग्रह: प्रश्नोत्तर सम्मान व पुरस्कार : 1978: अगीत परिषद, लखनऊ; 1998:भारतीय हिन्दी भाषा सम्मेलन, भागलपुर(बिहार); 2003:राष्ट्रभाषा प्रचार परिषद, प्रयाग; अ॰भा॰ कायस्थ सभा, फैजाबाद; सेवा समिति, फैजाबाद; 2008:अवध भारती, हैदरगढ़(बाराबंकी); 2010:साकेतन, फैजाबाद से सम्मानित। 1998, 99, 2000, 2003, 04, 09 : बायोग्राफिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका के विभिन्न सम्मान हेतु एवं 2007: ‘कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय’ एवं ‘सृजन सम्मान संस्था, रायपुर(छत्तीसगढ़)’ से सम्मान हेतु चयनित अन्य : साहित्यिक पत्रिका ‘अवध-अर्चना’ (त्रैमासिक) का 1965 से अद्यतन संपादन व प्रबंधन मोबाइल: 09415056438, 09532095357 ई-मेल : निवास का पता: * 4/14/41ए, महताब बाग, अवधपुरी कालोनी फिज़-2, फैजाबाद(उ॰प्र॰) * ग्राम व पत्रालय:बनगवाँ (निकट गौरा चौकी); गोण्डा(उ॰प्र्॰) प्रस्तुतकर्ता बलराम अग्रवाल पर 4:14 am कोई टिप्पणी नहीं: इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करेंFacebook पर साझा करें लेबल: विजय रंजन शनिवार, 3 नवम्बर 2012 प्रो॰ (डॉ.) अमरनाथ [amarnath+photo+final.jpg] प्रो॰ (डॉ.) अमरनाथ मूल नाम : अमरनाथ शर्मा जन्मतिथि : 1 अप्रैल 1954 जन्मस्थान : गोरखपुर जनपद (संप्रति महाराजगंज), उ. प्र. के रामपुर बुजुर्ग नामक गाँव में शिक्षा : एम.ए., पीएच. डी.(हिन्दी) गोरखपुर विश्वविद्यालय से भाषा : हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी और बंगला पारिवारिक परिचय: माता : स्व. फूला देवी शर्मा पिता : स्व. पं. चंद्रिका शर्मा पत्नी : श्रीमती सरोज शर्मा संतान : हिमांशु , शीतांशु एवं शिप्रा शर्मा प्रकाशित कृतियाँ : ‘हिन्दी जाति’, ‘हिन्दी आलोचना की पारिभाषिक शब्दावली’, ‘नारी का मुक्ति संघर्ष’, ‘आचार्य रामचंद्र शुक्ल और परवर्ती आलोचना’, ‘आचार्य रामचंद्र शुक्ल का काव्य चिन्तन’, ‘समकालीन शोध के आयाम’(सं॰), ‘हिन्दी भाषा का समाजशास्त्र’(सं॰), ‘सदी के अंत में हिन्दी’(सं॰), ‘बांसगांव की विभूतियाँ’(सं॰) आदि। ‘अपनी भाषा’ संस्था की पत्रिका ‘भाषा विमर्श’ का सन् 2000 से अद्यतन संपादन। सम्मान व पुरस्कार : साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा का ‘संपादक रत्न सम्मान’, भारतीय साहित्यकार संसद का ‘भारतेन्दु हरिश्चंद्र राष्ट्रीय शिखर साहित्य सम्मान’, अखिल भारतीय साहित्य कला मंच मुरादाबाद का ‘प्रवासी महाकवि हरिशंकर आदेश साहित्य चूड़ामणि सम्मान’, मित्र मंदिर कोलकाता द्वारा सार्वजनिक अभिनंदन आदि। संप्रति : कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्रोफेसर, 'अपनी भाषा' के अध्यक्ष और भारतीय हिन्दी परिषद् के उपसभापति. संपर्क : ईई-164 / 402, सेक्टर-2, साल्टलेक, कोलकाता-700091 फोन : 033-2321-2898, मो.: 09433009898 , ई-मेल : amarnath.cu@gmail.com प्रस्तुतकर्ता बलराम अग्रवाल पर 7:16 am 1 टिप्पणी: इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करेंFacebook पर साझा करें लेबल: अमरनाथ शनिवार, 20 अक्तूबर 2012 सुधा भार्गव [ddrnmdg4_43d9w8w7dd_b.jpg] सुधा भार्गव जन्मतिथि: -8 मार्च 1942 जन्मस्थान: अनूपशहर, जिला-बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश पारिवारिक परिचय— माता - स्व .श्रीमती तारा भार्गव पिता - स्व .डा . जगदीश्वर सहाय भार्गव पति-स्व .श्री हरि कृष्ण भार्गव संतान पुत्र: रवि, रजत पुत्री: रंजना शिक्षा— प्रारम्भिक शिक्षा अनूपशहर आर्य कन्या पाठशाला से हुई। अलीगढ़ और उरई में रहकर बी॰ए॰, बी॰टी॰ की। प्रौढ़ शिक्षा में विशेष योग्यता प्राप्त है। रेकी हीलर भी हूँ। इलाहाबाद की सिद्धान्त सरोज, प्रवेशिका, विद्याविनोदिनी आदि हिन्दी की विशेष परीक्षाएँ उत्तीर्ण कीं। भाषा ज्ञान—हिन्दी, अंग्रेजी, बंगाली । शिक्षण—बिरला हाई स्कूल कलकत्ता में २२ वर्षों तक हिन्दी भाषा का शिक्षण कार्य। विशेष—शिक्षण काल में समस्यात्मक बच्चों के संपर्क में रहकर उनकी भावात्मक, शिक्षात्मक उलझनें दूर करने का प्रयास रहा। सेमिनार व वर्कशॉप के द्वारा सुझाव देकर मुश्किलों का हल निकाला। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत बच्चों की अभिनय कला को निखारा। समय व विषय के अनुसार एकांकी नाटक लिखकर उनके मंचन का प्रयास हुआ। ऋचा, लेखिका संघ दिल्ली व कलकत्ते से प्रकाशित हस्तलिखित पत्रिका -साहित्यिकी से जुडी हुई हूँ। यह पत्रिका स्त्रियों द्वारा स्त्रियों के हक़ में एक तरह से उनकी रचनात्मक वैचारिकता का अपने लिए अलग से एक पुख्ता पहचान ढूँढती स्त्री विमर्श और दृष्टिकोण का एक बेहद महत्वपूर्ण प्रकाशन है। कहानी-‘मुछन्दर जूतेवाला’ एन.सी.ई.आर.टी. दिल्ली द्वारा दूसरी कक्षा की पाठ्यपुस्तक 'उदया' में सम्मिलित की गई। प्रकाशित पुस्तकें: काव्य संग्रह रोशनी की तलाश में, बालकथा पुस्तकें 1 अंगूठा चूस २ अहंकारी राजा ३ जितनी चादर उतने पैर सम्मान व पुरस्कार : 1. डा .कमला रत्नम सम्मान/ रोशनी की तलाश में 2. राष्ट्रीय शिखर साहित्य सम्मान/जितनी चादर उतने पैर पसार 3. राष्ट्र निर्माता पुरस्कार/ शिक्षक दिवस के अवसर पर पश्चिम बंगाल शासन की ओर से 1996 में कलकत्ते में मिला। अभिरुचि : पेंटिंग-- समय -बेसमय ऑयल पेंटिंग, ऐक्रेलिक पेंटिंग और नाइफ पेंटिंग में ब्रुश और चाकू चल पड़ते हैं और एक चित्रकार रंगों के संसार में डूब जाता है । संप्रति: स्वतंत्र लेखन बाल साहित्य व लघुकथाएँ निवास:जे-703, स्प्रिंगफील्ड, #17/20 अम्बालीपुरा गाँव, बेलाण्डुर गेट, सरजापुर रोड, बंगलौर-560102 e .mail-subharga@gmail.com M-9731552847 प्रस्तुतकर्ता बलराम अग्रवाल पर 8:17 am कोई टिप्पणी नहीं: इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करेंFacebook पर साझा करें लेबल: सुधा भार्गव SudhaBhargava बृहस्पतिवार, 4 अक्तूबर 2012 सुधीर मौर्य 'सुधीर' [sudheer_maurya.jpg] सुधीर मौर्य 'सुधीर' जन्मतिथि: 1 जनवरी, 1979 जन्मस्थान: कानपुर,(उत्तर प्रदेश) शिक्षा: अभियांत्रिकी में डिप्लोमा, इतिहास और दर्शन में स्नातक, प्रबंधन में पोस्ट डिप्लोमा भाषाज्ञान : हिन्दी, अंग्रेजी पारिवारिक परिचय: माता:श्रीमती शकुंतला मौर्या पिता:स्व. श्री राम सेवक मौर्या पत्नी:श्रीमती शीलू कुशवाहा मौर्या प्रकाशित कृतियाँ : 1॰ 'आह' (ग़ज़ल संग्रह), 2॰ 'लम्स' (ग़ज़ल और नज़्म संग्रह), 3॰ ‘हो न हो’ (नज़्म संग्रह), 4॰ ‘अधूरे पंख’ (कहानी संग्रह), 5॰ 'एक गली कानपुर की' (उपन्यास) निवास का पता: ग्राम और पोस्ट-गंज जलालाबाद, जनपद-उन्नाव-209869 उत्तर प्रदेश ई-मेल : sudheermaurya1979@rediffmail.com, Sudheermaurya2010@gmail.com प्रस्तुतकर्ता बलराम अग्रवाल पर 3:16 am कोई टिप्पणी नहीं: इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करेंFacebook पर साझा करें लेबल: सुधीर मौर्य 'सुधीर' SudhirMaurya 'Sudhir' पुराने पोस्ट मुखपृष् सदस्यता लें संदेश (Atom) आपका स्वागत है… मित्रो, 'हिन्दी लेखक' ब्लॉग का उद्देश्य आपकी संक्षिप्त परिचयात्मक जानकारी सचित्र प्रकाशित करके रचनाकार कोश तैयार करना है। आप स्वयं लेखक, कवि, पत्रकार, चित्रकार, शिल्पकार, रंगकर्मी, संपादक हैं अथवा इनमें से किसी के विषय में जानकारी रखते हैं तो सम्बन्धित जानकारी नि:संकोच 2611ableram@gmail.com पर मेल कर दें। जानकारी केवल यूनीकोड फोंट/देवनागरी लिपि में ही भेजी जाए तो उसे प्रकाशित करने में हमें आसानी होगी। http://hindi-lekhak.blogspot.in में प्रेषित जानकारी का प्रारूप निम्नवत् सीमित रखने का प्रयास करें: 1 नवीनतम एकल फोटो(इसे अलग से भेजें) 2 संक्षिप्त परिचय जन्म की तारीख : जन्मस्थान : पारिवारिक परिचय: माता पिता पत्नी/पति संतान:पुत्र/पुत्री शिक्षा भाषाज्ञान प्रकाशित कृतियाँ : कृति का नाम (प्रकाशन वर्ष, विधा) इस कॉलम में (1) केवल प्रकाशित पुस्तकों का ही उल्लेख करें, पत्रिकाओं में प्रकाशित सामग्री का नहीं। (2) कृपया प्रकाश्य सामग्री का उल्लेख न करें। सम्मान व पुरस्कार : संपर्क का पता : वर्तमान / स्थाई टेलीफोन/मोबाइल नम्बर : ई-मेल नोट:इस ब्लॉग में प्रकाशित किसी भी तथ्यात्मक गलती के लिए प्रेषक/सम्बन्धित महानुभाव स्वयं जिम्मेदार होंगे, ब्लॉग प्रबंधक/संपादक नहीं। विवादित सूचनाओं/परिचयों को बिना किसी पूर्व सूचना के हटाने का अधिकार ब्लॉग प्रबंधक/संपादक के पास सुरक्षित है। लेबल * अंअनुरोध (1) * अंजना संधीर Anjana Sandhir (1) * अजितकुमार AjitKumar (1) * अटल बिहारी वाजपेयी Atal Bihari Vajpayee (1) * अनामिका Anamika (1) * अनिल पतंग (1) * अमर गोस्वामीAmar Goswami (1) * अमरनाथ (1) * अमित कल्लाAmit Kalla (1) * अवधेश श्रीवास्तव Avdhesh Srivastava (1) * आलोक श्रीवास्तव Alok Srivastava (1) * इला कुमार Ila Kumar (1) * इला प्रसाद Ila Prasad (1) * उमेश महादोषी Umesh Mahadoshi (1) * उषा राजे सक्सेना Usha Raje Saxena (1) * ऋषभ देव शर्मा Rishabh Dev Sharma (1) * एस. आर. हरनोटS R Harnott (1) * ओम निश्‍चलOm Nishchal (1) * ओमप्रकाश कश्यप OmPrakash Kashyap (1) * क़मर मेवाड़ीQuamar Mewari (1) * किशोर श्रीवास्तव Kishor Shrivastava (1) * कृष्ण कुमार यादव KrishnaKumar Yadav (1) * गिरिराजशरण अग्रवालGiriransharan Agarwal (1) * गुणशेखर (1) * गौतम सचदेवGautam Sachdev (1) * चित्रा मुद्गलChitra Mudgal (1) * जगदीश राय कुलरियाँ JagdishRai Kulrian (1) * ज़ाकिर अली ‘रजनीश’Zakir Ali 'Rajnish' (1) * जितेन्द्र ‘जौहर’ Jitendra 'Jauhar' (1) * ज्ञानप्रकाश विवेक GyanPrakash Vivek (1) * तेज सिंह TejSingh (1) * तेजेन्द्र शर्मा Tejendra Sharma (1) * त्रिलोक सिंह ठकुरेला Trilok Singh Thakurela (1) * दिनेश सोलंकी Dinesh Solanki (1) * दिनेश्वर प्रसाद Dineshwar Prasad (1) * दिलीप भाटिया Dilip Bhatia (1) * दिविक रमेशDivik Ramesh (1) * दिव्या माथुर Divya Mathur (1) * दीपक मशाल Deepak Mashaal (1) * दीप्ति गुप्ता DeeptiGupta (1) * देवी नागरानी Devi Nangrani (1) * धूमिलDhumil (1) * नईमNaeem (1) * नन्दलाल भारतीNandlal Bharti (1) * नरेश भारतीय Naresh Bhartiya (1) * नागार्जुन Nagarjun (1) * नित्यानन्द ‘तुषार’Nityanand 'Tushar' (1) * पवित्रा अग्रवाल Pavitra Agarwal (1) * पारस दासोतParas Dasot (1) * पुरूषोत्तम दुबे Purushottam Dubey (1) * पूर्णिमा वर्मन PurnimaVarman (1) * प्रतिभा सक्सेना Pratibha Saksena (1) * प्रदीप मिश्र Pradip Mishra (1) * प्रबोध कुमार गोविल PrabodhKumar Govil (1) * प्राण शर्मा Pran Sharma (1) * फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ Fanishwarnath 'Renu' (1) * बद्री सिंह भाटिया Badri Singh Bhatia (1) * बलराम Balram (1) * भारतेन्दु मिश्र Bhartendu Mishr (1) * भारतेन्दु हरिश्चन्द्र Bhartendu Harishchandra (1) * मनोहर चमोली ‘मनु’ ManoharChamoli 'Manu' (1) * मन्नू भंडारी Mannu Bhandari (1) * ममता कालिया Mamta Kalia (1) * महेंद्र दवेसर 'दीपक' Mahendra Davesar 'Deepak' (1) * महेंद्र भटनागर Mahendra Bhatnagar (1) * माधव नागदाMadhav Nagda (1) * मीनाक्षी स्वामी Meenakshi Swami (1) * मुकेश शर्मा Mukesh Sharma (1) * मुहम्मद तारिक असलम 'तस्नीम' Mohd. 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Previous Next रचनाकार : हिन्दी लेखन में एक प्रमुख ब्लॉग * | Print | * Email Details Hits: 434 IFRAME: http://www.facebook.com/plugins/like.php?locale=en_US&href=http%3A%2F%2 Fwww.isahitya.com%2Findex.php%2Fhindi-sahitya%2Fhindi-sahitya%2F166-201 1-11-24-11-37-05&layout=button_count&show_faces=true&action=like&colors cheme=light&font=&height=20 Twitter SocButtons v1.5 Share रचनाकार इंटरनेट पर मौजूद हिन्दी के सबसे मजबूत ब्लॉग में से एक हैं । रचनाकार , के ब्लॉग एडिटर रविशंकर श्रीवास्तव “रविरतलामी” हैं और उनके द्वारा संचालित किया जा रहा हैं । रवि हिन्दी लेखन के जाने माने नाम हैं जो लगातार हिन्दी के क्षेत्र में काम कर रहे हैं । हिन्दी और तकनीक को साथ करने के क्षेत्र में कार्य करने वाले रवि जी को हिन्दी वेब तकनीक से जुड़ी बातो का बहुत वर्षो का अनुभव भी हैं । रचनाकर के अलावा रवि जी अपने निजी ब्लोगस “छींटे और बौछारें” के द्वारा हिन्दी साहित्य लेखन से जुड़े हुये हैं । रविशंकर श्रीवास्तव “ रविरतलामी” जो इस ब्लॉग के संचालक हैं , उन्होने इस ब्लॉग के पहले भी इंटरनेट के क्षेत्र में हिन्दी को लाने में काफी काम किया हैं । माइक्रोसाफ्ट कम्पनी के भाषाइंडिया पुरस्कार से नवाज़े जा चुके रविरतलामी को हिन्दी साहित्य में लेखन में 25 वर्षो का अनुभव हैं । आई.टी पत्रिका के तकनीकी लेखक पैनल तथा इंडलिनक्स हिन्दी टीम के सदस्य भी रह चुके हैं। इंटरनेट पर रामचरित मानस को यूनीकोड में उपलब्ध कराने में भी रविरतलामी का सक्रिय सहयोग रहा। रवि रतलामी को अनुवाद क्षेत्र में काफी अनुभव हैं । रवि जी हिंदी वेबपत्रिका अभिव्यक्ति, के नियमित लेखक हैं। रविरतलामी के कार्यो में निरंतर भी प्रमुख रही हैं जो एक ब्लॉग पत्रिका हैं , वे उसके संपादक भी रह चुके हैं । रवि विद्युत अभियांत्रिकी में स्नातक हैं। इन्हें म.प्र.राज्य विद्युत मंडल में २० से अधिक वर्षों का तकनीकी तथा प्रबंधन का अनुभव है। सन् 2003 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले कर रवि जी ने अपना पूरा समय हिन्दी के अनुवाद कार्य में लगा दिया। बहुत दिनों से सबसे बुजुर्ग ब्लागर की कुर्सी पर काबिज रवि को उनसे भी बुजुर्ग ब्लागरों ने आकर जवान बना दिया। पर फिलहाल हिंदी चिट्ठाकारी में सबसे ज्यादा शब्द लिखने का खिताब रवि जी के पास बरकरार है। "ये उम्र और तारे तोड़ लाने की ख्वाहिशें व्यवस्था ऐसी और परिवर्तन की ख्वाहिशें। आदिम सोच की जंजीरों में जकड़े लोग और जमाने के साथ दौड़ने की ख्वाहिशें। तंगहाल घरों के लिए कोई विचार है नहीं कमाल की हैं स्वर्णिम संसार की ख्वाहिशें। कठिन दौर है ये नून तेल और लकड़ी का भूलना होगा अपनी मुहब्बतों की ख्वाहिशें। जला देंगे तुझे भी दंगों में एक दिन रवि रवि जी द्वारा लिखी कुछ पंक्ति रवि रतलामी रचनाकर के माध्यम से एक महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं। लेकिन ब्लोगस की कुछ अपनी कुछ सीमाएँ भी हैं क्योंकि कई बार सामग्री के चयन में वह समझ नहीं दिखाई देती जो अच्छे साहित्य को प्रस्तुत करने के पीछे काम करती है। यही कारण है कि कई बार इसमें अपेक्षाकृत कमजोर लेखन भी प्रकाशित हो जाती हैं। लेकिन यह ब्लॉग इस अर्थ में उल्लेखनीय है कि यह नए से नए साहित्यकार या लेखक के लिए वेब पर एक बेहतर प्लेटफार्म तो देता ही है। Isahitya Please enable JavaScript to view the comments powered by Disqus. blog comments powered by Disqus Share * Writing is a perennial source of quenching my thirst of knowledge and feelings: Rashmi Singh * I wanted to give my readers the feel of a spy’s mind : Vinod Joseph * Litizen Community : Gateway for amateur Writers Debut Authors * "A book like Govinda has a life of its own " : Krishna Udaysankar * Unique Debut : Vikrant Dutta's “Ode to Dignity” , a ballad novel * I wanted the readers to see the world through the eyes of the ‘winner’ : Shriram Iyer Hindi Sahitya * पुरस्कार समितियाँ, सीमित लोकतंत्र की नजीर हैं : चंदन पांडे * मेरे लेखन की प्रेरणा यश और अर्थ की आकांक्षा कभी नहीं रही : नन्द किशोर नवल * युवा साहित्यकार उमा शंकर चौधरी से खास बातचीत Follow @isahitya_ Isahitya Services opportunities with Isahitya Advertisement With Isahitya Next Prev New Books यूँ न होता तो... यूँ न होता तो क्या होता ? 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"Itche Koutche" is the best tune ever. * West Nkosi: 16 original sax jive hits West Nkosi's infectious grooves are Township Jive at its finest. * Various Artists - Various Artists: Guitar Paradise of East Africa A sparkling collection of bands from Kenya, Zaire, and Tanzania playing in the Jit and Benga styles. * Miriam Makeba - Miriam Makeba: World of Miriam Makeba The Grand Dame of African music in the United States, Miriam Makeba is perhaps better known here as a politically active folk singer than as an early pioneer of Afro-pop and township jazz. * Oumou Sangare - Oumou Sangare: Oumou Impressive Malian singer and songwriter. * Tinariwen - Tinariwen: Amassakoul More music from Mali. This band is of the Sarahan Touareg tribe. They are idolized as guitar gods in Mali and lay down a hypnotizing groove. 8 entries categorized "लेखन हिंदी में" May 17, 2007 हिन्दी का निबंध Well, it's been a while, hasn't it? A little over a month, up to yesterday's brief post. I have lots of thoughts I've been meaning to post here. Things have been a little busy, though - and most of my blog action has been on Filmi Geek. I'll try to catch up over the next couple of weeks. In the meantime, here's a composition I wrote for the final exam in my second-year HIndi class which, I am sad to say, met for the last time earlier this evening. Those of you who don't read Hindi can count yourselves fortunate - it's a pretty vapid little composition! हलाँकी नसीम जी ने पूछा कि हम क्लास-वाली फ़िल्मों के बारे में लिखें, मुझे आशा है ठीक होगी अगर मैं सब हिन्दी फ़िल्मों के बारे में लिखूँ । मैं दो साल से हिन्दी फ़िल्में देख रही हूँ और इस समय में मैंने क़रीब-क़रीब सौ फ़िल्में देख ली हैं । इस से ज़ाहिर होगी कि हिन्दी फ़िल्में मुझे बहुत अच्छी लगती हैं । जो फ़िल्में मुझे सबसे अच्छी लगती हैं, वे दो तरहों की हैं । एक तरह काफ़ी गंभीर है - ये फ़िल्में जो कभी कभी "parallel cinema" कहलाती हैं । अक्सर इनको राजनीतिक विषय हैं - यानी ग़रीबी, जाति-वाले सिलसिले, या औरतों की हालत । फ़िल्म-स्टार जिनसे मुझको सबसे बड़ा प्यार है - शबाना आज़्मी - वे बहुत-सी ऐसी फ़िल्मों में हैं । Parallel cinema के सिवाय मश्हूर हिन्दुस्तानी अंदाज़ की फ़िल्में भी मुझे पसंद है - यानी लंबी फ़िल्में जिनमें बहुत नाटक, बड़ी भावनाएँ, और बढ़िया नाच-गाना हैं । क्योंकि मैं हिन्दुस्तानी नहीं, ऐसी फ़िल्में देखना मेरे लिये एक खिड़की हिन्दुस्तानी संस्कृति में है । ऐसी फ़िल्में देखते देखते मैं हँसकर-रोकर हिन्दुस्तान के बारे में सीखना शुरू कर सकती हूँ । मेरे लेख हिन्दी फ़िल्मों के बारे में दो वेबसाईटों पर प्रकाशिक हैं । ( वे लेख अंग्रेज़ी में लिखे जाते हैं क्योंकि अभी हिन्दी में मैं बहुत सरल ही विचार लिख सकती हूँ । ) सारी दुनिया-वाले लोग मेरे लेख पढ़ते हैं; मुझे बिलकुल खुशी है कि मेरे विचार इतने लोगों को दिलचस्प लगते हैं । जैसे हिन्दी फ़िल्में हिन्दि बोलनेवाले लोगों की सुन्दरता और विभिन्नता दिखाई देती हैं वैसे वे भावुक कहानियों और अच्छे संगीत के द्वारा विभिन्न लोगों को मिला सकती हैं | Although Naseem ji asked that we write about films from class, I hope it will be all right if I write about Hindi films generally. I have been watching Hindi movies for two years, and in that time I have seen almost 100 movies. It should be obvious from this that I like them Hindi movies very much. The films that I like best are of two types. One type is somewhat serious - these films are sometimes called "parallel cinema". Often they have political subjects - such as poverty, caste relations, or the status of women. The film star whom I love the most - Shabana Azmi - is in many such films. Apart from parallel cinema, I also like films in the famous Indian style - in other words, long movies having lots of drama, big emotions, and excellent song and dance. Although I am not Indian, watching these films is for me a window into Indian culture. While watching such films, laughing and crying, I can begin to learn about India. My writings about Hindi films are published on two websites. (These articles are written in English because I still can write only very simply ideas in Hindi.) People from all over the world read my writings; I am delighted that so many people find my thoughts interesting. Just as Hindi films reflect the beauty and diversity of Hindi-speaking people, they can connect diverse people by means of emotional stories and great music. May 17, 2007 in लेखन हिंदी में | Permalink | Comments (2) January 08, 2007 थोड़े-से शब्द हिन्दी में (A few words in Hindi) देर से मैंने हिन्दी में कुछ नहीं लिखा है । खैर, छोटा झूठ है - "बालीवट" वेब्साइट पर मैंने हिन्दी में लिखा है, लेकिन यहाँ नहीं । तो आज मैं लिखती हूँ । जनवरी के अन्त को हिन्दी का "इंटर्मीडियट" क्लास शुरू होगा । इस समय में हिन्दी के अभ्यास के लिए मैं उषा जैन की किताब नाम का "इंटर्मीडियट हिन्दी रीडर" पढ़ रही हूँ । काफ़ी अच्छी लगती है । बहुत-सी विभिन्न कहानियाँ शामिल हैं - रामायण से, महाभारत से, कुछ कविता (हिनदी और उर्दू भी), और हाल के लेखन भी हैं । किताब में पुरा शब्दकोश भी है, तो नए शब्द सिखना काफ़ी आसान है । मैंने "राम का वनवास" के बारे में पढ़ा, दो कहानियाँ कार्व चौथ के व्रत के बारे में, और कुछ रूपक-कहानियाँ जानवारों के बारे में भी । इस किताब को पढ़ना बहुत मज़ेदार है । मैं हिन्दी फ़िल्मों को देखने से भी अभ्यास पाती हूँ । लेकिन मुझे तो बोलने का अभ्यास चाहिए । मुझे आशा है कि "इंटर्मीडियट" क्लास में इतना अभ्यास मिलेगा । उस समय तक मैं खुद से ही बात करूँगी ! और मैं फ़िल्में देखती रहूँगी - और हिन्दी पोस्टिंग लिखना की कोशिश करती रहूँगी । पोस्टिंग हिन्दी भाषा के बारे में लिखना अच्छा लगता है - पोस्टिंग हिन्दी में ही नहीं । पहले से मैंने "compound verbs" के बारे में लिखा । अलगे से मैं "-वाला" के प्रयोग के बारे में लिखूँगी । हिन्दी की व्याकरण मुझे बहुत दिलचस्प लगती है । आशा है कि ब्लोग के पढ़ने वालों को भी ऐसी लगती है ! अचछा, आज के लिय बस - फिर मिलेंगे, और पढ़ने ले लिए धन्यवाद । It's been a while since I have written anything in Hindi. Well, that's a lie - I have written in Hindi on the "BollyWHAT" website, but not here. So today, I'm writing. At the end of January the intermediate Hindi class will begin. In the meantime, for Hindi practice I have been reading Usha Jain's book called "Intermediate Hindi Reader". It's quite good. It includes a variety of stories - from the Ramayan, from the Mahabharata, some poetry (Hindi and Urdu both), and modern writings as well. There is also a thorough glossary in the book, so learning new words is fairly easy. I have read about Ram's exile in the forest, two stories about the fast of Karva Chauth, and some allegorical stories about animals. Reading the book is a lot of fun. I also get practice by watching Hindi films. But I really need practice speaking. I hope that in the intermediate class I will get such practice. Until then, I'll just talk to myself! And I will keep watching movies - and I will keep trying to write Hindi postings. I like to write postings about the Hindi language - not just postings in Hindi. Previously I wrote about "compound verbs". Next, I will write about the use of "-vaalaa". Hindi grammar is very interesting to me - I hope it is as interesting to the readers of this blog! All right, that's enough for today - see you soon, and thanks for reading. January 08, 2007 in लेखन हिंदी में | Permalink | Comments (4) October 26, 2006 ek aur patr मैंने एक और पत्र हिंदी में लिखा है, जो इस बार अपनी पीछले साल-वाली हिंदी की शिक्षिका को है । यहाँ यह पत्र है: नसीम जी, आप कैसी हैं? मुझे आशा है कि आप बिल्कुल ठीक हैं | आज मैं आप और आपके क्लास के बारे में सोच रही हूँ | तो खायल मुझे आया है कि मैं आपको कोई e-mail भेजूँ | पीछले साल का क्लास बिल्कुल मज़ेदार था, और मैं ने इस में बहुत चीज़ें सिख ली | कुछ और है - आपके क्लास में मैं कुछ दोस्तों से मिली (या "मैं ने कुछ दोस्तों से मिला"? मैं ने भूल गया है ...) जिससे मैं अभी बात करती हूँ | तो उसके लिये भी, धन्यवाद. मैं ने एक और फ़िल्मी पर्टी नहीं दी है, लेकिन जब एक और पर्टी दूँगी तब ज़रूर आपको बुला दूँगी | इस पत्र से आप देख सकती होंगी कि मैं हिंदी का अभ्यास करती रखती हूँ - लेकिन अभी तो मैं सारी एक subtitles के बिना वाली फ़िल्म नहीं समझ सकती | फिर भी आहिस्ते आहिस्ते मेरी हिंदी ज़्यादा अच्छी बन जा रही है | एक बात और - शायद आपको मालूम है कि अगले महीने Andover में शबाना आज़्मी और जावेद अख़्तर का नाटक "कैफ़ी और मैं" दिखाई देगा (क्या यह वाक्य ठीक है?) | क्योंकी मुझे शबाना से इतना प्यार है, मैं जा रही हूँ - हलाँकी वह सारा नाटक उर्दू में है और मैं तो उसका छोटा छोटा हिस्सा समझूँगी. ऐसा मेरा प्यार शबाना से है! अच्छा, अब तो मैं खत्म करूँगी | शयाद हम जलदी बात करेंगे | आपकी, कार्ला I have written another letter in Hindi, which this time is to my Hindi teacher from last year. Here is the letter: Dear Naseem, How are you? I hope you are thoroughly well. Today I am thinking about you and your class. So it occurred to me that I should send you some email. Last year's class was tremendously enjoyable, and I learned a lot of things in it. Also, I met some friends in your class, with whom I still speak. So for that as well, thank you. I have not given another filmi party, but when I give another party I will certainly invite you. From this letter you can see that I keep practicing my Hindi, but still I can't understand an entire film without subtitles. Nevertheless, slowly and surely my Hindi is improving. One more thing - you may know that next month, in Andover, Shabana Azmi and Javed Akhtar's play "Kaifi aur mein" will be shown (did that sentence make sense?). Because I love Shabana so much, I am going - although the entire play is in Urdu and I will understand only the smallest part of it. Such is my love for Shabana! Okay, I'll finish now. Perhaps we will speak soon. Yours, carla. October 26, 2006 in लेखन हिंदी में | Permalink | Comments (1) September 25, 2006 ek patr एक पत्र जो मैंने अपनी सहेली यास्मीन को लिखा (कई बारें पहले मैंने यास्मीन के बारे में लिखा): प्यारी यास्मीन, तुमने मुझसे पूछा कि मैं हिंदी में लिखूँ, तो लिखती हूँ | मुझे आशा है कि तुम समझोगी! मगर तुम्हारे लिये समझना ज़्यादा मुश्किल है, तो मैं अँग्रेज़ी में लिखूँगी - लेकिन मुझे विश्वास है कि जो मैं कहने की कोशिश करती हूँ, तुम वह मालूम करोगी | मैं शब्दकोश के बिना सारा यह पत्र लिखना चाहती हूँ - मेरे पास एक अच्छा शब्दकोश, लेकिन तलाश करके जाना मैं तो ज़्यादा कामचोर हूँ | इसलिये मैं आसान ही शब्दों का इस्तेमाल करूँगी | नरसों तुमसे बात करना बहुत बहुत शान्दार था! मैं तो अभी मुसकुरा रही हूँ - ज़रा तुमसे बात करने के बारे मैं सोचती हूँ तो मैं मुसकुराती हूँ | अच्छा लगता है कि तुम Yale में इतनी ख़ुश हो, और तुम्हारी पढ़ाई इतनी अच्छी भी है | अपने बारे में क्या बताऊँ? आज Rosh Hashana है - येहूदी का नया साल - तो शाम और सुबह हम (डेविड और मैं और लौरन भी) services गये हैं | हम हमेशा हारवार्ड के services जाते हैं, लेकिन ये तो पसंद नहीं | वजह है कि - कैसे कहूँ? - rabbi बेवक़ूफ़ है | शयाद कहूँ कि उसको अपना अवाज़ सुनना बहुत बहुत पसंद है | या गाना या बताना, वह चलता है, चलता है, चलता है, जब तक लगता है कि तुमको उसकी गली पकड़ना चाहिए, या एक लाठी से उसको मारना | तो Yom Kippur के लिये हम तो कुछ और services तलाश करेंगे | लेकिन हमको तो हर एक साल यह इरादा है | अब डेविड के माँ-बाप यहाँ (Boston में) हैं - और तुमको मालुम है कि मुझे डेविड की माता कितनी पसंद हैं | इसलिये मैं उनको अच्छी बनने की कोशिश करती हूँ... और मैं अच्छी बनने में बिलकुल थक गयी हूँ | नहीं, असल में इतना बुरा नहीं है | वे ख़राब नहीं हैं - ज़रा वे तो मुझसे तंग करती हैं | अच्छा, अब तो बस इतना है | मुझे आशा है कि यह पत्र तुमको बिलकुल पसंद है - और तुम्हारी समझ के अंदर भी है | अच्छी रखो! और, वापस लिखो | मुझे तुमसे प्यार है, तुम्हारी याद आती है. तुम्हारी (जैसे हमेशा), कार्ला September 25, 2006 in लेखन हिंदी में | Permalink | Comments (0) August 10, 2006 एक साल पहले पीछले साल इस तारीख़ को मेरी एक दोस्ती ख़त्म हो गयी थी | जब हमारा झगड़ा हुआ तब मैंने लम्बे वक़्त से उसे नहीं जाना था । फिर भी वह मुझे बहुत प्यारी लगती थी, और मुझे आशा थी कि वह वापस आए । उस समय पर मैंने लिखा कि "मैं उदास हूँ, लेकिन नाराज़ भी हूँ, क्योंकि उसकी बातें अनुचित थीं ।" मैं सोचती थी कि अगर वह मुझे माफ़ ही करे तो मैं उसे माफ़ भी करूँ । मैंने इंतज़ार किया, उससे फ़ोन भी किया, लेकिन वह वापस नहीं आई - सचमुच हमारी दोस्ती का मर हुआ था । मैं इतनी उदास थी क्योंकी वह लड़की मस्ती और रंगी थी । वह हिंदुस्तानी थी - मेरा शौक़ हिंदी भाषा और फ़िल्मों में उसे बहुत पसंद थी । वह ऐसी चीज़ों के बारे में मुझ से बात करती थी | उसने मेरे लिये कुछ सुंदर हिंदुस्तानी कपड़े चुने, जो मैंने एक वेबसाईट से मंगवाए | हम साथ साथ हिंदुस्तानी संगीत सुनती थीं | लगभग हर दिन मैं उसे देखती थी या उससे बात करती थी | मेरा छोटा समय उसके साथ बहुत प्यारा था | इस दोस्ती की क़ीमत हिंदी में समझाना मुश्किल मुझे लगता है| आजकल कभी कभी यह लड़की मेरी याद आती है | उसकी शादी पहले नोवंबर हुई, लेकिन हमरे झगड़े के बाद हुई तो मैं वहाँ नहीं थी | आज, इस तारीख़ को, मैं उसके बारे में सोच रही हूँ, और मुझे आशा है कि उसको हर ख़ुशी है | । August 10, 2006 in Geek of Self-Reflection, लेखन हिंदी में | Permalink | Comments (1) Technorati Tags: Hindi July 19, 2006 A new category अगर आप स्क्रीन की दहीनी तरफ़ देखेंगे तो एक नया कैटगोरी "लेखन हिंदी में" देखेंगे | इरादा है कि मैं इस नये कैटगोरी में अपने हिंदी के पोस्टिंग रखूँगी | अगर आप मेरे कुछ हिंदीवाले विचार पढ़ना चहें तो "लेखन हिंदी में" पर क्लिक कर सकें | कल शाम मैंने कुछ दोस्तों से मिलकर हिंदी बोलने का अभ्यास किया | एक औरत, मिशेल, कोई दो हफ़्तों पहेले इंडिया से पहुँची | उसने अपनी सफर के बारे में बताया | उसकी सफर का कहानी का सबसे दिलचस्प हिस्सा एक सिनागोग दिल्ली में जाना था | मैंने पढ़ा था कि सिर्फ़ छह-साथ हज़ार यहूद सारी हिंदुस्तान में हैं - ज़्यादातर मुंबाई में | मिशेल ने कहा कि दिल्ली में, कोइ तीस यहूद हैं | उसने कहा कि उसने सिनागोग-वाले लोगों के प्रार्थने पहचाने | उन्होंने इब्रानी में या अंग्रेज़ी में अपने प्रार्थने किये | आज के लिये बस | मेहनत है ! If you look to the right of the screen you will see a new category, "lekhan hindi me.n". My intention is to keep my Hindi postings in this category. If you would like to read some of my thoughts in Hindi, you should click on "lekhan hindi me.n". Yesterday evening I met some friends to practice speaking Hindi. One woman, Michele, returned from India two weeks ago. She told us about her trip. The most interesting part of the story of her trip was going to a synagogue in Delhi. I had read that there were about six or seven thousand Jews in all of India, mostly in Mumbai. Michele said that in Delhi there are about thirty Jews. She said that she recognized the prayers of the people in the synagogue. They prayed in Hebrew or in English. That's enough for today. It's hard work! July 19, 2006 in Geek of Language, Geek of Self-Reflection, लेखन हिंदी में | Permalink | Comments (4) March 22, 2006 An evening's practice इस शाम मैंने कुछ दोस्तों से मिलकर हिंदी में बात करने की कोशिश की | ये दोस्त मेरी हिंदी की क्लास में हैं | हम लोगों को अहिस्ते बोलना पड़ता है -- हमें सोचने के लिये रुकना पड़ता है | लेकिन हमने सब बहुत कोशिश की, और साथ साथ हिंदी बोलने की कोशिश बहुत मज़ेदार थी | मुझे आशा है कि फिर हम लोग कुछ और आभ्यास के लिये मिलेंगे | एक नज़्दीक बैठी लड़की हमको सुनकर हमारी मेज़ को आ गयी | मुसकाराकर उसने कहा "क्या आप लोग हिंदी पढ़ रहे हैं?" उसने बताया कि वह हिंदी बोलनेवाली थी, दिल्ली से | उसे बहुत पसंद था कि हमने उसकी भाषा सीखने की इतनी बहुत कोशिश की | उसने हमको बहुत अहिस्ते और साफ़ बोला, और हमसे कुछ आसान सवाल पूछे | यह लड़की हमें बहुत अच्छी थी! अब मैं सो जा रही हूँ -- ख़ुश और हिंदी के बारे में सोचती हूँ | This evening, I met some friends and tried to converse in Hindi. These friends are in my Hindi class. We all had to speak very slowly - we had to stop and think. But we all tried very hard, and trying to speak Hindi together was a lot of fun. I hope that we will meet again for more practice. A young woman sitting nearby heard us and came over to our table. Smiling, she said, "Are you all studying Hindi?" She told us that she was a Hindi speaker from Delhi. She was very pleased that we were trying so hard to learn her language. She spoke to us slowly and clearly, and asked us simple questions. This young woman was very nice to us! Now I am going to sleep, happy and thinking about Hindi. March 22, 2006 in Geek of Language, लेखन हिंदी में | Permalink | Comments (1) March 13, 2006 "Raja Hindustani" Rajahindustani1 इस ब्लोग के एक पढ़नेवाले ने सुझाव दिया कि मैं एक पोस्टिंग हिन्दी में लिखूँ, तो यहाँ मेरी पहली कोशिश है | कल दोपहर मैंने फ़िल्म "राजा हिन्दुस्तानी" देखी | यह फ़िल्म, आमीर ख़ान और करिश्म कपूर के साथ, बिलकुल "मसाला" है | "मसाला" कहकर मेरा मतलब है कि सब कुछ इस फ़िल्म में मिल-जुलकर है -- इश्क़ है, नाटक है, हिंसा है, और ज़रूर नाच-गाना है | "राजा हिन्दुस्तानी" ख़राब फ़िल्म नहीं थी | लेकिन, अगर आप कोइ "मसाला" फ़िल्म नहीं देख चुके हैं, तो मैं सुझाव नहीं देती कि आप इस फ़िल्म के साथ शुरू करें | अगर आपको "बालीवुद" फ़िल्मों के लिये स्वाद नहीं हो, तो "राजा हिन्दुस्तानी" बहुत अजीब और बेवक़ूफ़ भी लगेगी | लेकिन फ़िल्म तो मज़ेदार है, कभी कभी मीठी भी है | आमीर ख़ान मुझको हमेशा बहुत पसन्द है, और उसका "राजा" बहुत नेक है | फ़िल्म के गाने काफ़ी अच्छे हैं, ख़ास तौर पर "परदेसी परदेसी जाना नहीं", एक बहुत सुन्दर गाना | और फ़िल्म का राजनीतिक आर्थ, अमीर लोगों और ग़रीब लोगों के संबंध के बारे में, बहुत दिल्चस्प है | इसको पढ़ने के लिये बहुत धन्यवाद | माफ़ कीजिए मेरे सरल विचारों के लिये | मैं बहुत-से हिन्दी शब्द नहीं जानती हूँ, तो पेचीदी चीज़ें हिन्दी में लिखना मुश्किल है | मैं तो अभी सीख रही हूँ ! A reader of this blog suggested that I write a posting in Hindi, so here is my first attempt. Yesterday afternoon I watched the film "Raja Hindustani." This film, with Aamir Khan and Karishma Kapoor, is pure "masala." When I say "masala" I mean that it has everything mixed together - there is romance, drama, violence, and of course song and dance. "Raja Hindustani" was not a bad film. But, if you have not already seen any "masala" film, then I would not suggest that you start with this film. If you do not have a taste for Bollywood films, then "Raja Hindustani" will strike you as strange or even stupid. But it's an enjoyable film, sometimes even sweet. I always like Aamir Khan, and his character Raja is good and decent. The film's songs are quite good, especially "Pardesi pardesi jaana nahin," a very pretty song. And the film's political meaning, about the relationship of rich people and poor people, is very interesting. Thanks you for reading this. Forgive me for my simple thoughts. I don't know very many Hindi words, so writing complex things in Hindi is difficult. I am still learning! March 13, 2006 in Geek of Language, Geek of Movies, लेखन हिंदी में | Permalink | Comments (4) Categories * Geek of Art * Geek of Baseball * Geek of Books * Geek of Catblogging * Geek of Comics * Geek of Food * Geek of Language * Geek of Law * Geek of Magic * Geek of Movies * Geek of Music * Geek of News * Geek of Politics * Geek of Religion * Geek of Remodeling * Geek of Science * Geek of Self-Reflection * Geek of Technology * Geek of the Internet * Geek of Type and Lettering * लेखन हिंदी में Blogs and websites * Astronomy Picture of the Day * bradshaw of the future * Comics Curmudgeon * Desi in Boston * Filmi Geek * Go Fug Yourself * Language Log * Name Wizard Blog * Patent Law Blog * Sounds Like Power * Stumptuous Weight Training * The Real Charlie * While She Naps Photo Albums * 7. Canyon trees Arizona * Img_0106 Autumn * 122406_12111 Demetrius * pic88 Snow * 102_0203 Vancouver Subscribe in a reader Subscribe to this blog's feed Blogosphere * Blog Directory * Blogarama * BlogCatalog * Blogstreet * BlogTopSites * LS Blogs * Technorati * Text (c) 2004-2011, Carla Miriam Levy The ideas and opinions expressed in this weblog are mine alone, and do not represent the views of my employer or of any other organization with which I may be associated. Blog powered by TypePad Quantcast मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ à¤à¤ªà¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¤¹à¤¾à¤¨à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ वà¥à¤¯à¤à¤à¥à¤¯ नाà¤à¤ निबà¤à¤§ à¤à¤²à¥à¤à¤¨à¤¾ विमरà¥à¤¶ विविध विशà¥à¤· समà¤à¥à¤°-सà¤à¤à¤¯à¤¨ à¤à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤¦ à¤à¤¡à¤¿à¤¯à¥/वà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥ हमारॠरà¤à¤¨à¤¾à¤à¤¾à¤° हिà¤à¤¦à¥ लà¥à¤à¤ à¤à¥à¤ सà¤à¤ªà¤°à¥à¤ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ सà¤à¤à¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ हिà¤à¤¦à¥à¤¸à¤®à¤¯ मà¥à¤ à¤à¤¨à¥à¤°à¤¾à¤§à¤¾ à¤à¥ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¤²à¥à¤à¤¨à¤¾ * हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ लà¥à¤à¤¨ पर à¤à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ नà¥à¤à¥à¤¸ à¤+ à¤- à¤à¤²à¥à¤à¤¨à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ लà¥à¤à¤¨ पर à¤à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ नà¥à¤à¥à¤¸ à¤à¤¨à¥à¤°à¤¾à¤§à¤¾ à¤à¤¨à¥à¤°à¤¾à¤§à¤¾ लà¥à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤¾à¤¨à¤¿à¤ हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¥ बारॠमà¥à¤ मà¥à¤°à¥ धारणा à¤à¤¾à¤«à¥ à¤à¥à¤ वà¥à¤¸à¥ हॠबनतॠà¤à¤¾ रहॠहॠà¤à¥à¤¸à¥ à¤à¤¿ à¤à¤ªà¤¨à¥ बà¤à¤ªà¤¨ à¤à¥ दिनà¥à¤ à¤à¥ à¤à¤ªà¤¨à¥ पारिवारिठतसà¥à¤µà¥à¤° à¤à¥ बारॠमà¥à¤ बन à¤à¤ हà¥à¥¤ मà¥à¤ à¤à¤ªà¤¨à¥ बà¤à¤ªà¤¨ à¤à¥ पारिवारिठतसà¥à¤µà¥à¤° दà¥à¤à¤à¤° सबसॠपहला सवाल à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤¿ à¤à¤¸à¤®à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤¹à¤¾à¤ हà¥à¤? à¤à¤¾à¤à¤-पड़ताल पर पता à¤à¤²à¤¤à¤¾ हॠमà¥à¤ à¤à¤¸à¤®à¥à¤ नहà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤à¤¿à¤° मà¥à¤ à¤à¤¸à¤®à¥à¤ à¤à¥à¤¯à¥à¤ नहà¥à¤ हà¥à¤? à¤à¥à¤¯à¤¾ यह à¤à¤¨à¤¾à¤¯à¤¾à¤¸ हà¥? मà¥à¤°à¥ वहाठन हà¥à¤¨à¥ सॠमà¥à¤°à¤¾ वà¤à¥à¤¦ तॠà¤à¤¤à¥à¤® नहà¥à¤ हॠà¤à¤¾à¤¤à¤¾à¥¤ फिर सà¥à¤à¤¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤¿ मà¥à¤ तब à¤à¤¹à¤¾à¤ हॠसà¤à¤¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤° फिर à¤à¤¸à¤¸à¥ शà¥à¤°à¥ हà¥à¤¤à¤¾ हॠसवाल-दर-सवाल à¤à¤¾ सिलसिला। वà¥à¤¸à¥ हॠहालत हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ मà¥à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¤° सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ पर सà¥à¤à¤¤à¥ हà¥à¤ हà¥à¤¤à¥ हà¥à¥¤ हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ पर सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤ रà¥à¤ª सॠà¤à¥ हà¥à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤, मà¥à¤°à¥ à¤à¤¿à¤à¥à¤à¤¾à¤¸à¤¾ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤ सॠà¤à¤°à¤®à¥à¤ हà¥à¤¤à¥ हॠ- हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ मà¥à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¤¹à¤¾à¤ हà¥? à¤à¤à¤° वह नहà¥à¤ हॠतॠà¤à¥à¤¯à¥à¤ नहà¥à¤ हà¥? à¤à¤à¤° वह हॠतॠà¤à¤¿à¤¸ रà¥à¤ª मà¥à¤ हà¥? à¤à¤¸ रà¥à¤ª मà¥à¤ हॠतॠà¤à¤¸à¥ à¤à¥à¤¯à¥à¤ हà¥? वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤ तथà¥à¤¯à¥à¤ à¤à¤° हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ मà¥à¤ दरà¥à¤ तथà¥à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤¤à¤¨à¤¾ फासला à¤à¥à¤¯à¥à¤ हà¥? à¤à¤° फिर सवालà¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤ लमà¥à¤¬à¤¾ सिलसिला। सब सवालà¥à¤ à¤à¥ बाद à¤à¤° महतà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¥à¤£ बात à¤à¥ बà¤à¥ रह à¤à¤¾à¤¤à¥ हॠà¤à¤¿ à¤à¥à¤¯à¤¾ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ à¤à¤¸à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤, à¤à¤¸à¤à¥ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾, à¤à¤¸à¤à¥ सà¥à¤®à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤° à¤à¤¸à¤à¥ पहà¤à¤¾à¤¨ वापस मिलना वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ à¤à¥ बात हॠया à¤à¤°à¥à¤°à¥ हà¥? à¤à¤° यह à¤à¥à¤¸à¥ समà¥à¤à¤µ हà¥? सबसॠपहलॠà¤à¤°à¥à¤°à¤¤ हॠतथà¥à¤¯à¥à¤ à¤à¥ परà¤à¥¤ à¤à¤ à¤à¥ हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸-लà¥à¤à¤¨ à¤à¤ªà¤¨à¥ मà¥à¤² धारणाà¤à¤ मà¥à¤ à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ रामà¤à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° शà¥à¤à¥à¤² à¤à¤° à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ हà¤à¤¾à¤°à¥ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥à¤¦à¥ सॠà¤à¤à¥ नहà¥à¤ à¤à¤¾ पाया हà¥à¥¤ रामà¤à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° शà¥à¤à¥à¤² सॠपहलॠà¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¥à¤°à¤à¤¥ à¤à¤²à¥ हॠतथà¥à¤¯à¥à¤ à¤à¥ सà¤à¤à¤²à¤¨ à¤à¤° हà¥à¤, पर 'सà¥à¤¤à¥à¤°à¥' à¤à¥ नà¤à¤°à¤¿à¤ सॠसà¥à¤à¤¤à¥ समय यॠà¤à¥à¤°à¤à¤¥ à¤à¥ महतà¥à¤µ रà¤à¤¤à¥ हà¥à¤, à¤à¥à¤¯à¥à¤à¤à¤¿ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ à¤à¤ तथà¥à¤¯ हà¥à¥¤ à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥à¤¦à¥ तठà¤à¥ à¤à¤§à¤¿à¤à¤¤à¤° à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¥à¤°à¤à¤¥ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ पहà¤à¤¾à¤¨à¤¨à¥ à¤à¥ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ मà¥à¤ à¤à¤ साफ-सà¥à¤¥à¤°à¤¾-सा à¤à¤£à¤¿à¤¤ रà¤à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ वॠà¤à¤¬ à¤à¤¿à¤¸à¥ पà¥à¤°à¥à¤· à¤à¤µà¤¿ या लà¥à¤à¤ à¤à¥ पहà¤à¤¾à¤¨à¤¤à¥ हà¥à¤ तॠà¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤¾à¤¤à¤¿ à¤à¤° à¤à¤ªà¤à¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ बात à¤à¤°à¤¤à¥ दिà¤à¤¤à¥ हà¥à¤, वहà¥à¤ à¤à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ लà¥à¤à¤ à¤à¥ पहà¤à¤¾à¤¨à¤¤à¥ समय पà¥à¤°à¥à¤·à¥à¤ à¤à¥ साथ à¤à¤¸à¤à¥ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥à¤ मà¥à¤ बात à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤ : à¤à¤®à¥à¤ लà¥à¤à¤¿à¤à¤¾ à¤à¤®à¥à¤ à¤à¥ पतà¥à¤¨à¥ थà¥, à¤à¤®à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤ªà¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥ थà¥, à¤à¤®à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤à¥ या बहन या शिषà¥à¤¯à¤¾ थॠ(à¤à¤° à¤à¤ªà¤¨à¥ à¤à¤ª मà¥à¤ à¤à¥à¤ नहà¥à¤ थà¥)। à¤à¤¾à¤¤à¤¿ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¤° पितà¥à¤¸à¤¤à¥à¤¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤à¤¿à¤² समà¥à¤à¤°à¤£ à¤à¤¾ यह à¤à¥à¤² बहà¥à¤¤ à¤à¤¹à¤°à¥ पà¥à¤ à¤à¤° à¤à¥à¤²à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ à¤à¤¿à¤¸à¤¨à¥ à¤à¤§à¥ à¤à¤¬à¤¾à¤¦à¥ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾, à¤à¥à¤à¤¾à¤¨, à¤à¤¨à¥à¤à¤µ à¤à¤° à¤à¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ à¤à¥ या तॠहड़प à¤à¤° लिया या नषà¥à¤ हà¥à¤¨à¥ à¤à¥ लिठà¤à¤à¤§à¥à¤°à¥ मà¥à¤ à¤à¥à¤¡à¤¼ दिया। à¤à¤¾à¤°à¥à¤¸à¤¾à¤ द तासॠà¤à¤à¥à¤²à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤à¤¾à¤° हà¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¨ मामलà¥à¤ मà¥à¤ सà¤à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤ªà¤¨à¥ 'à¤à¤¸à¥à¤¤à¥à¤µà¤¾à¤°' à¤à¥ à¤à¥à¤®à¤¿à¤à¤¾ मà¥à¤ हॠवॠरà¤à¤¿à¤¯à¤¾ सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ दà¥à¤¶à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¾ à¤à¤¹à¤à¤° सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤®à¤¿à¤à¤¾ à¤à¤° à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ लà¥à¤à¤¨ मà¥à¤ à¤à¤¸à¤à¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¥ à¤à¤°à¥à¤°à¤¤ à¤à¥ रà¥à¤à¤¾à¤à¤à¤¿à¤¤ à¤à¤° à¤à¤¾à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤à¤¨à¥ 'à¤à¤¸à¥à¤¤à¥à¤µà¤¾à¤°' मà¥à¤ à¤à¤à¥à¤à¥ सà¤à¤à¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤à¤¹ दॠहà¥, à¤à¤¬à¤à¤¿ à¤à¤§à¤¿à¤à¤¤à¤° à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤à¤¾à¤°à¥à¤ नॠसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤§à¤¿à¤ सॠà¤à¤§à¤¿à¤ à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¤¾à¤² à¤à¥ à¤à¤¨à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤µà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दिया हà¥à¥¤ à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ रामà¤à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° शà¥à¤à¥à¤² नॠà¤à¤°à¤®à¥à¤ à¤à¥ सवा सॠपà¥à¤·à¥à¤ à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤ à¤à¤à¤¹ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ पà¥à¤°à¤¸à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤°à¥à¤à¤¾ à¤à¥ हॠà¤à¤¿ सास-ननद à¤à¥ लाठसमà¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¥ बाद à¤à¥ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¤¾à¤ªà¤¾à¤²à¤¿à¤à¥à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¤¸à¥ तरह सॠà¤à¤à¤°à¥à¤·à¤¿à¤¤ हà¥à¤¤à¥ थà¥à¤ à¤à¥à¤¸à¥ à¤à¥à¤·à¥à¤£ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥à¤ªà¤¿à¤¯à¤¾à¤à¥¤ à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¸ मत सॠà¤à¤® सॠà¤à¤® तà¥à¤¨ तथà¥à¤¯à¥à¤ पर बात हà¥à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤à¤à¤¾à¤à¤¶ बनतॠहॠ- 1. सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤ªà¤¾à¤²à¤¿à¤à¥à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¤à¤°à¥à¤·à¤£ à¤à¤ समसà¥à¤¯à¤¾ थà¥à¥¤ 2. à¤à¥à¤·à¥à¤£ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥à¤ªà¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ पà¥à¤°à¥à¤® à¤à¤¸ à¤à¤¾à¤ªà¤¾à¤²à¤¿à¤ पà¥à¤°à¥à¤® à¤à¥ विà¤à¤²à¥à¤ª à¤à¥ रà¥à¤ª मà¥à¤ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤¾à¥¤ 3. à¤à¤à¤°à¥à¤·à¤£ à¤à¥ बाद à¤à¤¨ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤? सिदà¥à¤§à¥à¤ à¤à¥ सà¥à¤à¥ मà¥à¤ लà¤à¤à¤ सà¤à¥ पà¥à¤°à¤®à¥à¤ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤à¤¾à¤°à¥à¤ नॠà¤à¥à¤ यà¥à¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ नाम दिठहà¥à¤à¥¤ मà¤à¥à¤¦à¤¾à¤° बात हॠà¤à¤¿ यॠसिदà¥à¤§ à¤à¤§à¤¿à¤à¤¤à¤° à¤à¤µà¤¿ हà¥à¤ à¤à¤° à¤à¥à¤ à¤à¥ यà¥à¤à¤¿à¤¨à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¤°à¤¨à¤¾ नहà¥à¤ à¤à¤¾à¤¨à¤¤à¥à¥¤ à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¥ à¤à¥ à¤à¤ पà¤à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¦à¤¾à¤¹à¤°à¤£ à¤à¥ रà¥à¤ª मà¥à¤ à¤à¤ तठसामनॠà¤à¥à¤¯à¥à¤ नहà¥à¤ à¤à¤? हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¤¾ पहला वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ लिà¤à¤¨à¥ वालॠà¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ शà¥à¤à¥à¤² à¤à¥ सबसॠबड़ॠà¤à¤¾à¤®à¤¯à¤¾à¤¬à¥ à¤à¤¸ बात मà¥à¤ रहॠà¤à¤¿ à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤à¤¨à¥ हिनà¥à¤¦à¥ à¤à¤¨à¤®à¤¾à¤¨à¤¸ मà¥à¤ à¤à¤¸ बात à¤à¥ पà¥à¤°à¥ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ à¤à¥ साथ बà¥à¤ ा दिया à¤à¤¿ यहाठà¤à¥ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ मानसिठविà¤à¤¾à¤¸ मà¥à¤ सामानà¥à¤¯ सॠनिà¤à¤²à¥ सà¥à¤¤à¤° à¤à¥ रहॠहà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤à¤¨à¥ à¤à¤ à¤à¤à¤¹ लिà¤à¤¾ हà¥, 'नाथ समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¬ फà¥à¤²à¤¾ तब à¤à¤¸à¤®à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¨à¤¤à¤¾ à¤à¥ नà¥à¤à¥ à¤à¤° à¤à¤¶à¤¿à¤à¥à¤·à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥à¤£à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ बहà¥à¤¤-सॠलà¥à¤ à¤à¤ à¤à¥ शासà¥à¤¤à¥à¤°-à¤à¥à¤à¤¾à¤¨ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ न थॠà¤à¤¿à¤¨à¤à¥ बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ à¤à¤¾ विà¤à¤¾à¤¸ बहà¥à¤¤ सामानà¥à¤¯ à¤à¥à¤à¤¿ à¤à¤¾ था।' à¤à¤¨à¤®à¥à¤ à¤à¤® सॠà¤à¤® à¤à¤¤à¤¨à¥ बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ तॠरहॠà¤à¤¿ à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¨à¤à¤¾ नाम लà¥à¤¨à¥ à¤à¥ लिठमà¤à¤¬à¥à¤° हà¥à¤¨à¤¾ पड़ा, तब सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤ à¤à¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¥ नà¤à¤°à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤à¥ à¤à¤¿ à¤à¤¨à¤à¤¾ नाम लà¥à¤¨à¤¾ à¤à¥ वॠà¤à¤à¤¿à¤¤ नहà¥à¤ समà¤à¤¤à¥? यहॠवà¤à¤¹ हॠà¤à¤¿ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤à¤¾à¤°à¥à¤ à¤à¥ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ रà¤à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤à¤¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¥à¤ ततà¥à¤µ हॠनहà¥à¤ मिलतà¥à¥¤ दà¤à¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¤¨à¥à¤¦à¤¾à¤² (सातवà¥à¤-à¤à¤ वà¥à¤ सदà¥) à¤à¤° हिनà¥à¤¦à¥ à¤à¥ मà¥à¤°à¤¾ (पà¤à¤¦à¥à¤°à¤¹à¤µà¥à¤ सदà¥) à¤à¥à¤¸à¥ à¤à¤µà¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¥à¤¯à¤¾ à¤à¤à¤¾à¤¨à¤ बिना à¤à¤¿à¤¸à¥ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ लà¥à¤à¤¨ à¤à¥ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ à¤à¥ पà¥à¤¦à¤¾ हॠसà¤à¤¤à¥ थà¥à¤? बà¥à¤¸à¤µà¥à¤ सदॠà¤à¥ पà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤§ तठà¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ à¤à¥ सà¥à¤°à¥à¤¤ à¤à¥ रà¥à¤ª मà¥à¤ दॠहॠमतà¥à¤ à¤à¥ à¤à¤°à¥à¤à¤¾ रहॠहॠ: 1. दà¥à¤µà¥à¤¯ à¤à¤¤à¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ 2. à¤à¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥¤ à¤à¤§à¤¿à¤à¤¤à¤° विवà¥à¤à¤à¥à¤ à¤à¥ नà¤à¤°à¤¿à¤ मà¥à¤ यहॠà¤à¤§à¤¾à¤° रहॠहà¥à¤à¥¤ यदि à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ à¤à¥ मानà¤à¤° बात à¤à¤à¥ बढ़ायà¥à¤ तॠसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ पर दà¥à¤µà¥à¤¯ à¤à¥à¤ªà¤¾ à¤à¤° à¤à¥à¤°à¥ à¤à¤¨à¥à¤à¤®à¥à¤ªà¤¾ (à¤à¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸) दà¥à¤¨à¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤à¤¾à¤µ साफ दिà¤à¤¾à¤ दà¥à¤¤à¤¾ हà¥, à¤à¤¿à¤¸à¤à¥ फलसà¥à¤µà¤°à¥à¤ª सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤¾à¤°à¥à¤ à¤à¥ सामनॠठपानॠमà¥à¤ बडॠरà¥à¤¡à¤¼à¥ रहà¥à¥¤ हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¦à¤¿ à¤à¤¾à¤² मà¥à¤ à¤à¤à¥ तठपà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¥à¤ मà¥à¤ सिदà¥à¤§ साहितà¥à¤¯ मà¥à¤ तà¥à¤¨ यà¥à¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ नाम मिलतॠहà¥à¤, à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¥à¤ à¤à¥ रà¤à¤¨à¤¾ à¤à¥ बारॠमà¥à¤ à¤à¤°à¥à¤à¤¾ à¤à¤¹à¥à¤ नहà¥à¤ हà¥à¥¤ à¤à¤¦à¤¿ à¤à¤¾à¤² à¤à¤¾ साहितà¥à¤¯ फलठà¤à¤¾à¤«à¥ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤ हà¥à¥¤ à¤à¤¤à¤¨à¤¾ लमà¥à¤¬à¤¾ समय à¤à¤° à¤à¤¤à¤¨à¥ विविध पà¥à¤°à¤µà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤ à¤à¤¿à¤¸à¥ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ लà¥à¤à¤ à¤à¤¾ न पाया à¤à¤¾à¤¨à¤¾ à¤à¤à¥ तठà¤à¤¿à¤ à¤à¤ पाणà¥à¤¡à¥à¤²à¤¿à¤ªà¤¿à¤¯à¥à¤ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥ à¤à¥à¤ à¤à¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ पर पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¤à¤¿à¤¹à¥à¤¨ à¤à¤¡à¤¼à¤¾ à¤à¤°à¤¨à¥ à¤à¤¾ परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤£ हà¥à¥¤ à¤à¤¦à¤¿ à¤à¤¾à¤² मà¥à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥ à¤à¤ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ न मिलनॠà¤à¥ तरà¥à¤ à¤à¥ हिनà¥à¤¦à¥ à¤à¤²à¥à¤à¤ à¤à¥à¤ à¤à¤¸ तरह सॠवà¥à¤¯à¤à¥à¤¤ à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤ - 'सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ लिठयह à¤à¤µà¤¶à¥à¤¯à¤ न था à¤à¤¿ वॠवà¥à¤° à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤¤à¥ हà¥à¤ रणाà¤à¤à¤£ मà¥à¤ à¤à¤µà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨à¤à¤¾ à¤à¤ à¤à¤¨à¤¿à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¯ à¤à¤°à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ यहॠरह à¤à¤¯à¤¾ था à¤à¤¿ वॠविà¤à¤¯à¤¶à¥à¤°à¥ à¤à¥ दà¥à¤à¤à¤° पà¥à¤°à¤®à¥à¤¦à¤¾à¤®à¥à¤¦ सॠवà¥à¤° पà¥à¤°à¥à¤·à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤°à¤¤à¥ à¤à¤¤à¤¾à¤°à¥à¤ या पराà¤à¤¯-à¤à¤¾à¤²à¤¿à¤®à¤¾ à¤à¥ दà¥à¤à¤à¤° शतà¥à¤°à¥à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤¨à¤¾à¤à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ सॠपà¥à¤°à¥à¤µ हॠà¤à¥à¤¹à¤° à¤à¤¦à¤¿ à¤à¥ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दà¥à¤¶ à¤à¤° समाठà¤à¥ लà¤à¥à¤à¤¾ à¤à¥ रà¤à¥à¤·à¤¾ à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤ªà¤¨à¥ पà¤à¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤-पिà¤à¤à¤° सॠपà¥à¤°à¤¾à¤£ पà¤à¥à¤°à¥à¤à¤ à¤à¥ निà¤à¤¾à¤²à¤à¤° सà¥à¤µà¤°à¥à¤à¤¾à¤°à¥à¤¹à¤£ à¤à¤°à¥à¤...यहॠमà¥à¤à¥à¤¯ बात हॠà¤à¤¿ à¤à¤¯ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤² मà¥à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ नॠसाहितà¥à¤¯ रà¤à¤¨à¤¾ à¤à¥ à¤à¥à¤·à¥à¤¤à¥à¤° मà¥à¤ à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ नहà¥à¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤' यह तरà¥à¤ सिरॠसॠहॠà¤à¤¤à¤¾à¤°à¥à¤à¤¿à¤ हॠà¤à¤° यह à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ दिलाता हॠà¤à¤¿ à¤à¥à¤¸à¥ पà¥à¤¦à¤¾ हà¥à¤¨à¥ सॠमरनॠतठà¤à¥à¤¹à¤°, सतà¥à¤¤à¥à¤µ, वà¥à¤°à¤ªà¥à¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤²à¤¾à¤µà¤¾ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥à¤ à¤à¤° à¤à¥à¤µà¤¨ à¤à¥à¤¤à¥ हॠनहà¥à¤ थà¥à¤à¥¤ हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤² मà¥à¤ नाà¤à¤¾à¤¦à¤¾à¤¸ à¤à¥à¤¤ à¤à¤à¥à¤¤à¤®à¤¾à¤² मà¥à¤ à¤à¤µà¤¿à¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤ सà¥à¤à¥ हॠ- 'सà¥à¤¤à¤¾, à¤à¤¾à¤²à¥, सà¥à¤®à¤¤à¤¿, शà¥à¤à¤¾, पà¥à¤°à¤à¥à¤¤à¤¾, à¤à¤®à¤¾, à¤à¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¥ à¤à¤à¤à¤¾, à¤à¥à¤°à¥, à¤à¥à¤à¤µà¤°à¤¿, à¤à¤¬à¥à¤ ा, à¤à¥à¤ªà¤¾à¤²à¥, à¤à¤£à¥à¤¶ दà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¥, à¤à¤²à¤¾, लà¤à¤¾, à¤à¥à¤¤à¤à¤¢à¤¼à¥, मानà¥à¤®à¤¤à¥, सà¥à¤à¤¿, सतà¤à¤¾à¤®à¤¾, à¤à¤®à¥à¤¨à¤¾, à¤à¥à¤²à¥, रामा, मà¥à¤à¤¾, दà¥à¤µà¤¾, दà¥à¤à¤à¥à¤¤à¤¨, विशà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾, à¤à¥à¤ à¤à¥à¤µà¤¾ à¤à¥à¤à¥, à¤à¤®à¤²à¤¾, दà¥à¤µà¤à¥, हà¥à¤°à¤¾, हरिà¤à¥à¤°à¥ पà¥à¤·à¥ à¤à¤à¤¤ à¤à¤²à¤¿à¤¯à¥à¤ यà¥à¤µà¤¤à¥ à¤à¤¨ à¤à¤à¥à¤¤ राठमहिमा सब à¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¤à¤¤à¥¤' यॠयà¥à¤µà¤¤à¥ à¤à¤à¥à¤¤à¤à¤¨ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤à¥à¤¤à¥à¤ मà¥à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¯: सà¤à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ साथ सरà¥à¤à¤¾à¤° रà¤à¤¤à¥ हà¥à¤, à¤à¥à¤¸à¥ à¤à¥ हॠसà¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤, à¤à¥à¤ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ वà¥à¤¶à¤¿à¤·à¥à¤à¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤£ à¤à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤² à¤à¥ सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤¾à¤° हà¥à¤, शà¥à¤· à¤à¥ हà¥à¤, फिर सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¤à¥à¤¤à¤à¤¨ बिना à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ सरà¥à¤à¤¨à¤¾ à¤à¥ मनà¥à¤¦à¤¿à¤°à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤à¤¤ सà¥à¤µà¤¾ à¤à¤°à¤¨à¥ मà¥à¤ लà¥à¤¨ रह à¤à¤ हà¥à¤, यह à¤à¥à¤¸à¥ हà¥à¤? à¤à¤¨à¤®à¥à¤ सॠà¤à¥à¤ à¤à¤µà¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ हॠरà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¤à¥ तठà¤à¤¾à¤¨à¤à¤¾à¤°à¥ à¤à¤° मà¥à¤ à¤à¤¤à¥ हà¥à¤, à¤à¤à¥ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¶à¤¨ à¤à¥ बà¥à¤²à¤¾ दà¥à¤° हà¥à¥¤ मà¥à¤°à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¥ दबा पाना समà¥à¤à¤µà¤¤: à¤à¤¸à¤²à¤¿à¤ à¤à¤¸à¤¾à¤¨ नहà¥à¤ रहा हà¥à¤à¤¾ à¤à¥à¤¯à¥à¤à¤à¤¿ à¤à¤¨à¤à¤¾ वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ मठवाद à¤à¥ दायरॠसॠबाहर था, à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¤§à¤¿à¤à¤¤à¤° à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾à¤à¤ राà¤à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¤° à¤à¤¸à¤ªà¤¾à¤¸ à¤à¥ निमà¥à¤¨ à¤à¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ लà¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤°-à¤à¤° à¤à¤¾à¤ à¤à¤¾à¤¤à¥ रहà¥à¤ à¤à¤° à¤à¤¸à¤à¥ सà¤à¤à¤²à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤§à¤¾à¤° à¤à¥ यहॠलà¥à¤ बन पाठà¤à¤° यह à¤à¥ à¤à¤¿ मà¥à¤°à¤¾ à¤à¤¾ à¤à¤¿à¤à¥à¤° ततà¥à¤à¤¾à¤²à¥à¤¨ सà¤à¥ à¤à¤à¥à¤¤à¥à¤ à¤à¥ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ मà¥à¤ मिल à¤à¤¾à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤² à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤ तà¥à¤° पर à¤à¤¸à¥ मठवाद à¤à¤¾ शिà¤à¤¾à¤° हà¥à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤£, दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥à¤¯à¤ रà¥à¤ª मà¥à¤ à¤à¤¨à¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤£à¥à¤ सॠà¤à¥à¤®à¤¨à¤¾à¤®à¥ à¤à¥ à¤à¤à¤§à¥à¤°à¥ मà¥à¤ हॠसà¤à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤² à¤à¤¾ समय à¤à¤ªà¥à¤à¥à¤·à¤¾à¤à¥à¤¤ रà¥à¤ª सॠà¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¶à¥à¤²à¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¤¾ दà¥à¤° हà¥à¤ à¤à¤¹à¤¾à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥ रà¥à¤¢à¤¼ परिपाà¤à¤¿à¤¯à¥à¤ पर पà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤° à¤à¤°à¤¨à¤¾ à¤à¥à¤ बहà¥à¤¤ à¤à¤ िन समसà¥à¤¯à¤¾ नहà¥à¤ हà¥à¥¤ न à¤à¥à¤µà¤² निमà¥à¤¨ à¤à¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ लà¥à¤ à¤à¤ªà¤¨à¥ सामाà¤à¤¿à¤ समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤ पर à¤à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥ ढाà¤à¤à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤à¤° शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤ सामनॠरठरहॠथà¥, बलà¥à¤à¤¿ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¥ à¤à¤ªà¤¨à¥ निहायत निà¤à¥ वà¥à¤¯à¤¥à¤¾à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤¹à¤¨à¥ सॠनहà¥à¤ हिà¤à¤à¤¿à¤à¤¾ रहॠथà¥à¤à¥¤ मà¥à¤°à¤¾ à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ à¤à¤¸à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ हà¥à¥¤ à¤à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤² à¤à¥ दà¥à¤¸à¤°à¥ à¤à¤µà¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ नॠà¤à¥ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¥à¤ à¤à¤¨à¤à¥ बारॠमà¥à¤ à¤à¤¤à¤¨à¤¾ तॠà¤à¤¹à¤¾ हॠà¤à¤¾ सà¤à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ à¤à¥à¤µà¤² à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¤¾ à¤à¤¿à¤à¥à¤° à¤à¤à¥ तठà¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤¤à¤¾ हॠà¤à¥ à¤à¤¿ पितà¥à¤¸à¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤ दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¥ ढाà¤à¤à¥ मà¥à¤ à¤à¤§à¤¿à¤ सॠà¤à¤§à¤¿à¤ फिठहà¥à¤à¥¤ à¤à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ मà¥à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¥ निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ मà¥à¤ à¤à¤à¥ तठà¤à¤ªà¤²à¤¬à¥à¤§ तथà¥à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤§à¤¾à¤° पर à¤à¥à¤ निषà¥à¤à¤°à¥à¤· निà¤à¤¾à¤²à¥ à¤à¤¾ सà¤à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¬à¥à¤° सॠहॠबात शà¥à¤°à¥ à¤à¤°à¥à¤à¥¤ à¤à¤¬à¥à¤° à¤à¥ साथ-साथ लà¥à¤ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾à¤à¤ लिà¤à¤¤à¥ थà¥à¤ लà¥à¤à¤¿à¤¨ लà¥à¤ à¤à¥ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¤¹à¤¾à¤ à¤à¤à¤? à¤à¤¬à¥à¤° à¤à¥ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¥ सà¤à¤à¤²à¤¿à¤¤ à¤à¤°à¤¨à¥ वालॠलà¥à¤ à¤à¥ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¥ सà¤à¤à¤²à¤¿à¤¤ à¤à¤° सà¤à¤¤à¥ थà¥, पर à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥à¤¯à¥à¤ नहà¥à¤ हà¥à¤? बहà¥à¤¤ समà¥à¤à¤µ हॠà¤à¤¿ à¤à¤¬à¥à¤° à¤à¥ नाम सॠमिलनॠवालॠबहà¥à¤¤ सारॠरà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ लà¥à¤ à¤à¥ हà¥à¤à¥¤ तà¥à¤²à¤¸à¥à¤¦à¤¾à¤¸ à¤à¥ साथ-साथ रतà¥à¤¨à¤¾à¤µà¤²à¥ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿ थà¥, पर हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤à¥ तठà¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¥ नहà¥à¤ दरà¥à¤ à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ मà¥à¤ à¤à¤ बड़ॠसमसà¥à¤¯à¤¾ यह हॠà¤à¤¿ à¤à¤à¥à¤¤à¤¿ नॠपà¥à¤°à¥à¤·à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ बिठा दॠहà¥, à¤à¤¿à¤¸à¤¸à¥ à¤à¤ªà¤¨à¥ à¤à¤¶à¥à¤µà¤° à¤à¥ à¤à¤à¥ à¤à¤¨à¤à¤¾ à¤à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ पालॠबदलता दिà¤à¤¾à¤ दà¥à¤¤à¤¾ हॠ- à¤à¤à¥ वॠसà¥à¤¤à¥à¤°à¥ हॠà¤à¤¾à¤¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤° à¤à¤à¥ पà¥à¤°à¥à¤·à¥¤ à¤à¤¸ à¤à¤®à¥à¤²à¥ सॠसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾à¤à¤ पà¥à¤°à¥à¤·à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾à¤à¤ मà¥à¤ à¤à¤¸à¤¾à¤¨à¥ सॠà¤à¤ª à¤à¤¾à¤¤à¥ रहॠहà¥à¤à¤à¥à¥¤ बहà¥à¤¤ समà¥à¤à¤µ हॠà¤à¤¿ à¤à¤¸ à¤à¤ª à¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤£ à¤à¥ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¤¾ à¤à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ परà¥à¤¦à¥ à¤à¥ पà¥à¤à¥ रह à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¤¾ रà¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤² फरमानॠतà¥à¤° पर दरबारॠसà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ हà¥à¥¤ à¤à¤¸ यà¥à¤ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ या तॠदरबारà¥à¤ मà¥à¤ पलà¥-बढ़ॠया तॠमठà¥à¤ मà¥à¤à¥¤ दरबारॠà¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ मà¥à¤ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥à¤¯ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯à¤¾à¤à¤ विधान à¤à¥ शिà¤à¥à¤·à¤¾à¤¦à¥à¤à¥à¤·à¤¾ à¤à¤¾ à¤à¤§à¤¾à¤° सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ माधà¥à¤¯à¤® सà¥, à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤à¤-पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤à¤ à¤à¥ वरà¥à¤£à¤¨ à¤à¥ माधà¥à¤¯à¤® सॠबना। à¤à¤¸ समय मà¥à¤ à¤à¤¸à¥ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ सà¤à¤à¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤«à¥ हॠà¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾à¤à¤ लिà¤à¤¤à¥ थà¥à¤à¥¤ सावितà¥à¤°à¥ सिनà¥à¤¹à¤¾ नॠà¤à¤ªà¤¨à¥ शà¥à¤§à¤à¥à¤°à¤à¤¥ 'मधà¥à¤¯à¤à¤¾à¤²à¥à¤¨ हिनà¥à¤¦à¥ à¤à¤µà¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤' मà¥à¤ à¤à¤¸ à¤à¤¾à¤² à¤à¥ à¤à¤µà¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ लमà¥à¤¬à¥ सà¥à¤à¥ दॠहà¥à¥¤ हिनà¥à¤¦à¥ à¤à¥ à¤à¤ तरह à¤à¥ à¤à¤²à¥à¤à¤à¤à¤£ पितà¥à¤¸à¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥ सà¤à¤¸à¥à¤à¤¾à¤°à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤§à¤¾à¤° पर रà¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ à¤à¥ बà¥à¤°à¤¾à¤ à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤° à¤à¤¸à¤à¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर मातà¥à¤¤à¥à¤µ à¤à¤° à¤à¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¥ à¤à¤¦à¤°à¥à¤¶ à¤à¥ दà¥à¤¹à¤¾à¤ दà¥à¤¤à¥ (रà¥à¤¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ मà¥à¤ माता à¤à¤° à¤à¤à¤¿à¤¨à¥ वाला रà¥à¤ª महतà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¥à¤£ नहà¥à¤ हà¥, नायिà¤à¤¾ à¤à¥à¤¦ वाला रà¥à¤ª हॠमहतà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¥à¤£ हà¥) नहà¥à¤ थà¤à¤¤à¥ हà¥à¤ तॠदà¥à¤¸à¤°à¥ तरह à¤à¥ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ रस, à¤à¤¨à¥à¤¦, à¤à¤²à¤à¤à¤¾à¤° à¤à¤¦à¤¿ à¤à¥ à¤à¤§à¤¾à¤° पर रà¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¤¾ सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤¯à¥à¤ बतातॠà¤à¤²à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ रà¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤² à¤à¥ पà¥à¤¨à¤°à¥à¤µà¥à¤¯à¤¾à¤à¥à¤¯à¤¾ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ दà¥à¤ à¤à¥ लà¥à¤à¤° à¤à¤§à¤¿à¤ सॠà¤à¤§à¤¿à¤ यह धà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾à¤à¤°à¥à¤·à¤¿à¤¤ à¤à¤° पातॠहà¥à¤ à¤à¤¿ à¤à¤à¤¡à¤¿à¤¤à¤¾ नायिà¤à¤¾ à¤à¥ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पर विà¤à¤¾à¤° हà¥à¤¨à¤¾ à¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤, à¤à¤¨à¥à¤¯à¤¥à¤¾ रस लाà¤-रस हà¤à¤¾à¤, रà¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ à¤à¥ हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ सॠहॠà¤à¤à¤¾à¤ à¤à¥à¤¸à¥ à¤à¤à¤¸à¥à¤µà¥ विà¤à¤¾à¤° हॠसामनॠà¤à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ लà¥à¤à¤¿à¤¨ यॠविदà¥à¤µà¤¾à¤¨ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¤µà¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ पर बात à¤à¤°à¤¨à¥ मà¥à¤ à¤à¤ à¤à¤¹à¤°à¥ à¤à¥à¤ªà¥à¤ªà¥ लà¤à¤¾ à¤à¤¾à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ रà¥à¤¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ à¤à¤¾ à¤à¤à¤ बनानॠà¤à¥ लिठवà¥à¤¯à¤¾à¤à¥à¤¯à¤¾ à¤à¥ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥-पवितà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥ तरà¥à¤ या à¤à¤²à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥ सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤à¤µ à¤à¤¾ फारà¥à¤®à¥à¤²à¤¾ या यथासà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¥ नवà¥à¤¨à¤¤à¤¾ à¤à¤¾ तरà¥à¤ à¤à¤¥à¤µà¤¾ दà¥à¤¸à¤°à¥ à¤à¤ªà¤²à¤¬à¥à¤§ विवाद à¤à¤¾à¤°à¤à¤° नहà¥à¤ हà¥à¤, बिना सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ सवाल पर, सामाà¤à¤¿à¤ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ सवाल पर ठà¥à¤¸ बात à¤à¤¿à¤ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ तय नहà¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¾ सà¤à¤¤à¥à¥¤ हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ à¤à¥ ठà¥à¤ सॠनिरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ à¤à¤°à¤¨à¥ à¤à¥ लिठततà¥à¤à¤¾à¤²à¥à¤¨ दà¥à¤° à¤à¥ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ पढ़ॠà¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¤°à¥à¤°à¤¤ हà¥à¥¤ यह साहितà¥à¤¯ बहà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤à¤¤à¥à¤µ à¤à¤° à¤à¤¸à¤¸à¥ à¤à¤ªà¤à¥ तमाम सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ विरà¥à¤§à¥ पà¥à¤°à¤µà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ सॠपà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ दà¤à¤¶ à¤à¥ दà¥à¤¨ हà¥à¥¤ सà¥à¤ à¤à¥ à¤à¤ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ दà¥à¤à¤¿à¤ - à¤à¤µà¤¨ à¤à¥ नाम सà¥à¤¨ ,सावन à¤à¤¿à¤¯à¥ हà¥à¤ नà¥à¤¨à¤¾ à¤à¤µà¤¨ à¤à¤¹à¥ सॠà¤à¥à¤¸à¥ à¤à¤ à¤à¤¾à¤ à¤à¥à¤à¤¿à¤¯à¥à¥¤ बरबस बस à¤à¤°à¤¿à¤µà¥ à¤à¥ मà¥à¤°à¥ बस नाहà¥à¤, à¤à¤¸à¥ बà¥à¤¸ à¤à¤¹à¥ à¤à¤¾à¤¨à¥à¤¹ à¤à¥à¤¸à¥ बस à¤à¥à¤à¤¿à¤¯à¥à¥¥ हालाà¤à¤à¤¿ ततà¥à¤à¤¾à¤²à¥à¤¨ समय à¤à¥ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤µà¤¾à¤¦ à¤à¥ à¤à¤§à¤¾à¤° दà¥à¤¤à¥ पà¥à¤°à¤à¤°à¤£, परà¤à¥à¤¯à¤¾ तà¤à¤¤à¥à¤°, सà¤à¤à¥à¤¤ à¤à¤¦à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥ à¤à¤¾ मायाà¤à¤¾à¤² à¤à¤¸ पà¥à¤°à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¥ सà¤à¤µà¥à¤¦à¤¨à¤¾ à¤à¥ मà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤®à¥à¤ à¤à¤° सà¤à¤¤à¥ हà¥à¤, लà¥à¤à¤¿à¤¨ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ सामाà¤à¤¿à¤ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ à¤à¤¾ à¤à¥à¤à¤¾à¤¨ à¤à¤° à¤à¤¨ à¤à¤¨à¥à¤à¤µà¥à¤ à¤à¥ समà¤à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ à¤à¤¸ मायाà¤à¤¾à¤² पर फिर à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¥ हà¥à¥¤ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ लà¥à¤à¤¨ मà¥à¤ à¤à¤¬ तठà¤à¤¸ पà¥à¤°à¤µà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾ सहारा लिया à¤à¤¯à¤¾ à¤à¤¿ à¤à¤¿à¤¸à¥ पà¥à¤°à¥à¤· à¤à¤µà¤¿ à¤à¥ विवरण à¤à¥ साथ हॠà¤à¤¸à¤¸à¥ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¤¾ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤ à¤à¤° à¤à¤° दिया à¤à¤¾à¤¤à¤¾ रहा हà¥à¥¤ à¤à¤ बार à¤à¤¿à¤à¤µà¤¦à¤¨à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤§à¤¾à¤° पर à¤à¤¨ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤°à¤¿à¤¤à¥à¤° निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ à¤à¤°à¤¨à¥ तठà¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¥ दिà¤à¤¾à¤ दà¥à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¤¾ à¤à¤°à¤¨à¥ मà¥à¤ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤à¤¾à¤°à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤ à¤à¤¾à¤¸ मानसिà¤à¤¤à¤¾ दिà¤à¤¾à¤ दà¥à¤¤à¥ हà¥à¥¤ रà¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤² मà¥à¤ à¤à¤¨à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ à¤à¤° सà¥à¤à¤¾à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ à¤à¤° समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ à¤à¤¸ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¥ दà¥à¤·à¥à¤à¤¿ सॠविà¤à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯ हà¥à¥¤ à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ मà¥à¤ à¤à¤¨à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ नाम à¤à¥ à¤à¤¾à¤ª à¤à¤¿à¤¨à¤®à¥à¤ हà¥à¤ वॠà¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤¨à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ à¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤° सà¥à¤à¤¾à¤¨ नाम à¤à¥ à¤à¤¾à¤ª वालॠà¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤¨à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ à¤à¥ हॠहà¥à¤à¥¤ à¤à¤¾à¤µ रà¥à¤ª लिà¤à¤ à¤à¥à¤¦ à¤à¥ दायरॠà¤à¥ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ विà¤à¤¾à¤à¤¿à¤¤ नहà¥à¤ à¤à¤°à¤¤à¤¾, फिर à¤à¥ तरà¥à¤à¤à¤¾à¤² à¤à¤¨à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ à¤à¥ हॠपà¤à¥à¤· मà¥à¤ à¤à¥à¤¯à¥à¤ à¤à¤¡à¤¼à¤¾ हà¥à¤¤à¤¾ हà¥? à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤£ à¤à¥ समà¤à¤¨à¥ à¤à¥ लिठà¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ शà¥à¤à¥à¤² à¤à¥ à¤à¤¸ à¤à¤¥à¤¨ à¤à¥ पढ़ना à¤à¤°à¥à¤°à¥ हॠ- 'à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤à¤¨à¥ à¤à¤ªà¤¨à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾à¤à¤ मà¥à¤ बराबर सà¥à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ सà¤à¤¬à¥à¤§à¤¿à¤¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हॠà¤à¥ शà¥à¤°à¥à¤à¤à¤¾à¤° मà¥à¤ नायठà¤à¥ लिठà¤à¤° à¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤µ मà¥à¤ à¤à¤à¤µà¤¾à¤¨ à¤à¥à¤·à¥à¤£ à¤à¥ लिठपà¥à¤°à¤¯à¥à¤à¥à¤¤ मानना à¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤à¥¤ à¤à¤¹à¤¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤¿ à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ à¤à¤ªà¤¨à¥ पà¥à¤°à¥à¤µ पà¥à¤°à¥à¤¯à¤¸à¥ सà¥à¤à¤¾à¤¨ à¤à¤¾ नाम à¤à¤¤à¤¨à¤¾ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ था à¤à¤¿ विरà¤à¥à¤¤ हà¥à¤¨à¥ पर à¤à¥ à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤à¤¨à¥ à¤à¤¸à¥ नहà¥à¤ à¤à¥à¤¡à¤¼à¤¾à¥¤' तरà¥à¤ सà¤à¤°à¤à¤¨à¤¾ नॠà¤à¤ वाà¤à¥à¤¯ मà¥à¤ à¤à¤¿à¤¤à¤¨à¥ पहलॠबदलॠहà¥à¤ ,यह तॠसà¥à¤ªà¤·à¥à¤ हॠहॠà¤à¤¨à¤à¥ à¤à¤à¥ लिà¤à¥ à¤à¤¥à¤¨ सॠà¤à¤¸à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤£ à¤à¥ साफ पता à¤à¤²à¥à¤à¤¾à¥¤ à¤à¤²à¤® à¤à¥ बारॠमà¥à¤ डà¥. नà¤à¥à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° à¤à¥ सà¤à¤à¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ मà¥à¤ मिलता हॠà¤à¤¿ 'शà¥à¤ à¤à¤²à¤® à¤à¤¾ हॠà¤à¤¾à¤¤à¥à¤¯ नाम था। वहॠà¤à¤ªà¤¨à¥ à¤à¤¾à¤ª यथावशà¥à¤¯à¤ à¤à¤à¥ à¤à¤²à¤® à¤à¤à¥ शà¥à¤ रठदà¥à¤¤à¤¾ था। रà¤à¤à¤°à¥à¤à¤¿à¤¨ à¤à¥ à¤à¤¹à¤¾à¤¨à¥ या तॠमनà¤à¤¢à¤¼à¤¨à¥à¤¤ हॅ।' à¤à¤¨ à¤à¤²à¥à¤à¤à¥à¤ à¤à¤¾ तरà¥à¤ à¤à¤ªà¤¨à¥ à¤à¥à¤¤à¤° यह मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ लियॠरहता हॠà¤à¤¿ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ निà¤à¥ समà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ हॠतॠà¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¥ हड़पनॠयà¥à¤à¥à¤¯ हà¥à¥¤ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤à¤¤ तरà¥à¤ à¤à¤¬ तठयह नहà¥à¤ साबित à¤à¤°à¥à¤à¤¾ à¤à¤¿ समà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤§à¤¾à¤°à¤ शà¥à¤°à¥à¤·à¥à¤ हà¥, या पà¥à¤°à¥à¤· à¤à¥ à¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤²à¤¿à¤¯à¤¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ सॠà¤à¤§à¤¿à¤ हॠà¤à¤¥à¤µà¤¾ à¤à¤¾à¤¤à¤¿ à¤à¥ à¤à¤à¥à¤à¤¤à¤® पायदान पर सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤à¥à¤ à¤à¥ बà¥à¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ à¤à¤¾ सà¥à¤¤à¤° à¤à¤à¥à¤ हà¥à¤¤à¤¾ हà¥, साहितà¥à¤¯ à¤à¥à¤·à¥à¤¤à¥à¤° मà¥à¤ à¤à¤¨à¥ वालॠसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¤§à¤¿à¤à¤¤à¤° सामाà¤à¤¿à¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा मà¥à¤ à¤à¤ªà¤¨à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ निमà¥à¤¨à¤¤à¤® रà¤à¤¤à¥ हà¥à¤, तब तठपरमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤à¤¤ ढाà¤à¤à¥ à¤à¥ बनाठरà¤à¤¨à¤¾ समà¥à¤à¤µ नहà¥à¤ हà¥à¥¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¥à¤·à¥à¤ à¤à¥ साबित à¤à¤°à¤à¥ या सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤°à¤¿à¤¤à¥à¤° à¤à¥ हà¥à¤¨ à¤à¤° à¤à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¸à¤¨à¥à¤¯ बनाà¤à¤° या à¤à¤¨à¤à¥ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ पर à¤à¥à¤ªà¥à¤ªà¥ साधà¤à¤° या à¤à¤¨à¤à¥ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤à¥à¤à¤¾à¤¤ लà¥à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¤¹à¤à¤° या à¤à¤µà¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ पहà¤à¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤¿ à¤à¥ रà¥à¤ª मà¥à¤ बताà¤à¤° à¤à¤à¥ तठà¤à¤¸à¥ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤à¤¤ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¤¾ निरà¥à¤µà¤¾à¤¹ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤ यà¥à¤ à¤à¤¾ साहितà¥à¤¯ विशà¥à¤²à¥à¤·à¤£ à¤à¤° à¤à¥ दिलà¤à¤¸à¥à¤ª हà¥à¥¤ à¤à¤¨à¥à¤¨à¥à¤¸à¤µà¥à¤ सदॠà¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤°à¥à¤§ सॠहॠहिनà¥à¤¦à¥ मà¥à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ साहितà¥à¤¯ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¤° रहà¥à¤ थà¥à¤à¥¤ बà¤à¤ महिला à¤à¥ 'दà¥à¤²à¤¾à¤à¤µà¤¾à¤²à¥' à¤à¥ हिनà¥à¤¦à¥ à¤à¥ पहलॠà¤à¤¹à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤à¤¹ मिलॠà¤à¤° बà¥à¤¸à¤µà¥à¤ सदॠमà¥à¤ महिलाà¤à¤ नॠपतà¥à¤°à¤¿à¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ निà¤à¤¾à¤²à¥à¤, लà¥à¤à¤¿à¤¨ 1950 सॠपहलॠà¤à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ मà¥à¤ à¤à¤à¤¹ बनानॠयà¥à¤à¥à¤¯ महिलाà¤à¤ महादà¥à¤µà¥ वरà¥à¤®à¤¾ à¤à¥ à¤à¤²à¤¾à¤µà¤¾ à¤à¤¿à¤à¤à¤¿à¤¤ मातà¥à¤° हॠरहà¥à¤à¥¤ पà¥à¤°à¤à¤¤à¤¿à¤¶à¥à¤² à¤à¤¹à¥ à¤à¤¾à¤¨à¥ वालॠà¤à¤¨à¥à¤¦à¥à¤²à¤¨à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤ à¤à¥ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤¾à¤° à¤à¥à¤¯à¥à¤ नहà¥à¤ à¤à¤, यह पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¹à¤°à¤¾à¤ सॠसà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ विवश à¤à¤°à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¤¾ à¤à¤à¥ तठà¤à¤¾ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ लà¥à¤à¤¨ à¤à¤ªà¤¨à¥ à¤à¥à¤¤à¤° सॠà¤à¤ तरह सॠसà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ बाहर निà¤à¤¾à¤²à¤¤à¤¾ रहा हà¥à¥¤ à¤à¤à¥ तठà¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¥à¤ मà¥à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ परिà¤à¤¯ à¤à¤° à¤à¤¨à¤à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ विशà¥à¤·à¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¤¸ तरह सॠबताठà¤à¤¾à¤¤à¥ रहॠहà¥à¤à¥¤ à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ शà¥à¤à¥à¤² नॠमà¥à¤°à¤¾ à¤à¤¾ परिà¤à¤¯ दिया हॠ- 'यॠमà¥à¤¡à¤¼à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¥ राठà¥à¤¡à¤¼ रतà¥à¤¨à¤¸à¤¿à¤à¤¹ à¤à¥ पà¥à¤¤à¥à¤°à¥, राव दà¥à¤¦à¤¾à¤à¥ à¤à¥ पà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¤° à¤à¥à¤§à¤ªà¥à¤° à¤à¥ बसानॠवालॠपà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ राव à¤à¥à¤§à¤¾à¤à¥ à¤à¥ पà¥à¤°à¤ªà¥à¤¤à¥à¤°à¥ थà¥à¤à¥¤' मà¥à¤°à¤¾ à¤à¤¸ परिà¤à¤¯ à¤à¥ à¤à¤à¤¾à¤µ मà¥à¤ à¤à¥à¤ à¤à¥ नहà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ मà¥à¤¤à¥à¤²à¤¾à¤² मà¥à¤¨à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ नॠसहà¤à¥à¤¬à¤¾à¤ à¤à¥ बारॠमà¥à¤ लिà¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ यॠबाल बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤à¤¾à¤°à¤¿à¤£à¥ थà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤à¤¨à¥ à¤à¤¬à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤ à¤à¥ बारॠमà¥à¤ लिà¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ à¤à¤¨à¤à¥ माता-पिता à¤à¤à¥à¤à¤¾à¤¤ हà¥à¤ लà¥à¤à¤¿à¤¨ à¤à¤¾à¤¤à¤¿ सॠनाà¤à¤° बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ थà¥à¤à¥¤ 'सरà¥à¤ सरà¥à¤µà¥à¤à¥à¤·à¤£' मà¥à¤ पà¥à¤°à¤µà¥à¤£à¤°à¤¾à¤¯ à¤à¤¾ परिà¤à¤¯ पà¥à¤°à¤µà¥à¤£à¤°à¤¾à¤¯ पातà¥à¤° à¤à¥ रà¥à¤ª मà¥à¤ दिया à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ सà¤à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤µà¤¨ à¤à¥ बारॠमà¥à¤ à¤à¤¸à¥ तरह à¤à¥ तमाम à¤à¤¿à¤ªà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ मà¥à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤°à¥à¤à¤¾ à¤à¥ नाम पर à¤à¤¨à¤à¥ वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿à¤à¤¤ à¤à¥à¤µà¤¨ पर रसपà¥à¤°à¥à¤£ à¤à¤°à¥à¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ à¤à¤¾à¤¤à¥ रहॠहà¥à¤, पर रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¥ विवà¥à¤à¤¨ à¤à¥ बारॠà¤à¤¨à¥ पर à¤à¤§à¤¿à¤ सॠà¤à¤§à¤¿à¤ à¤à¤¿à¤¸à¥ रà¤à¤¨à¤¾ à¤à¤¾ नाम à¤à¤° लॠलिया à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ यह पà¥à¤°à¤µà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤ à¤à¤¾à¤² à¤à¥ विवà¥à¤à¤¨ तठलà¤à¤¾à¤¤à¤¾à¤° बनॠरहतॠहॠ- 'à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤ªà¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ बà¤à¤ महिला à¤à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ हॠà¤à¥ मिरà¥à¤à¤¾à¤ªà¥à¤° निवासॠपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित बà¤à¤à¤¾à¤²à¥ सà¤à¥à¤à¤¨ बाबॠरामपà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ à¤à¥à¤· à¤à¥ पà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¤° बाबॠपà¥à¤°à¥à¤£à¤à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° à¤à¥ धरà¥à¤®à¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥ थà¥à¤à¥¤' यदि पà¥à¤°à¥à¤·à¥à¤ à¤à¥ परिà¤à¤¯ à¤à¤° विवà¥à¤à¤¨ à¤à¥ साथ à¤à¤¨à¤à¥ तà¥à¤²à¤¨à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¾à¤ तब पà¥à¤°à¥à¤·à¤µà¤¾à¤¦à¥ निहितारà¥à¤¥ à¤à¤à¤°à¤à¤° सामनॠà¤à¤¨à¥ लà¤à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¸à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤²à¤¾ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤µà¥à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥ à¤à¤®à¥à¤®à¥à¤¦ à¤à¥à¤¯à¥à¤à¤à¤° à¤à¤°à¤¨à¥ à¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤? यहॠवह मसला हॠà¤à¥ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¥ फिर सॠलिà¤à¥ à¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¤¾ परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤£ हà¥à¥¤ à¤à¤à¥ तठलिà¤à¥ à¤à¤ हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¾à¤·à¤¾ निहायत à¤à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤à¤¨à¤ हà¥à¥¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¥ सà¥à¤¤à¤° पर यॠà¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤à¤¾à¤° सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¥ à¤à¤°à¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤à¤¾à¤¤ पहà¥à¤à¤à¤¾à¤¤à¥ दिà¤à¤¾à¤ दà¥à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ शà¥à¤à¥à¤² नॠनाà¤à¤°à¥à¤¦à¤¾à¤¸ à¤à¥ विवà¥à¤à¤¨ मà¥à¤ बनà¥à¤ नॠपर मातà¥à¤° à¤à¤ पà¤à¤à¥à¤¤à¤¿ लिà¤à¥ हॠ- 'वà¥à¤¨à¥à¤¦à¤¾à¤µà¤¨ मà¥à¤ à¤à¤¨à¤à¥ साथ à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¤ªà¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥ 'बणà¥à¤ णà¥à¤à¥' à¤à¥ रहतॠथà¥à¤, à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤°à¤¤à¥ थà¥à¤à¥¤' मानॠबणà¥à¤ णà¥à¤à¥ à¤à¤¾ मà¥à¤à¥à¤¯ à¤à¤¾à¤® à¤à¤ªà¤ªà¤¤à¥à¤¨à¤¿à¤¤à¥à¤µ हà¥, à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ तॠ'à¤à¥' à¤à¤°à¤¨à¥ मà¥à¤ à¤à¤¤à¥ हà¥à¥¤ मà¥à¤¤à¥à¤²à¤¾à¤² मà¥à¤¨à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ नॠसà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤¿ à¤à¥à¤à¤µà¤°à¤¿ बाठà¤à¥ बारॠमà¥à¤ लिà¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ 'बाद मà¥à¤ तॠà¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ रà¤à¤¨à¤¾ à¤à¤¾ à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ à¤à¤¸à¤¾ वà¥à¤¯à¤¸à¤¨ पड़ à¤à¤¯à¤¾ à¤à¤¿ à¤à¤¿à¤¸ दिन थà¥à¤¡à¤¼à¤¾ बहà¥à¤¤ à¤à¥ लिठन लà¥à¤¤à¥à¤ थà¥à¤ à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ à¤à¤² न पड़तॠथà¥à¥¤' सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ लिठà¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ वà¥à¤¯à¤¸à¤¨ हà¥à¥¤ 'यॠà¤à¤¾à¤¤à¤¿ à¤à¥ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ थॠपर शà¥à¤ नाम à¤à¥ रà¤à¤à¤°à¥à¤à¤¿à¤¨ à¤à¥ पà¥à¤°à¥à¤® मà¥à¤ फà¤à¤¸à¤à¤° पà¥à¤à¥ सॠमà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ हॠà¤à¤ à¤à¤° à¤à¤¸à¤à¥ साथ विवाह à¤à¤°à¤à¥ रहनॠलà¤à¥à¥¤' हà¤à¤¾à¤°à¥ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥à¤¦à¥ नॠà¤à¤¸ बात मà¥à¤ à¤à¤ शबà¥à¤¦ à¤à¤¾ हà¥à¤°à¤«à¥à¤° à¤à¤° 'फà¤à¤¸à¤à¤°' à¤à¥ 'पड़à¤à¤°' लिà¤à¤¾ हà¥à¥¤ मानॠसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ माया à¤à¥ फाà¤à¤¸ हà¥à¤ à¤à¤° मरà¥à¤¦à¥à¤ à¤à¥ फà¤à¤¸à¤¾à¤¨à¤¾ à¤à¤¨à¤à¤¾ à¤à¤ मातà¥à¤° à¤à¤¾à¤® हà¥à¥¤ à¤à¤ सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤¸ बात à¤à¤¾ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤ हॠà¤à¤¿ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤£ हॠविरà¤à¥à¤¤ हà¥à¤à¤° लà¥à¤ à¤à¤µà¤¿ बनà¥, पर à¤à¤¨ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ नॠà¤à¤à¥ à¤à¤¸à¥ महान विà¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ à¤à¥ नहà¥à¤ पहà¤à¤¾à¤¨à¤¾à¥¤ तà¥à¤²à¤¸à¥à¤¦à¤¾à¤¸, ननà¥à¤¦à¤¦à¤¾à¤¸, सà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¸, à¤à¤¨à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ à¤à¤¦à¤¿ à¤à¤à¤à¤ à¤à¥ बारॠमà¥à¤ à¤à¤¸à¥ à¤à¤¿à¤à¤µà¤¦à¤¨à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤à¤¾à¤° नॠयह à¤à¤¾à¤¨à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¤¹à¤®à¤¤ नहà¥à¤ à¤à¤ ाठà¤à¤¿ तà¥à¤²à¤¸à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤¡à¤¼ दà¥à¤¨à¥ à¤à¥ बाद रतà¥à¤¨à¤¾à¤µà¤²à¥ à¤à¤¾ à¤à¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤? हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ विवà¥à¤à¤¨ मà¥à¤ à¤à¤¨ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤à¤¾à¤°à¥à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤°à¥à¤¬-à¤à¤°à¥à¤¬ à¤à¤ à¤à¥à¤¸à¥ हॠहà¥à¤ à¤à¤° वॠà¤à¤ªà¤¨à¥ निहितारà¥à¤¥à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤® सॠà¤à¤® सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ नà¤à¤° सॠà¤à¤à¥à¤à¥ नहà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ शà¥à¤à¥à¤² हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¦à¤¿ à¤à¤¾à¤², à¤à¤¿à¤¸à¥ वॠवà¥à¤°à¤à¤¾à¤¥à¤¾ à¤à¤¾à¤² à¤à¤¾ नाम दà¥à¤¤à¥ हà¥à¤, à¤à¥ विवà¥à¤à¤¨ मà¥à¤ बतातॠहà¥à¤ à¤à¤¿ à¤à¤¸ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ मà¥à¤ दॠहॠपà¥à¤°à¤®à¥à¤ पà¥à¤°à¤µà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हà¥à¤ - यà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¤° पà¥à¤°à¥à¤®à¥¤ फिर à¤à¤¸ पà¥à¤°à¥à¤® à¤à¥ वà¥à¤¯à¤¾à¤à¥à¤¯à¤¾ à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤ - 'à¤à¤¿à¤¸à¥ राà¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¨à¥à¤¯à¤¾ à¤à¥ रà¥à¤ª à¤à¤¾ सà¤à¤µà¤¾à¤¦ पाà¤à¤° दलबल à¤à¥ साथ à¤à¤¢à¤¼à¤¾à¤ à¤à¤°à¤¨à¤¾ à¤à¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤à¥à¤·à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ पराà¤à¤¿à¤¤ à¤à¤° à¤à¤¸ à¤à¤¨à¥à¤¯à¤¾ à¤à¥ हर à¤à¤° लाना वà¥à¤°à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤°à¤µ à¤à¤° à¤à¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤® माना à¤à¤¾à¤¤à¤¾ था।' à¤à¤à¥à¤¤ पà¥à¤°à¥à¤® à¤à¥ परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ मà¥à¤ निहित à¤à¤¾à¤µ à¤à¤¸à¥ à¤à¤à¤¨à¥à¤¯ à¤à¥à¤¤à¥à¤¯à¥à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤° वाà¤à¤à¤¨à¥à¤¯ à¤à¤¦à¤¾à¤¹à¤°à¤£ à¤à¥ सà¤à¤°à¤à¤¨à¤¾ à¤à¥ निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ à¤à¤°à¤¨à¥ वाला हà¥à¥¤ à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ शà¥à¤à¥à¤² हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤ à¤à¤¾à¤² à¤à¥ विवà¥à¤à¤¨ मà¥à¤ लिà¤à¤¤à¥ हà¥à¤ - 'à¤à¤à¤à¤² तॠसà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤®à¥ नहà¥à¤ हà¥à¤, à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ à¤à¤¬ पà¥à¤°à¥à¤· à¤à¤µà¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ दà¥à¤¨ à¤à¤¨à¥à¤à¤°à¤£ न à¤à¤° à¤à¤ªà¤¨à¥ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ मà¥à¤ à¤à¥à¤·à¤¿à¤¤à¤¿à¤ पर à¤à¤ तॠहà¥à¤ मà¥à¤à¤®à¤¾à¤²à¤¾ à¤à¥ दाढ़à¥-मà¥à¤à¤ à¤à¥ रà¥à¤ª मà¥à¤ दà¥à¤à¤¨à¤¾ à¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤à¥¤' यहाठतà¥à¤¨ बातà¥à¤ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दà¥à¤¨à¤¾ à¤à¤µà¤¶à¥à¤¯à¤ हॠ- 1. रामà¤à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° शà¥à¤à¥à¤² यह बात तॠसà¥à¤µà¥à¤à¤¾à¤° à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤¿ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤®à¥ नहà¥à¤ हà¥à¤, पर वॠसà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¤µà¤¿ à¤à¤° à¤à¤¨à¤à¥ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤, à¤à¤¸ पर वॠà¤à¥à¤ à¤à¥à¤¯à¥à¤ नहà¥à¤ à¤à¤¹à¤¤à¥? 2. सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¥ पà¥à¤°à¥à¤· à¤à¤µà¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ दà¥à¤¨ à¤à¤¨à¥à¤à¤°à¤£ à¤à¤¹à¤¨à¤¾ à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¤¿à¤¸ सà¥à¤ à¤à¤¾ परिà¤à¤¾à¤¯à¤ हà¥? 3. सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ लिठà¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¤¾ सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ विधान दाढ़à¥-मà¥à¤à¤ à¤à¥ रà¥à¤ª मà¥à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ à¤à¤°à¤¨à¤¾ à¤à¤¿à¤¤à¤¨à¥ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ हà¥? यहाठविशà¥à¤· रà¥à¤ª सॠधà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दà¥à¤¨à¥ à¤à¥ बात हॠà¤à¤¿ यॠलà¥à¤ ततà¥à¤à¤¾à¤²à¥à¤¨ समय मà¥à¤ महिला à¤à¥ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¤à¤¾ à¤à¥ लà¥à¤à¤° à¤à¤¿à¤¤à¤¨à¥ तरह à¤à¥ नवà¥à¤¨à¤¤à¤® तथà¥à¤¯ थॠसबसॠवाà¤à¤¿à¤« थà¥à¥¤ à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ रामà¤à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° शà¥à¤à¥à¤² तॠमहिला à¤à¤¨à¥à¤¦à¥à¤²à¤¨ à¤à¥ बात à¤à¥ लिà¤à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¦à¤¯à¤¶à¤à¤à¤° à¤à¤à¥à¤ à¤à¥ 'à¤à¤®à¥à¤¬à¤¾' नाà¤à¤ पर à¤à¤¿à¤ªà¥à¤ªà¤£à¥ à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤ लिà¤à¤¤à¥ हà¥à¤, 'à¤à¤®à¥à¤¬à¤¾ नाà¤à¤ मà¥à¤ à¤à¥à¤·à¥à¤® दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हरॠहà¥à¤ à¤à¤®à¥à¤¬à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¨à¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤° वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¿à¤¨à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤° वासना à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤°à¤¿à¤à¥à¤¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥-पà¥à¤°à¥à¤· समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ à¤à¥ वह विषमता à¤à¥ सामनॠà¤à¤¤à¥ हॠà¤à¥ à¤à¤à¤à¤² à¤à¥ महिला à¤à¤¨à¥à¤¦à¥à¤²à¤¨ à¤à¥ तह मà¥à¤ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ हà¥à¥¤' à¤à¥à¤¯à¤¾ यह माना à¤à¤¾ सà¤à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ मà¥à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤ªà¥à¤à¥à¤·à¤¾ à¤à¤¨à¤¾à¤¯à¤¾à¤¸ हà¥? हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤à¤¾à¤°à¥à¤ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ विवà¥à¤à¤¨à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¬ तठà¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤ पर à¤à¤ नà¤à¤° डालà¥à¤à¥¤ à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ रामà¤à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° शà¥à¤à¥à¤² दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बनाठà¤à¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤ à¤à¤¾ मà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¾à¤° पितà¥à¤¸à¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥ सामाà¤à¤¿à¤ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ सà¥à¤µà¥à¤à¥à¤¤à¤¿ हà¥à¥¤ à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ रामà¤à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° शà¥à¤à¥à¤² à¤à¥ 'लà¥à¤à¤§à¤°à¥à¤®' à¤à¤° 'लà¥à¤à¤®à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾' à¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¥à¤®à¤¤: शिà¤à¥à¤·à¤¿à¤¤ à¤à¤¨à¤¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¿à¤¤à¥à¤¤à¤µà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हà¥à¤¨à¥ à¤à¥ नातॠà¤à¤ªà¤¨à¥ दायरॠà¤à¥ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯, à¤à¥ à¤à¤§à¤¿à¤¸à¤à¤à¥à¤¯à¤ रà¥à¤ª मà¥à¤ à¤à¤ªà¤¢à¤¼ हà¥, à¤à¥ बाहर à¤à¤° दà¥à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥à¤¯à¤¤: à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¤à¤¤à¤°à¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥ à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ रामà¤à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° शà¥à¤à¥à¤² à¤à¥ मनà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ पà¥à¤°à¤¹ तरह पà¥à¤°à¥à¤·à¤µà¤¾à¤¦à¥ हà¥à¥¤ à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ रामà¤à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° शà¥à¤à¥à¤² à¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤ à¤à¤¾ मà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¾à¤° हॠरामà¤à¤°à¤¿à¤¤à¤®à¤¾à¤¨à¤¸ à¤à¤° राम à¤à¥ à¤à¥à¤µà¤¨ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥¤ à¤à¤¸à¥ राम à¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¤¾ रवà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¸ à¤à¥à¤¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¾ à¤à¤¾ सà¤à¤¤à¤¾ हà¥- à¤à¤à¤¸à¤¨à¥ पà¥à¤°à¥à¤à¤µà¤¾ ठमà¥à¤à¤¹à¤µà¥à¤ न दà¥à¤à¤¤à¥à¤, फà¤à¤¤à¥ धरतिया समाà¤à¤à¥¤à¤à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ हà¤à¤¾à¤°à¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥à¤¦à¥ à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ 'à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¤à¤¾à¤§à¤¾à¤°à¤¾' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¤à¤¾à¤à¤ सॠसरà¥à¤à¤¾à¤° नहà¥à¤ रà¤à¤¤à¤¾à¥¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¤¨à¤à¥ रवà¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¨à¤à¥ 'बाणà¤à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤®à¤à¤¥à¤¾' मà¥à¤ निपà¥à¤£à¤¿à¤à¤¾ à¤à¤° बाण à¤à¥ à¤à¤°à¤¿à¤¤à¥à¤°à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤°à¤¿à¤ साफ-साफ दà¥à¤à¤¾ à¤à¤¾ सà¤à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¤à¤¾ मà¥à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ à¤à¤§à¤¿à¤ सॠà¤à¤§à¤¿à¤ निपà¥à¤£à¤¿à¤à¤¾ à¤à¥à¤¸à¤¾ हà¥à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¤à¤¹ हà¥à¥¤ रामविलास शरà¥à¤®à¤¾ à¤à¤¾ 'लà¥à¤ सà¤à¤à¤°à¥à¤·' à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ लà¥à¤ à¤à¤¾à¤à¤°à¤£ मà¥à¤ मà¥à¤°à¤¾ à¤à¥ à¤à¥à¤®à¤¿à¤à¤¾ à¤à¥ सà¥à¤µà¥à¤à¤¾à¤° à¤à¤°à¤¨à¥ सॠलà¤à¤¾à¤¤à¤¾à¤° रà¥à¤à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ डà¥. शरà¥à¤®à¤¾ à¤à¥ लिठमà¥à¤°à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤ मातà¥à¤° विशà¥à¤·à¤¤à¤¾ हॠपदà¥à¤ à¤à¥ 'à¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾' - यह à¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ हॠहॠ'à¤à¤¿à¤¸à¤¨à¥ डà¤à¤° à¤à¥ à¤à¤¿à¤à¤¾à¤°à¤¿à¤¨ मà¥à¤°à¤¾ à¤à¥' साहितà¥à¤¯ मà¥à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दिलाया। डà¥.शरà¥à¤®à¤¾ à¤à¥ लिठमà¥à¤°à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ मà¥à¤ लà¥à¤ सà¤à¤à¤°à¥à¤· à¤à¥ à¤à¤¾à¤µ à¤à¥à¤®à¤¿ à¤à¤° तà¥à¤²à¤¸à¥ à¤à¥ लà¥à¤ सà¤à¤à¤°à¥à¤· à¤à¤¾ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤ फलठà¤à¤ हॠहà¥à¤à¥¤ यह मà¥à¤°à¤¾ à¤à¤° तà¥à¤²à¤¸à¥ à¤à¥ à¤à¤ फरà¥à¤¶ पर बिठाना मातà¥à¤° नहà¥à¤ हà¥, सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥à¤ à¤à¥ विशिषà¥à¤ à¤à¥à¤·à¥à¤¤à¥à¤° à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤® à¤à¤°à¤¨à¥ à¤à¥ साà¤à¤¿à¤¶ हà¥à¥¤ यहॠà¤à¤¾à¤® डà¥. शरà¥à¤®à¤¾ नॠमहादà¥à¤µà¥ वरà¥à¤®à¤¾ à¤à¥ सिलसिलॠमà¥à¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हà¥, à¤à¤¨à¤à¥ वालà¥à¤®à¥à¤à¤¿, रवà¥à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° à¤à¤° महादà¥à¤µà¥ à¤à¥ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤à¤µ à¤à¤° विà¤à¤¾à¤°à¤¬à¥à¤§ मà¥à¤ à¤à¥à¤ फरà¥à¤ नहà¥à¤ नà¤à¤° à¤à¤¤à¤¾à¥¤ महादà¥à¤µà¥ à¤à¥ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥à¤¤à¥à¤µ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¥à¤® à¤à¤µà¤¿ à¤à¥ महिमा à¤à¥ समà¤à¤à¥à¤·à¤¤à¤¾ à¤à¥ रसà¥à¤¸à¥ सॠफाà¤à¤¸à¥ दॠदॠà¤à¤¾à¤¤à¥ हॠà¤à¤° सà¤à¥à¤¤à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ सà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¥ लिठà¤à¥à¤ नहà¥à¤ बà¤à¤¾ रहता। à¤à¤°à¥à¤°à¤¤ à¤à¤¸ बात à¤à¥ हॠà¤à¤¿ साहितà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ पर पदासà¥à¤¨ शà¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¸ तरह à¤à¥ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤à¤¾à¤°-नवाà¤à¥ à¤à¥ मà¥à¤¹à¤«à¤¾à¤à¤¸ सॠमà¥à¤à¥à¤¤ हà¥à¤à¤° बात à¤à¥ à¤à¤¹à¤°à¤¾à¤ तठà¤à¤¾à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤à¥¤ डà¥. नामवर सिà¤à¤¹ à¤à¥ 'नयॠपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤' मà¥à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ सिरॠसॠà¤à¤¾à¤°à¤¿à¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ लिठà¤à¤§à¥ à¤à¤¬à¤¾à¤¦à¥ नॠà¤à¤à¥ à¤à¥à¤ 'तनाव' पà¥à¤¦à¤¾ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हà¥, à¤à¤¸à¤¾ à¤à¤¨à¤à¥ मनà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥à¤ सॠनहà¥à¤ लà¤à¤¤à¤¾à¥¤ डà¥. नामवर सिà¤à¤¹ नॠà¤à¤ªà¤¨à¥ à¤à¤¿à¤¤à¤¾à¤¬ 'à¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤µà¤¾à¤¦' मà¥à¤ महादà¥à¤µà¥ à¤à¥ à¤à¤¿à¤¤à¤¨à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दिया हॠवह à¤à¤ªà¤¨à¥ à¤à¤ª मà¥à¤ à¤à¤ बड़ा पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ हà¥à¥¤ पà¥à¤°à¥ à¤à¤¿à¤¤à¤¾à¤¬ मà¥à¤ तà¥à¤¨-à¤à¤¾à¤° à¤à¤à¤¹à¥à¤ पर à¤à¥à¤² मिला à¤à¤° महादà¥à¤µà¥ à¤à¥ सतà¥à¤¤à¤¾à¤à¤¸ पà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤ हॠà¤à¤° वह à¤à¥ à¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥ रà¥à¤ªà¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤¨ à¤à¤° à¤à¤¾à¤·à¤¾ सà¤à¤°à¤à¤¨à¤¾ पर बात à¤à¤°à¤¤à¥ समय। à¤à¤¸à¤¾ à¤à¤°à¤¤à¥ समय हिनà¥à¤¦à¥ à¤à¥ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ à¤à¤²à¥à¤à¤à¥à¤ à¤à¥ दिमाठमà¥à¤ यह पà¥à¤°à¥à¤µà¤à¥à¤°à¤¹ ठà¥à¤¸ रà¥à¤ª सॠà¤à¤° à¤à¤¿à¤ रहता हॠà¤à¤¿ à¤à¥à¤ वà¥à¤à¤¾à¤°à¤¿à¤, तरà¥à¤à¤ªà¥à¤°à¥à¤£ à¤à¤° निरà¥à¤£à¤¾à¤¯à¤ मत रà¤à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ नहà¥à¤ पाठà¤à¤¾à¤¤à¥à¥¤ समà¥à¤à¤µà¤¤: à¤à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤°à¥à¤à¤¾ मà¤à¤¬à¥à¤°à¤¨ à¤à¤°à¤¨à¥ पड़ॠतॠà¤à¥à¤¹à¤¸à¤à¥à¤à¤¾ तठà¤à¤¨à¤à¥ à¤à¥à¤®à¤¿à¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤²à¥à¤²à¥à¤à¤¿à¤¤ à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤, à¤à¥à¤¹à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¾à¤£ मà¥à¤ नहà¥à¤à¥¤ हिनà¥à¤¦à¥ साहितà¥à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¥à¤ à¤à¤¾ मà¥à¤à¥à¤¦à¤¾ सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª सà¥à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥ à¤à¤ªà¤¨à¥ पहà¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ वापस दिलानॠà¤à¥ लिठनाà¤à¤¾à¤«à¥ हà¥à¥¤ à¤à¤¸ दायरॠà¤à¥ à¤à¤¤à¤¨à¤¾ à¤à¤²à¤à¤¾ दिया à¤à¤¯à¤¾ हॠà¤à¤¿ à¤à¤¸ 'तसà¥à¤µà¥à¤°' मà¥à¤ वह à¤à¤ªà¤¨à¥ à¤à¤ª à¤à¥ नहà¥à¤ ढ़à¥à¤à¤¢à¤¼ नहà¥à¤ सà¤à¤¤à¥à¥¤ पर तथà¥à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ दायरा हमà¥à¤¶à¤¾ à¤à¤¸ बात à¤à¥ à¤à¥à¤à¤à¤¾à¤à¤¶ रà¤à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤¿ à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¤§à¤¾à¤° पर à¤à¤ नठà¤à¤° à¤à¤§à¤¿à¤ मà¥à¤à¥à¤ तसà¥à¤µà¥à¤° बनाठà¤à¤¾à¤à¥¤ End Text End Text End Text मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ à¤à¤ªà¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¤¹à¤¾à¤¨à¥ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ वà¥à¤¯à¤à¤à¥à¤¯ नाà¤à¤ निबà¤à¤§ à¤à¤²à¥à¤à¤¨à¤¾ विमरà¥à¤¶ विविध विशà¥à¤· समà¤à¥à¤°-सà¤à¤à¤¯à¤¨ à¤à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤¦ à¤à¤¡à¤¿à¤¯à¥/वà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥ हमारॠरà¤à¤¨à¤¾à¤à¤¾à¤° हिà¤à¤¦à¥ लà¥à¤à¤ à¤à¥à¤ सà¤à¤ªà¤°à¥à¤ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ सà¤à¤à¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ #फाà¤à¤¨ à¤à¤°à¥à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, à¤à¤²à¤¾, à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾, हिनà¥à¤¦à¥ à¤à¤¿à¤à¥à¤ ा लà¥à¤à¤¨ » Feed फाà¤à¤¨ à¤à¤°à¥à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, à¤à¤²à¤¾, à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾, हिनà¥à¤¦à¥ à¤à¤¿à¤à¥à¤ ा लà¥à¤à¤¨ » Comments Feed फाà¤à¤¨ à¤à¤°à¥à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, à¤à¤²à¤¾, à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾, हिनà¥à¤¦à¥ à¤à¤¿à¤à¥à¤ ा लà¥à¤à¤¨ WordPress.com फाà¤à¤¨ à¤à¤°à¥à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, à¤à¤²à¤¾, à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾, हिनà¥à¤¦à¥ à¤à¤¿à¤à¥à¤ ा लà¥à¤à¤¨ हिनà¥à¤¦à¥ बà¥à¤²à¥à¤à¤¿à¤à¤ : à¤à¤²à¤¾ à¤à¤° सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤à¤¿ Skip to content * Home * About * à¤à¤¡à¤¼à¤¿à¤¯à¤¾à¤ * फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥ ← Older posts फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, दिलà¥âलà¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤ Posted on सितमà¥à¤¬à¤° 26, 2012 by HtmLinking.com Posted in à¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°/फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤° | Tagged 2012, à¤à¤¸ पास, à¤à¤¨.सà¥.à¤à¤°, à¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤à¤¾à¤°, à¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤£, तसà¥à¤µà¥à¤°, तसà¥à¤µà¥à¤°à¥à¤, दिलà¥âलà¥, दिलà¥à¤²à¥, नठदिलà¥âलà¥, फà¥à¤à¥, फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯, महिला, मà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾, मà¥à¤°à¥ à¤à¤¸à¤ªà¤¾à¤¸, यà¥à¤µà¤¾-विशà¥à¤·, हिà¤à¤¦à¥ माधà¥à¤¯à¤®, हिनà¥à¤¦à¥, Delhi, Foto, Hindi, India, Indian, Photo, Photographer, Photography, Photos | Leave a comment वाणिà¤à¥à¤¯à¤¿à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥ Posted on à¤à¤à¤¸à¥à¤¤ 26, 2012 by HtmLinking.com वाणिà¤à¥à¤¯à¤¿à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥ वाणिà¤à¥à¤¯à¤¿à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥ : वाणिà¤à¥à¤¯à¤¿à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤° Posted in Uncategorized | Tagged 2012, à¤à¤¸ पास, à¤à¤à¤¡à¤¿à¤¯à¤¨, à¤à¤à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾, à¤à¤¡à¤¿à¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤² फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, à¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤à¤¾à¤°, à¤à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥à¤¤ सिà¤à¤¹, डिà¤à¤¿à¤à¤² फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, तसà¥à¤µà¥à¤°, तसà¥à¤µà¥à¤°à¥à¤, तसà¥à¤µà¥à¤°à¥à¤, दिलà¥âलà¥, दिलà¥à¤²à¥, नठदिलà¥âलà¥, फाà¤à¤¨ à¤à¤°à¥à¤à¥à¤¸ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, फà¥à¤¶à¤¨ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, फà¥à¤à¥, फà¥à¤à¥ à¤à¥à¤²à¤°à¥, फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯, महिला, मà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾, मà¥à¤¡à¤² à¤à¤¾à¤¸à¥à¤à¤¿à¤à¤ à¤à¥à¤², मà¥à¤¡à¤² पà¥à¤°à¥à¤à¤«à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥, यà¥à¤µà¤¾-विशà¥à¤·, वाणिà¤à¥à¤¯à¤¿à¤, वाणिà¤à¥à¤¯à¤¿à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, वाणिà¤à¥à¤¯à¤¿à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, सिà¤à¤¹ सà¥à¤à¤¾à¤à¤² सà¥à¤à¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥, सिठबाल मà¥à¤¡à¤² à¤à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥à¤¤ सिà¤à¤¹, सà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¦à¤° सिà¤à¤¹, सà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° सिà¤à¤¹, हिà¤à¤¦à¥ माधà¥à¤¯à¤®, हिनà¥à¤¦à¥ | Leave a comment पà¥à¤°à¥à¤¡à¤à¥à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥ Posted on à¤à¥à¤²à¤¾à¤ 31, 2012 by HtmLinking.com पà¥à¤°à¥à¤¡à¤à¥à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥ पà¥à¤°à¥à¤¡à¤à¥à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥ : पà¥à¤°à¥à¤¡à¤à¥à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤° : à¤à¤¤à¥à¤ªà¤¾à¤¦ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥ Posted in à¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°/फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, पà¥à¤°à¥à¤¡à¤à¥à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥ | Tagged à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶, à¤à¤¤à¥à¤ªà¤¾à¤¦ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, à¤à¤à¤¡à¥à¤à¤¢, à¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤£, तसà¥à¤µà¥à¤°, तसà¥à¤µà¥à¤°à¥à¤, दिलà¥âलà¥, दिलà¥à¤²à¥, नठदिलà¥âलà¥, पà¥à¤°à¥à¤¡à¤à¥à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, पà¥à¤°à¥à¤¡à¤à¥à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, फà¥à¤à¥, फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯, मà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾, मà¥à¤°à¥ à¤à¤¸à¤ªà¤¾à¤¸, यà¥à¤µà¤¾-विशà¥à¤·, सà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¦à¤° सिà¤à¤¹, सà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° सिà¤à¤¹, हिà¤à¤¦à¥ माधà¥à¤¯à¤®, हिनà¥à¤¦à¥ | Leave a comment महिला मà¥à¤¡à¤² पà¥à¤°à¥à¤à¤«à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥, Posted on à¤à¥à¤²à¤¾à¤ 30, 2012 by HtmLinking.com महिला मà¥à¤¡à¤² पà¥à¤°à¥à¤à¤«à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥, दिलà¥âलà¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤ महिला मà¥à¤¡à¤² पà¥à¤°à¥à¤à¤«à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥, दिलà¥âलà¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤ फà¥à¤¶à¤¨ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥ Posted in à¤à¤¸ पास, à¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°/फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, फà¥à¤¶à¤¨ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, महिला मà¥à¤¡à¤² पà¥à¤°à¥à¤à¤«à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥, मà¥à¤°à¥ à¤à¤¸à¤ªà¤¾à¤¸ | Tagged 2012, à¤à¤¸ पास, à¤à¤¨.सà¥.à¤à¤°, à¤à¤®à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤², à¤à¤¾à¤¸à¥à¤à¤¿à¤à¤ à¤à¤¾à¤²à¥à¤¸, à¤à¤µà¤¿, à¤à¤µà¤¿à¤¯à¤¾à¤, à¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°, à¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤£, तसà¥à¤µà¥à¤°, तसà¥à¤µà¥à¤°à¥à¤, दिलà¥âलà¥, दिलà¥à¤²à¥, नठदिलà¥âलà¥, पà¥à¤°à¥à¤à¤«à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥, फà¥à¤¶à¤¨ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, फà¥à¤¶à¤¨ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, फà¥à¤à¥, फà¥à¤à¥ à¤à¥à¤²à¤°à¥, फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯, महिला, महिला मà¥à¤¡à¤² पà¥à¤°à¥à¤à¤«à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥, मà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾, मà¥à¤°à¥ à¤à¤¸à¤ªà¤¾à¤¸, मà¥à¤¡à¤², मà¥à¤¡à¤² पà¥à¤°à¥à¤à¤«à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥, यà¥à¤µà¤¾-विशà¥à¤·, विà¤à¥à¤à¤¾à¤ªà¤¨ à¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤£, शà¥à¤à¤¿à¤à¤, सिà¤à¤¹ सà¥à¤à¤¾à¤à¤² सà¥à¤à¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥, सà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¦à¤° सिà¤à¤¹, हिà¤à¤¦à¥ माधà¥à¤¯à¤®, हिनà¥à¤¦à¥ | Leave a comment शबà¥à¤¦ à¤à¥à¤°à¥à¤¤à¤¨ Posted on à¤à¥à¤²à¤¾à¤ 25, 2012 by HtmLinking.com [sikhism_singhsahib_logo.jpg] शबà¥à¤¦ à¤à¥à¤°à¥à¤¤à¤¨ à¤à¥à¤°à¤¬à¤¾à¤¨à¥ सà¥à¤à¤®à¤¨à¥ साहिब सिà¤à¤¹ साहिब Posted in à¤à¤¸ पास, धारà¥à¤®à¤¿à¤, मà¥à¤°à¥ à¤à¤¸à¤ªà¤¾à¤¸, सà¤à¤à¥à¤¤, सिठधरà¥à¤® | Tagged 2012, à¤à¤¸ पास, à¤à¤¨.सà¥.à¤à¤°, à¤à¥à¤°à¥à¤¤à¤¨, à¤à¥à¤°à¤¬à¤¾à¤¨à¥, à¤à¥à¤°à¥à¤®à¥à¤à¥, à¤à¥à¤à¤¾à¤¨, दिलà¥âलà¥, दिलà¥à¤²à¥, धारà¥à¤®à¤¿à¤, नठदिलà¥âलà¥, पà¤à¤à¤¾à¤¬, à¤à¤¾à¤°à¤¤, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯, मà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾, शबà¥à¤¦, शबà¥à¤¦ à¤à¥à¤°à¥à¤¤à¤¨, साहिब, सिà¤à¤¹ साहिब, सिà¤, सà¥à¤à¤®à¤¨à¥ साहिब, हिà¤à¤¦à¥ माधà¥à¤¯à¤®, हिनà¥à¤¦à¥, Gurbani, Kirtan, Music, Shabad, Shabad Kirtan | Leave a comment à¤à¤®à¥à¤°à¥à¤¤ à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤à¤²à¤¾ Posted on à¤à¥à¤²à¤¾à¤ 23, 2012 by HtmLinking.com à¤à¤®à¥à¤°à¥à¤¤ à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤à¤²à¤¾, दिलà¥âलà¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤®à¥à¤°à¥à¤¤ à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤à¤²à¤¾ दिलà¥âलà¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤ “à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤à¤¾à¤°à¥ सिरà¥à¤« à¤à¤ डायरॠरà¤à¤¨à¥ à¤à¤¾ à¤à¤ à¤à¤° तरà¥à¤à¤¾ हà¥à¥¤” – पाबà¥à¤²à¥ पिà¤à¤¾à¤¸à¥ “à¤à¤µà¤¿ à¤à¤° à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤à¤¾à¤° मà¥à¤ à¤à¥à¤¦ हॠ। à¤à¤µà¤¿ à¤à¤ªà¤¨à¥ सà¥à¤µà¤° मà¥à¤ à¤à¤° à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤à¤¾à¤° à¤à¤ªà¤¨à¥ रà¥à¤à¤¾ मà¥à¤ à¤à¥à¤µà¤¨ à¤à¥ ततà¥à¤µ à¤à¤° सà¥à¤à¤¦à¤°à¥à¤¯ à¤à¤¾ रà¤à¤ à¤à¤°à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤” – डा रामà¤à¥à¤®à¤¾à¤° वरà¥à¤®à¤¾ Posted in à¤à¤²à¤¾ | Tagged 2012, Abstract Art, à¤à¤®à¥à¤°à¥à¤¤à¤à¤²à¤¾, à¤à¤¸ पास, à¤à¤à¤¡à¤¿à¤¯à¤¨, à¤à¤à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾, à¤à¤¨.सà¥.à¤à¤°, à¤à¤²à¤¾, à¤à¤²à¤¾à¤à¤¾à¤°, à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤à¤²à¤¾, à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤à¤¾à¤°, à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤à¤¾à¤°à¥, तसà¥à¤µà¥à¤°à¥à¤, दिलà¥âलà¥, दिलà¥à¤²à¥, नठदिलà¥âलà¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤, मà¥à¤°à¥ à¤à¤¸à¤ªà¤¾à¤¸, यà¥à¤µà¤¾-विशà¥à¤·, ललित à¤à¤²à¤¾, ललित à¤à¤²à¤¾à¤à¤¾à¤°, सà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¦à¤° सिà¤à¤¹, हिà¤à¤¦à¥ माधà¥à¤¯à¤®, हिनà¥à¤¦à¥ | Leave a comment सिठबाल मà¥à¤¡à¤² à¤à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥à¤¤ सिà¤à¤¹, दिलà¥âलà¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤ Posted on à¤à¥à¤²à¤¾à¤ 17, 2012 by HtmLinking.com Sikh Kid Child Models Portfolio सिठबाल मà¥à¤¡à¤² à¤à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥à¤¤ सिà¤à¤¹, दिलà¥âलà¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤ फà¥à¤¶à¤¨ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤° : मà¥à¤¡à¤² पà¥à¤°à¥à¤à¤«à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥ : मà¥à¤¡à¤² à¤à¤¾à¤¸à¥à¤à¤¿à¤à¤ à¤à¥à¤² Posted in à¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°/फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, फà¥à¤¶à¤¨ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, बाल मà¥à¤¡à¤² पà¥à¤°à¥à¤à¤«à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥ | Tagged 2012, à¤à¤¸ पास, à¤à¤à¤¡à¤¿à¤¯à¤¨, à¤à¤à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾, à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶, à¤à¤¡à¤¿à¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤² फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, à¤à¤¨.सà¥.à¤à¤°, à¤à¤à¤¡à¥à¤à¤¢, à¤à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥à¤¤ सिà¤à¤¹, डिà¤à¤¿à¤à¤² फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, दिलà¥âलà¥, दिलà¥à¤²à¥, नठदिलà¥âलà¥, पà¤à¤à¤¾à¤¬, फाà¤à¤¨ à¤à¤°à¥à¤à¥à¤¸ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, फà¥à¤¶à¤¨ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, फà¥à¤à¥, फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯, मà¥à¤¡à¤² à¤à¤¾à¤¸à¥à¤à¤¿à¤à¤ à¤à¤¾à¤²à¥à¤¸, मà¥à¤¡à¤² à¤à¤¾à¤¸à¥à¤à¤¿à¤à¤ à¤à¥à¤², मà¥à¤¡à¤² पà¥à¤°à¥à¤à¤«à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥, यà¥à¤µà¤¾-विशà¥à¤·, शà¥à¤à¤¿à¤à¤, सिठबाल मà¥à¤¡à¤² à¤à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥à¤¤ सिà¤à¤¹, सà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¦à¤° सिà¤à¤¹, हिà¤à¤¦à¥ माधà¥à¤¯à¤®, हिनà¥à¤¦à¥ | Leave a comment ← Older posts * à¤à¤¸à¤à¥ लिठढà¥à¤à¤¢à¥à¤: ____________________ Search * Recent Posts + फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¤°, दिलà¥âलà¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤ + वाणिà¤à¥à¤¯à¤¿à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥ + पà¥à¤°à¥à¤¡à¤à¥à¤ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥ + महिला मà¥à¤¡à¤² पà¥à¤°à¥à¤à¤«à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥, + शबà¥à¤¦ à¤à¥à¤°à¥à¤¤à¤¨ + à¤à¤®à¥à¤°à¥à¤¤ à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤à¤²à¤¾ + सिठबाल मà¥à¤¡à¤² à¤à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥à¤¤ सिà¤à¤¹, दिलà¥âलà¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤ + बाल मà¥à¤¡à¤² पà¥à¤°à¥à¤à¤«à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥, दिलà¥âलà¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤ + विà¤à¥à¤à¤¾à¤ªà¤¨ फà¥à¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤«à¥, दिलà¥âलà¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤ + ललित à¤à¤²à¤¾ à¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤£, दिलà¥âलà¥, à¤à¤¾à¤°à¤¤ * Follow Blog via Email Enter your email address to follow this blog and receive notifications of new posts by email. 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à¤à¤¯à¤¾à¤® à¤à¤¦à¥à¤¯ à¤à¥à¤¶ लालितà¥à¤¯ à¤à¤à¤à¤°à¤¨à¥à¤¶à¤¨à¤² दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ समरà¥à¤¥à¤¿à¤¤ परियà¥à¤à¤¨à¤¾ à¤à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤ सहायता दà¥à¤ à¤à¤¦à¥à¤¯ à¤à¥à¤¶ मà¥à¤°à¥à¤¶à¤¸ à¤à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ à¤à¤°à¤®à¥à¤ हिनà¥à¤¦à¥ मà¥à¤ à¤à¤¾à¤à¤ªà¤¿à¤à¤ बà¥à¤²à¥à¤ à¥à¥à¤¸à¤¬à¥à¤ पर à¤à¥à¥à¤¿à¤ à¤à¥à¤ à¤à¥à¤à¤¿à¤ à¥à¥à¤¨à¥à¤ परिवरà¥à¤¤à¤ à¤à¤ªà¤à¥ सवाल à¤à¤µà¥à¤¦à¤¨ à¤à¤°à¥à¤ ठठठठठठठठठठठठठठठठठठठठठड ढ त थ द ध न प फ ब ठम य र ल व श ष स ह à¤à¥à¤· तà¥à¤° à¤à¥à¤ शà¥à¤° * रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤¾à¤°à¥à¤ à¤à¥ सà¥à¤à¥ * पà¥à¤°à¤®à¥à¤ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤¾à¤° * शà¥à¤°à¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤ * रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ à¤à¥ सà¤à¤à¤²à¤¨ * à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤ सॠà¤à¤¨à¥à¤¦à¤¿à¤¤ * विदà¥à¤¶à¥ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤ सॠà¤à¤¨à¥à¤¦à¤¿à¤¤ » विà¤à¤¾à¤ * हिनà¥à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ * लà¥à¤à¤à¥à¤¤ * शिशà¥à¤à¥à¤¤ * धारà¥à¤®à¤¿à¤ लà¥à¤ रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤ * à¤à¥à¤¤ फ़िलà¥à¤®à¥à¤ सॠ* मà¥à¤°à¥à¤¶à¤¸ à¤à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ * शाशà¥à¤µà¤¤ à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ * वà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥ विà¤à¤¾à¤ » à¤à¤¨à¥à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤ सॠ* मराठॠ* राà¤à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥ » पà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤¶à¤¿à¤ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¥à¤¶ * à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿ * à¤à¤¤à¥à¤¤à¥à¤¸à¤à¤¢à¤¼ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿ * बिहार à¤à¥ à¤à¤µà¤¿ * मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿ * राà¤à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿ * हिमाà¤à¤² पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ à¤à¥ à¤à¤µà¤¿ » à¤à¤¨à¥à¤¯ महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¥à¤£ पनà¥à¤¨à¥à¤ * मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ * हाल मà¥à¤ हà¥à¤ बदलाव * महतà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¥à¤£ à¤à¤¡à¤¼à¤¿à¤¯à¤¾à¤ * नठà¤à¥à¤¡à¤¼à¥ पनà¥à¤¨à¥à¤ à¤à¥ सà¥à¤à¥ * à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤ पनà¥à¤¨à¤¾ * à¤à¥à¤ªà¤¾à¤² * à¤à¥à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤à¤ à¤à¥ बारॠमà¥à¤ » à¤à¤¨à¥à¤¯ पनà¥à¤¨à¥à¤ * लà¥à¤à¤¿à¤¨ à¤à¤°à¥à¤ * फ़ाà¤à¤² à¤à¤ªà¤²à¥à¤¡ à¤à¤°à¥à¤ * à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¥à¤¶ विà¤à¥à¤ * मà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾ मà¥à¤ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¥à¤¶ à¤à¥à¤ ____________________ à¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥à¤à¥à¤ साधन पà¥à¤à¥ * यहाठà¤à¥ हवालॠà¤à¤¹à¤¾à¤ à¤à¤¹à¤¾à¤ हà¥à¤ * पनà¥à¤¨à¥ सॠà¤à¥à¤¡à¥ बदलाव * विशà¥à¤· पà¥à¤·à¥à¤ * à¤à¤¾à¤ªà¤¨à¥ यà¥à¤à¥à¤¯ à¤à¤¦à¥à¤§à¤°à¤£ * सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥ à¤à¤¡à¤¼à¥ © à¤à¥à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤à¤ à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¥à¤¶ à¤à¥à¤® à¤à¤¿à¤ªà¥à¤ªà¤£à¥ IFRAME: http://www.kavitakosh.org/kk/otherapps/rekhankan.htm à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°-लà¥à¤à¤¨ या वà¥à¤£à¤¾ बà¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¤¦à¤¿ मà¥à¤ वà¥âयसà¥âत / à¤à¤¾à¤²à¤¿à¤¦à¤¾à¤¸ Kavita Kosh सॠयहाठà¤à¤¾à¤à¤: à¤à¥à¤°à¤®à¤£, à¤à¥à¤ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ » रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤¾à¤°à¥à¤ à¤à¥ सà¥à¤à¥ » रà¤à¤¨à¤¾à¤à¤¾à¤°: à¤à¤¾à¤²à¤¿à¤¦à¤¾à¤¸ » सà¤à¤à¥à¤°à¤¹: मà¥à¤à¤¦à¥à¤¤ » à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°-लà¥à¤à¤¨ या वà¥à¤£à¤¾ बà¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¤¦à¤¿ मà¥à¤ वà¥âयसà¥âत सवà¥âयापारामहनि न तथा पà¥à¤¡à¤¯à¥à¤¨à¥âमदà¥à¤µà¤¿à¤¯à¥à¤: शà¤à¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥ à¤à¥à¤°à¥à¤¤à¤°à¤¶à¤à¤ निरà¥à¤µà¤¿à¤¨à¥à¤¦à¤¾à¤ सà¤à¥à¤ तà¥à¥¤ मतà¥âसà¤à¤¦à¥à¤¶à¥: सà¥à¤à¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤®à¤²à¤ पशà¥âय साधà¥âवà¥à¤ निशà¥à¤¥à¥ तामà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¿à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤®à¤µà¤¨à¤¿à¤¶à¤¯à¤¨à¤¾à¤ सà¥à¤§à¤µà¤¾à¤¤à¤¾à¤¯à¤¨à¤¸à¥âथ:।। à¤à¤¿à¤¤à¥à¤°-लà¥à¤à¤¨ या वà¥à¤£à¤¾ बà¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¤¦à¤¿ मà¥à¤ वà¥âयसà¥âत à¤à¤¸à¥ दिन मà¥à¤ तॠमà¥à¤°à¤¾ वियà¥à¤ वà¥à¤¸à¤¾ न सताà¤à¤à¤¾, पर मà¥à¤ सà¥à¤à¤¤à¤¾ हà¥à¤ à¤à¤¿ रात मà¥à¤ मन- बहलाव à¤à¥ साधन न रहनॠसॠवह तà¥à¤°à¥ सà¤à¥ à¤à¤°à¥ शà¥à¤ मà¥à¤ डà¥à¤¬ à¤à¤¾à¤à¤à¥à¥¤ à¤à¤¤à¤à¤µ à¤à¤§à¥ रात à¤à¥ समय à¤à¤¬ वह à¤à¥à¤®à¤¿ पर सà¥à¤¨à¥ à¤à¤¾ वà¥à¤°à¤¤ लियॠहà¥à¤ à¤à¤à¤à¥ नà¥à¤à¤¦ सॠलà¥à¤à¥ हà¥, तब मà¥à¤°à¥ सनà¥âदà¥à¤¶ मà¥à¤ à¤à¤¸ पतिवà¥à¤°à¤¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤°à¤ªà¥à¤° सà¥à¤ दà¥à¤¨à¥ à¤à¥ लिठतà¥à¤® महल à¤à¥ à¤à¥à¤ मà¥à¤ बà¥à¤ à¤à¤° à¤à¤¸à¤à¥ दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¤°à¤¨à¤¾à¥¤ "http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%9A%E0%A4%BF%E0%A4% A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0-%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%96%E0%A4%A8_%E0%A4%AF%E0% A4%BE_%E0%A4%B5%E0%A5%80%E0%A4%A3%E0%A4%BE_%E0%A4%AC%E0%A4%9C%E0%A4%BE% E0%A4%A8%E0%A5%87_%E0%A4%86%E0%A4%A6%E0%A4%BF_%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4% 82_%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%AF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A 4%A4_/_%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B8& oldid=147710" सॠलिया à¤à¤¯à¤¾ शà¥à¤°à¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤: * à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ * सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤ परियà¥à¤à¤¨à¤¾ मà¥à¤ सहयà¥à¤ à¤à¥à¤à¤²+ पर à¤à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¥à¤¶ Powered by MediaWiki * à¤à¤¸ पनà¥à¤¨à¥ à¤à¤¾ पिà¤à¤²à¤¾ बदलाव 28 à¤à¤à¥à¤à¥à¤¬à¤° 2012 à¤à¥ 15:32 बà¤à¥ हà¥à¤ था। * यह पà¥à¤·à¥à¤ 51 बार दà¥à¤à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हॠ* à¤à¥à¤ªà¤¨à¥à¤¯à¤¤à¤¾ नà¥à¤¤à¤¿ * Kavita Kosh à¤à¥ बारॠमà¥à¤ * à¤à¤¸à¥à¤µà¥à¤à¤°à¤£ #Bharatkosh (hi) copyright Bharatkosh à¤à¥ à¤à¤à¤® फ़à¥à¤¡ à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° (लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥) à¤à¤¾à¤°à¤¤ डिसà¥à¤à¤µà¤°à¥ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ लà¥à¤ à¤à¤¾ डà¥à¤°à¤¾à¥à¥à¤ लà¥à¤ ⯠(पà¥à¤°à¤¤à¥à¤à¥à¤·à¤¿à¤¤) यहाठà¤à¤¾à¤à¤: à¤à¥à¤°à¤®à¤£, à¤à¥à¤ à¤à¤ªà¤¸à¥ à¤à¤ वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿à¤à¤¤ à¤à¤¨à¥à¤°à¥à¤§, à¤à¥à¤ªà¤¯à¤¾ à¤à¤µà¤¶à¥à¤¯ पढ़à¥à¤ à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ à¤à¤²à¤¾ परà¥à¤¯à¤à¤¨ दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ धरà¥à¤® साहितà¥à¤¯ समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤à¥à¤¯ सà¤à¥ विषय â¼ CAPTION: लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ विषय सà¥à¤à¥ लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ पाषाणà¥à¤¯ शिलालà¥à¤ à¤à¤à¤ सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ रà¤à¤¤ à¤à¤¾à¤·à¥à¤ à¤à¤ªà¤¡à¤¼à¤¾ धातॠताड़पतà¥à¤° à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° à¤à¤à¤°à¥à¤ªà¤¤à¥à¤° à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ à¤à¤¼à¤²à¤® सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥ à¤à¤¿à¤²à¤à¤¿à¤¤ हसà¥à¤¤à¤²à¤¿à¤ªà¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ à¤à¤ à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° (लà¤à¤à¤ 600 à¤.) à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° à¤à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ हà¥à¥¤ à¤à¥à¤°à¥à¤ नामठवà¥à¤à¥à¤· हिमालय मà¥à¤ à¤à¤¼à¤°à¥à¤¬ 4,000 मà¥à¤à¤° à¤à¥ à¤à¤à¤à¤¾à¤ पर बहà¥à¤¤à¤¾à¤¯à¤¤ मà¥à¤ मिलता हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¥à¤¤à¤°à¥ à¤à¤¾à¤², à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¤¾à¤²à¤¿à¤¦à¤¾à¤¸ नॠâà¤à¥à¤°à¥à¤à¤¤à¥à¤µà¤à¥â à¤à¤¹à¤¾ हà¥, à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ à¤à¥ तरह हà¥à¤¤à¥ हà¥à¥¤ यह à¤à¤¾à¤² à¤à¤ मà¥à¤à¤° लमà¥à¤¬à¥ निà¤à¤² à¤à¤¤à¥ हà¥à¥¤ à¤à¤²à¤¬à¤°à¥à¤¨à¥ नॠलिà¤à¤¾ हà¥- "मधà¥à¤¯ à¤à¤° à¤à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥ à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ लà¥à¤ तà¥à¤à¤¼ (à¤à¥à¤°à¥à¤) वà¥à¤à¥à¤· à¤à¥ à¤à¤¾à¤² पर लिà¤à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¥à¤°à¥à¤ à¤à¤¹à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ वॠà¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤ मà¥à¤à¤° लमà¥à¤¬à¥ à¤à¤° à¤à¤ बालिशà¥à¤¤ à¤à¥à¤¡à¤¼à¥ पतà¥à¤°à¥ लà¥à¤¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤° à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨-à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤° सॠतà¥à¤¯à¤¾à¤° à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨à¤à¥ मà¤à¤¼à¤¬à¥à¤¤ बनानॠà¤à¥ लिठवॠà¤à¤¨ पर तà¥à¤² लà¤à¤¾à¤¤à¥ हà¥à¤ à¤à¤° à¤à¥à¤à¤à¤° à¤à¤¿à¤à¤¨à¤¾ बनातॠहà¥à¤, à¤à¤° फिर à¤à¤¨ पर लिà¤à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤" à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° à¤à¥ à¤à¤µà¤¶à¥à¤¯à¤à¤¤à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤à¤¾à¤° मà¥à¤ à¤à¤¾à¤à¤à¤° à¤à¤¸ पर सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥ सॠलिà¤à¤¾ à¤à¤¾à¤¤à¤¾ था। à¤à¥à¤¦ बनानॠà¤à¥ लिठबà¥à¤ मà¥à¤ थà¥à¤¡à¤¼à¥ à¤à¤¼à¤¾à¤²à¥ à¤à¤à¤¹ à¤à¥à¤¡à¤¼ दॠà¤à¤¾à¤¤à¥ थà¥à¥¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤ à¤à¥ à¤à¤ªà¤° à¤à¤° नà¥à¤à¥ रà¤à¥ à¤à¤¾à¤¨à¥ वालॠलà¤à¤¡à¤¼à¥ à¤à¥ पà¤à¥à¤à¤¿à¤à¤¾à¤à¤ मà¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¸à¥ à¤à¤à¤¦à¤¾à¤ मà¥à¤ à¤à¥à¤¦ रहतॠथà¥, ताà¤à¤¿ à¤à¤¨à¤®à¥à¤ डà¥à¤°à¥ डालà¤à¤° पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤ à¤à¥ बाà¤à¤§ दिया à¤à¤¾ सà¤à¥à¥¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤à¥à¤ à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° पर लिà¤à¥ à¤à¤§à¤¿à¤à¤¤à¤° पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤à¥à¤ à¤à¤¶à¥à¤®à¥à¤° सॠà¤à¤° à¤à¥à¤ à¤à¤¡à¤¼à¥à¤¸à¤¾ à¤à¤¦à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶à¥à¤ सॠमिलॠहà¥à¤à¥¤ à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° पर लिà¤à¥ à¤à¤ªà¤²à¤¬à¥à¤§ सबसॠपà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤ हà¥- 'धमà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤¦'। यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤ मधà¥à¤¯ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¥ à¤à¥à¤¤à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ सॠमिलॠहà¥, à¤à¤° à¤à¤°à¥à¤·à¥à¤ ॠलिपि मà¥à¤ लिà¤à¥ à¤à¤ हॠà¤à¤° à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥ दà¥à¤¸à¤°à¥-तà¥à¤¸à¤°à¥ शताबà¥à¤¦à¥ à¤à¥ हà¥à¥¤ à¤à¤¿à¤²à¤à¤¿à¤¤ सॠपà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° हसà¥à¤¤à¤²à¤¿à¤ªà¤¿à¤¯à¤¾à¤ 600 à¤. à¤à¥ à¤à¤¸à¤ªà¤¾à¤¸ à¤à¥ à¤à¥à¤ªà¥à¤¤à¤à¤¾à¤²à¥à¤¨ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¥ लिपि मà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° à¤à¤¼à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤¿à¤à¤¾à¤ नहà¥à¤ हà¥à¤¤à¤¾à¥¤ à¤à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤ à¤à¤§à¤¿à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° पà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¤¼à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सà¤à¤à¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤ नहà¥à¤ मिलॠहà¥à¤à¥¤ CAPTION: पनà¥à¤¨à¥ à¤à¥ पà¥à¤°à¤à¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ CAPTION: à¤à¤§à¤¾à¤° CAPTION: पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤ CAPTION: माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤ CAPTION: पà¥à¤°à¥à¤£à¤¤à¤¾ CAPTION: शà¥à¤§ à¤à¥à¤à¤¾ à¤à¤¿à¤ªà¥à¤ªà¤£à¥ à¤à¤° सà¤à¤¦à¤°à¥à¤ सà¤à¤¬à¤à¤§à¤¿à¤¤ लà¥à¤ दà¥à¤à¥à¤ ⢠वारà¥à¤¤à¤¾ ⢠बदलà¥à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ पाषाणà¥à¤¯ शिलालà¥à¤ · à¤à¤à¤ · सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ · रà¤à¤¤ · à¤à¤¾à¤·à¥à¤ · à¤à¤ªà¤¡à¤¼à¤¾ · धातॠ· ताड़पतà¥à¤° · à¤à¥à¤°à¥à¤à¤ªà¤¤à¥à¤° · à¤à¤à¤°à¥à¤ªà¤¤à¥à¤° · à¤à¤¼à¤²à¤® · à¤à¤¾à¤à¤¼à¤à¤¼ · सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥ à¤à¤ªà¤° à¤à¤¾à¤¯à¥à¤ पà¥à¤°à¤®à¥à¤ विषय सà¥à¤à¥ à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ à¤à¤²à¤¾ परà¥à¤¯à¤à¤¨ à¤à¥à¤µà¤¨à¥ à¤à¥à¤² दरà¥à¤¶à¤¨ सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¤¾à¤·à¤¾ साहितà¥à¤¯ विà¤à¥à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥à¤¶ धरà¥à¤® à¤à¥à¤à¥à¤² समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤à¥à¤¯ फ़à¥à¤¸à¤¬à¥à¤ पर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤à¥à¤¶ (नठशà¥à¤°à¥à¤à¤¤) फ़à¥à¤¸à¤¬à¥à¤ पर शà¥à¤¯à¤° à¤à¤°à¥à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤à¤à¤£ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ सà¥à¤à¤¾à¤µ दà¥à¤ à¤à¥à¤µà¥à¤ à¤à¤°à¥à¤ वरà¥à¤£à¤®à¤¾à¤²à¤¾ à¤à¥à¤°à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° लà¥à¤ à¤à¥à¤ ठठठठठठठठठठà¤à¤ ठठठठठठठठठठठठड ढ ण त थ द ध न प फ ब ठम य र ल व श ष स ह à¤à¥à¤· तà¥à¤° à¤à¥à¤ ठॠठशà¥à¤° à¤à¤ Book-icon.png सà¤à¤¦à¤°à¥à¤ à¤à¥à¤°à¤à¤¥ सà¥à¤à¥ "http://bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%AD%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A5%8D% E0%A4%9C%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0_(%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4% 96%E0%A4%A8_%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A 5%80)" सॠलिया à¤à¤¯à¤¾ शà¥à¤°à¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤: पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤ à¤à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ | à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¥à¤¶ | à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¤° लिपि | à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¥à¤¶ | पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ लà¥à¤à¤¨ सामà¤à¥à¤°à¥ à¤à¤¸ पनà¥à¤¨à¥ à¤à¥ बारॠमà¥à¤ à¤à¤ªà¤à¥ राय à¤à¥à¤¯à¤¾ हà¥? à¤à¥à¤ªà¤¯à¤¾ नà¥à¤à¥ दिठविà¤à¤²à¥à¤ªà¥à¤ सॠà¤à¥à¤¨à¤à¤° पनà¥à¤¨à¥ à¤à¥ समà¥à¤à¥à¤·à¤¾ à¤à¤°à¥à¤ à¤à¤ªà¤à¥ à¤à¥à¤ पल दà¥à¤¨à¥ सॠहमà¥à¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤à¥à¤¶ à¤à¥ à¤à¤§à¤¿à¤ à¤à¤ªà¤¯à¥à¤à¥ बनानॠमà¥à¤ सहायता मिलà¥à¤à¥à¥¤ धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ ! विशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥à¤¯à¤¤à¤¾: [(à¤à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤à¤¿à¤¤)] पà¥à¤°à¥à¤£à¤¤à¤¾: [(à¤à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤à¤¿à¤¤)] निषà¥à¤ªà¤à¥à¤·à¤¤à¤¾: [(à¤à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤à¤¿à¤¤)] पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿: [(à¤à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤à¤¿à¤¤)] à¤à¤®à¤¾ à¤à¤°à¥à¤ (Submit) ____________ निà¤à¥ à¤à¥à¤² * सतà¥à¤°à¤¾à¤°à¤à¤ (लà¥à¤-à¤à¤¨).à¤à¤¾à¤¤à¤¾ à¤à¥à¤²à¥à¤ नामसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ * पनà¥à¤¨à¤¾ * वारà¥à¤¤à¤¾ सà¤à¤¸à¥à¤à¤°à¤£ दà¥à¤¶à¥à¤¯ * पढ़à¥à¤ * सà¥à¤°à¥à¤¤ दà¥à¤à¥à¤ * à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ दà¥à¤à¥à¤ à¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤ à¤à¥à¤à¥à¤ ____________________ (Submit) à¤à¥à¤ [_] दà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤°à¥ सà¥à¤¸à¥à¤µà¤¾à¤à¤¤à¤®à¥ * मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ * पà¥à¤°à¤®à¥à¤ विषय> + à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯> o à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ o à¤à¥à¤à¤°à¤¾à¤¤ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ + à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸> o à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ o à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ + परà¥à¤¯à¤à¤¨> o परà¥à¤¯à¤à¤¨ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ o à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ परà¥à¤¯à¤à¤¨ सà¥à¤¥à¤² o à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ दà¥à¤°à¥à¤ + à¤à¤²à¤¾ + à¤à¥à¤à¥à¤² + धरà¥à¤® + विà¤à¥à¤à¤¾à¤¨ + साहितà¥à¤¯ + à¤à¥à¤µà¤¨à¥ + दरà¥à¤¶à¤¨ + सà¤à¤¸à¥à¤à¥à¤¤à¤¿ + à¤à¤¾à¤·à¤¾ + à¤à¥à¤² + à¤à¥à¤¶ + सà¤à¥ विषय + à¤à¤¯à¤¨à¤¿à¤¤ à¤à¤¿à¤¤à¥à¤° * à¤à¥à¤¶> + à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¥à¤¶> o à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¥à¤¶ o सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥ + à¤à¥à¤à¥à¤² à¤à¥à¤¶> o à¤à¥à¤à¥à¤² à¤à¥à¤¶ o à¤à¥à¤·à¤¿ à¤à¥à¤¶ o वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ à¤à¥à¤¶ + à¤à¥à¤µà¤¨à¥ à¤à¥à¤¶> o à¤à¥à¤µà¤¨à¥ à¤à¥à¤¶ o पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¥à¤¶ o à¤à¤¾à¤°à¤¤ रतà¥à¤¨ समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ o à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤à¤¤à¥à¤°à¥ o à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ राषà¥à¤à¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ + साहितà¥à¤¯ à¤à¥à¤¶> o साहितà¥à¤¯ à¤à¥à¤¶ o à¤à¤¾à¤µà¥à¤¯ à¤à¥à¤¶ o à¤à¤¥à¤¾ साहितà¥à¤¯ à¤à¥à¤¶ o साहितà¥à¤¯à¤à¤¾à¤° o à¤à¤µà¤¿ + 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समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤à¥à¤¯ * बà¥à¤²à¥à¤ * सà¤à¤ªà¤°à¥à¤ * फ़à¥à¤¸à¤¬à¥à¤ पर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤à¥à¤¶ * यà¥à¤à¤¦à¤¾à¤¨ à¤à¤°à¥à¤ सà¤à¤à¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ सà¥à¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ * à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ सà¤à¤°à¤à¤¨à¤¾> + à¤à¤£à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ > o राषà¥à¤à¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ o पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤à¤¤à¥à¤°à¥ o सà¤à¤¸à¤¦> # लà¥à¤à¤¸à¤à¤¾ # राà¤à¥à¤¯à¤¸à¤à¤¾ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤ à¤à¤²à¤ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ राà¤à¥à¤¯> o à¤à¥à¤à¤¦à¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶> # à¤à¤à¤¡à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤ निà¤à¥à¤¬à¤¾à¤° # à¤à¤£à¥âडà¥à¤à¤¢à¤¼ # दमन à¤à¤° दà¥à¤µ # दादरा तथा नà¤à¤° हवà¥à¤²à¥ # पà¥à¤¦à¥à¤à¥à¤°à¥ # रा.रा. à¤à¥à¤·à¥à¤¤à¥à¤° दिलà¥à¤²à¥ # लà¤à¥à¤·à¤¦à¥à¤µà¥à¤ª o à¤à¤°à¥à¤£à¤¾à¤à¤² पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¸à¤® o à¤à¤à¤§à¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤à¤£à¥à¤¡ o à¤à¤¡à¤¿à¤¶à¤¾ o à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤ o à¤à¥à¤°à¤² o à¤à¥à¤à¤°à¤¾à¤¤ o à¤à¥à¤µà¤¾ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¥à¤¸à¤à¤¢à¤¼ o à¤à¤®à¥à¤®à¥ à¤à¤° à¤à¤¶à¥à¤®à¥à¤° o à¤à¤¾à¤°à¤à¤£à¥à¤¡ o तमिलनाडॠo तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ o नाà¤à¤¾à¤²à¥à¤à¤¡ o पà¤à¤à¤¾à¤¬ o पशà¥à¤à¤¿à¤® बà¤à¤à¤¾à¤² o बिहार o मणिपà¥à¤° o मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o महाराषà¥à¤à¥à¤° o मिà¤à¤¼à¥à¤°à¤® o मà¥à¤à¤¾à¤²à¤¯ o राà¤à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ o सिà¤à¥à¤à¤¿à¤® o हरियाणा o हिमाà¤à¤² पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ + राषà¥à¤à¥à¤°à¥à¤¯ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¹ à¤à¤° पà¥à¤°à¤¤à¥à¤> o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ धà¥âवठ'तिरà¤à¤à¤¾' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¤à¤¾à¤¨ 'à¤à¤¨ à¤à¤£ मन' o राषà¥à¤à¥à¤°à¥à¤¯ à¤à¥à¤¤ 'वà¤à¤¦à¥ मातरमà¥â o राà¤à¤à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤ 'à¤à¤¶à¥à¤ à¤à¤¿à¤¹à¥à¤¨' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ पà¤à¤à¤¾à¤à¤ 'राषà¥à¤à¥à¤°à¥à¤¯ शाà¤à¥' o राषà¥à¤à¥à¤°à¥à¤¯ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ 'à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ रà¥à¤ªà¤¯à¤¾' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ à¤à¥à¤² 'हà¥à¤à¥' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ नदॠ'à¤à¤à¤à¤¾' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ पà¤à¥à¤·à¥ 'मà¥à¤°' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ पà¥à¤·à¥âप 'à¤à¤®à¤²' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ वà¥à¤à¥à¤· 'बरà¤à¤¦' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ फल 'à¤à¤®' o रा. à¤à¤²à¥à¤¯ à¤à¥à¤µ 'à¤à¤à¤à¤¾ डà¥à¤²à¥à¤«à¤¼à¤¿à¤¨' o राषà¥âà¤à¥à¤°à¥à¤¯ पशॠ'बाà¤' + à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤°à¤¤à¥à¤¨ * à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸> + à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ + सिनà¥à¤§à¥ à¤à¤¾à¤à¥ à¤à¥ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ + पà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ + मà¥à¤°à¥à¤¯ à¤à¤¾à¤² + शठà¤à¤µà¤ à¤à¥à¤·à¤¾à¤£ à¤à¤¾à¤² + à¤à¥à¤ªà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤² + पà¥à¤°à¥à¤µ मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤²> o पाल सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ o à¤à¥à¤°à¥à¤à¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤° सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ o राà¤à¤ªà¥à¤¤ सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ + मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤²> o दिलà¥à¤²à¥ सलà¥à¤¤à¤¨à¤¤> # à¤à¤¼à¥à¤²à¤¾à¤® वà¤à¤¶ # à¤à¤¼à¤¿à¤²à¤à¥ वà¤à¤¶ # सà¥à¤¯à¤¦ वà¤à¤¶ # लà¥à¤¦à¥ वà¤à¤¶ # तà¥à¤à¤¼à¤²à¤à¤¼ वà¤à¤¶ # मà¥à¤à¤¼à¤² सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ o दà¤à¥à¤à¤¨ सलà¥à¤¤à¤¨à¤¤> # बहमनॠवà¤à¤¶ # निà¤à¤¼à¤¾à¤®à¤¶à¤¾à¤¹à¥ वà¤à¤¶ o दà¤à¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯> # राषà¥à¤à¥à¤°à¤à¥à¤ वà¤à¤¶ # हà¥à¤¯à¤¸à¤² वà¤à¤¶ # वाà¤à¤¾à¤à¤ वà¤à¤¶ # सातवाहन सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ # विà¤à¤¯à¤¨à¤à¤° सामà¥à¤°à¤¾à¤à¥à¤¯ + à¤à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤ à¤à¤¾à¤²> o à¤à¤¾à¤-मराठा à¤à¤¾à¤² o à¤à¤ªà¤¨à¤¿à¤µà¥à¤¶à¤¿à¤ à¤à¤¾à¤²> # à¤à¤à¤à¥à¤°à¥à¤à¤¼à¥ शासन # सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ सà¤à¤à¥à¤°à¤¾à¤® 1857 # à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¤à¤à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ à¤à¤à¤¦à¥à¤²à¤¨ # सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥ # à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥à¤¯ वà¥à¤°à¤¾à¤à¤à¤¨à¤¾à¤à¤ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ राà¤à¤µà¤à¤¶ + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ महाà¤à¤¨à¤ªà¤¦ + à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ à¤à¥ सà¤à¥ लà¥à¤ * परà¥à¤¯à¤à¤¨> + परà¥à¤¯à¤à¤¨ मà¥à¤à¤ªà¥à¤·à¥à¤ + à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤ सà¥à¤¥à¤² + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ दà¥à¤°à¥à¤ + पहाड़ॠपरà¥à¤¯à¤à¤¨ सà¥à¤¥à¤² + à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥ परà¥à¤¯à¤à¤¨ सà¥à¤¥à¤²> o राà¤à¥à¤¯à¥à¤ à¤à¥ परà¥à¤¯à¤à¤¨ सà¥à¤¥à¤² o à¤à¤à¤¡à¤®à¤¾à¤¨ निà¤à¥à¤¬à¤¾à¤° दà¥à¤µà¥à¤ª समà¥à¤¹ o à¤à¤°à¥à¤£à¤¾à¤à¤² पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¸à¤® o à¤à¤à¤§à¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¡à¤¼à¥à¤¸à¤¾ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¶ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤à¤à¤¡ o à¤à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤à¤ o à¤à¥à¤°à¤² o à¤à¥à¤à¤°à¤¾à¤¤ o à¤à¥à¤µà¤¾ o à¤à¤£à¥à¤¡à¥à¤à¤¢à¤¼ o à¤à¤¤à¥à¤¤à¥à¤¸à¤à¤¢à¤¼ o à¤à¤®à¥à¤®à¥ à¤à¤° à¤à¤¶à¥à¤®à¥à¤° o à¤à¤¾à¤°à¤à¤£à¥à¤¡ o तमिलनाडॠo तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ o दमन à¤à¤° दà¥à¤µ o दिलà¥à¤²à¥ o नाà¤à¤¾à¤²à¥à¤à¤¡ o पà¤à¤à¤¾à¤¬ o पशà¥à¤à¤¿à¤® बà¤à¤à¤¾à¤² o बिहार o मणिपà¥à¤° o मधà¥à¤¯ 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