#RSS [mywd_logo_hi.gif] RSS feed हिंदी का संरक्षण और विकास भारत का विकास है. संपर्क चैनल एलबम संगीत फ़ोटोज़ वीडियोज़ ब्लॉग्स मुख पृष् Welcome, Guest [ Register | Sign In Sign In [indicator_tiny_red.gif] ____________________ ____________________ Login Forgot Password? New User? | Take a tour | Adult Filter: On ] [x] Search In: [uncheck.gif] Webdunia [uncheck.gif] MyWebdunia (Hindi) [check.gif] For contents of type [uncheck.gif] For portals [check.gif] This Portal (mohanrawal) For Search [search-btn.gif] अन्य ब्लॉग्स नेविगेट करें सितंबर 2008 रवि सोम मंगल बुध गुरु शुक्र शनि 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 अगस्त | आज | अक्टू टैग्स * * image * अन्य * कवि * कविता * कार्यक्रम * कृतियाँ * गीत * गीत-संगीत * गीत.प्रेम.प्रकृति * जीवन-शैली * दिवाली * नेपाल * पर्यटन * पुस्तक * प्रकृति * प्रेम * फनी * ब्लाग * भंडारी * भारत * भाषा * मनोरंजन * मन्नू * मोहन * मोहन रावल * रावल * लोकपाल * वसंत * विविध * शैक्षणिक * संस्कृत * संस्कृति * समाचार * समाज * समीक्षा * साहित्य * साहित्य * साहित्यकार * सेमिनार * सौंदर्य * हिंदी * हिन्दी सदस्यता लें _______________________ [BUTTON] Service Widget from Mypagerank Find your Answers with AnswersTips ToDo Gadget from LabPixies << गुलामी के लिए अँग्रेजी की ... कविता : ओ ! मैकाले के ... >> रोमन लिपि के शिकंजे में सिसकती हिंदी . प्रतिक्रियाएँ[2] RSS feed for responses to this blog entry mohanlal rawal द्वारा 2 सितंबर, 2008 11:52:00 AM IST पर पोस्टेड # [19052008144_mohan_rawal.jpg] सरलता और सहजता के नाम पर हिंदी को रोमन लिपि में लिखने का षड़्यंत्र रचा जा रहा है. हिंदी को रोमन लिपि में लिखना अवैज्ञानिक ही नही बल्कि अंग-भंग और बलात्कार करने जैसा घिनौना कर्म है. रोमन में हिंदी , वैसी ही लगती है, जैसे किसी भारतीय महिला को साड़ी के स्थान पर चोली और मिनी स्कर्ट पहना दें . रोमन लिपि के 27 अक्षर हिंदी की समस्त ध्वनियों को लिखने में सक्षम नही है. वैसे भाषा वैज्ञानिकों ने हिंदी ध्वनियों के लिपि चिह्न बना लिए हैं ,परंतु आम आदमी उन्हें नही जानता है. N के के माध्यम से हम न का उच्चारण करते हैं, परंतु ङ, ञ, ण को लिखने के लिए भी N का ही प्रयोग करते हैं. जिससे इनका उच्चारण भी न हो जाता है.रोमन में गड़बड़ लिखने जाओ तो गडबड हो जाता है. ड़, ढ़, ऋ ळ ष ध्वनियों की हत्या हो जाती है. T के कारण तमस, टमस बोला जाता है. मिश्र, मिश्रा तथा सिंह ,सिन्हा बन गए . बेचारे !राम रामा तथा कृष्ण कृष्णा होगए. लार्ड मैकाले तो थे ही, जिनकी कृपा से भगवान जगन्नाथ, लार्ड जगन्नाथ हो गए! रोमन में A का उच्चारण कहीं अ, आ, तथा ए होता है. BHARAT लिखने पर उसका उच्चारण भारत्, भरत, भरात, भेरत, भारट, भाराट, भेरट, भेरेट, भरेट, भी हो सकता है. रोमन जब भारत की मट्टी पलीद कर सकती हे तो भारतीयों के क्या हाल करेगी ? भारतीय भाषाओं के शुद्ध उच्चारण के लिए देवनागरी लिपि ही सर्वोत्तम है. अपनी भाषा और संस्कृति का संरक्षण करना देश की सीमाओं की रक्षा करने से कम नही है. हमें विकृत होती हुई हिंदी को बचाना है. देश की भाषाएँ स्वतंत्र रहने की प्रेरणा देती है और विदेशी भाषा हमें मानसिक गुलामी की और ले जाती है . अँग्रेजी और रोमन लिपि विदेशी व्यापार के लिए तो ठीक है ,परंतु देश के विकास के लिए तो हिंदी और भारतीय भाषाएँ तथा लिपियाँ अत्यावश्यक है. आपका योगदान हिंदी चाहती है. यह एक राष्ट्रीय कर्तव्य है. आलेख लेखक ‌: मोहन रावल चैनल: हिंदी का संरक्षण और विकास टैग्स: हिंदी भारत संस्कृति समाज साहित्य भाषा अन्य विविध [indicator_tiny_red.gif] 1.0 rating from 1 votes. 888 views. Add comment | Email Author | Send To Friend (0) | Report Abuse (0) प्रतिक्रियाएँ Report Abuse | उत्तर दें Re: रोमन लिपि के शिकंजे में सिसकती हिंदी . Anonymous द्वारा 25 सितंबर, 2008 11:03:24 PM IST पर टिप्पणी # i think this Hinlish is more dangerous to hindi than english. Report Abuse | उत्तर दें Re: रोमन लिपि के शिकंजे में सिसकती हिंदी . Anunad Singh द्वारा 4 मार्च, 2009 7:25:42 PM IST पर टिप्पणी # मोहन जी, आपने बहुत सम्यक विचार किया है . आपके अन्य लेख भी बहुत अच्छाई लगे . अस्वीकरण RSS | About Us | Feedback | Advertise with us | Terms of Services | Privacy Policy (c) 2008 Webdunia.com [component_loading.gif] लोड हो रहा है...